Monday, 27 January 2020

मोदी युग में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा : पं. छन्नूलाल मिश्र


मोदी युग में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा : पं. छन्नूलाल मिश्र
कहा, पद्मविभूषण सम्मान उनके गुरु और उनकी संगीत की साधना का फल है 
सुरेश गांधी
जो भारतीय संस्कृति पाश्चात्य संस्कृति के आगे पीछे छूट रही थी, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में बढ़ावा मिल रहा है। अब जब सब काम अंग्रेजी में हो रहे थे, वहां हमारी मातृभाषा हिन्दी की पूछ होने लगी है। यह बातें पूरी दुनिया मेंखेले मसाने में होली दिगंबर...’, से विख्यात पं. छन्नूलाल मिश्र ने कहीं। प्रख्यात शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायक के अलावा किराना घराना और बनारसी गायकी के मुख्य गायक पं. छन्नूलाल को ठुमरी, भजन, दादरा, कजरी और चैती के लिए भारत ही नहीं पूरी दुनिया में जाना जाता है।
खास बात यह है कि पद्मविभूषण सम्मानित पं. छन्नूलाल मिश्र ने सरकार से प्राप्त पद्मविभूषण के इस सम्मान को काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ, काशी की विराट संगीत परंपरा और उन शहीद जवानों को समर्पित किया है जिनकी कुर्बानियों के प्रतिफल स्वरूप हम गणतंत्र दिवस उत्सव मनाने के अधिकारी बने हैं। पं. छन्नू लाल मिश्र ने अपने पिता पं. बद्रीनाथ मिश्र से संगीत का ककहरा सीखा। किशोरावस्था में उस्ताद गनी खां से भी संगीत की बारीकियां सीखीं। कठिन साधना से आल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन में शीर्ष ग्रेड कलाकार बनने की ऊंचाई भी तय कर चुके है।
एक सवाल के जवाब में श्री मिश्र ने कहा बनारस पहले से बहुत अच्छा हो गया है। मोदीजी ने बहुत किया है। आगे और भी होगा। मोदी और योगी देश को आगे ले जाएंगे। मोदी एक ऐसे पीएम है जो समाज के सभी वर्गों के साथ समान भाव रखने वाले व्यक्ति हैं। इसलिए जब कोई अवसर होता है तब वे संगीत हो या खेल, विज्ञान, आर्थिक सहित तमाम क्षेत्रों के विशिष्ट लोगों को अपने विचार का हिस्सा बनाते हैं। उन्होंने कहा पद्मविभूषण सम्मान उनके गुरु और उनकी संगीत की साधना का फल है। मुझे नहीं, बनारस घराने के संगीत को यह सम्मान मिला है। मैं भारत सरकार का आभारी हूं जिन्होंने मुझे नहीं, बनारस घराने के संगीत को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा, अब तो उनकी उम्र आशीर्वाद देने की है। सब लोग आगे बढ़ें, हमारा देश आगे बढ़े, यही हमारा आशीर्वाद है।
श्री मिश्र ने दूसरी बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली जाकर बधाई संदेशबधैयागाया था। वर्ष 2014 में जब पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे, तब श्री मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे। बता दें, पं. बनारस गायकी और ठुमरी गायकी के सशक्त हस्ताक्षर छन्नूलाल मिश्र को इससे पूर्व 31 मार्च 2010 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने पद्मभूषण से अलंकृत किया था। वह शास्त्रीय संगीत के चंद ऐसे कलाकारों में हैं जिन्हें पद्मश्री के बजाय पद्मभूषण प्रदान किया गया। वह छोटा एवं बड़ा ख्याल, टप्पा, तराना तथा पारम्परिक लोक संगीत में दादरा, ठुमरी और होरी, चैती, चैता, कजरी, झूला, दादरा, घाटो, बारहमासा, सोहर आदि विधाओं में साधिकार गायन के लिए विख्यात हैं।
देश के कई पुरस्कारों से सम्मानित
संगीत की अनन्य सेवा के लिए उन्हें देश के कई प्रतिष्ठित सम्मानों और  पुरस्कारों से अलंकृत किया जा चुका है। 23 मार्च 2013 को उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने यशभारती से सम्मानित किया था। 23 दिसंबर 2017 को अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय रीवां, मध्य प्रदेश ने उन्हें डीलिट् की मानद उपाधि प्रदान की थी। इसके अतिरिक्त उन्हें संगीत शिरोमणि, संगीत मार्तंड, यूपी रत्न, पं. ओंकारनाथ स्मृति अवार्ड, संगीतश्री, गायनाचार्य, नाद भूषण, पं. रविशंकर स्मृति अवार्ड, कुमार गंधर्व स्मृति अवार्ड सम्मान प्रदान किए जा चुके हैं। संगीत जगत में पं. छन्नूलाल मिश्र से पूर्व विश्वविख्यात सितारवादक पं. रविशंकर, शहनाई नवाज उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, तबला वादक पं. किशन महाराज और शास्त्रीय गायिका विदुषी गिरिजा देवी को पद्म विभूषण से अलंकृत किया जा चुका है।
एक नजर में
ना-पं. छन्नूलाल मिश्र
विधा-शास्त्रीय गायन
घराना- किराना
पिता- पं. बद्री प्रसाद मिश्र
माता- रानी देवी मिश्र
जन्म- 15 अगस्त 1936
जन्म स्थान-ग्राम हरिहरपुर, आजमगढ़
प्राथमिक शिक्षा-हरिहरपुर

Sunday, 26 January 2020

आन, बान और शान से लहराया तिरंगा, दिखा देशभक्ति का जज्बा


आन, बान और शान से लहराया तिरंगा, दिखा देशभक्ति का जज्बा
राष्ट्र प्रेम, एकता अखंडता का संकल्प
रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रही धूम
कहीं निकला तिरंगा मार्च तो कहीं हुआरन फॉरफन
सुरेश गांधी
वाराणसी। रविवार को शहर से लेकर देहात तक में 71वां गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व पूरी आन, बान और शान देशभक्ति के जज्बे के साथ मनाया गया। साथ ही राष्ट्र प्रेम-एकता-अखंडता बरकरार रखने का संकल्प भी लिया। सभी सरकारी, गैर-सरकारी दफ्तरों, प्रतिष्ठानों, स्कूलों, सामाजिक-व्यापारिक संगठनों, क्लबों अन्य संस्थाओं में देशभक्ति के तरानों की गूंज रही। तिरंगा यात्रा से लेकर देशभक्ति के गीतों के धुन गुनगुनाते नजर आए लोग।
खासकर ध्वजारोहण कार्यक्रम में जहां तिरंगा लहराया गया, वहीं लोगों ने जोरदार तरीके से तिरंगे को सैल्यूट कर सम्मान भी किया। इस दौरान रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की खूब धूम मची। स्कूलों में आयोजित कार्यक्रमों में बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत रंगारंग कार्यक्रम पेश कर समां बांधा। पूरे जिले में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकता रैलियां निकाली गईं। साथ ही रक्तदान, निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा जैसे सेवा मूलक जनजागरुकता कार्यक्रम भी दिनभर चले। सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों ने कर्मचारियों को शपथ दिलाई। जगह-जगह, चौराहा-तिराहा सहित कार्यालय भवन में सुबह से ही बज रहे वीर रस से भरे राष्ट्रगान ने आजादी की पहली सुबह की याद ताजा कराई।
जायसवाल क्लब की ओर से जगतगंज स्थित कार्यालय में गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर क्लब के प्रदेश अध्यक्ष नंदलाल जायसवाल ने बतौर अतिथि के तौर पर तिरंगा फहराया। क्लब के सदस्यों ने तिरंगे को सलामी देकर राष्ट्रगान का भी गायन किया। इस अवसर पर इस मौके पर मुरलीधर जायसवाल, लक्ष्मीनाराणयण, विजय प्रकाश जायसवाल, रोहित जायसवाल, नीरज जायसवाल, अरविन्द जायसवाल, शरद जायसवाल, धर्मेन्द्र जायसवाल, जीतेन्द्र जायसवाल, अनिल, अभिषेक, महादेव जायसवाल, सौरभ चंद्र, उज्जवल, मनोज गुप्ता, राम जायसवाल, सुरेश गांधी, राजकुमार, प्रशांत जायसवाल, छेदी जायसवाल, अजय जायसवाल, प्रकाश जायसवाल, शिष कुमार, अशोक जायसवाल, जीतचंद्र जायसवाल, गिरधारी जायसवाल, विपीन जायसवाल, विनोद जायसवाल, सुमित, धर्मेन्द्र कुमार जायसवाल समेत बड़ी संख्या में स्वजातीय वन्धु उपस्थित थे।
केन्द्रीय विद्यालय, बीएचयू में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस बहुत ही धूम-धाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य दिवाकर सिंह ने ध्वाजारोहण से किया। बच्चों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस मौके पर उन्होंने बच्चों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएं दी और उन वीर जवानों को याद किया, जिन्होंने इस देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहूति दी। इस दौरान बच्चो द्वारा प्रस्तुत रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने देशभक्ति गीतों पर नृत्य मनमोहक झांकियां भी प्रस्तुत की। अभिभावकों में भी अपने बच्चों के नृत्य आयोजन को लेकर उत्साह देखा गया। अंत में सभी अध्यापकों एवं विद्यार्थियों में मिठाइयां बांटी गयी। काशी पत्रकार संघ कार्यालय में अध्यक्ष राजनाथ तिवारी ने ध्वजारोहण किया। 
इस अवसर पर स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों का माल्यापर्ण एवं नारियल शाल भेंट कर स्वागत किया। एनसीसी, स्काउट/होमगार्डस एवं नागरिको सुरक्षा के स्वयंसेवकों का सम्मिलित रूट मार्च भी कई जगहों पर हुआ। नगर के मोहल्लों एवं मलिन बस्तियों तथा समस्त महापुरूषों एवं प्रतिमा स्थलों के आस-पास की सफाई नगर निगम द्वारा कराया गया नगर में समस्त महापुरूषों के प्रतिमाओं पर नगर निगम द्वारा माल्यार्पण किया गया। 
जिला मुख्यालय पुलिस लाइन में हुए समारोह में देश की आन-बान-शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के बाद परेड की सलामी ली गई। डीजल रेल कारखाना परिसर स्थित स्टेडियम में हर साल की तरह रंगारंग गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के लिए स्टेडियम को दुल्हन की तरह सजाया गया और परिसर स्थित विद्यालय के बच्चों ने देश प्रेम से ओत प्रोत धुनों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर माहौल को भारतीयता के रंग में रंग दिया। बीएचयू में रंगारंग विविध आयोजन किया गया। वहीं संस्थाओं के साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।