Monday, 28 August 2023

आखिरी सोमवारी पर शिवधुन से गुंजायमान हुई बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी

पांच क्विंटल रुद्राक्ष से सजा बाबा विश्वनाथ का दरबार

आखिरी सोमवारी पर शिवधुन से गुंजायमान हुई बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी

कपाट बंद होने तक सवा सात लाख श्रद्धालुओं ने टेका मत्था

मंदिर के ट्रस्टी सदस्यों, जनप्रतिनिधियों एवं पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भक्तों पर बरसाएं गए फूल

नेपाल के पांच क्विंटल रुद्राक्ष से सजा बाबा विश्वनाथ का दरबार, निहारते रह गए श्रद्धालु

कल काशीपुराधिपति को काशी की जनता झूला झुलाएगी और बाबा का झूला श्रृंगार होगा

सुरेश गांधी

वाराणसी। सावन के आखिरी सोमवारी को बोल बम हर हर महादेव के नारों से बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी गुंजायमान हो गयी। श्रद्धालुओं के रंग से बाबा मंदिर परिसर सराबोर हो गया। अहले सुबह मंगला आरती के बाद अर्घा के माध्यम से जलार्पण शुरु हुआ तो देर रात जारी रहा। समाचार लिखे जाने तक 7 लाख 25 हजार बाबा भक्त दर्शन पूजन कर चुके थे। कतारबद्ध श्रद्धालुओं की खुशी देखते ही बन रही थी। 

खास तौर से उनका उत्साह उस वक्त दुगुना हो गया, जब श्री विश्वनाथ धाम न्यास मंदिर के ट्रस्टी अध्यक्ष नागेन्द्र पांडेय, वेंकेट रमन घनपाठी, ब्रजभूषण ओझा, पुजारी श्रीकांत मिश्रा, पूर्वमंत्री एवं विधायक नीलकंठ तिवारी, भाजपा अध्यक्ष विद्या सागर राय, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा आदि ने उन पर हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच पुष्पवर्षा की। भोग आरती के बाद एक लाख रुद्राक्ष के दानों से श्रीकाशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग और शिव-पार्वती की प्रतिमा का अद्भुत स्वरूप सजा। भक्त बाबा के रुद्राक्ष स्वरूप का दर्शन-पूजन किया।

सायंकाल श्री काशी विश्वनाथ की झांकी का श्रृंगार भोग आरती से पहले सर्वाधिक प्रिय रुद्राक्ष से किया गया। इससे पहले बाबा के गर्भगृह से लेकर पूरे मंदिर परिसर को रुद्राक्ष और फूल-मालाओं से सजाया गया। सजावट के लिए नेपाल से पांच क्विंटल रुद्राक्ष आया। हर महादेव का उद्घोष ऐसा मानो कण-कण शिव तत्व से आलोकित हो उठा। काशी विश्वनाथ धाम परिसर में इस अद्भुत सजावट ने शिव भक्तों का मन मोह लिया। श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद पहली बार पूरे मंदिर परिसर की सजावट रुद्राक्ष से की गई है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि में सावन के आठ सोमवार पर भगवान के अलग-अलग स्वरूप में दर्शन हो रहे हैं और यह पहला मौका था। 10 जुलाई को पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का श्रृंगार, दूसरे सोमवार को गौरी-शंकर स्वरूप में श्रृंगार, तीसरे सोमवार को अमृत वर्षा श्रृंगार और चौथे सोमवार को बाबा का भागीरथी श्रृंगार हुआ। पांचवें सोमवार को तपस्यारत पार्वती श्रृंगार, छठवें सोमवार को शंकर-पार्वती और गणेश श्रृंगारऔर सातवें सोमवार को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में भगवान शिव ने भक्तों को दर्शन दिए। 30 अगस्त को काशीपुराधिपति को काशी की जनता झूला झुलाएगी और बाबा का झूला श्रृंगार होगा।

अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा भक्त पहुंचे काशी

भगवान शिव के अतिप्रिय मास सावन में काशी बम-बम है। बाबा विश्वनाथ के धाम में रोजाना भक्तों का रेला रहा है। अंतिम सोमवार के आंकड़ों को जोड़ लें तो अब तक डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु बाबा दरबार में जलाभिषेक दुग्धाभिषेक कर चुके हैं। देश के किसी भी ज्योतिर्लिंग में यह सबसे ज्यादा है। 13 दिसंबर 2021 को पीएम मोदी ने किया था काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया था। इसके बाद काशी में धार्मिक पर्यटन को मानो पंख लग गए हैं। कभी मात्र तीन हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में फैला मंदिर परिसर आज लगभग पांच लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में भव्य आकार ले चुका है। वैसे तो हर सावन माह में शिव भक्तों की लंबी कतार देखने को मिलती रही है, लेकिन इस बार विश्वनाथ धाम ने नया रिकॉर्ड बना डाला है। जो आंकड़ा 2021 से पहले पूरे साल बीतने के बाद भी नहीं छु पाता था, वह आंकड़ा सिर्फ सावन महीने में पूरा हो गया है। इस बार सावन में श्रद्धालुओं का आंकड़ा डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है। बीते साल सावन में भी एक करोड़ से ज्यादा बाबा भक्तों ने काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई थी। यह आंकड़ा कोई अंदाजा नहीं है, बल्कि उनके द्वारा हेड काउंटिंग मशीन के गिने हुए सटीक आंकड़े हैं, जो कि प्रशासन ने विश्वनाथ धाम में लगवाया है।

पर्यटन को लगे पंख

आज से तीन-चार साल पहले अक्सर सावन के महीने में भक्तों का आंकड़ा  64 लाख तक पहुंचता था। क्योंकि यह मौसम पर्यटन का नहीं हुआ करता था लेकिन शिव भक्तों ने इन सारी बातों पर पानी फेर दिया है और बाबा के चरणों में अप्रत्याशित संख्या में आकर इतिहास रच दिया है। वाराणसी में पर्यटन को नई दिशा मिली है।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालु

पहले सोमवार-  5.50 लाख

दूसरे सोमवार -5.50 लाख

तीसरे सोमवार- 06 लाख

चौथे सोमवार- 6.50 लाख

पांचवें सोमवार- 6.60 लाख

छठवें सोमवार- 6.15 लाख

सातवें सोमवार- 6.85 लाख

आठवें सोमवार : 7.25 लाख

Friday, 18 August 2023

युवाओं ने हर कालखंड में समाज को दी नई दिशा : सीएम योगी

युवाओं ने हर कालखंड में समाज को दी नई दिशा : सीएम योगी

राम, कृष्ण से लेकर शंकराचार्य लक्ष्मीबाई से लेकर विवेकानंद तक का उदाहरण देकर कहा, आज का युवा कल का निर्माता है

रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में जी-20 की श्रृंखला के तहत आयोजित 17-20 अगस्त तक होने वाले चार दिवसीय वाई20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया गया

सुरेश गांधी

वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वाराणसी के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में जी-20 की श्रृंखला के तहत आयोजित 17-20 अगस्त तक होने वाले चार दिवसीय वाई20 शिखर सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान केंद्रीय सूचना-प्रसारण, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, अरविंद कुमार शर्मा, अनिल राजभर, रवींद्र जायसवाल, गिरीश चंद यादव आदि मौजूद रहे। सम्मेलन में देश-विदेश से आएं युवाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने युवाओं को आज का नेता और कल का भविष्य बताते हुए कहा हर काल खंड में युवाओं ने सिर्फ प्रतिनिधित्व किया, बल्कि समाज को नयी दिशा भी दी है।

मुख्यमंत्री ने राम, कृष्ण से लेकर शंकराचार्य, लक्ष्मीबाई से लेकर विवेकानंद महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष बोश, चंद्रशेखर आजाद तक का उदाहरण देकर कहा, कौन- सा ऐसा कालखंड नहीं था, जब युवाओं ने अपनी प्रतिभा और ऊर्जा से समाज को नई दिशा दी हो। प्राचीन काल से भारत की व्यवस्था को देखें तो युवाओं ने अपने समय में अनेक कार्य किए। युवा शक्ति के रूप में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम भी याद आते हैं। उन्होंने संकल्प लिया थानिसचर हीन करऊं महि, भुज उठाई पन कीन्ह जब भारत की धरती से उन्होंने राक्षसी प्रवृत्ति को पूरी तरह समाप्त करने का आह्वान किया था, तब राम युवा ही थे। मथुरा को कंस और राक्षसों के अत्याचार से मुक्त करने वालेपरित्राणाय साधुनाम्, विनाशाय दुष्कृताम्का आह्वान करने वाले श्रीकृष्ण भी युवा ही थे। दुनिया को निर्माण का संदेश देने वाले महात्मा बुद्ध, ज्ञान प्राप्त करने के बाद पहला उपदेश इसी सारनाथ में देते हैं, तब वे भी युवा ही थे।

उन्होंने कहा कि भारत के अंदर चार कोनों में चार पीठों की स्थापना करने वाले और भारत की सांस्कृतिक एकता को मजबूती प्रदान करने वाले आदि शंकर मात्र 32 वर्ष तक ही जीवित रहे। स्वामी विवेकानंद ने भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने का कार्य किया। उन्होंने महज 39 वर्ष ही जीवन जिया। स्वामी प्रणवानंद ने मात्र 42 वर्ष का जीवन जीया था।सवा लाख से एक लड़ाऊंका उद्घोष करने वाले गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जी महाराज भी युवा ही थे। रानी लक्ष्मीबाई काशी में जन्मी थीं। मात्र 23 वर्ष की आयु में झांसी की आजादी के लिए युद्ध लड़ा था। सीएम योगी ने कहा कितुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगाका उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी युवा ही थे। भारत की आजादी के लिए क्रांतिदूत बनकर बलिदान देने वाले चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, सुखदेव, राजगुरु, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह आदि क्रांतिकारी युवा ही थे। विनायक दामोदर सावरकर को मात्र 28 वर्ष की आयु में दो बार आजीवन कारावास की सजा हुई, वे भी युवा ही थे।

सीएम योगी ने महाभारत के दृश्य को याद करते हुए कहा कि 16 वर्ष का अभिमन्यु चक्रव्यूह को भेदता हुआ कौरवों के छक्के छुड़ाता है। वह युवा ही थे। फ्रांस के लुईस ब्रेल ने 15 वर्ष की आयु में दृष्टिहीनों के लिए लिपि की खोज की थी। सापेक्षता का सिद्धांत देने वाले आइंस्टीन की आयु उस समय मात्र 16 वर्ष थी। गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत देने वाले न्यूटन की आयु उस समय मात्र 23 वर्ष की थी। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, श्रम मामलों के मंत्री अनिल राजभर, नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री के शर्मा, स्टाम्प मंत्री रविंद्र जायसवाल तथा खेल राज्य मंत्री गिरीश यादव, कमिश्नर कौशल राज शर्मा, पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम मौजूद रहे।

वाराणसी दुनिया की प्राचीन सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी है : योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी वाराणसी बाबा विश्वनाथ का पावन धाम है। प्राचीन काल से ही धर्म अध्यात्म की नगरी होने के साथ ही भारत की अध्यात्म, दर्शन, शिक्षा, साहित्य कला की भूमि के रूप में यह प्राचीन नगरी जानी जाती रही है। अपनी सांस्कृतिक विविधता में एकता के बल पर भारत दुनियाभर के नागरिकों के लिए आकर्षण का एक केंद्र है। लोकतांत्रिक परम्पराओं पर विश्वास करते हुए भारत के अंदर 140 करोड़ आबादी जिस भाव-भंगिमा के साथ भारत की एकता अखंडता के लिए अपने यशस्वी नेतृत्व में कार्य कर रही है, वह खुद को भारत की सबसे बड़ी युवा आबादी के रूप में भी प्रस्तुत करती है। वाराणसी हमारे लिए प्रमुख धर्म स्थल इसलिए भी है कि भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश इसी नगरी के सारनाथ में दिया था। जो आज भी दुनिया के बौद्ध अनुयायियों के लिए पवित्र आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जी20 की थीमवन एअर्थ वन फैमिली वन फ्यूचरवास्तव में यह भारत की प्राचीन उस व्यवस्था को प्रस्तुत करता है, जिसमें हजारों वर्ष पहले दुनिया को भारत नेवसुधैव कुटुंबकमका संदेश दिया था। यानि पूरी दुनिया एक परिवार है, एक परिवार के रूप में पूरी दुनिया को मानने वाली व्यवस्था। उस व्यवस्था को जिसका वास्तव में अंत क्या है, ’यह मेरा, यह तेरायह विचार संकुचित सोच के लोगों का है। उच्च चरित्र वाले संपूर्ण संसार को ही एक परिवार मानते हैं।

योगी ने किया पीएम का आभार

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के जी-20 समिट के लिए वाराणसी के चयन को लेकर प्रधानमंत्री और स्थानीय सांसद नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वाई-20 समिट का मुख्य आयोजन वाराणसी में हो रहा है। सीएम ने उम्मीद जताई कि वाई-20 का यह समिट दुनिया भर के युवाओं के लिए नई प्रेरणा का संदेश देकर जाएगा।

यह युवा शक्ति ही हमारी राष्ट्र शक्ति है : अनुराग ठाकुर

सूचना-प्रसारण, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति भारत के पास है। यह युवा शक्ति ही हमारी राष्ट्र शक्ति है। युवा शक्ति ही भारत को विश्व के सबसे पहले 3 देशों में लाकर खड़ा कर देगी। इसका मुझे पूरा भरोसा है। वाराणसी में वाई- 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन गर्व की बात है। अगले तीन दिनों के दौरान विदेशों से आए युवा प्रतिनिधि विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विश्वास है युवा प्रतिनिधि काशी से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की यादें लेकर जाएंगे। अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत करते हुए उन्हें डायनामिक मुख्यमंत्री बताया तथा प्रधानमंत्री द्वारा पिछले 9 वर्षों में किये गये कार्यों का जिक्र करते हुए अमृत काल की बात कही गयी। उन्होंने बनारस को प्राचीन समय से ही सांस्कृतिक, व्यापार तथा सभ्यता का शहर बताते हुए यहां के मंदिरों, बनारस घराने, घाटों आदि की बात कही गयी। उन्होंने युवाओं को वर्तमान में विद्यमान चुनौतियों पर मजबूती से काम करने की अपेक्षा की ताकि भविष्य को सवारा जा सके। उन्होंने कार्यक्रम में लिये गये पांचों एजेंडा पर भी बात रखते हुए सभी का ध्यान खींचा। नेशनल सोलर मिशन, नेशनल हैबिटेट मिशन, हरित ऊर्जा के संबंध में भी विस्तार से बात रखी। उन्होंने कोविड पैनडीमिक के दौरान बड़े देशों से अपनी जिम्मेदारियों से बचने का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भारत ने पूरे विश्व में अपनी मजबूती का एहसास दिलाते हुए सभी को सहायता प्रदान की। उन्होंने लेह लद्दाख में वाइ-20 सम्मेलन के आयोजन को लेकर पड़ोसी देशों द्वारा किये गये विरोध के बावजूद सफल सम्मेलन की बात भी कही।

अलग रंग में नजर आए सीएम योगी

यूथ समिट के दौरान कार्यक्रम के मंच पर सीएम योगी आदित्यनाथ अलग ही रंग में नजर आए। वे केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से कई मौकों पर बातचीत करते दिखे। इस दोनों नेताओं के चेहरे पर मुस्कान दिखी।

मुख्य कार्यक्रम से जुड़े रहे अन्य कार्यक्रमों के प्रतिभागी

जी-20 समूह के सदस्य देशों के अतिरिक्त नौ अतिथि देशों यूएन के अनेक अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से जुड़े 130 युवा छात्र-छात्राएं पहुंचे हैं। यूथ-20 समिट का आयोजन कई स्थानों पर हो रहा है। मुख्य कार्यक्रम स्थल वाराणसी से अन्य कार्यक्रमों के प्रतिभागी जुड़े रहे। इस दौरान तमाम प्रतिभागी अपने-अपने तरीके से उत्साह प्रदर्शित किया।