समाज की ताकत दर्शाने से ही राजनीतिक क्षेत्र में सफलता संभव विधायक: रवीन्द्र जायसवाल
जायसवाल
क्लब
का
होली
मिलन
समारोह
सुरेश
गांधी
वाराणसी।
होली
की
खुमारी
लोगों
में
सिर
चढ़कर
बोल
रही
है।
शहर
से
लेकर
देहात
तक
में
होली
मिलन
समारोह
की
धूम
है।
इसी
कड़ी
में
जायसवाल
क्लब
की
ओर
से
नाटी
इमली
स्थित
गणेश
मंडपम्
में
शनिवार
को
होली
मिलन
समारोह
का
आयोजन
किया
गया। इस
मौके
पर
सांस्कृतिक
कार्यक्रमों
की
मनमोहक
प्रस्तुति
के
साथ-साथ सम्मान समारोह और वैवाहिक
परिचय
के
कार्यक्रम
आयोजित
हुए।
कार्यक्रम
में
समाज
के
नन्हें-मुन्ने बच्चों ने ब्रज की होली से लेकर सोनी टीवी की ख्यातिलब्ध
शो
सारेगमा
में
धूम
मचा
चुकी
बच्चियों
ने
अपने
गीत-संगीत सुनाकर लोगों को गुनगुनाने
पर
विवश
किया
तो
युवा
बच्चों
ने
पूरी
दुनिया
में
धूम
मचा
चुकी
देशभक्ति
फिल्म
‘बार्डर‘ का मशहूर गाना ‘संदेशे आते है, की धून पर जीवंत एकांकी प्रस्तुत कर लोगों की आंखे नम कर दी। कार्यक्रम का उद्घाटन नेपाल के पूर्व सांसद एवं कैबिनेट मंत्री श्रीमती चन्द्रा चैधरी ने पूज्य राजराजेश्वर सहस्त्रबाहु भगवान के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। जबकि कार्यक्रम का समापन मुख्य अतिथि शहर उत्तरी विधायक रवीन्द्र जायसवाल ने विभिन्न क्षेत्रों में समाज के लिए महती भूमिका निभाने वाले एवं कलाकार बच्चों को सम्मानित कर किया।
कार्यक्रम
का
शुभारंभ
नन्हें-मुन्ने बच्चों ने गणेश वंदना से की। इसके बाद समाज के बच्चों ने होली के रंगों में भोजपुरी
की
मिठास
घोल
कर
उपस्थित
लोगों
को
थिरकने
पर
विवश
कर
दिया।
राधा
एवं
नटखट
गोपाल
बने
बच्चों
ने
जब
गुलाब
की
पंखुड़ियों
से
होली
खेली
और
होरी
गीतों
पर
मोहक
नृत्य
ने
लोगों
को
भक्ति
रस
से
सराबोर
कर
दिया।
इस
दौरान
पंडाल
में
मौजूद
लोगों
ने
भी
सभी
को
होली
की
बधाई
देते
हुए
एक
दूसरे
को
अबीर
गुलाल
लगाकर
गले
मिले।
इस
दौरान
आयोजित
सांस्कृतिक
समारोह
में
होली
की
पारम्परिक
गीतों
पर
लोग
झूम
उठे।
समाज
के
बच्चों
ने
एक
से
बढ़कर
एक
अपनी
प्रस्तुतियों
और
झांकियों
से
लोगों
का
मन
मोह
लिया।
होली
खेलें
मशाने,
गीत
पर
पूरा
पांडाल
बम-बम बोल रहा था। इसके अलावा अन्य गीतों पर पेश की गई सजीव झांकी से सभी रोमांचित
हो
उठे।
होली
खेलें
रघुबीरा
के
गीतों
की
प्रस्तुति
को
काफी
सराहा
गया।
भारत
माता
की
सजीव
झांकी
प्रस्तुत
की
गई
थी।
मुख्य अतिथि विधायक रवीन्द्र
जायसवाल
ने
कहा
कि
कहा
कि
किसी
समाज
के
लिए
शिक्षा
जरुरी
है।
शिक्षा
का
कोई
विकल्प
नहीं
है।
समाज
की
राजनीतिक
भागीदारी
के
संबंध
में
उन्होंने
कहा
कि
जायसवाल
बंधुओं
को
एकजुटता
के
साथ
अपनी
ताकत
का
अहसास
कराना
होगा।
तभी
राजनीतिक
क्षेत्र
में
बड़ी
सफलता
मिल
सकती
है।
समाज
को
राष्ट्रीय
एवं
राज्य
स्तर
पर
राजनीतिक
भागीदारी
के
लिए
हर
परिवार
से
एक-दो बच्चों को आगे आना होगा। समाज में व्याप्त
भेदभाव
को
मिटाने
पर
जोर
देते
हुए
विधायक
ने
कहा
कि
सामाजिक
बुराइयों
को
दूर
कर
एकजुटता
के
साथ
आगे
बढें।
जायसवाल
क्लब
का
यह
पहल
सराहनीय
है।
इस
तरह
के
आयोजनों
से
आपसी
सद्भाव
बढता
है।
होली
मिलन
समारोह
समाज
को
एकसूत्र
में
पिरोने
का
उचित
माध्यम
है।
समाज
के
लोगों
को
समाज
के
निर्बल
और
कमजोर
लोगों
को
मुख्यधारा
में
लाने
का
प्रयास
करना
चाहिए।
उन्होंने
कई
उदाहरणों
से
व्यापारियों
की
सामाजिक
व
मानसिक
स्थिति
को
स्पष्ट
करते
हुए
पुरानी
धारणाओं
को
तोड़ने
को
प्रेरित
किया।
कहा
कि
समस्याओं
से
घबराएं
नहीं,
उसे
चुनौती
के
रूप
में
लीजिए,
तभी
आगे
बढ़
पाएंगे।
यह
जरूरी
नहीं
कि
हमें
विरासत
में
क्या
मिला
है,
बल्कि
महत्वपूर्ण
यह
है
कि
हम
विरासत
में
क्या
छोड़कर
जाएंगे।
विधायक
ने
कहा
कि
सामाजिक
कार्यों
में
सक्रियता
के
बाद
भी
यह
वर्ग
राजनीतिक
रूप
से
उपेक्षित
है।
इसका
मूल
कारण
समाज
में
एकजुटता
का
अभाव
है।
लोकतंत्र
में
पूछ
उसी
की
होती
है,
जिसमें
ताकत
होती
है।
इसके
लिए
एकजुट
होना
होगा।
उन्होंने
कहा
कि
अगर
बंटोगे
तो
मिट
जाओगे
और
अगर
जुड़ोगे
तो
मिटा
दोगे।
उन्होंने
कहा
कि
अधिकार
चाहिए
तो
लड़ना
होगा,
भीख
मांगने
से
कुछ
नहीं
मिलता।
कार्यक्रम
की
उद्घाटनकर्ता
नेपाल
के
पूर्व
सांसद
एवं
मंत्री
चंद्रा
चैधरी
ने
कहा
कि
होली
का
त्योहार
बुराई
पर
अच्छाई
की
जीत
का
प्रतीक
है।
जायसवाल
समाज
की
ओर
से
आयोजित
होली
मिलन
समारोह
समाज
के
दबे
लोगों
को
ऊपर
उठाने
का
एक
सराहनी
कदम
है।
होली
मिलन
के
माध्यम
से
एक-दूसरे के करीब पहुंचने
का
मौका
मिलता
है।
जायसवाल
समाज
को
शासन
द्वारा
कोई
सुविधा
नहीं
दी
जाती
है,
उसके
बाद
भी
समाज
के
अन्दर
बहुत
कुछ
करने
की
क्षमता
है।
कहा,
समाज
की
ताकत
दर्शाने
से
ही
राजनीतिक
क्षेत्र
में
सफलता
संभव
है।
इसके
लिए
जरुरी
है
कि
महिलाएं
भी
आगे
आएं।
उन्होंने
अपनी
गाधा
बताते
हुए
कहा
कि
वे
हाउसवाइफ
होते
हुए
भी
समाज
के
लिए
काम
करती
रही
और
एक
दिन
सांसद
एवं
मंत्री
तक
की
मुकाम
हासिल
की।
सामाजिक
और
राजनीतिक
उत्थान
के
लिए
समाज
से
एकजुटता
का
आह्वान
करते
हुए
चंद्रा
चैधरी
ने
कहा
कि
अब
किसी
से
डरने,
संकोच
करने
का
वक्त
नहीं
है।
खुलकर,
बताकर,
जताकर
और
हल्ला
करते
हुए
अपनी
राजनीतिक
निष्ठा
को
प्रदर्शित
करें,
तभी
हमारी
बात
सुनी
जाएगी।
उन्होंने
भारत
एवं
नेपाल
की
संस्कृति,
रहन-सहन एक जैसा बताते हुए कहा कि उनका प्रयास है कि पूर्व की भांति आज भी दोनों देशों की संधिया बनी रहे। इसके लिए प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
का
प्रयास
सराहनीय
है। उन्होंने
कहा
कि
समाज
निर्माण
में
जायसवालों
का
रोल
अहम
है,
मगर
राजनीतिक
रूप
से
हम
पिछड़े
हुए
हैं।
इसका
एकमात्र
कारण
अपनी
राजनीतिक
निष्ठा
जाहिर
करने
में
हिचकिचाहट
है।
हमें
यह
हिचकिचाहट
खत्म
करनी
होगी।
कहा
कि
बिना
राजनीतिक
रूप
से
सशक्त
हुए
समाज
की
मदद
नहीं
कर
सकते
और
इसके
लिए
हमें
एकजुट
होना
होगा।
जायसवाल
क्लब
के
संस्थापक
अध्यक्ष
मनोज
जायसवाल
ने
कहा
कि
संगठन
समाज
के
उत्थान
के
लिए
कटिबद्ध
है।
उन्होंने
संगठन
को
सशक्त
बनाने
पर
जोर
देते
हुए
कहा
कि
जल्द
ही
जायसवाल
समाज
के
सभी
वर्ग
एवं
उपवर्गां
को
एकजुट
कर
बड़ा
सगंठन
तैयार
किया
जाएगा।
समाज
का
सम्मान
हो
यही
हमारा
नारा
है।
उन्होंने
स्वजातीय
लोगों
से
अपने
अतीत
और
समाज
के
महापुरुषों
से
प्रेरणा
लेने
की
अपील
की।
कार्यकम
में
महिला
संगठन
की
राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष
रीता
जायसवाल,
जायसवाल
क्लब
के
महिला
संगठन
अध्यक्ष
रानिका
जायसवाल,
संरक्षक
गुलाब
जायसवाल,
राजकुमार
जायसवाल,
प्रोफेसर
कृपाशंकर
जायसवाल,
महामंत्री
प्रदीप
जायसवाल,
कोषाध्यक्ष
गोपाल
जी
जायसवाल,
लक्ष्मी
नारायण,
संदीप,
अरविन्द,
महादेव,
डा
मनोज,
सरद
जायसवाल
आदि
का
खासा
योगदान
रहा।