Friday, 1 March 2019

अभिनंदन की ‘अभिनंदन’ में झूमा पूरा ‘हिन्दुस्तान’


अभिनंदन कीअभिनंदनमें झूमा पूराहिन्दुस्तान
संधि, शर्त...दुश्मन के दांत खट्टे कर भारत लौटे आएं है जांबाज अभिनंदन। यह सब सिर्फ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घेराबंदी के बीच साथ आएं तमाम देशों के दबाव से ही संभव हो पाया है। अभिनंदन की जाबांजी का ही कमाल है कि अभिनंदन की स्वागत में बाघा बार्डर अटारी से लेकर भारत के कोने कोने में लोग सड़कों पर उतर आएं। इस दौरान लोगों ने सिर्फ तिरंगे लहराएं, बल्कि अबीर गुलाल के बीच होली से पहले ही होली का जश्न मनाया। यह अलग बात है कि अभिनंदन की रिहाई का श्रेय कुछ भारतीय पाकिस्तान परस्त नेताओं द्वारा इमरान को दिये जाने के उलट आवाम ने फेसबुक, वाट्स्प समेत पूरे सोशल मीडिया पर सवाल खड़ा किया कि शांति के दूत तो वे तब कहलाते जब आतंकी मसूद अजहर, हाफिज सईद और दाउद को हमें सौपते। लेकिन अफसोस है कि रिहाई के वक्त भी इमरान एंड कंपनी जम्मू कश्मीर के नौसेरा और पुंछ में भारतीय चौकियों पर गोलियां बरसा रहा है 
         सुरेश गांधी
फिरहाल, देर आएं दुरुस्त आएं की कहावत के बीच भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की वतन वापसी पर पूरा देश जश्न में डूबा है। 27 फरवरी को जब पाकिस्तान के फाइटर विमान भारतीय वायुसीमा में घुसे, तो उन्हें खदेड़ते हुए अभिनंदन दुर्घटना का शिकार हो गए और पैराशूट से एलओसी पार पाकिस्तान की सरहद में जाकर गिर गए। लेकिन अब वह बिना किसी शर्त या संधि के सकुशल अपने देश लौट आए हैं। हालांकि जांबाज पायलट अभिनंदन को पाकिस्तान में रोकने की आखिरी दम तक कोशिश हुई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फौलादी इरादों के लते विफल हुई। पाकिस्तान के इस्लामाबाद हाईकोर्ट में अभिनंदन के खिलाफ दायर याचिका भी उन्हें नहीं रोक पाई, वो खारिज हो गई। आखिरकार गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अभिनंदन को छोड़ने का ऐलान करना पड़ा। पाकिस्तानी कब्जे में जाने के 54 घंटे बाद अभिनंदन को पाकिस्तान ने लौटाया और अब हमारा वीर सपूत हमारे बीच है। लेकिन ये भारत की वीर पुत्र के शौर्य और भारत की ताकत और पराक्रम की जीत है। भारत का रुख साफ है कि पुलवामा कांड का मास्टरमाइंड मसूद अजहर बहुत दिनों तक आजाद नहीं घूम सकता है।दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपराध किया है। लिहाजा यहां पर उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा था कि भारतीय पायलट ने पाकिस्तान में बम गिराने के लिए हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और पाकिस्तान के खिलाफ अपराध किया है। 
लिहाजा भारतीय पायलट के खिलाफ सुनवाई यहीं होनी चाहिए। लेकिन उनकी सारी कोशिशें धरी की रह गयी। यह अलग बात है कि अभिनंदन की रिहाई का श्रेय कुछ भारतीय पाकिस्तान परस्त नेताओं द्वारा इमरान को दिये जाने के उलट आवाम ने फेसबुक, वाट्स्प समेत पूरे सोशल मीडिया पर सवाल खड़ा किया कि शांति के दूत तो वे तब कहलाते जब आतंकी मसूद अजहर, हाफिज सईद और दाउद को हमें सौपते। लेकिन अफसोस है कि रिहाई के वक्त भी इमरान एंड कंपनी जम्मू कश्मीर के नौसेरा और पुंछ में भारतीय चौकियों पर गोलियां बरसा रहा है। जबकि अभिनंदन के स्वागत में बाघा बार्डर पर आमजनमानस के साथ-साथ इंद्र देवता पानी बरसा रहे थे।
बता दें, वायुसेना के बीच हुई हवाई भिड़ंत के दौरान बुधवार को पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 विमानों के छक्के छुड़ा दिए। आसमान में हुए इस जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आया। मिग 21 पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में गिर गया था। दरअसल दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में अब कुछ भी हो सकता था। ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन से पैराशूट से छलांग लगा दी और जब वे जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था। पायलट अभिनंदन को पाकिस्तान ने पकड़ लिया था। इस हवाई भिड़ंत में भारत के वीर अभिनंदन ने पाकिस्तान के लड़ाकू विमान को मार गिराया था। अभिनंदन को लेकर पाकिस्तान सौदेबाजी के मूड में था, लेकिन भारत इसके लिए राजी नहीं हुआ। इसके बाद पाकिस्तान को विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने का फैसला लेना पड़ा। 
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद के संयुक्त सत्र के दौरान ऐलान किया कि उनकी सरकार ने दोनों देशों के बीच तनाव दूर करने और शांति पहल के तहत भारतीय पायलट अभिनंदन को रिहा कर रहा है। उनके रिहा करने की ऐलान के बाद पाकिस्तान परस्त सिद्धू से लेकर तमाम कांग्रेसी वामपंथी, सप, बसपा के नेता इमरान को शांति का दूत बताने में जुट गए। वे भूल गए कि यही इमरान है जो आतंकी तो आतंकी अपने फाइटर विमान से भारत की बार्डर चौकियों पर हमला तक कराने की भरपूर कोशिश की। लेकिन जांबाज अभिनंदन के उनके फाइटर विमान को ध्वस्त कर दिया। फेसबुक वाट्स्प समेत पूरी सोशल मीडिया में कांग्रेसी समर्थकों और भगवा समर्थकों में बहस छिड़ गयी। सवाल किया गया कि यदि इमरान इतने बड़े शांति दूत थे वे मोस्टवांटेड आतंकी हाफिज सईद, मसूद अजहर और दाउद इब्राहिम को क्यों नहीं भारत को सौप देते।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में आतंकी संगठन जैश--मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला कर दिया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 26 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान में घुसकर जैश--मोहम्मद के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इसके अगले ही दिन बौखलाए पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के राजौरी में घुसकर सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन इंडियन एयरफोर्स ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें खदेड़ दिया और भारतीय सीमा में कोई नुकसान नहीं हुआ। हालांकि, इस दौरान भारत का मिग-21 विमान और पायलट अभिनंदन लापता हो गए। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय पायलट अभिनंदन उनकी हिरासत में है। इस खबर के बाद भारत में अभिनंदन को वापस करने की मांग जोर से उठने लगी। भारत सरकार ने भी पाकिस्तान उच्चायुक्त को तलब कर चेता दिया कि उनके जवान को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए और जल्द ही उनकी वापसी सुनिश्चित की जाए।
दूसरी तरफ भारत ने दुनिया के तमाम मुल्कों से संवाद किया और कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को आईना दिखाने का काम किया। इसका नतीजा ये हुआ कि 28 फरवरी की दोपहर संसद के साझा सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ऐलान कर दिया कि पायलट अभिनंदन को शुक्रवार को रिहा किया जाएगा। ये ऐलान करते हुए इमरान खान ने कोई शर्त नहीं रखी। उन्होंने कहा कि शांति की दिशा में यह कदम अहम है। जबकि सच तो यह है कि जिनेवा कंवेन्शन के तहत पाकिस्तान अभिनंदन को अपनी कैद में नहीं रख सकता था। लेकिन पाकिस्तान ने कहा जिनेवा संधि तब लागू होती है जब दो देश आपस में जंग का ऐलान कर देते हैं। जबकि अभी तक भारत और पाकिस्तान ने जंग की घोषणा नहीं की है। दोनों देशों के युद्ध में होने के चलते अभिनंदन की रिहाई जिनेवा संधि के तहत नहीं कही जा सकती है। इसके बाद पीएम मोदी ने दुनिया के सभी देशों पर कूटनीतिक दबाव बनाया। इसके बाद जांबाज विंग कमांडर को बिना किसी संधि या पाकिस्तान की शर्त के खैरियत के साथ अपनी धरती पर वापस लाने में कामयाबी मिली।
दुश्मन के विमान को मार गिराने के लिए पीओके में घुसे अभिनंदन ने दुश्मन के कब्जे में जाकर भी अदम्य साहस दिखाया। जब उनका विमान गिरा तो उस वक्त भी उन्होंने अपना पराक्रम दिखाकर पाकिस्तानियों को हैरान कर दिया। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पीओके में पैराशूट से अभिनंदन एक तालाब में कूदे और कुछ दस्तावेज और मैप्स निगलने की कोशिश की। अभिनंदन ने वहां जमा हुए लोगों से पूछा कि वह भारत में हैं या पाकिस्तान में? जिसके जवाब में एक बच्चे ने चालाकी दिखाते हुए कहा कि वह भारत में ही हैं। पायलट ने इसके बाद नारे लगाए और पूछा कि भारत में वह किस जगह पर हैं। उसी लड़के ने अभिनंदन को बताया कि वह किला में हैं। 
अभिनंदन के देशप्रेम भरे नारों को कुछ पाकिस्तानी युवा पचा नहीं पाए और पाकिस्तान आर्मी जिंदाबाद का नारा लगा दिया। अभिनंदन समझ गए कि वह पाकिस्तान में हैं लेकिन बिना डरे उन्होंने हवा में फायरिंग की। हाथों में पत्थर लिए हुए लोगों को डराने के लिए भारतीय पायलट ने हवा में फायरिंग की। इस मुश्किल परिस्थिति में भी अभिनंदन ने साहस बनाए रखा और पाकिस्तान के आम नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा। वह एक तालाब में कूदे और अपनी जेब से कुछ डॉक्युमेंट निकालकर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की, ताकि पाकिस्तानी सेना के हाथ कुछ ना पाए। इसके बाद पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें उनसे सेना का अफसर कोई सवाल पूछ रहा था और वे जवाब देने से साफ मना कर रहे थे। दुश्मन की कैद में होने के बावजूद भारतीय पायलट अभिनंदन की हिम्मत बिल्कुल भी डगमगाती दिखाई नहीं देती है। अभिनंदन के पिता भी वायुसेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पाकिस्तानी सेना के कब्जे में भी विंग कमांडर अभिनंदन सीना ताने, सर उठाए खड़े रहे और किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। पूरे देश में अभिनंदन की वापसी की दुआएं होने लगी और भारत सरकार ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान को हमारे पायलट को बिनी किसी शर्त, बिना नुकसान पहुंचाएं सौंपना ही होगा।
रावलपिंडी में बैठे पाकिस्तानी आर्मी के जनरलों की भी समझ में गया कि ये नया भारत है- जो दुश्मन के घर में भी घुस सकता है और मार भी सकता है। एक ओर भारतीय फौज पाकिस्तान को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो दूसरी ओर पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ जंग में हिंदुस्तान के साथ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके थे कि कोई अच्छी खबर आनेवाली है। दुनिया की महाशक्तियां भी पाकिस्तान को कोसने में लगी थी और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के साथ खड़ी दिखी। ऐसे में पाकिस्तान के पास खुद को शांति दूत दिखाने के सिवाए कोई दूसरा चारा नहीं बचा। भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए दुनिया के ज्यादातर देशों को बताया कि किसने अपने एयर स्पेस बंद किए? समझौता एक्सप्रेस को किसने बंद किया? भारत अपनी धरती पर और आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं करेगा? पाकिस्तान के युद्धनोन्माद का पूरा मुकाबला किया जाएगा 
इस बीच भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के बारे तमाम सबूतों वाला डॉजियर पाकिस्तान को भेज दिया है। मतलब, भारत ने पाकिस्तान को पूरी तरह घेर लिया। ये भारत की ओर से खींची गई लक्ष्मण रेखा थी। इसका मतलब था कि अगर हमारा पायलट सुरक्षित नहीं लौटा तो पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्रवाई होगी। पाकिस्तान भारत के गुस्से को समझ गया और भारत के वीर सपूत अभिनंदन को लौटाने का ऐलान खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को 30 घंटे के अंदर करना पड़ा। हालांकि, पायलट अभिनंदन को छोड़ने से पहले पाकिस्तान ने बहुत हिसाब-किताब किया। अभिनंदन को आगे कर सौदेबाजी की स्क्रिप्ट लिखनी चाही. लेकिन, कोई दांव काम नहीं आया. भारत ने साफ-साफ कह दिया कि वो इस्लामाबाद के किसी जुबानी झांसे में नहीं आएगा।

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