टीबी को 2025 तक खत्म करने का संकल्प : पीएम मोदी
’वसुधैव कुटुंबकम’ की
भावना
से
दुनिया
को
मिल
रहा
नया
नजरिया
कहा, टीबी
हारेगा,
भारत
जीतेगा...
राष्ट्रपिता महात्मा
गांधी
से
जुड़ा
एक
किस्सा
सुनाते
हुए
बताया
कि
गुजरात
के
मुख्यमंत्री
रहते
हुए
उन्होंने
उनका
सपना
पूरा
किया
विश्व क्षय
रोग
दिवस
के
मौके
पर
समिट
अंतरराष्ट्रीय
संगठन
संगठन
‘स्टाप
टीबी
पार्टनरशिप’
और
केंद्रीय
स्वास्थ्य
मंत्रालय
की
ओर
से
सिगरा
स्थित
रुद्राक्ष
कन्वेन्शन
सेंटर
में
आयोजित
किया
गया
इसमें ब्राज़ील,
नाइजीरिया
समेत
विभिन्न
देशों
के
प्रतिनिधि,
विशेषज्ञ,
सहयोगी
संस्थाएं
व
नीति
नियंत्रक
ने
भाग
लिया
प्रतिभागी हेल्थ
एंड
वेलनेस
सेंटर
और
गांवों
में
भी
जाएंगे
सुरेश गांधी
वाराणसी। विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी ने अपने संसदीय
क्षेत्र काशी से देश को
टीबी मुक्त करने के अभियान को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गति दी।
वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन
सेंटर में समिट अंतरराष्ट्रीय संगठन संगठन ‘स्टाप टीबी पार्टनरशिप’ और केंद्रीय स्वास्थ्य
मंत्रालय की ओर से
वन वर्ल्ड टीबी समिट में पीएम मोदी ने टीबी मुक्त
पंचायत अभियान का शुभारंभ करते
हुए ‘भारत अब वर्ष 2025 तक
टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर
काम कर रहा है.
जबकि विश्व में इसका लक्ष्य 2030 तक है। इस
दौरान उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ा एक
किस्सा सुनाते हुए बताया कि गुजरात के
मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने उनका सपना पूरा किया। इसमें ब्राज़ील, नाइजीरिया समेत विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ,
सहयोगी संस्थाएं व नीति नियंत्रक
भाग ले रहे है।
तीन दिवसीय समिट में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में
विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी।
प्रतिभागी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और गांवों में
भी जाएंगे।
अपने संबोधन के दौरान पीएम
मोदी ने कहा कि
टीबी हारेगा, भारत जीतेगा... आपने कहा कि टीबी हारेगा,
दुनिया जीतेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि
गांधी जी को कुष्ठ
रोग अस्पताल के उद्घाटन के
लिए बुलाया गया, लेकिन उन्होंने जाने से इन्कार कर
दिया। गांधी ने कहा कि
जब अस्पताल में ताला लगाने के लिए बुलाया
जाएगा तो जरूर आऊंगा।
दरअसल, गांधी जी ने कुष्ठ
रोग से निजात के
लिए अभियान छेड़ रखा था। उन्हें लगता था कि देश
कुष्ठ रोग से मुक्त होना
चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि
वर्ष 2001 में गुजरात की जनता ने
भाजपा व मुझे सेवा
का अवसर दिया। तब कुष्ठ रोग
का आंकड़ा 23 फीसदी था। कुछ समय में ही इसे घटाकर
एक फीसदी पर ले आए।
कुछ समय बाद गुजरातवासियों को कुष्ठ रोग
से निजात मिल गई। कुष्ठ रोग अस्पताल पर भी ताला
लग गया। गांधी जी चाहते थे
कि कुष्ठ रोग से निजात मिले
और अस्पताल बंद हो जाए। ठीक
उसी तरह हमने देश को टीबी मुक्त
करने का बीड़ा उठाया
है।
पीएम मोदी ने कहा कि
‘वन वर्ल्ड टीबी समिट के जरिये भारत
एक नया संकल्प पूरा कर रहा है।
भारत का यह प्रयास
टीबी के खिलाफ वैश्विक
है। पिछले 9 वर्ष में भारत टीबी के लिए जनभागीदारी,
इलाज के लिए नई
रणनीति, नई तकनीक जैसे
खेलो इंडिया, योग। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है जनभागीदारी। भारत
में टीबी को स्थानीय भाषा
में क्षय कहा जाता है। उन्होंने कहा त में निक्षय मित्र कहा जाता है। मैं आपका आभारी हूं कि आज आपने
काशी के पांच लोगों
को गोद लिया।
टीबी की 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
आज का भारत अपने
लक्ष्यों को प्राप्त करने
वाले के रूप में
जाना जाता है। उन्होंने कहा कि वन वर्ल्ड
टीबी समिट के जरिये भारत
एक नए संकल्प पूरा
कर रहा है। भारत का यह प्रयास
टीबी के खिलाफ वैश्विक
है। भारत में टीबी को स्थानीय भाषा
में क्षय कहा जाता है। उन्होंने कहा कि विदेश से
आए अतिथियों को यह जानकर
आश्चर्य होगा कि भारत में
टीबी मरीजों को लोग गोद
ले रहे हैं। इसे भारत में निक्षय मित्र कहा जाता है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों
के पोषण के लिए वर्ष
2018 से डीबीटी के लिए 2000 करोड़
उनके बैंक खाते में भेजे गए। इससे करीब 75 लाख मरीजों को लाभ पहुंचा
है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
कोई भी इलाज से
छूटे नहीं इसके लिए हमने नई रणनीति पर
काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि आज टीबी
के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती हैं। नई व्यवस्था के
तहत अब तीन महीने
ही मरीजों को दवा लेनी
होगी। इससे मरीजों को सुविधा मिलेगी।
मरीजों को ट्रैक करने
के लिए आईसीएमआर के साथ मिलकर
निक्षय पोर्टल बनाया गया है। कर्नाटक और जम्मू कश्मीर
राज्य को टीबी से
मुक्त करने के लिए पुरस्कार
दिया गया है। कोविड काल से ही हम
स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने
में जुटे हैं। आज टीबी के
लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती है।
’यस वी कैन-यस वी विल’ का नारा
प्रधानमंत्री ने भारत की
विचारधारा वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते
हुए एक विश्व की
बात कही। उन्होंने जी-20 की थीम “एक
पृथ्वी-एक कुटुंब-एक
भविष्य“ को भी दोहराया।
अंत में उन्होंने ’यस वी कैन-यस वी विल’
का नारा भी दोहराया। प्रधानमंत्री
ने तीन दिवसीय वन वर्ल्ड टीबी
समिट कार्यक्रम में टीबी के क्षेत्र में
एक प्रमुख पहल लॉन्च की। जिसमें इंडिया टीबी रिपोर्ट- 2023, फॅमिली हेल्पलाइन नंबर, टीबी मुक्त पंचायत अभियान, क्रमबद्ध निवारक उपचार जिसमें की केवल 12 खुराक
दी जाती शामिल हैं। पीएम ने कहा- हमने
टीबी से लड़ने किए
लोगों से नि-क्षय
मंत्र बनने को कहा। काशी
नगरी, वो शाश्वत धारा
है, जो हजारों वर्षों
से मानवता के प्रयासों और
परिश्रम की साक्षी रही
है। कुछ समय पहले ही भारत ने
“एक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक
भविष्य“ के विजन को
भी आगे बढ़ाने की पहल की
है और अब, वह
पूरा होता दिख रहा है। टीबी के खिलाफ लड़ाई
में, भारत ने जो काम
किया है, वो जनभागीदारी है।
एक देश के तौर पर
भारत की विचारधारा का
प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम् यानी ’पूरी दुनिया एक परिवार है’
की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार
आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि
और एकीकृत समाधान दे रहा है।
इसलिए भारत ने जी-20 की
भी थीम रखी है, एक दुनिया एक
परिवार एक भविष्य। 2014 के
बाद से भारत ने
जिस नई सोच और
अप्रोच के साथ टीबी
के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व
है। भारत के ये प्रयास
पूरे विश्व को इसलिए भी
जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के
खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया
मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के
खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ
काम किया है।
यूपी में मृत्युदर में कमी आई है : सीएम योगी
सीएम ने कहा- प्रदेश में सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। यूपी में मृत्युदर में कमी आई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में 2025 तक टीबी हारेगा और भारत जीतेगा। उन्होंने कहा कि इसमें जनभागीदारी बहुत आवश्यक है। टीबी के मरीजों में जागरूकता की कमी है। हमने उनको जागरूक करना होगा। काशी में बीते कुछ वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत विकास हुआ है। अब लोगों को इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई नहीं जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हुई हैं। जनऔषधि केंद्र से लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही है। भारत हर देश के साथ टीबी के लिए कंधे से कांधा मिलाकर खड़ा है। मैं आपका आभारी हूं कि इस कार्यक्रम में आने के लिए आपने मुझे आमंत्रित किया। आज स्टॉप टीबी कैंपेन का जो थीम दिया गया है ये वास्तव में उनके संकल्पों को मजबूती प्रदान करने और उसे आगे बढ़ाने का है।
उन्होंने
कहा कि उत्तर प्रदेश
के देश 21 फीसदी टीबी के मरीज पाए
जाते हैं। पिछले 5 साल में उत्तर प्रदेश ने जो लक्ष्य
प्राप्त किए हैं उनमें 16 लाख 90 हजार रोगियों को पोषण सहायता
के माध्यम से अबतक 422 करोड़
का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार
देश में ऐसा हुआ है कि जब
किसी महामारी के आने पर
स्वदेशी वैक्सीन बनाया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में
उत्तर प्रदेश की 40 करोड़ जनता को मुफ्त में
वैक्सीन लगाया गया है। सीएम योगी ने कहा कि
उत्तर प्रदेश टीबी बीमारी की रोकथाम के
लिए विभिन्न केंद्रों पर डॉट्स का
वितरण किया जा रहा है।
इन्सेफलाइटिस और एक्यूट इन्सेफलाइटिसके
लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
प्रदेश में संचारी रोग के लिए विशेष
अभियान चलाया जा रहा है,
जो माडल बनेगा।
No comments:
Post a Comment