Friday, 11 January 2019

‘प्रवासियों के लिए हाईटेक हुआ ‘काशी’


प्रवासियोंके लिए हाईटेक हुआकाशी
देश की सांस्कृतिक नगरी काशी में 21 से 23 जनवरी तक सात समुन्दर पार से आएं 132 देशों के प्रवासी भारतीयों का जमघट होगा। वे काशी के मठ मंदिर से लेकर शिक्षा दीक्षा रहन सहन से रुबरु तो होंगे ही, गंगा सागर से लेकर गंगोत्री तक के दर्शन भी काशी में ही कर सकेंगे। इसके लिए हर तैयारियां की गयी है। खास यह है कि प्रयागराज में अर्धकुंभ के दौरान प्रवास करने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए बन रहीटेंट सिटीकी ही तर्ज पर काशी में भी वातानुकूलितटेंट सिटीबसाया गया है। इसमें 1,480 प्रवासी भारतीय प्रवास करेंगे। जहां उन्हें ग्रामीण परिवेश का एहसास होगा। उनकी अगवानी खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे
सुरेश गांधी
देश का 15वां और यूपी के पहले प्रवासी भारतीय दिवस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को नयी नेली दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। कभी धूल-मिट्टी से सनी दीवारें अब वर्ली, मधुबनी समेत थ्रीडी पेंटिंग से सज गई हैं। दीवारों पर कहीं गहरे हरे नीले रंग के संयोजन के साथ शंकर तांडव नृत्य मुद्रा, तो कहीं गंगा की महिमा,ऐतिहासिक घाट और मंदिर तो कहीं भगवान बुद्ध साधना में लीन बैठे दिख रहे हैं। या यूं कहें काशी की सशक्त पहचान सारनाथ और महात्मा बुद्ध से लेकर विश्व प्रसिद्ध रामनगर की रामलीला, सांड-सीढ़ी, साधु-संयासी, संगीतकार, घंटघयिल तक दीवारों पर चटख रंगों से उभारी गई है। प्रभु श्रीराम के साथ मां सीता, लक्ष्मण के वन गमन के प्रसंग से लेकर संस्कृति, परंपरा और इतिहास को समेटे शहर की दीवारों पर बनी अनगिनत कलाकृतियां लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी है। इसका मकसद यही है कि जिस बेस कल्चर को प्रवासी देश छोड़कर गए हैं, वहीं उनको दिखाना है। उन्हें काशी की समृद्ध परंपरा और संस्कृति से भी रूबरू कराना है। 
गौरतलब है कि 21 से 23 जनवरी तक वाराणसी में होने वाले तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय दिवस में 7 हजार से ज्यादा प्रवासी भारतीय एकत्रित होंगे। कार्यक्रम के दौरान बहुतायत संख्या में वाराणसी आए प्रवासी आधुनिक जीवन के साथ ही ग्रामीण जीवन का भी लुत्फ उठाएंगे। इसके लिए वाराणसी के सिंधौरा मार्ग स्थित बड़ालालपुर के समीप ऐढे गांव में एक नए शहरटेंट सिटीको बसाया गया है। पर्यटकों को किसी प्रकार से अपने आवास तक पहुंचने में कोई परेशानी हो। इसके लिए हर एक समूह में लगाए गए टेंटों को नाम दिया जा रहा है। इन्हें गंगा, यमुना, गोदावरी, क्षिप्रा, वरूणा, गोमती और सरस्वती नाम रखने का प्रस्ताव हुआ है। 
खास यह है कि प्रयागराज में अर्धकुंभ के दौरान प्रवास करने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए बन रहेटेंट सिटीकी ही तर्ज पर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी 43 हेक्टेयर में फैलेटेंट सिटीमें 1,480 प्रवासी भारतीय प्रवास करेंगे।टेंट सिटीमें बने सैकड़ों लग्जरी टेंटों में प्रवास के अलावा उसी ऐढे गांव के ग्रामीण प्रवासी भारतीयों को ग्रामीण परिवेश का एहसास भी कराएंगे। इस गांव में बन रहेंटेंट सिटीमें फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। टेंट सिटी पूरी तरह फायर प्रूफ है। इसमें सात ब्लॉक ह। 50 विला रूम, फाइव स्टार सुविधा से युक्त 450 डीलक्स और 120 फैमली स्टे कॉटेज हैं। कम से कम 1,000 वर्ग फीट एरिया वाली 60 डॅारमेट्री भी बनाई गई है।
टेंट सिटी का हर डाइनिंग हाल भी कुछ अलग ही होगा। इसमें विला के लिए बनाए जा रहे डाइनिंग हॉल को भी मंदिर नुमा बनाया जा रहा है। टेंट सिटी लालटेन की रोशनी से रोशन होगी। इसमें मिट्टी तेल की जरूरत नहीं होगी क्योंकि आधुनिक ढंग से बने में बिजली के बल्ब लगे हैं जो रोशनी बिखेरेंगे। सभी टेंट के अंदर बाहर लालटेन टांगे जा रहे हैं। इसके अलावा रास्तों के किनारे बल्ली के सहारे भी लालटेन टांगकर टेंट सिटी को प्रकाशमय किया जा रहा है। वहीं एक दूसरे हॉल के प्रवेश द्वार पर काशी के गंगा घाटों की पेंटिंग बनाई जाएगी। ऐसे में वहां बनने वाले अस्पताल, पुलिस स्टेशन सहित सभी तरह के बनावट को कुछ अलग अलग तरह से बनाया जा रहा है। युवा प्रवासी भारतीय दिवस के तहत बीएचयू में आने वाले प्रवासी भारतीयों को लोक नृत्य और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। परिसर में जिधर से उनका काफिला गुजरेगा, उन चौराहों पर संगीत एवं मंच कला संकाय के छात्र-छात्राएं विभिन्न अंचलों के नृत्य की प्रस्तुति देंगे। 

मेहमानों के स्वागत पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान हैं। प्रशासन ने शहर से दूर गांव में प्रवासियों के लिएटेंट सिटीइसलिए बनाने का निर्णय लिया क्योंकि सात हजार प्रवासी भारतीयों के शिरकत के चलते वाराणसी के सभी होटल पहले से ही बुक्ड हो गए हैं। इसके होटल औरटेंट सिटीके अलावा वाराणसी के 550 लोगों ने अपने घरों के दरवाजे काशी आतिथ्य के तहत प्रवासी भारतीयों के लिए खोल दिया है। अपने गांव मेंटेंट सिटीबनता देख ऐढ़े गांव के ग्रामीण बेहद खुश हैं। उन्होंने तो अभी से मन बना लिया है कि सभी ग्रामीण मिलकर पूरे गर्मजोशी के साथ बैंड बाजा और गजरे के फूल के साथ अपने गांव आने वाले प्रवासी भारतीयों का स्वागत करेंगे। ग्रामीणों ने खान-पान की भी विशेष व्यवस्था की योजना बनाई है, जिसमें बाटी, दाल, चोखा, दही-चूड़ा, मक्के की रोटी, गुड का तिलवा, खांड़ और मक्के-बाजड़े की रोटी भी मैन्यू में रखा गया है। यह सारा खाना लकड़ी के चूल्हे पर गांव की औरते द्वारा बगैर किसी सरकारी मदद के बनाया जाएगा।
ग्रामीणों को उम्मीद है कि उनके गांव में बन रहेटेंट सिटीमें प्रवासियों के प्रवास के चलते उनके गांव के दिन भी बहुर जाएंगे। ऐढ़े गांव के समीप पढ़ने वाले रिंग रोड के ओवर ब्रिज की दीवारों को भी पेंट किया जा रहा है, ताकि आने वाले मेहमानों को धार्मिकता का एहसास दिलाया जा सके। दीन दयाल हस्तकला संकुल के गलियारों को आर्ट गैलरी सरीखा सजाया गया है। बाहरी दीवारों को भी आकर्षक बनाया गया है। सामने की दीवार में आदमकद काशी विश्वनाथ मंदिर की आकृति बनाई गयी है। इतना ही नहीं, सड़क के दोनों किनारों की दीवारें भी काशी की परंपरा प्राचीनता को प्रदर्शित कर रही हैं। घाट, मंदिर, गलियां, साधू जैसे कई पहलुओं को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। आसपास के लोगों के अलावा शहर से लोग सजे, संवरे संकुल को देखने पहुंच रहे हैं और फोटो सेल्फी ले रहे हैं। जिन लोगों को अंदर की दुकानें एलाट हुई हैं वे भी अपने काउंटर को नया लुक देने में जुटे हैं। बता दें, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की पहल पर 2003 में शुरू प्रवासी भारतीय दिवस का यह 17वा आयोजन है। इसके लिए आतिथ्य सत्कार, भव्य सजावट और जनभागीदारी के जरिए प्रवासियों के बीच काशी के नए स्वरूप की जबदरस्त ब्रांडिंग की तैयारी है। माना जा रहा है कि आयोजन की सफलता से दुनिया भर में बदलते बनारस की तस्वीर जाएगी और यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ ही निवेश के भी अवसर बढ़ेंगे। 
नवीन भारत के निर्माण में प्रवासी भारतीयों की भूमिकाथीम पर होने वाले इस सम्मेलन में 75 देशों के करीब आठ हजार प्रतिनिधि शामिल होंगे। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले यूपी में दो मेगा इवेंट के रूप में प्रयागराज के अर्धकुंभ और वाराणसी में होने वाले देश के 15वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन को देखा जा रहा है। इन दोनों ही महाआयोजनों में हजारों-लाखों के हुजूम के जुटने वाले लोगों के दिलों को मौजूदा यूपी और केंद्र की सरकार तो छूना चाहती ही है, साथ ही साथ इनसे प्रभावित और लाभांवित होने वाले स्थानीय लोगों के लिए भी बीजेपी कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को और ज्यादा भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए घाटों के रंग रोगन, उनकी सफाई और उन्हें आकर्षक बनाने पर काम किया जा रहा है। इस मौके पर गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा के भव्य रूप के साथ वाराणसी की विरासत को भी दर्शाया जाएगा।
सम्मेलन का उद्धाटन ट्रेड फसिलटी सेंटर में होगा। सम्मेलन स्थल पर फिल्म जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी, पद्म भूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र, मनोज तिवारी के अलावा छात्र-छात्राएं अलग-अलग देशों की संस्कृति और वेशभूषा के अनुसार कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। सम्मेलन में आने वाले मेहमान खुद तय करेंगे कि वे काशी में क्या देखेंगे, कहां घूमेंगे या किस मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे। शासन, प्रशासन की ओर से अतिथियों के घूमने, टहलने पर्यटन को लेकर कोई बाध्यता नहीं होगी। पर्यटन विभाग ने प्रवासी अतिथियों के पर्यटन, दर्शन-पूजन को लेकर कार्ययोजना तैयार की है। इसे पीबीडी (प्रवासी भारतीय दिवस) की साइट पर अपलोड किया जा रहा है। प्रवासी अपनी रुचि श्रद्धा के आधार पर अपने लिए विकल्प चुन सकेंगे। होटल में ठहरेंगे या टेंट सिटी में, इसका चुनाव भी प्रवासी ऑनलाइन ही कर रहे हैं। इसी के आधार पर शासन, प्रशासन को भी एक आंकड़ा मिल जाएगा कि कौन कहां जाएगा और क्या देखेगा। सम्मेलन के लिए जिले के सभी होटलों के मिलाकर 1200 कमरें प्री बुक कर लिए गए हैं।
प्रवासी अपनी क्षमता पसंद के आधार पर होटल या टेंट सिटी आदि की बुकिंग कराएंगे और इसके लिए भुगतान प्रवासी भारतीयों को कुंभ स्नान के लिए बनारस से प्रयागराज ले जाने को एक हजार लग्जरी कार और बसों की व्यवस्था की जा रही है। कुंभ नहाने के बाद सभी को चार लग्जरी ट्रेनों से दिल्ली ले जाया जाएगा। इलाहाबाद से 24 जनवरी की शाम से देर रात के बीच ट्रेनें चलकर अगले दिन दोपहर तक दिल्ली पहुंच जाएंगी। वहां ये प्रवासी भारतीय 26 जनवरी की परेड़ में शामिल होंगे। बनारसी पान, लस्सी, मलइयो और अन्य लजीज व्यंजन तो भारत के साथ ही पूरे विश्व में मशहूर हैं, लेकिन प्रवासी भारतीय सम्मेलन में पहुंचने वाले मेहमानों को घूमते-फिरते इसका स्वाद चखाने के लिए अहमदाबाद की तर्ज पर बनारस में भी फूड स्ट्रीट विकसित किए जाएंगे। सम्मेलन स्थल बड़ा लालपुर से गंगा घाट तक विदेशी मेहमानों को किसी तरह की असुविधा हो, इसके लिए 50 प्रवासी भारतीयों पर एक अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। यह अधिकारी मेहमानों के काशी आगमन से लेकर सम्मेलन के बाद प्रयागराज के लिए रवाना होने तक की सभी जिम्मेदारियां निभाएगा और जवाबदेह होगा। काशी से प्रयागराज जाते समय मेहमानों के साथ पुलिस स्कॉट और एम्बुलेंस की व्यवस्था होगी।

Thursday, 10 January 2019

गरीब व बेसहारा लोगों को सांसद व विधायक ने बांटे कम्बल 
ग्रामसभाओं में जगह-जगह जलवाएं जा रहे हैं अलाव 
भारतीय विकास परिषद की नई कार्यकारिणी ने ली शपथ
संस्था का मुख्य उद्देश्य दीन-दुखियों की सेवा है : ब्रम्हानंद पेशवानी 
असहाय व गरीबों की सेवा करना सबसे बड़ा नेक कार्य : सांसद रामचरित्र 
नेक काम करने वालों को भगवान भी मदद करते हैं : विधायक लीना तिवारी 
सुरेश गांधी 
जौनपुर। जनपद के मड़ियाहूं तहसील स्थित ग्रामसभा गोपालापुर के रामलीला मैदान में भारत विकास परिषद (भाविप) की नवगठित शाखा सद्भावना गोपालापुर काशीप्रान्त एन.सी.आर. का प्रथम दायित्व ग्रहण समारोह संपन्न हो गया। इस मौके पर कड़ाके की सर्दी से गरीब व बेसहारा लोगों को बचाने के लिए मछलीशहर सांसद रामचरित्र निषाद व मडियाहूं विधायक श्रीमती लीना तिवारी ने करीब पांच सौ गरीबों को कंबल वितरित किए। सांसद ने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों को हर संभव मदद करने के लिए चौबीसों घंटे तैयार हैं। यह खुशी की बात है कि सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद से जुड़े लोगों की मदद से क्षेत्र में कंबल का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक उमाकांत बरनवाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह उनके मेहनत व लगन का परिणाम है कि गोपालापुर बाजार के व्यापारियों के सहयोग व मदद से यह कार्यक्रम सफल हो पा रहा है। असहाय व गरीबों की सेवा करना सबसे बड़ा नेक कार्य है। इसलिए व्यापारियों को चाहिए कि वे इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।

विधायक श्रीमती लीना तिवारी ने कहा नेक काम करने वालों को भगवान भी मदद करते हैं। इसी के साथ रामपुर, जमालापुर, गोपालापुर सहित आसपास के गांव तथा चौराहों पर अलाव की भी व्यवस्था की गई है। इसके पूर्व भारत विकास परिषद (भाविप) की नवगठित शाखा सद्भावना गोपालापुर काशीप्रान्त एन.सी.आर. का प्रथम दायित्व ग्रहण समारोह में प्रान्तीय महिला संयोजिका श्रीमती जमुना शुक्ला ने उमाकान्त बरनवाल अध्यक्ष, प्रदीप सेठ सचिव, दिनेश चन्द्र बरनवाल कोषाध्यक्ष, ममता शर्मा महिला संयोजिका सहित कुल 30 नई कार्यकारिणी सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई। जबकि संगठन मंत्री राकेश रामख्यानी ने उन्हें संकल्प कराया।

कार्यक्रम संयोजक श्री विक्रम कुमार गुप्त प्रान्तीय प्रकल्प प्रमुख नशामुक्ति ने कार्यक्रम सफल कराने में अग्रणी भूमिका निभायी। मुख्य अतिथि एवं राष्ट्रीय मंत्री ब्रम्हानंद पेशवानी ने कहा कि सेवा का पर्याय है संस्था। भारत विकास परिषद द्वारा संचालित प्रकल्प संस्कारित भारत के निर्माण में सहयोगी है। संस्था सामाजिक सरोकारों के कार्यों की अंजाम देने के लिए संकल्पित है। संस्था का मुख्य उद्देश्य दीन-दुखियों की सेवा है। अंत में परिषद की ओर से मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। जबकि परिषद के रीजनल सेक्रेटरी आलोक कपूर ने चार्टर भेंट किया। इस मौके पर विवेकानंद इंटर कालेज के प्रबंधक राजाराम सिंह, प्रधानाचार्य विनोद तिवारी, जफराबाद चेयरमैन प्रमोद बरनवाल, यूबीआई मैनेजर थापा, रामपुर ब्लाक प्रमुख विनोद जायसवाल, श्रीमती ममता शर्मा, कृष्णानंद सेठ, विष्णु गुप्ता, राजेश सिंह, जयप्रकाश जायसवाल उर्फ गब्बर, दिनेश जायसवाल चक्की वाले, दिनेश बरनवाल, घनश्याम बरनवाल, कालिंदी उपाध्याय, राजकुमार जायसवाल, जवाहर सेठ उर्फ नन्हकू, अमित कन्नौजिया, हरिश्चंद गुप्ता, जगदीश नारायण सेठ, दयाशंकर गौतम, राकेश कुमार जायसवाल, अशोक बरनवाल, शिवकुमार मोदनवाल, कृपाशंकर मोदनवाल, प्रदीप सेठ, प्रदीप जायसवाल, कुंजबिहारी सेठ, रमाकांत उपाध्याय, सुनील सेठ, श्यामलाल प्रजापति, राजू गुप्ता, ओमप्रकाश सेठ, पन्नालाल सेठ समेत 26 ग्रामसभाओं के प्रधान आदि मौजूद थे। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम के सफल होने में यथासंभव बाजार के सभी व्यापारियों ने अपनी मदद की है।

Thursday, 28 June 2018

कार्यो में गुणवत्ता एवं समयबद्वता पर नहीं होगा समझौता : सुरेन्द्र सिंह 
मातहतों को चेताया, अगर निरीक्षण के दौरान कार्यो में अनदेखी एवं गुणवत्ता में लापवाही पायी गयी तो संबंधित अधिकारी, प्रोजेक्ट मैनेजर एवं ठीकेदार पर न सिर्फ कार्यवाही होगी, बल्कि जूर्माना व हर्जाना भी वसूला जायेगा 
15 अगस्त से पहले हर हाल में प्लास्टिक मुक्त होगा काशी 
स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में काशी को नंबर एक पर लाना प्राथमिकता 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप 2019 से पहले प्रधानमंत्री द्वारा घोषित सभी योजनाओं को हरहाल में पूरा करने के लिए संकल्पित : डीएम 
             सुरेश गांधी 
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आएं नवागन्तुक जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह की विकास कार्यो को लेकर संजीदगी दिखने लगी है। कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने अपनी मंशा जाहिर कर दी कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप 2019 से पहले प्रधानमंत्री द्वारा घोषित सभी योजनाओं को हरहाल में पूरा करने के लिए संकल्पित हैं। काशी को स्वच्छ काशी-सुंदर काशी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। साथ में मातहतों को चेताया भी है कि कार्यो के गुणवत्ता एवं समयबद्धता पर किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। अगर निरीक्षण के दौरान कार्यो में अनदेखी एवं गुणवत्ता में लापवाही पायी गयी तो संबंधित अधिकारी, प्रोजेक्ट मैनेजर एवं ठीकेदार पर न सिर्फ कार्यवाही होगी, बल्कि जूर्माना व हर्जाना भी वसूला जायेगा। 
विकास भवन में आयोजित मातहतों की बैठक में संचालित विकास परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा के दौरान श्री सिंह ने हिदायत दी है कि लंबित पड़े परियोजनाओं को आपसी समन्वय स्थापित कर युद्वस्तर पर अभियान चलाकर हरहाल में पूर्ण किया जाना है। इसके लिए जरुरी है कि सभी मातहत आपसी समन्वय एवं तालमेल से कार्य करें। इससे कार्य के दौरान आने वाली विभिन्न समस्यायें स्वतः निस्तारित हो जाती है। परियोजनाओं का समय से पूरा कराये जाने में सहयोग भी मिलता है। बैठक में उन्होने कार्यदायी संस्थाओं को कार्य के दौरान सुरक्षा मानको का कड़ाई से पालन करने के साथ ही मौके पर कार्य करने वाले श्रमिकों सुरक्षा उपकरणों से लैंस होकर कार्य करने की हिदायत दी। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में बाधक बने विद्युत पोलों को एक सप्ताह के अन्दर शिफ्ट कराये जाने का निर्देश देते हुए श्री सिंह ने कहा कि सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर को चाहिए कि वे मैनपावर बढ़ाकर 24 घंटे कार्य कराये, जिससे कार्य समय से पूर्ण हासे सके। इसके अलावा उन्होने सड़को के किनारे बाधा बने अतिक्रमण को भी शीघ्र हटाये जाने के लिए एडीएमसिटी, अधीशासी अभियंता लोनिवि एवं क्षेत्रीय मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया। फुलवरिया 4 लेन सड़क निर्माण के दौरान आ रही समस्याओं का प्राथमिकता पर समाधान करते हुए कार्य को तुरन्त शुरू कराये जाने पर जोर दिया। 
उन्होने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी स्तर पर बिनावजह पत्रावलियों को लम्बित न रखा जाय। गंगा प्रदुषण इकाई के अधिकारी को सीवरेंज कनेक्शन में तेजी लाये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि शहर में अगर जलजमाव हुआ तो खैर नहीं। कार्यदायी संस्थाओं को हिदायत दी है कि काम के दौरान खोदी सड़को की काम के पूर्ण होने के बाद यथावत किया जाय, वरना कार्रवाई होगी। इसके अलावा रात्रिकालीन अवधि में चल रहे कार्य के दौरान मौके पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होनी चाहिए। सारनाथ वाटर ट्रीटमेंट प्लान्ट के कार्यो में आ रही बाधाओं को दूर करने हेतु अर्न्तविभागीय कमेटी गठित कर समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता पर किये जाने का निर्देश दिया। उन्होने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित करते हुए कहा कि कार्य के दौरान जो समस्यायें विभागीय स्तर पर निस्तारित न हो सके, ऐसे प्रकरण उनके संज्ञान में तुरन्त लाया जाय। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गौरांग राठी, सीएमओ, एडीएमसिटी सहित कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। 
बता दें, जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने अभियान की शुरूआत ‘घर’ यानि कलेक्ट्रेट से की। पहले ही आदेश में उन्होंने मातहतों को जता दिया कि अब कलेक्ट्रेट में ऐसे प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा जिसका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। कलेक्ट्रेट में होने वाली बैठकों में अब अधिकारियों को बोतलबंद पानी भी नहीं मिलेगा। काशी को 15 अगस्त तक हर हाल में प्लास्टिक मुक्त किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले उन औद्योगिक इकाईयों को बंद कराएंगे जहां इनका उत्पादन होता है। गैर जिलों से आने वाले प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध लगेगा। शहर में चोक सीवर की समस्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल अपनी आसानी के लिए कर रहे हैं, वही हमारे घरों की नालियों में से रोज निकल रही है। हम जब प्लास्टिक का उपयोग बंद कर देंगे। तो कई सारी समस्याओं से हमें निजात मिलेगी। जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि काशी ऐतिहासिक नगरी है। यहां तीर्थ यात्रियों के साथ देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के चलते लोगों की अपेक्षाएं अधिक हैं। श्री सिंह ने कहा कि पीएम के उम्मीदों पर खरा उतरने के पूरे प्रयास के साथ ही केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को शत-प्रतिशत लागू कराएंगे। वाराणसी में संचालित विकास परियोजनाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि हमारे और सरकारी अधिकारियों के बीच वन टू वन इंट्रेक्शन होगा, ताकि हर समस्या का त्वरित निस्तारण हो। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वाराणसी जिला प्रशासन अब सोशल मीडिया के जरिये सीधे पब्लिक से संवाद करेगी। मीडियाकर्मियों के साथ ही विभिन्न प्रोजेक्ट पर काम कर रही निजी कार्यदायी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके पहले श्री सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने से पहले काशी विश्वनाथ और काल भैरव का दर्शन कर सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था का आशीर्वाद लिया। गौरतलब है कि वाराणसी में चल रही 22 हजार करोड़ की परियोजनाओं में कई पर सीधे पीएमओ की नजर है। बनारस के विकास को लेकर तैयार हुए खाके में भी खुद को साबित करना होगा। उन्होंने वाराणसी के 56वें जिलाधिकारी के रूप में अपना कार्यभार ग्रहण किया। 

वेतन रोके जाने और निजीकरण की तैयारी पर प्रबंधन को खुली चुनौती

निजीकरण के खिलाफ़ हुंकार : संविदा कर्मियों की छंटनी और स्मार्ट मीटर थोपने पर गुस्से में बिजली कर्मचारी वेतन रोके जाने औ...