Thursday, 27 May 2021

ऑक्सीजन प्लांट के लिए आगे आएं विदेशी कालीन आयातक

ऑक्सीजन प्लांट के लिए आगे आएं विदेशी कालीन आयातक

कालीन निर्यातक रुपेश बरनवाल के जरिए डीएम को सौंपा 40 हजार डॉलर

भदोही में शीघ्र दूर होगा ऑक्सीजन संकट, लगेगा नया प्लांट

सुरेश गांधी

वाराणसी। कोरोनाकाल में कई संक्रमितों को तो ऑक्सीजन की कमी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी। अब किसी मरीज की ऑक्सीजन की कमी से जान जाएं इसके लिए तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुटी जिलाधिकारी भदोही आर्यका अखौरी ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए दिन-रात एक कर दी है।

डीएम के इस काम में मदद के लिए पहले भदोही के निर्यातकों ने हाथ आगे बढ़ाया, अब विदेशी कालीन खरीदारों ने भी गंभीर संकट की घड़ी में मदद के लिए आगे आएं है। इसमें अमेरिका के दो बड़े कालीन आयातकों ने कालीन निर्यातक भदोही रुपेश बरनवाल के जरिए 40 हजार डालर आक्सीजन प्लांट स्थापित कराने में सहयोग राशि दी है। इस सहयोग राशि को कालीन निर्यातक रुपेश बरनवाल ने चेक के जरिए गुरुवार को कार्यालय में जाकर डीएम को सौंप दी है।

जिलाधिकारी का दावा है कि शीघ्र ही भदोही में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होगा। इस मद में अमेरिका के उद्योगपति र्स्टाक कारपेट के आर जोसेफ ने 20 हजार डॉलर रुपए का ऑक्सीजन प्लांट के लिए डोनेट किया है। उन्होंने यह चेक इंडियन रेड क्रास सोसाइटी, ज्ञानपुर भदोही के नाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेक से दिया है। जबकि एक अन्य कालीन आयातक जिन्होंने गुप्तदान करते हुए अपना नाम उजागिर नहीं करने पर कालीन निर्यातक रुपेश बरनवाल के नाम से चेक दिया है। इन दोनों चेकों को रुपेश बरनवाल ने डीएम को दे दिया है। रुपेश बरनवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते भदोही में ऑक्सीजन की किल्लत की खबर जब विदेशी आयातक तक पहुंची तो उन्होंने अपनी कंपनी की ओर से प्लांट लगाने के लिए सहयोग राशि देने की पेशपेश की। डीएम से वार्ता के बाद उन्होंने चेक मेरे पास भेंजा, जिसे मेरे द्वारा डीएक को सौंपा गया।

डीएम ने इस दान को सहर्ष स्वीकार करते हुए बताया कि शीघ्र ही ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल में लगाया जाएगा। जीएम डीआईसी हरेन्द्र प्रताप ने बताया कि यह ऑक्सीजन प्लांट सुरियावा के सीएचसी अस्पताल में लगेगा। अब तक इस मद में 65 लाख रुपये एकत्र हो चुका है। जबकि 85 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए आज रुपेश बरनवाल ने 15 लाख रुपये का चेक और 20,000 डॉलर का चेक यानी कुल 30 लाख रुपये दिया है। उन्होंने बताया कि इसके पहले भदोही के काका ओवरसीज लिमिटेड ग्रूप के कालीन निर्यातक यादवेन्द्र राय उर्फ काका, चंपो कार्पेट के संजय मेहरोत्रा, रूपेश कार्पेट के रूपेश बरनवाल, सूर्या कार्पेट के सूर्यमणि तिवारी, ओबीटी भदोही की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये, तुलसीराम गया प्रसाद प्रा. ली. की तरफ से चार लाख, भदोही कार्पेट की तरफ से तीन लाख, अग्नि कार्पेट और खन्ना कार्पेट दो-दो लाख, रवि पाटोदिया की तरफ से डेढ़ लाख रुपये की धनराशि जिलाधिकारी को दी गई है।

बता दें, संकट को देखते हुए भदोही जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और जिला उद्योग उपायुक्त ने कालीन निर्यातकों के साथ बैठक कर उनसे ऑक्सीजन प्लांट लगाने में सहयोग की अपील की थी। उद्योग उपयुक्त हरेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में 50 बेड के लिए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है और इसमे अनुमानित 85 लाख से अधिक खर्च सकता है। ऑक्सीजन प्लांट लगने से इसका बड़े पैमाने पर भदोही के बुनकरों सहित अन्य को लाभ मिलेगा। रुपेश बरनवाल ने कहा है कि भदोही में लगने वाला आक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में मदद करेगा। 

Wednesday, 26 May 2021

बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्म शरणं गच्छामि... की गूंज

बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्म शरणं गच्छामि... की गूंज

सुबह श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, शाम को 2565 दीपों से मंदिर में दीपों की श्रृंखला जलाई गयी 

विश्व में शांति हो और लोगों का कोरोना संक्रमण से बचाव हो, इसके लिए प्रार्थना की गई

सादगी से की बोधिवृक्ष के नीचे प्रार्थना

मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की मूर्ति के समक्ष विशेष रूप से पूजा-अर्चना की गई

सुरेश गांधी

वाराणसी। आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और आज ही के दिन उनका महापरिनिर्वाण भी हुआ था। बौद्ध धर्मावलंबियों के आस्था के केन्द्र भगवान बुद्ध की पावन उपदेश स्थली सारनाथ में भगवान बुद्ध की 2565वीं बुद्ध जयंती समारोह का सार्वजनिक रूप से आयोजन नहीं किया गया। बुद्ध जयंती के मौके पर विश्व के कई देशों से धर्मगुरु, लामा, श्रद्धालु और पर्यटक बोधगया आते थे। अंतरराष्ट्रीय पीस मार्च का भी आयोजन किया जाता था, लेकिन लॉकडाउन

के कारण इस बार यह समारोह नहीं मनाया गया। मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों द्वारा लॉकडाउन के कारण सादगी से पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे प्रार्थना की गई। इससे पहले सदस्यों ने मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की मूर्ति के समक्ष विशेष रूप से पूजा-अर्चना की। परिसर में धीमी सूर में बुद्धं शरण गच्छामि, धम्म शरणं गच्छामि... की गूंज सुनाई दे रही थी।

बौद्ध भिक्षु जिनानन्द ने बताया कि लॉकडाउन के कारण इस बार सार्वजनिक तौर पर बुद्ध जयंती नहीं मनाई जा रही है। कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन का असर पूरे देश में है। यही वजह है कि इस बार धर्म गुरुओं और लामाओं द्वारा सादगी से बौद्ध जयंती मनाई गई। बुद्ध जयंती का बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए विशेष महत्व है क्योंकि आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और आज ही के दिन उनका महापरिनिर्वाण भी हुआ था।

उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध के जीवनकाल की तीनों घटनाएं आज ही के दिन हुई थी। इसलिए इसे त्रिविध जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। आज की तिथि का विशेष महत्व है। आज बुद्ध पूर्णिमा को इसे बुद्ध जयंती के रूप में भी मनाया जाता हैं। हम लोगों ने आज सादगी से पूजा-पाठ किया है। पूरे विश्व में शांति हो और लोगों का कोरोना संक्रमण से बचाव हो, इसके लिए प्रार्थना की गई है। वैदिक ग्रंथों के अनुसार भगवान बुद्ध नारायण के अवतार हैं, उन्होंने 2500 साल पहले धरती पर लोगों को अहिंसा और दया का ज्ञान दिया था। बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में 50 करोड़ से अधिक लोग इस दिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं। इसी वजह से हिन्दुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है।

भगवान बुद्ध ने चार आर्यसत्य बताए हैं जिसके माध्यम से मनुष्य को जीवन जीने की प्रेरणा दी है। दुख है। दुख का कारण है। दुख का निवारण है। दुख निवारण का उपाय है। महात्मा बुद्ध ने 29 वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया और संन्यास ले लिया था। उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए प्रेरित मन को शुद्ध स्थिति में लाना ही बुद्ध है। जाति, धर्म, भाषा और लिंग के आधार पर मनुष्य और मनुष्य के भीतर भेद करने का संदेश भारत का हो सकता है, बुद्ध का हो सकता है, धरती पर इस विचार के लिए जगह नहीं हो सकती।

मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर में शाम साढ़े छह बजे महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया के सयुक्त सचिव भिक्षु सुमित्ता नन्द के नेतृत्व में आधा दर्जन बौद्ध भिक्षु भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप जला कर विश्व शांति के लिए धर्म चक्र प्रवर्तन सूत्र पाठ किया। जो लगभग एक घण्टे तक चला। इस मौके पर भिक्षु मैत्री, भिक्षु चंदिमा मौजूद थे। वहीं दूसरी तरफ धम्म शिक्षण केन्द्र में भिक्षु चंदिमा के नेतृत्व में बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा के सामने दीप जला कर बुद्ध वंदना की गई। इस दौरान भिक्षु महाकश्यप, भिक्षु करूणा, भिक्षु चितबोधि , भिक्षु प्रज्ञा शील शामिल थे।

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