चली गई चांदनी, अलविदा श्रीदेवी...
जिंदगी
भी
कितनी
अजीब
होती
है।
कब
साथ
छोड़कर
चली
जाए,
कुछ
भरोसा
नहीं।
किसने
सोचा
था
कि
दुबई
में
एक
शादी
समारोह
में
शामिल
होने
पहुंची
बॉलीवुड
की
मशहूर
अदाकारा
श्रीदेवी
अब
फिर
कभी
लौटकर
नहीं
आएंगी।
श्रीदेवी
अब
इस
दुनिया
में
नहीं
रहीं।
बॉलीवुड
की
चांदनी
हमेशा
के
लिए
चली
गई।
54 साल
की
उम्र
में
श्रीदेवी
ने
दुनिया
को
अलविदा
कह
दिया।
श्रीदेवी
का
निधन
दुबई
में
हुआ,
जहां
वे
एक
शादी
समारोह
में
शिरकत
करने
पहुंची
थीं।
अब
बस
उनकी
यादें
ही
हमारे
बीच
रह
गई
हैं
सुरेश गांधी
बॉलीवुड की खूबसूरत
अदाकारा श्रीदेवी की खूबसूरती
का हर कोई
दीवाना था। फिल्म
इंडस्ट्री में श्रीदेवी
अपनी ब्यूटी और
फैशन सेंस के
लिए जानी जाती
थीं। भले ही
आज श्रीदेवी ने
दुनिया को अलविदा
कह दिया हो,
लेकिन उनके जैसी
खूबसूरत, बेमिसाल अदाकारा को
हमेशा फैंस याद
रखेंगे। यही वजह
है कि इस
‘चांदनी‘ के जाने
से बॉलीवुड की
अमावस्या हो गई।
फिल्म ‘चांदनी‘ में श्रीदेवी
के रोल को
इतना पसंद किया
गया कि सभी
उन्हें चांदनी नाम से
ही पुकारने लगे
थे। फिल्म का
गाना ‘मेरे हाथों
में नौ-नौ
चूड़ियां हैं...‘ बेहद मशहूर
हुआ। पर्दे पर
श्रीदेवी ने कुछ
यूं ही जी
अपनी जिंदगी की
हर किरदार के
नाम से जानी
जाने लगी। श्रीदेवी
ने 13 साल की
उम्र में तमिल
फिल्म ‘मूंडरू मुदिछु‘ में रजनीकांत
की सौतेली मां
का किरदार निभाया
था, जो कि
हीरोइन के तौर
पर उनकी पहली
फिल्म थी। यही
वो फिल्म थी,
जिसमें पहली बार
श्रीदेवी, कमल हासन
और रजनीकांत ने
एक साथ काम
किया था और
उसे ‘के बालचंदर‘ ने डायरेक्ट किया था।
श्रीदेवी का मानना
था कि अगर
आप अंदर से
खुश हैं तो
आपके चेहरे पर
भी वो खुशी
नजर आती है।
इसलिए वो हमेशा
पॉजिटिव नजर आती
थीं। साथ ही
फैमिली के साथ
वक्त बिताना और
टैनिस खेलना उन्हें
बहुत पसंद था।
300 से ज्यादा फिल्मों में
अभिनय कर श्रीदेवी
हर फिल्म में
द बेस्ट परफॉर्मेंस
देने वाली ऐसी
अदाकारा साबित हुईं, जिसे
लोग भूलकर भी
नहीं भूला पाऐंगे।
श्रीेदेवी की अचानक
मौत से ना
सिर्फ बॉलीवुड बल्कि
पूरा देश सकते
में है। इंडस्ट्री
की इस अदाकारा
के जाने के
साथ मानो हिन्दी
सिनेमा के एक
युग का अंत
हो गया हो।
श्रीदेवी का जन्म
13 अगस्त 1965 को तमिलनाडु
के शिवकासी में
पैदा हुआ था।
फिल्म इंडस्ट्री में
श्रीदेवी का 50 साल लंबा
करियर रहा है।
श्रीदेवी को उनकी
पहली फिल्म बतौर
चाइल्ड आर्टिस्ट थुनविान थीं।
नन्ही श्रीदेवी को
मलयालम मूवी पूमबत्ता
(1971) के लिए केरला
स्टेट फिल्म अवार्ड
से भी सम्मानित
किया गया था।
जबकि फिल्म ‘इंग्लिश
विंग्लिश‘ में बेहतरीन
अभिनय के लिए
भारत सरकार ने
साल 2013 में पद्मश्री
अवार्ड से सम्मानित
किया था। श्रीदेवी
ने अब तक
लगभग 300 फिल्मों में काम
किया हैं। इनमें,
हिंदी, तेलुगू, तमिल और
मलयालम फिल्में शामिल हैं।
उन्होंने फिल्मी करियर की
शुरुआत महज चार
साल की उम्र
में बतौर चाइल्ड
आर्टिस्ट की थी।
13 साल की उम्र
में तमिल फिल्म
‘मूंडरू मुदिछु‘ में रजनीकांत
की सौतेली मां
का किरदार निभाया
था। कम उम्र
में फिल्मी दुनिया
में कदम रखने
की वजह उनकी
पढ़ाई को काफी
नुकसान हुआ। जिसके
वदह से पढ़ाई
को बीच में
छोड़ना पड़ा। एक
साक्षात्कार में श्रीदेवी
ने कहा था,
‘मैं एक अच्छी
छात्रा थीं। मेरे
माता पिता ने
मुझे स्कूल और
फिल्मों से एक
साथ रूबरू करवाया
था। जब हम
बाहर किसी शुटिंग
पर जाते थे,
कोई टीचर हमारे
साथ आता था।
लेकिन एक समय
के बाद हर
बार शूटिंग पर
टीचर का आना
संभव नहीं था।
इसलिए मुझे पढ़ाई
और फिल्मों में
से एक चीज
को चुनना पड़ा।
चार दशकों
तक सिल्वर स्क्रीन
पर चांदनी बिखेरनी
वाली श्रीदेवी ने
हाल ही में
मॉम फिल्म में
अहम रोल निभाया
था। इससे पहले
इंग्लिश विंग्लिश मूवी में
कमबैक कर उन्होंने
पर्दे पर जबरदस्त
वापसी की थी।
श्रीदेवी के साथ
खुदा गवाह, मिस्टर
इंडिया और चांदनी
जैसी बड़ी सुपरहिट
फिल्मों के नाम
भी जुड़े हैं।
यही वजह है
कि वे बॉलीवुड
में अपनी खूबसूरती
और शानदार अदाकारी
के लिए पहचानी
गईं। वह अपने
जमाने की नबंर-1
एक्ट्रेस रह चुकी
हैं। किसी भी
मां के लिए
अपने बच्चों से
बढ़कर कुछ नहीं
होता है और
उनके ट्विटर अकाउंट
से भी यह
बात साफ झलकती
है। उन्होंने टाइमलाइन
पर अपनी बेटी
की डेब्यू फिल्म
धड़क के पहले
पोस्टर को पिन
कर रखा है।
श्रीदेवी अपनी बेटी
की आने वाली
फिल्म को लेकर
बेहद उत्साहित थीं।
जाहिर सी बात
है कि वह
अपनी बेटी को
करियर की उड़ान
भरते देखना चाहती
रही होंगी लेकिन
उनका यह सपना
अधूरा ही रह
गया। चार दशकों
से दर्शकों के
दिलों पर राज
करने वाली श्रीदेवी
ने अपनी अदायगी
से बॉलीवुड में
वो करिश्मा कर
दिखाया जो माधुरी
दीक्षित, रेखा और
हेमा मालिनी जैसी
एक्ट्रेस भी नहीं
कर पाईं। इंग्लिश-विंग्लिश फिल्म से
श्रीदेवी के कमबैक
ने दर्शकों के
साथ साथ क्रिटिक्स
का भी दिल
जीत लिया। इस
फिल्म के बाद
मॉम फिल्म में
एक बार श्रीदेवी
ने इंडस्ट्री में
एक्टिंग के दायरे
को और बड़ा
कर दिया।
रियल लाइफ
में ग्लैमरस दिखने
वाली इस एक्ट्रेस
ने इस फिल्म
में मां की
भूमिका में कमाल
की एक्टिंग की।
अपने जमाने की
टॉप एक्ट्रेस कही
जाने वाली माधुरी
दीक्षित, हेमा मालिनी
और रेखा जैसी
एक्ट्रेस का कमबैक
उनकी पुराने चार्म
को लौटाने में
नाकामयाब रहा। ज्यादातर
अदाकाराएं मां जैसे
साइड रोल में
नजर आईं और
फिल्म के केन्द्रीय
चरित्र के आगे
दब सी गईं।
माधुरी को लीड
रोल मिला लेकिन
बॉक्स ऑफिस पर
वो अपने अभिनय
का जादू दिखाने
में कामयाब नहीं
हुईं। रोमांस, थ्रिलर
हो या कॉमेडी
श्रीदेवी हर जॉनर
में कमाल करती
दिखीं। अपने करियर
के दौरान सदमा
जैसी फिल्म में
श्रीदेवी की परफॉर्मेंस
इंडस्ट्री में उन्हें
बेस्ट करेक्टर एक्टर
की पहचान भी
दिलाती है। लीक
से हटकर फिल्मों
में श्रीदेवी का
कोई तोड़ उस
जमाने में नजर
नहीं आया। यही
वजह थी कि
श्रीदेवी इंडियन फिल्म इंडस्ट्री
की सबसे पहली
फीमेल सुपरस्टार कहलाईं।
श्रीदेवी की दो
बेटियां हैं, जाह्नवी
और खुशी कपूर.
वह अपनी दोनों
बेटियों को बहुत
प्यार करती थीं।
जाह्नवी को बॉलीवुड
में पैर जमाने
में अपनी मम्मी
से काफी मदद
मिली। लेकिन अब
जाह्ववी के हाथों
से अपनी मां
का हाथ सदा
के लिए छूट
गया है। जाहिर
है कि उन्हें
भी हमेशा मलाल
रहेगा कि उनकी
मां उन्हें फिल्मी
पर्दे पर नहीं
देख पाईं। अपनी
लाडली बेटी जाह्ववी
को सिल्वर स्क्रीन
पर देखने की
श्रीदेवी की चाहत
अधूरी ही रह
गई। जाह्नवी फिल्म
‘धड़क‘ से बॉलीवुड
में डेब्यू कर
रही हैं। फिल्म
की शूटिंग भी
शुरू हो चुकी
है। लेकिन दुखद
बात ये है
कि जिस खास
पल का श्रीदेवी
को लंबे समय
से इंतजार था,
वह अपने उनके
बिना ही पूरा
होगा। जाह्ववी के
पहले बॉलीवुड प्रोजेक्ट
को फाइनल करने
में श्रीदेवी का
अहम रोल रहा
था।
धर्मा प्रोडक्शन के
बैनर तले बन
रही फिल्म धड़क
में जाह्ववी के
अपोजिट ईशान खट्टर
हैं। श्रीदेवी बेटी
के बॉलीवुड डेब्यू
को लेकर काफी
गंभीर थीं। वह
चाहती थीं कि
जाह्ववी भी उनकी
ही तरह बॉलीवुड
में शोहरत हासिल
करें। श्रीदेवी को
अक्सर बेटी के
फिल्म के सेट
पर देखा जाता
था। वे बेटी
की डेब्यू फिल्म
की शूटिंग के
पहले दिन सेट
पर पहुंची थीं।
श्रीदेवी जाह्न
वी की हौसलाअफजाई करने पहुंची थीं ताकि वह सूट के पहले दिन नर्वस ना हो। एक्ट्रेस जानती थीं कि किसी भी कलाकार के लिए शूटिंग का पहला दिन बेहद खास होता है। इसलिए वह एक केयरिंग मॉम की तरह बेटी के फिल्मी करियर के पहले दिन उनका साथ देने पहुंची थीं। शुरूआत में जाह्ववी के पहले फिल्म की अनाउंसमेंट में मेकर्स और प्रोड्क्शन हाउस की तरफ से काफी देरी की गई थी। वहीं सैफ अली खान की बेटी सारा के डेब्यू फिल्म की अनाउंसमेंट हो चुकी थीं। ऐसे में श्रीदेवी के मेकर्स और करण जौहर से नाराज होने की बातें भी सामने आई थीं। बता दें, धड़क मराठी फिल्म सैराट की हिन्दी रीमेक है। इसका निर्माण करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन बैनर तले हो रहा है। यह 20 जुलाई 2018 को रिलीज होने वाली है। इसमें ईशान और जाह्नवी की फ्रेश जोड़ी देखने को मिलेगी। इंडस्ट्री में सबकी निगाहें इन दोनों की केमिस्ट्री और फिल्म की रिलीज पर टिकी हुई है।
सोलहवां सावन‘ फिल्म से
बॉलीवुड डेब्यू करने वाली
श्रीदेवी को किसी
फिल्म ने घर
घर में पहचान
दिलाई तो वो
थी फिल्म ‘हिम्मतवाला‘। इस फिल्म
के बाद तो
जैसे श्रीदेवी का
स्टारडम दिनों दिन बढ़ता
गया। इस फिल्म
के बाद श्रीदेवी
के नाम से
ही फिल्में हिट
होने लगी थीं।
1985 में श्रीदेवी ने नागिन
रोल के लिए
बेहिसाब तारीफें बटोरी। फिल्म
से भी ज्यादा
श्रीदेवी का वो
डांस ‘मैं तेरी
दुश्मन, दुश्मन तू मेरा...‘
लोकप्रिय हुआ जो
उन्होंने अमरीश पुरी की
बीन पर किया
था। इस गाने
में श्रीदेवी के
डांस और एक्सप्रेशन
की फैंस आज
भी तारीफें करते
नहीं थकते हैं।
1986 में फिरोज खान की
जानबाज फिल्म में श्रीदेवी
ने उनकी प्रेमिका
का रोल निभाया
था। श्रीदेवी को
स्टारडम दिलाने में इस
फिल्म का भी
काफी बड़ा योगदान
है। इसके साथ
ही फिल्म का
गाना ‘हर किसी
को नहीं मिलता‘ में श्रीदेवी ने नारंगी
रंग की साड़ी
में जो डांस
किया आज भी
उसे दर्शक देखते
नहीं थकते हैं।
1987 में श्रीदेवी को स्टार
बनाने वाली फिल्मों
में एक नाम
साल 1987 में रिलीज
हुई फिल्म ‘मिस्टर
इंडिया‘ का भी
है। फिल्म का
गाना ‘काटे नहीं
कटते‘ ने फिल्म
से भी ज्यादा
तारीफें बटोरीं। 1989 में श्रीदेवी
की फिल्म ‘चालबाज‘ में उन्होंने डबल रोल
कर सभी के
दिल पर फिर
से एक बार
कब्जा कर लिया
था। दिलीप कुमार
और हेमा मालिनी
के बाद फैंस
ने श्रीदेवी को
अंजू और मंजू
के डबल रोल
में काफी पसंद
किया। साल 2012 में
श्रीदेवी ने फिल्म
‘इंग्लिश विंग्लिश‘ के साथ
एक बार फिर
से बॉलीवुड में
कमबैक किया। इस
फिल्म में एक
बार फिर से
श्रीदेवी ने साबित
कर दिया कि
फिल्म इंडस्ट्री में
उनकी जगह कोई
नहीं ले सकता
है।
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