Friday, 3 May 2019

केन्द्रीय विद्यालय का 54वां वार्षिकोत्सव में बच्चों ने जगाई देशभक्ति की अलख


केन्द्रीय विद्यालय का 54वां वार्षिकोत्सव में बच्चों ने जगाई देशभक्ति की अलख
छात्र-छात्राओं की रंगारंग प्रस्तुतियों ने समां बांधा
प्राचार्य दिवाकर सिंह समेत विभिन्न स्पर्द्धाओं के विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया
सुरेश गांधी 
                                                                    वाराणसी। पूरी दुनिया में धूम मचा चुकी देशभक्ति फिल्मबार्डरका मशहूर गानाहो हो हो...संदेशे आते हैं, हमें तड़पाते हैं, तो चिट्ठी आती है, वो पूछे जाती है, के घर कब आओगे, के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे, के तुम बिन ये घर सूना सूना है...’, ‘कंधो से मिलते हैं कंधे कदमों से कदम मिलते हैं हम चलते हैं जब ऐसे तो दिल दुश्मन के हिलते हैं...’, ‘मेरे दुश्मन, मेरे भाई, मेरे हमसाये...’, ‘ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा, ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा...’ की धून पर जब नन्हें-मुन्ने बच्चों ने जीवंत एकांकी की प्रस्तुति दी तो दीर्घा में बैठे हर शख्स की आंखे डबडबा गयी।
मौका था बीएचयू के स्वतन्त्रता भवन में शुक्रवार को केन्द्रीय विद्यालय का 54वां वार्षिकोत्सव का। खास बात यह रही कि नन्हें-मुन्नों ने सारी प्रस्तुतियां सप्तरंगी डिजिटल लाइट सांग के बीच बिल्कुल फिल्मों के सधे अंदाज में दी, जिसे देख सिर्फ दर्शकों की आंखे खुली की खुली रह गयी बल्कि उनके कला कौशल से वह मंत्रमुग्ध होकर रह गए थे। रंग - बिरंगे परिधानों से सजे संवरे नन्हें-मुन्नों ने भिन्न - भिन्न मुद्राओं में डांडिया डांस, झिझिया लोक नृत्य, योग, कत्थक कव्वाली आदि की अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत किया, जिसकी खूब सराहना की गयी।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि बीएचयू के रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला, विद्यालय प्रबंध समिति के नामित अध्यक्ष प्रो टीआर मानखंड एवं प्राचार्य दीवाकर सिंह ने दीप प्रज्जवलन एवं वाग्देवी और महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर किया। दर्शकों से भरा खचाखच दर्शक दीर्घा में स्कूल के बच्चों ने कार्यक्रम की शुरुवात अतिथियों का स्वागत सरस्वती वंदना एवं कुलगीत से की। फिर जब कार्यक्रम का सिलसिला शुरु हुई तो कब दो घंटे बीत गए पता ही नहीं चला।
इसके बाद मानवीय एवं नैतिक मूल्यों को आत्मसात करने की प्रेरणा देता हिन्दी नाटकनकलचीके माध्यम से हास्य व्यंग की भी प्रस्तृति, जो दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। जबकि अंग्रेजी नाटक ने लोगों में एक नई रोशनी जगाई। नाटक में जाह्नवी रौतेला, शिवांगी पाण्डेय, कृष्ण कांत सिंह, अनुष्का, दिव्यांशु, प्रशांत, रीशिता सपना ने अभिनय किया।
बच्चों द्वरा प्रस्तृतबालश्रमपर आधारित एकांकी को भी खूब सराहा गया। एक्शन सांग  बाल गीतहम नन्हें मुन्ने बच्चे है...‘ ‘मम्मी भी आना, पापा भी आनाकी प्रभावशाली प्रस्तुतियों ने सिर्फ खूब तालियां बटोरी बल्कि उन्होंने पश्चिम की आधुनिक संस्कृति के सरस पहलुओं को मोहकता के साथ उजागर किया। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत डांडिया नृत्य पर जहां दर्शकों ने भरपूर मनोरंजन किया, वहीं यूपी की अवधि झिझिया लोकनृत्यलाली रे लाली रे..., की प्रस्तुति को खूब सराहा गया। साथ ही छात्राओं ने संदेश दिया कि अब बेटियां कमजोर नहीं रहीं। वे हर एक मुश्किल का सामना कर सकती हैं। यह भी कि परिवार की सकारात्मक सोच से आत्मविश्वास बढ़ता है। इस दौरान अभिभावक भी अपने बच्चों का उत्साह बढ़ा रहे थे।
अंत में बच्चों ने देशभक्ति कव्वालीबहे खून मेरा चमन के लिए, मेरी जान जाएं वतन के लिएगाकर राष्ट्रवाद एवं इंसानियत का संदेश दिया। इस अवसर पर विभिन्न स्पर्द्धाओं के विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्राचार्य दिवाकर सिंह को कुशल प्रबंधन एवं 12वीं का परिणाम बच्चों द्वारा शत-प्रतिशत लाने पर पुरस्कृत किया गया। विद्यार्थियों के ओजस्वी प्रदर्शन को देखकर अतिथियों ने टीचर्स, कर्मियों एवं अभिभावकों के सम्मिलित प्रयास की सराहना की।
मुख्य अतिथि बीएचयू के रेक्टर प्रो. वीके शुक्ला ने कहा कि प्रत्येक छात्र-छात्राओं में प्रतिभा होती है, जिसमें विद्यालय में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों से उनकी प्रतिभा में और अधिक निखार आता है। बौद्धिक विकास होता है। एक आदर्श नागरिक बनने की प्रेरणा मिलती है। इस प्रकार के आयोजनों से हमारी नई पीढ़ी में अच्छे संस्कारों का निर्माण होता है। छात्र भविष्य के कर्णधार हैं।
डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन से प्रेरणा लेने की नसीहत दी। कहा कि प्रतिभा को निखारने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। इच्छा शक्ति के सामने परिस्थितियां अभाव गौण हो जाते हैं। उन्होंने शिक्षकों को छात्र-छात्राओं के मन में आत्मविश्वास का संचार करने की सलाह दी। स्वागत प्रधानाचार्यडॉ. दिवाकर सिंह, संचालन श्रेया अमावी ने किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के नामित अध्यक्ष प्रो. टीआर मानखंड, सम्मानित अतिथि केंद्रीय विद्यालय संगठन की सहायक उपायुक्त मीनाक्षी जैन के साथ विद्यार्थी और उनके अभिभावक उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।


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