Wednesday, 8 May 2019

अधिवक्ता कल्याण निधि राशि डेढ़ लाख से होगी पांच लाख


अधिवक्ता कल्याण निधि राशि डेढ़ लाख से होगी पांच लाख
60 की जगह 70 साल होगी आयु सीमा
युवा अधिवक्ताओं को दी जाने वाली मानदेय राशि भी बढाई जायेगी
अब अधिवक्ता समाज को भी नसीब हो सकेगी छत
बनारस जल्द ही बनेगा विश्वस्तरीय पर्यटक का दर्जा
इन सभी योजनाओं को भाजपा पूरा करने का प्रयास करेगी: योगी
सुरेश गांधी
वाराणसी। भाजपा के फायर ब्रांड स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि अधिवक्ता समाज की रीढ़ हैं। अधिवक्ता समाज बगैर किसी अपेक्षा के कम से कम राशि में दबे कुचले कमजोर लोगों को न्याय दिलाने का भरपूर प्रयास करता है। ऐसे समाज के विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार संकल्पित है। भाजपा का प्रयास है होगा कि जिन पात्र अधिवक्ताओं को अभी तक रहने की व्यवस्था नहीं है, उन्हें आवास की व्यवस्था हो। इसके अलावा कल्याण निधि राशि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख तक किया जाना है। श्री योगी बुधवार को मकबूल आलम रोड़ सांस्कृतिक संकुल में प्रबुद्धजनों के सम्मिलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच सालों में बनारस को विश्वस्तरीय पर्यटक का दर्जा प्राप्त हो जायेगा। बनारस विश्व में ग्लोबल सीटी बनकर उभरेंगी।
चुनावी व्यस्तता में दो घंटे देर से पहुंचे योगी ने कहा कि बड़ी संख्या में अधिवक्ता ग्रामीण इलाकों से आते है। उनके रहने की व्यवस्था होने से वे किराये के मकान में रहते है। सरकार की मंशा है कि प्रधानमंत्री आवासी योजना के तहत पात्र अधिवक्ताओं को भी आवासीय सुविधा मुहैया कराई जाय। इन सभी योजनाओं से सरकार पर तकरीबन पांच से छह सौ करोड़ का अतिरिक्त खर्च आयेगा, सरकार इस खर्च को बहन करने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अधिवक्ता समाज के लिए प्रदेश सरकार काम कर रही है। इसमें कल्याण निधि की राशि डेढ़ लाख से पांच लाख कर दी गई है, जिसकी आयु सीमा 60 से 70 वर्ष कर दी गई है। गोरखपुर लखनऊ की तरह अन्य मुख्यालयों तथा ग्रामीण स्तर पर अधिवक्ताओं के लिए कचहरी में उनकी शेड की जगह मल्टीबिलिं्डग बनाने की योजना है। युवा अधिवक्ताओं को तीन साल तक मिलने वाला पांच हजार मानदेय को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अधिवक्ता स्वतंत्रता का आंदोलन हो या फिर सामाजिक आंदोलन हो वह सब में आगे रहता है। अधिवक्ता समाज का सोशल इंजीनियर होता है। सामाजिक रूप से सबको साथ लेकर चलने का दायित्व अधिवक्ता पर ही होता है। समाज के सबसे बौद्धिक वर्ग के रूप में वकीलों की पहचान है। समाज का सबसे भरोसे मंद व्यवसाय वकीलों का ही होता है। अधिवक्ता विपरित परिस्थितियों स्थान पर बैठक कर काम करता है। इस दौरान सीएम ने वाराणसी की विकास योजनाओं को भी विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रबुद्धजनों से कहा है कि छठें सातवें चरण का चुनाव अब शेष है। आप सभी पूरे देश में पांच साल में हुए कार्यों को चार बिंदुओं में विस्तार से बताएं। पहला देश का वैश्विक स्तर पर सम्मान बढ़ा। दूसरा आंतरिक बाह्य सुरक्षा के मोर्चे पर बेहतर काम किया गया, जिसका परिणाम सबने देखा है। तीसरा देश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास कार्यों के लिए आजादी के बाद पहली बार 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया। चैथा, पांच साल में लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर तबके को मिला। इसमें देश भर में डेढ़ करोड़ गरीबों को आवास, चार करोड़ को मुफ्त में बिजली कनेक्शन, सात करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला योजना का लाभ, 9.50 करोड़ को शौचालय, 12.50 करोड़ को किसान सम्मान निधि, 15 करोड़ युवाओं को मुद्रा स्टार्टअप के तहत आर्थिक सहायता, 37 करोड़ का जनधन योजना के तहत खाता खुला और 50 करोड़ गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये का निःशुल्क स्वास्थ्य का लाभ दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के प्रबुद्धजनों की कतार में पहले नंबर पर अधिवक्ता आता है। जब आम आदमी न्याय के लिए हर जगह से हार जाता है तो वह अधिवक्ता के पास जाता है। एक वादकारी अपने खून के रिश्ते से कहीं ज्यादा अधिवक्ता पर विश्वास करता है। कहा कि आजादी के आंदोलन से लेकर आजादी के बाद लोकतंत्र की रक्षा के लिए अधिवक्ता समाज आगे रहा है। आजादी के लिए इंग्लैंड से बैरिस्टर की डिग्री लेकर आने वाले लोगों ने संघर्ष किया। इस मौके पर राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, विधायक रवींद्र जायसवाल, पूर्व बार काउंसिल सदस्य अरुण कुमार त्रिपाठी, सेंट्रल बार के अध्यक्ष शिवपूजन सिंह गौतम, महामंत्री बृजेश मिश्रा, बनारस बार के अध्यक्ष राजेश मिश्रा, कमिश्नरी बार के अध्यक्ष मदन श्रीवास्तव, महामंत्री जगत नारायण मिश्रा, सेल्स टैक्स बार के अध्यक्ष आनंद मौर्या, महामंत्री विनय कांत मिश्रा, मुरलीधर समेत अन्य अधिवक्तागण मौजूद रहे।

No comments:

Post a Comment