Saturday, 8 June 2019

अलीगढ़ में मासूम नहीं कानून की हत्या!


अलीगढ़ में मासूम नहीं कानून की हत्या!
अलीगढ़ की मासूम बच्ची के साथ हुई अमानवीय और जघन्य घटना ने हिलाकर रख दिया है। बच्ची के माता-पिता पर क्या गुजर रही है ये सोचकर दिल दहल जाता है। अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। इस भयानक अपराध के लिए हरहाल में सजा मिलनी चाहिए। लेकिन बड़ा सवाल तो यही है क्या यूपी पुलिस हत्यारों को सजा दिला पायेगी? क्योंकि उसकी लापरवाही उजागर होने के बाद मामले की लीपापोती में जुट गई है। पहले मामले की रपट दर्ज करने में आनाकानी की, अब उसके पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए जा रहे है। पीएम रिपोर्ट को आधार मानकर पुलिस बलात्कार की घटना से इनकार कर रही है, जबकि आवाम पीएम रिपोर्ट तैयार करने वाली डॉ. उज़मा खानम को ही कटघरे में ला दिया है। किसी मासूम के साथ कोई इतनी हैवानियत कैसे कर सकता है?
सुरेश गांधी
फिरहाल, अलीगढ़ में मासूम बच्ची को हैवानों ने जिस तरह तड़पा-तड़पा कर मारा उससे पूरे देश में कोहराम मचा है। लोग सवाल कर रहे है कि क्या कोई 5000 के लिए मासूम की इतनी दरिंदगी से मार डालेगा? वो भी कर्ज पिता ने ली है और बदला ढाई साल की बच्ची से? खास बात यह है कि पिता की तहरीर के बाद भी पुलिस मासूम को खोजना तो दूर गुमशुदगी की रिपोर्ट तक नहीं लिखी। इस बीच दरिंदे उसे अपनी हबस का शिकार बनाते रहे, बच्ची चीख चीख कर दम तोड़ती रही और पुलिस मामले में पर्दा डालने में ही व्यस्त रही। अब इसे कानून की हत्या नहीं तो और क्या कहेंगे? ये अपने आप में बड़ा सवाल है। इसका जवाब पूरा देश जानना चाहता है। क्योंकि अगर सोशल मीडिया एक्टिव ना हुई होती पुलिस मामले को रफा दफा कर चुकी थी। इससे भी बड़ा सवाल तो यह है कि छोटी छोटी बात पर खासकर कठुआ से लेकर दिल्ली तक आसिफा जैसे मासूम की हत्या बलातकार पर मोमबत्ती गैंग, एवार्ड वापसी गैंग एवं तथाकथित बुद्धजीवी पूरी धरती सिंर पर उठा लेते है लेकिन ट्विंकल की बेरहमी से की हत्या पर उनकी चुप्पी समाज में दोगलेपन की चरित्रता को उजागर कर रहा है।
लोग जानना चाहते है कि ट्विकंल की हत्या पर इतना सियासी सन्नाटा क्यों है? क्या अलीगढ़ के ट्विंकल को इंसाफ मिल पायेगा? क्योंकि झूठ के सहारे मामले की रफु करने में जुटी पुलिस से न्याय की कोई उम्मींद नहीं है। ये ऐसी दरिंदगी है कि वाकया सुनकर ही लोगों की रूह कांप जा रही है। आखिर क्या वजह है कि कठुआ से शिमला, और अब अलीगढ़ तक नहीं रुक रही बच्चियों से दरिंदगी? बच्ची के साथ दरिंदगी की इंतहा की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद रोंगटें खड़े हो जाते हैं। एक हाथ शरीर से अलग कर दिया। मासूम को दरिंदों ने इस कदर मारा कि उसकी नेजल ब्रिज (नाक माथे को जोड़ने वाली हड्डी) और एक पैर में फ्रेक्चर तक हो गया, जिसके चलते बच्ची की मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि बच्ची की किडनी और यूरिनली ब्लेडर नहीं मिला। मासूम की मौत शॉक यानी सदमे से बताई गई है। सीएमओ डॉ. एमएल अग्रवाल ने बताया कि बच्ची का शरीर इस लायक ही नहीं बचा था कि बलात्कार जैसे अपराध की जांच की जा सके। यही वजह है कि मासूम के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। क्योंकि शव बुरी तरह से सड़ चुका था। इसके चलते स्लाइड बनाकर प्रयोगशाला भेज दी गई है।
दरिंदगी और हत्या का मामले में यूपी की पुलिस सवालों के घेरे में है। 30 मई को अलीगढ़ के टप्पल में ये बच्ची अपने घर से लापता हो गई थी। 2 जून को पुलिस को टप्पल में ही एक कूड़े के ढेर में इस बच्ची का शव मिला। परिवार वालों की तरफ से लगातार दबाव के बावजूद आरोप है कि पुलिस मामले में टाल मटोल करती रही। सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। मामले ने हिंदू मुसलमान का रंग ले लिया। लोग पूछने लगे कि क्या बच्चियों का भी धर्म देख कर इस देश में कानून और बुद्धिजीवी अपनी चुप्पी तोड़ते हैं? तब जा कर पुलिस की नींद टूटी। बड़े अधिकारी कूदे, पोक्सो जैसे गंभीर कानून के तहत कार्रवाई करने की बात कही जाने लगी। पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए। इस मामले में पुलिस दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। मो असलम पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। वह 2014 में अपनी रिश्तेदार बच्ची के साथ यौन शोषण 376 के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद 2017 में उस पर दिल्ली के गोकलपुरी में छेड़छाड़ और अपहरण का मामला दर्ज है। जहां तक पीएम रिपोर्ट का सवाल है उसमें खामियां ही खामिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची के शरीर मे छोटी बड़ी आंत मिली ही नहीं। बच्ची के शरीर मे किडनी, यूरिनरी ब्लैडर, जेनिटल्स, आंखें थी ही नहीं। बच्ची के हाथ पैर उसकी हत्या से पूर्व काटे गए है। पीएम रिपोर्ट खुद बता रही है कि हत्या कितना विभत्स है।
बता दें अलीगढ़ में ढाई साल की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार के बाद हत्या और पुलिस की लापरवाही के कारण लोगों में भारी गुस्सा है। माना कि लापरवाही उजागर होने के बाद पुलिस अफसरों ने अपनी दामन बचाने के लिए थाना ईंचार्ज को निलंबित कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी मोहम्मद जाहिद और मोहम्मद असलम को गिरफ्तार किया है। साथ ही मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। लेकिन थानों से वसूली करने वाले पुलिस अधिकारियों को कब तक बचाते रहेंगे पुलिस हुक्मरान। आरोप है कि जब पीड़ित माता-पिता अपनी बच्ची की तलाश मे भटक रहे थे तब पुलिस कप्तान अपनी पार्टी करने में व्यस्त थे। और जब मामला सोशल मीडिया में उछला तो दो लोगों को पकड़कर जेल भेज दिया। लेकिन मासूम बच्ची के साथ हुई अमानवीय और जघन्य घटना ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। 
बच्ची के साथ हुई घटना बहुत ही डरावनी, शर्मिंदा करने वाली और शब्दों से परे दुखद है। आरोपी को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए। इस जघन्य अपराध के लिए कोई अन्य सजा नहीं है। क्योंकि बच्ची की हत्या कर उसके शरीर को विकृत कर दिया गया है। यह बुराई, अमानवीय और बर्बरता का नमूना है। स्थानीय पुलिस कानून व्यवस्था पर नियंत्रण स्थापित करने में पूरी तरह फेल नजर आई। बच्ची की गुमशुदगी के बाद पुलिस ने जिस तरह से मामले को हल्के में लिया और उसको ढूंढने की पर्याप्त कोशिश नहीं की। वह हरकत कहीं कहीं अपहरण करने वालों के हौसले बढ़ाने वाली साबित होती है। इसी वजह से गुमशुदगी के पांच दिन बाद बच्ची की डेडबॉडी मिली।
हो जो भी सच तो यही है कि इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर दिया। एक ढाई साल की बच्ची की निर्मम हत्या कर दी गई और उसका शव कई दिन बाद कूड़े के ढेर से बरामद हुआ है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब अपराधियों ने इस तरह की किसी घटना को अंजाम दिया हो। इससे पहले भी नाबालिग बच्चियों के साथ ऐसे कई हादसे हो चुके हैं। नाबालिग बच्चियों के साथ कुकर्म के मामलों में कठुआ उन्नाव, सूरत और मणिपुर रेप केस चर्चित उदाहरण हैं। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग सिर्फ समाज के लिए कलंक हैं बल्कि इस घिनौने काम के लिए अब वो सबसे ज्यादा छोटी बच्चियों को अपना शिकार बना रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के रासाना गांव में 8 साल की नाबालिक बच्ची आसिफा को बंधक बनाकर उसे नशे की दवाएं खिलाकर उसके साथ कई दिनों तक गैंगरेप करने के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। यह बच्ची 10 जनवरी को घर से लापता हुई थी जो बाद में रासाना के जंगलों में 17 जनवरी 2018 को मिली। 
इंसानियत को शर्मसार करने वाली लखनऊ की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इसमें वाकये में खुद एक पिता ने अपनी बेटी को अपने दोस्तों को उपहार में देकर बाद में लखनऊ से लगभग 70 किमी दूर सीतापुर जिले में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। छत्तीसगढ़ में साल 2018 में 10 साल की एक बच्ची के साथ 25 साल के एक युवक ने दुष्कर्म किया था। यह बच्ची यहां एक शादी में शामिल होने आई थी। युवक ने मौका पाते ही लड़की के साथ रेप करने के बाद उसका चेहरा बिगाड़ने के लिए उसके सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। असम के नागांव जिले में 21 साल के एक युवक ने 11 वर्षिया लड़की के साथ रेप करके उसे जिंदा जला दिया था। यह हादसा 23 मार्च 2018 को गुवाहाटी से 150 किलोमीटर दूर लालुंग गांव में हुआ था। पीड़िता के माता-पिता की मानें तो जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय लड़की घर में अकेली थी और वो अपने खेतों में काम कर रहे थे। ग्रामीणों के उन्हें फोन करने पर उन्होंने देखा कि उनकी बेटी उऩके सामने लगभग पूरी तरह से जल चुकी थी।
इस मासूम बच्ची के साथ जो हैवानियत हुई, वो इंसानियत को शर्मसार करने वाली है। उसको बिस्किट देने के लालच में बुलाया गया था और उसकी हत्या कर दी गई। हत्यारों ने मासूम की आंखें निकाल ली और उसके शरीर में तेजाब डालकर तीन दिन तक बोरे में भरकर घर में रखा। इतना ही नहीं, बाद में मासूम की लाश को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया, ताकि कुत्ते उसके शरीर को नोचकर खा जाएं। इस हत्या का आरोप मोहम्मद जाहिद और मोहम्मद असलम पर है। इनको गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बूढ़ा गांव में रहने वाली यह मासूम बच्ची 31 मई को अपने घर से लापता हो गई थी। जब खोजबीन करने के बाद बच्ची का कुछ पता नहीं चला, तो परिवार वालों ने बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने गए, पुलिस उन्हें भगा दिया। 
इस घटना का खुलासा वारदात के 5 दिन बीत जाने के बाद तब चला, जब एक कूड़े के ढेर के पास से बच्ची की लाश मिली। कूड़े के ढेर में कुत्ते बच्ची की लाश को नोंच रहे थे और उसमें से बदबू रही थी। कूड़े से बच्ची की लाश मिलने के बाद आशंका जताई जा रही थी कि मासूम के साथ रेप हुआ है, लेकिन बाद में अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरी ने बयान दिया कि बच्ची की मौत गला दबाने की वजह से हुई है। पोस्टमॉर्टम में खुलासा हुआ है कि बच्ची के साथ रेप नहीं हुआ था। पुलिस इस हत्याकांड को पूरी तरह से आपसी रंजिश का बता रही है। पैसों के लेन-देन को लेकर बच्ची की गला घोटकर हत्या की गई है। मामले में आरोपी जाहिद और असलम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। 
पुलिस के मुताबिक बच्ची के पिता और आरोपियों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर झगड़ा था। बच्ची के पिता ने 40 हजार रुपये आरोपियों से उधार लिए थे। जिसमें से वो 35 हजार रुपये लौटा चुके थे। बचे 5 हजार रुपये को लेकर उनके बीच झगड़ा था। मासूम बच्ची की जघन्य हत्या के बाद उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। इस बीच इस पूरे मामले पर बच्ची की मां का बयान आया है। मासूम बच्ची की मां ने पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई हैं। उन्होंने कहा कि मैं मोदी सरकार और योगी सरकार से मांग करती हूं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। बच्ची की मां ने कहा कि हम दोषियों के लिए फांसी की मांग करते हैं। अगर वे 7 साल की कैद के बाद रिहा हो जाएंगे तो ये उन्हें प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा कि अगर दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है तो उससे उनका हौसला बढ़ेगा।

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