कुख्यात बदजुबानी आजम की कब खत्म होगी सदस्यता?
कभी भारत
माता को डायन,
तो कभी सपा
सुप्रीमों मुलायम सिंह को
हिजड़ा, तो कभी
सिनेस्टार जयप्रदा, तो कभी
शहीद जवानों पर
अमर्यादित टिप्पणी कर सुर्खियों
में रहने वाले
आजम खान की
बदजुबानी एक बार
फिर चर्चा में
है। इस बार
तो आजम देश
की सबसे बड़ी
पंचायत में महिला
स्पीकर सांसद रमा देवी
पर अमर्यादित टिप्पणी
की है, जिसे
आज तक के
संसदीय इतिहास में कभी
कहा नहीं गया।
या यूं कहे
भारतीय संस्कृति के इतिहास
में पहली बार
आजम ने किसी
महिला सांसद पर
अभद्र टिप्पणी की
है। हालांकि आजम
खान अपनी बदजुबानी
के लिए हमेशा
से कुख्यात रहे
है, लेकिन इस
बार हद कर
दी है। जिसके
लिए उन्हें माफ
नहीं किया जा
सकता है। ऐसे
में बड़ा सवाल
तो यही क्या
आजम खां की
बदजुबानी के लिए
उनकी संसद सदस्यता
खत्म होगी? क्या आजम खान के
खिलाफ महिला दुर्व्यहार
के आरोप में
रपट दर्ज कर
जेल में डाला
जायेगा? क्योकि जब उनके
खिलाफ कोई टिप्पणी
करता है तो तत्काल उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर
जेल में डाल
दिया जाता है।
जबकि वो व्यक्ति
पूरी तरह निर्दोष
होता है
सुरेश गांधी
फिरहाल, आजम खान
जब जब सार्वजनिक
से लेकर प्रतिष्ठित
जगहों पर अपनी
जुबान खोली है,
जहर ही उगला
है। या यूं
कहे आजम खान
का विवादों से
पुराना नाता रहा
है। आए दिन
आजम किसी ना
किसी बयान को
लेकर सुर्खियों में
रहते हैं। मुस्लिमों
के नाम पर
सियासत कर उन्हीं
की जमीन हड़पक कर भूमाफिया बने
आजम खान अपने
कामों के लिए
कम विवादित बयान
खासकर महिलाओं के
खिलाफ अभद्र टिप्पणी
करने को लेकर
ज्यादा चर्चा में रहते
है। उनके अमर्यादित
बयानो को देखते
हुए यही कहा
जा सकता है
कि उनकी मानसिक
स्थिति खराब है।
उन्हें अब सबक
सिखाना ही होगा।
उन्हें बताना होगा कि
अगर भारत में
रहना है तो
महिलाओं का सम्मान
करना ही होगा।
इसके लिए जरुरी
है कि उनकी
संसद सदस्यता तत्काल
खत्म हो। आजम
खां को बर्खास्त
कर उनके खिलाफ
महिला दुराचार के
तहत मुकदमा दर्ज
कर जेल के
सलाखों में डाला
जाय। क्योंकि कोई
भी सांसद ऐसी
टिप्पणी सदन से
बाहर करता तो
पुलिस अब-तक
कार्रवाई कर चुकी
होती। देखा जाए
तो आजम खान
ने कभी महिलाओं
की इज्जत ही नहीं
की। उन्होंने जयाप्रदा
की नेकर का
रंग बताया तो
वे फूट फूट
कर रोई। लेकिन
आजम का कुछ
नहीं हुआ। उनको
लोकसभा में रहने
का कोई हक
नहीं है। इस
घटना से न
सिर्फ सदन बल्कि
पूरा देश शर्मसार
हुआ है। आज
रामपुर की जनता
भी शर्म महसूस
कर रही होगी कि उन्होंने कैसे
सदस्य को चुन
लिया है।
2014 में प्रधानमंत्री
बनने के बाद
से ही नरेंद्र
मोदी पर आज़म
खान ने कई
बार विवादित बयान
दिए हैं। कुत्ते
के बड़े भाई
है नरेन्द्र मोदी।
2016 में नोटबंदी के बाद
आज़म खान ने
पीएम के बारे
में कहा था
कि मां को
पैसे के लिए
लाइन में लगाने
वाले बेटे को
चुल्लू भर पानी
में डूब मरना
चाहिए। इसके अलावा
आज़म ने एक
बार कहा था-देश का
बादशाह यानी पीएम
झूठा है, इसलिए
देश में आपदाएं
आ रही हैं।
आज़म ने पीएम
के बारे में
यह भी कहा-चाय बनाने
वाले ने दो
साल में अस्सी
करोड़ के कपड़े
बदले। आजम खान अपने ही पार्टी के सपा सुप्रीमो
मुलायम सिंह यादव को हिजड़ा जैसे अमर्यादित
शब्दों से नवाज
चुके हैं। साल
2009 में जब अमर
सिंह की वजह
से उन्हें पार्टी
से बाहर का
रास्ता दिखा दिया
गया था तब
उन्होंने मुलायम की ओर
इशारा करते हुए
कहा था-उनकी मर्दानगी
सिर्फ रामपुर शहर
तक ही सीमित
है, स्वार में
कुछ नहीं करा
सकते हिजड़े साबित
हुए। यही नहीं
आज़म ने एक
बार भारत माता
डायन जैसे विवादित
बयान दिया था।
बॉलीवुड स्टार की फिल्म
रईस हुई थी
तो तब आज़म
खान ने कहा
था कि हम
तो गरीब लोग
हैं रईस फिल्म
देखने के कैसे
जाएंगे? अप्रैल 2017 में सुकमा
नक्सली हमले में
शहीद जवानों के
खिलाफ टिप्पणी करते
हुए कहा, ’हथियार बंद औरतों ने
कश्मीर, झारखंड, असम में
फौजियों को मारा,
वे बॉडी से
उनके प्राइवेट पार्टस
काट लग गए।
उनके जिस्म के
जिस हिस्से से
उन्हें शिकायत थी वे
उसे अपने साथ
ले गए।
अपने बेतुके
बयान को लेकर
आजम खान एक
बार फिर चर्चा
में है। बता
दें, तीन तलाक
बिल पर लोकसभा
में चर्चा चल
रही थी कि
तभी आजम खान
अपनी बदजुबानी कर
बीजेपी की सांसद
रमा देवी के
लिए आपत्तिजनक टिप्पणी
कर डाली। जिससे
सड़क से संसद
तक होहल्ला मचा
है। गौरतलब है
कि आजम खान
ने चर्चा के
दौरान सदन की
अध्यक्षता कर रहीं
रमा देवी के
लिए कहा कि
’आप मुझे इतनी
अच्छी लगती हैं
कि मेरा मन
करता है कि
आप की आंखों
में आंखों डाले
रहूं।’ इसके बाद
सदन में हंगामा
हो गया और
सांसदों ने आजम
खान से इसके
लिए माफी की
मांग की। हंगामे
के बाद रमा
देवी ने कई
बार आजम खान
को अपनी अभद्र
टिप्पणी के लिए
माफी मांगने को
कहा लेकिन आजम
खान ने माफी
नहीं मांगी, उल्टे
सदन से चले
गए। हद तो
तब हो गयी
जब समाजवादी पार्टी
के अध्यक्ष अखिलेश
यादव ने अमर्यादित
शब्द का इस्तेमाल
करके मामले को
और तूल दे
दिया। सदन में
सपा अध्यक्ष अखिलेश
यादव ने कहा
कि आजम खान
के शब्द या
भावना में कुछ
गलत नहीं है।
आसन के बारे
में कोई गलत
बात नहीं की
गई है। अखिलेश
ने सत्तापक्ष के
लोगों की आलोचना
करते हुए कहा
कि यह किसी
को सदन में
बोलने नहीं दे
रहे हैं। आपको
बता दें कि
रमा देवी बिहार
के शिवहर से
भारतीय जनता पार्टी
की सांसद हैं।
दरअसल, लोकसभा स्पीकर ओम
बिड़ला हैं लेकिन
जब स्पीकर चेयर
पर नहीं होते
हैं तो चुने
हुए पैनल के
सदस्य बारी-बारी
से चेयर पर
बैठते हैं।
आजम खान
के बयान से
उनका चरित्र दिखता
है कि वे
कितना घटिया एवं
ओझी मानसिकता के
है। आज़म खान
द्वारा दिया गया
शर्मनाक बयान उनके
चरित्र का प्रतिबिंब
है। महिलाओं के
प्रति उनकी अभद
टिप्पणी को लेकर
लोगों में कितना
आक्रोश है इसका
अंदाजा इसी से
लगाया जा सकता
है देश की
महिलाएं चाहे वो
मायावती हो या
राबड़ी देवी या
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी
से लेकर साध्वी
निरंजना ज्योति और फिल्म
जगत की महिलाएं
आजम के खिलाफ
मोर्चा खोल रखा
है। उनके बयानों
की कड़े शब्दों
में निंदा की
है। इन महिलाओं
ने साफ शब्दों
में कहा है
पूरे देश भर
में कोई नेता
हो उन्हें महिला
पर टिका-टिप्पणी
नहीं करनी चाहिए।
राष्ट्रीय महिला आयोग की
अध्यक्षा रेखा शर्मा
ने पीठासीन सभापति
और बीजेपी सांसद
रमा देवी पर
की गई “आपत्तिजनक’ टिप्पणी के लिए
निंदा करते हुए
आजम को अयोग्य
सांसद घोषित किए
जाने की मांग
की है। उन्होंने
ट्विटर पर लिखा
कि वह आजम
की अपमानजनक और
यौन विभेदकारी टिप्पणी
की निंदा करती
हैं। उन्हें संसद
के लिए अयोग्य
घोषित किया जाना
चाहिये।“ पूर्व स्पीकर सुमित्रा
महाजन बोलीं- आजम
खान ने समूचे
सदन का अनादर
किया। ’ऐसे बयान
किसी बहन के
लिए नहीं दिए
जाते। उन्हें माफी
मांगनी चाहिए। इस बारे
में उनकी पार्टी
को सोचना चाहिए।
टीएमसी सांसद सुप्रीया कल्याण
बनर्जी ने कहा
कि महिला का
सम्मान सभी को
करना चाहिए। उन्होंने
कहा कि जो
हुआ वह अच्छा
नहीं है, इससे
महिलाओं के सम्मान
को ठेस पहुंची
है। एनसीपी की
सुप्रिया सुले ने
आजम के बयान
की निंदा करते
हुए कहा कि
ऐसी भाषा किसी
भी कीमत पर
स्वीकार नहीं होनी
चाहिए, क्योंकि आने वाली
पीढ़िया इसका पालन
करेंगे, उन्होंने कहा कि
किसी को भी
सदन में किसी
महिला के बारे
में ऐसी टिप्पणी
का हक नहीं
है।
खास बात
यह है कि
आजम खान बदजुबान
ही नहीं बल्कि
भू-माफिया भी
घोषित हो चुका
है। आजम खान
से संबंधित जौहर
यूनिवर्सिटी मामले में राज्यपाल
राम नाईक ने
भी कड़ी कार्रवाई
के आदेश नगर
विकास मंत्री को
दी है। आरोप
है कि रामपुर
नगर पालिका ने
4 करोड़ की दो
सफाई मशीने जौहर
यूनिवर्सिटी में सफाई
के लिए लगा
रखी हैं। साथ
ही 2 करोड़ की
लागत से ट्यूबवेल
और दो पानी
के ओवर हेड
टैंक भी नगर
पालिका ने अपने
क्षेत्र से बाहर
जाकर जौहर यूनिवर्सिटी
में बनाएं हैं।
इसके अलावा 50 से
ज्यादा सफाई कर्मचारी
भी गैरकानूनी तरीके
से जौहर यूनिवर्सिटी
में सफाई के
लिए लगाए गए
हैं। 1000 दुकानों वाला बापू
मॉल और पक्षी
विहार कस्तूरबा गांधी
पार्क भी रामपुर
नगर पालिका जौहर
ट्रस्ट को एलॉट
करने की तैयारी
में है। इसके
पहले एसडीएम नेयूनिवर्सिटी
के अंदर जा
रहे सार्वजनिक मार्ग
से अनाधिकृत कब्जा
हटाने को कहा
था। इसके अलावा
आजम खान को
क्षतिपूर्ति के रूप
में 3 करोड़ 27 लाख
60 हजार व कब्जा
मुक्त होने तक
9,10,000 प्रति माह की
दर से 15 दिन
के अंदर वादी
लोक निर्माण विभाग
को देने का
आदेश दिया है।
फिरहाल, आजम खान
के खिलाफ अब
तक दर्ज हुए
15 मुकदमें और उन्हें
भूमाफिया घोषित किया जाना
इस बात का
संकेत है कि
सपाई गुंडे, माफियाओं
के खिलाफ कार्रवाई
शुरु हो चुकी
है। हो जो
भी हकीकत तो
यही है कि
आजम खान ने
जौहर यूनिवर्सिटी के
नाम पर करोड़ों
अरबों की किसानों
की जमीन अवैध
तरीके से न
सिर्फ हड़प रखी
है बल्कि उन्हें
प्रताड़ित भी किया
है। खास बात
यह है कि
उस दौरान जिस
किसी ने भी
किसानों के लिए
आवाज उठाई उन्हें
सत्ता के गुंडों
द्वारा कुचल दिया
गया। ये गुंडा
कोई और नहीं
बल्कि आजम खां
के करीबी रिटायर्ड
पुलिस अधिकारी आले
हसन ही थे,
जिन्होंने किसानों की जमीन
अवैध तरीके से
हड़पने में उनकी
मदद की। उस
वक्त जो किसान
जमीन नहीं देता
आजम खान के
इशारे पर उस
किसान पर झूठा
मुकदमा दर्ज करवा
देता था। लेकिन
अब आजम खान
पर कुल 62 आपराधिक
मुकदमे दर्ज हो
चुके हैं। दरअसल,
रामपुर में आजम
खान द्वारा निर्मित
जौहर यूनिवर्सिटी के
लिए किसानों की
जमीन हथियाने के
दर्जनभर मुकदमे उनके खिलाफ
किसानों ने दर्ज
कराए हैं। प्रशासन
ने कोसी नदी
क्षेत्र की 5 हेक्टेयर
सरकारी जमीन कब्जाने
और सरकारी कार्य
में बाधा डालने
का मुकदमा भी
दर्ज कराया किया
है। साथ ही
उनका नाम एंटी
भू-माफिया पोर्टल
पर डाल दिया
गया है। लगभग
26 किसानों की जमीन
पर कब्जा करने
का आरोप आजम
खान पर है,
जिसके बाद प्रशासन
द्वारा यह कार्रवाई
की गई है।
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