मोदी की काशी मे जश्न,
सड़कों पर लहराया तिरंगा
सुरेश गांधी
वाराणसी। गृह
मंत्री अमित
शाह द्वारा
प्रस्तावित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल
राज्यसभा व
लोकसभा दोनों
सदनों में
पास हो
गया है।
के
पक्ष में
370 और विपक्ष
में 70 वोट
पड़े। जबकि
बीते दिन
वोटिंग के
बाद उच्च
सदन से
इस बिल
को मंजूरी
मिल गई
थी। जिसके
पक्ष में
125 और विपक्ष
में 61 वोट
पड़े थे।
लोकसभा में
जम्मू कश्मीर
में विशेष
अधिकार देने
वाला धारा
370 को खत्म
करने का
संकल्प भी
पारित हुआ।
साथ ही
जम्मू कश्मीर
आरक्षण विधेयक
को लोकसभा
में वापस
ले लिया
गया। इसकी
खबर लगते
ही प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी
कासंसदीय क्षेत्र
काशी जश्न
में डूब
गया। लोगों
ने ना
सिर्फ सड़कों
पर जमकर
आतिशबाजी की
बल्कि शान
से तिरंगा
भी फहराया।
लोगों को
देशभक्ति गीतों
पर झूमते
देखा गया।
लोगों ने
कहा कि
नरेंद्र मोदी
सरकार ने
ऐतिहासिक फ़ैसला
लिया है।
पंडित नेहरु
ने जो
फ़ैसला लिया
था वो
सही नहीं
था। एक
संविधान और
एक निशान
के बाद
ही वहां
का विकास
मुमकिन है।
जम्मू कश्मीर
से अनुच्छेद
370 व 35ए
खत्म होने
विधायक रवीन्द्र
जायसवाल के
नेतृत्व में
रवीन्द्रपुरी कालोनी स्थित सांसद कार्यालय
पर जश्न
मनाया गया।
इसके बाद
जुलूस निकाला
गया। जुलूस
में लोगा
प्रधानमंत्री व गृहमंत्री जिन्दाबाद के
नारे लगा
रहे थे।
जुलूस बाबा
काशी विश्वनाथ
मंदिर में
पहुंचकर मोदी
सरकार के
सफलता के
लिए दर्शन
और भंजन
कार्यक्रम किया। जुलूस का नेतृत्य
आयुश जायसवाल
कर रहे
थे। विधायक
रवीन्द्र जायसवाल
ने कहा
कि धारा
370 आजादी के बाद सबसे बड़ी
गलती थी
और आज
प्राश्यचित की घड़ी आई है।
उन्होंने कहा
कि विधाता
को यही
मंजूर था
कि जब
नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री बने और अमित शाह
गृह मंत्री
बने तब
इसे हटाया
जाए। अगर
नेहरू ने
अलग भूमिका
निभाई होती
तो आज
इतिसाह कुछ
होता। उन्होंने
गृह मंत्री
सरदार पटेल
को जम्मू
कश्मीर के
केस में
दखल देने
दी होती
तो कुछ
और नतीजे
होते। पटेल
ने ही
जूनागढ़ और
हैदराबाद को
डील किया
था लेकिन
नेहरू मानते
थे वह
जम्मू कश्मीर
को सरदार
से ज्यादा
जानते हैं
इसलिए उन्हें
अलग रखा
गया। नेहरू
ने सामूहित
जिम्मेदारी नहीं निभाई और सरदार
पटेल को
गृह मंत्री
रहते हुए
भी जम्मू
कश्मीर के
मामले से
उन्हें अलग
कर दिया।
नेहरू अगर
जम्मू कश्मीर
के विषय
में दखल
न देते
तो ये
ना पखेड़ा
होता और
न ये
बिल लाना
पड़ता। भारत
की सेनाएं
मीरपुर तक
पहुंच चुकी
थी तो
मंत्रिमंडल के बगैर बताए उन्होंने
सीजफायर का
ऐलान कर
दिया, नहीं
तो पीओके
भी भारत
का हिस्सा
होता।
व्यापार मंडल,
पान्डेपुर के मनीष गुप्ता के
नेतृत्व में
विजय जुलूस
निकाला गया।
इस दौरान
मोदी योगी
व अमित
शाह जिन्दाबाद
के नारे
लगे। मनीष
गुप्ता ने
कहा कि
घाटी से
370 हटाने के फैसले का भारत
सरकार का
अभिनन्दन करते
है। राष्ट्र
के सभी
व्यापारी इसका
स्वागत करते
है। यह
अभूतपूर्व घटना है, इसको सिर्फ
राजनैतिक दृष्टि
से न
देख कर
व्यापारिक दृष्टि से भी अवलोकन
करने की
जरुरत है।
दलगत राजनितिक
से ऊपर
उठकर नए
कश्मीर में
हर किसी
को व्यापारिक
गतिविधियां बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इसलिए धारा
370 का हटना
न केवल
राजनैतिक दृष्टि
से बल्कि
व्यापारिक दृष्टि से भी बहुत
महत्वपूर्ण है। कश्मीर प्राकृतिक संसाधनों
से परिपूर्ण
एक राज्य
है जिसमे
असीमित व्यापारिक
संभावनाए मौजूद
है। अभी
तक गैर
कश्मीरी व्यापारी
ही कश्मीर
से व्यापार
कर पा
रहे थे।
कश्मीर का
कालीन, जड़ी
बूटी एवं
आयुर्वेदिक औषधियाँ, दूध डेरी व्यवसाय,
खाद्य प्रसंस्करण,
पर्यटन और
न जाने
कितने व्यापारिक
सम्भावना खुली
है धारा
370 हटने के
पश्चात।
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