प्रदर्शनी में काशी के उद्यमियों ने किया उत्पादों का प्रदर्शन
बने हैंडीकै्रफ्ट, मुहल्ला, बुनकरों का हो अगल ड्रेस : रवीन्द्र जायसवाल
बनारसी हस्तकला की करनी होगी ब्राडिंग : कमीश्नर दीपक अग्रवाल
उद्यम समागम व ओडीओपी प्रदर्शनी में लगी विभिन्न उत्पादों की स्टॉल
सुरेश गांधी
वाराणसी।
शहर के दीन
दयाल उपाध्याय, हस्तकला
संकुल भवन, बड़ालालपुर
में बुधवार को
उद्यम समागम और
ओडीओपी प्रदर्शनी का आयोजन
किया गया। कार्यक्रम
का आयोजन सुक्ष्म,
लघु एवं मध्यम
मंत्रालय, भारत सरकार
एवं एमएसएमई विकास
संस्थान तथा जिला
उद्योग एवं उद्यम
प्रोत्साहन केन्द्र वाराणसी के
संयुक्त तत्वावधान में किया
गया। प्रदर्शनी का
उद्घाटन प्रदेश के स्टांप
शुल्क निबंधन एवं
पंजीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र
जायसवाल, मंडल आयुक्त
दीपक अग्रवाल, वाराणसी
मंडल के संयुक्त
आयुक्त उद्योग उमेश सिंह,
एमएसएमई प्रभारी उपनिदेशक वीके
वर्मा, उपायुक्त उद्योग अशोक
कुमार, पद्यमश्री डा रजनीकांत,
जिला अग्रणी बैंक
प्रबंधक मिथिलेश कुमार द्वारा
दीप प्रज्जवलित कर
किया गया।
इसके बाद
श्री जायसवाल को
पुष्प भेंटकर एवं
अंगवस्त्रम पहनाकर स्वागत स्वागत
किया गया। इस
दौरान श्री जायसवाल
को स्मृति चिन्ह
भी भेंट किया
गया। प्रदर्शनी में
कुल 100 स्टाल लगाएं गए
थे। इसके बाद
विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर
एवं उत्कृष्ट उत्पादन
करने वाले उद्यमी
अमरेश कुशवाहा, अजय
कुमार सिंह, गोदावरी
सिंह, प्रत्यक्ष अग्रवाल,
अभिलाशा पोद्दार, रोहित सिंह,
विद्याभूषण, अरविन्द कुमार जायसवाल
आदि को सम्मानित
किया गया। इसके
बाद उद्योग विभाग
द्वारा संचालित विभिन्न ऋण
योजनाओं के लाभार्थियों
को ऋण वितरण
प्रमाण पत्र भी
वितरीत किया गया।
वहां मौजूद
उद्यमियों को संबोधित
करते हुए मुख्य
अतिथि रवीन्द्र जायसवाल
ने कहा लोगों
को जागरूक करने
के उद्देश्य से
आयोजित इस कार्यक्रम
से निश्चित रूप
से स्वरोजगार तथा
रोजगार को बढ़ावा
मिलेगा। उन्होंने कहा कि
वाराणसी में बहुत
उद्योग हैं, जिसके
बारे में मैंने
सिर्फ सुना था,
परंतु आज इस
कार्यक्रम के माध्यम
से वाराणसी में
निर्मित किए जाने
वाले उत्पादों को
देखने का सौभाग्य
प्राप्त हुआ है।
उन्होंने जिले में
बनने वाले उत्पादों
जैसे साड़ी, ताम्रकला,
कांस्यकला, मेटल हैंडीक्राफ्ट,
मूंगा-मोती, नमकीन,
आयुर्वेदिक दवाइयां, कारपेट तथा
अन्य निर्मित की
जाने वाली वस्तुओं
की प्रशंसा की।
कहा, बनारसी साड़ी
की पहचान देश-विदेश में है।
उन्होंने सरकार की योजना
एवं उद्योगों का
बढ़ावा देने के
उद्देश्य से आयोजित
की गई प्रदर्शनी
के लिए बधाई
दी। उन्होंने कहा
कि हमारी सरकार
का मुख्य उद्देश्य
है गरीबी मिटाने
का है, जिसके
लिए केंद्र और
राज्य सरकार द्वारा
निरंतर प्रयास किए जा
रहे हैं।
श्री रवींद्र
जायसवाल ने
कहा कि
उद्यमियों के रोजगार करने का
दूसरा रूप
राष्ट्रसेवा है। उद्यमियों, व्यापारियों से
ही सरकार
अधिकांश राजस्व
अर्जित कर
रही है,
जिससे हम
विकास की
दौड़ में
रफ्तार भर
पा रहे
हैं। बनारसी
साड़ी और
खिलौने बचपन
की याद
ताजा कर
देते हैं।
शादी-विवाह
में बेटी-बहू के
लिए बस
बनारसी साड़ी
ही चाहिए
होती है।
श्री जायसवाल
ने शिक्षा
के महत्व
पर जोर
देते हुए
कहा कि
पढ़ाई रोजगार
सृजन के
लिए करें।
युवा उद्योगों
के जरिए
ऐसा माहौल
बनाएं कि
उन्हें नौकरी
मांगनी ना
पड़े बल्कि
खुद रोजगार
स्थापित कर
लोगों को
नौकरी दें।
श्री जायसवाल
ने कहा
कि बनारसी
साड़ी हो
या अन्य
हैंडीक्राफट यहां के घर-घर
में है।
ऐसे में
हैंडीक्राफट मोहल्ला बनाने और कारीगरों
को अलग
से ड्रेस
निर्धारित करने की जरुरत है।
जिससे शहर
में आने
वाले पर्यटकों
का रुझान
इस तरफ
बढ़े।
मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल
ने कहा कि
युवा शक्ति को
यदि हम पूरी
तरह से सकारात्मक
दिशा में मोड़
दें तो समाज
व देश-प्रदेश
विकास की ओर
अधिक बढ़ जायेगा।
देश व प्रदेश
की जन कल्याणकारी
सरकार हर युवाओं
को हर हाथ
को कार्य मिले
इसके लिए प्रचुर
मात्रा में उद्योगों
को बढ़वा देकर
रोजगार देने की
दशा में कार्य
कर रही है।
सरकार व प्रशासन
पूरी तरह से
उद्यम-उद्यामियों के
प्रोत्साहन हेतु पूरी
तरह से दृढ़
संकल्पित है।
सरकार बेरोजगारी से रोजगार को बढ़ाने के लिए उद्यम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जो लोग उद्यम लगाना चाहते है वे लोग उद्योग विभाग, एलडीएम लीड बैंक से सम्पर्क कर लोन आदि प्राप्त कर उद्यम लगाकर बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं।श्री अग्रवाल ने पर्यटक और हस्तशिल्प को एक साथ जोड़ने की बात कहते हुए कहा, बनारस में 11 जीआई उत्पाद है, यह गर्व की बात है। इनकी लगातार ब्रांडिंग करने की जरुरत है। उन्होंने हस्तशिल्प को विश्व स्तर पर स्थापित करने पर बल देते हुए कहा इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार बेरोजगारी से रोजगार को बढ़ाने के लिए उद्यम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। जो लोग उद्यम लगाना चाहते है वे लोग उद्योग विभाग, एलडीएम लीड बैंक से सम्पर्क कर लोन आदि प्राप्त कर उद्यम लगाकर बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं।श्री अग्रवाल ने पर्यटक और हस्तशिल्प को एक साथ जोड़ने की बात कहते हुए कहा, बनारस में 11 जीआई उत्पाद है, यह गर्व की बात है। इनकी लगातार ब्रांडिंग करने की जरुरत है। उन्होंने हस्तशिल्प को विश्व स्तर पर स्थापित करने पर बल देते हुए कहा इससे रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
संयुक्त आयुक्त उद्योग
उमेश सिंह ने
कहा कि भारत
सरकार तथा प्रदेश
सरकार द्वारा कौशल
विकास मिशन योजना
के अंतर्गत लोगों
को निशुल्क प्रशिक्षण
देकर रोजगार मुहैया
कराया जा रहा
है। एमएसएमई विकास
संस्थान द्वारा उद्योगों को
बढ़ावा देने के
उद्देश्य से जनपद
स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन
किया जा रहा
है। उन्होंने कहा
कि यदि कोई
उद्यमी अपने उत्पादों
को उच्च स्तर
तक ले जाना
चाहता है तो
उद्योग विभाग की ओर
से राष्ट्रीय और
अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भेजा
जाता है।
प्रदर्शनी में उद्योग
विभाग, खादी ग्रामोद्योग
बोर्ड, जल संरक्षण,
डीएलडब्ल्यू, वाणिज्यकर, कौशल विकास
तथा अन्य उद्यमियों
द्वारा अपने अपने
स्टॉल लगाए गए
है। सूक्ष्म लघु
एवं माध्यम विकास
से जुड़े कार्यो
को विस्तार से
बताते हुए श्री
उमेश सिंह ने
कहा कि सूक्षम
उद्योग, लघू उद्योग,
मध्यम उद्योग आदि
के माध्यम से
औद्योगिककरण कर विकास
को गति प्रदान
कर सकते है।
निर्यात प्रोत्साहन, एकलमेज व्यवस्था,
उद्यमिता विकास प्रशिक्षण, मुख्यमंत्री
युवा स्वरोजगार योजना,
हस्तशिल्प विकास योजना, एक
जनपद एक उत्पाद,
हेल्प डेस्क योजना,
विश्वकर्मा श्रम सम्मान
योजना आदि की
विशेष जानकारी दी
गई। अंत में
श्री जायसवाल ने
प्रदर्शनी में लगी
स्टॉलों का भ्रमण
किया और उत्पादों
के बारे में
विस्तृत जानकारी ली। इस
मौके पर बड़ी
संख्या में विभिन्न
उद्योगों के प्रभारी
व कारीगर भी
उपस्थित थे।
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