मोदी की सौगात से काशी लिखेगा विकास की इबारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर अपने संसदीय क्षेत्र में तकरीबन 1254 करोड़ की सौगात दी है। इसमें 977.10 करोड़ की 34 परियोजनाओं के अलावा काशी- महाकाल एक्सप्रेस की शुरुवात व बीएचयू में नवनिर्मित 430 शैय्या वाले सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल, 74 शैय्या युक्त मनोरोग अस्पताल और पीपीपी माडल पर जिला महिला चिकित्सालय में 100 शैय्यायुक्त मैटरनिटी विंग शामिल है। माना जा रहा है ये योजनाएं काशी को चिकित्सा हब के रूप में विकसित करेगा। इन योजनाओं से पूर्वांचल, पड़ोस के सात राज्यों समेत नेपाल के करीब 20 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें 16 सड़कें, विद्युत सबस्टेशन आस-पास के जिलों को भी लाभांवित करेंगे
सुरेश गांधी
फिरहाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी ने अपने
दो टर्म के
कार्यकाल में अब
तक 25वीं बार
काशी पहुंवे है।
वे तकरीबन 45 हजार
करोड़ से भी
अधिक की विकास
योजनाओं से काशी
को जिस तरह
संवारा है, वह
काबिलेतारीफ तो है
ही, दुसरे जनप्रतिनिधि
के लिए नसीहत
भी है। 16 फरवरी
काशी के लिए
एक बार फिर
वरदान साबित हुआ
है। मोदी ने
एक झटके में
काशीवासियों को 34 परियोजनाओं का
शिलान्यास व लोकार्पण
कर 1254 करोड़ की
सौगात दी है।
एक तरह से
जहां उन्होंने अपनी
कथनी-करनी में
अंतर नहीं होने
का प्रमाण दिया
वहीं इन परियोजनाओं
के जरिए बता
दिया कि काशी
के कायाकल्प और
बनारस के बदलाव
का सिलसिला रुकने
वाला नहीं है।
वैसे भी मोदी
के हाथों लोकार्पित
1100 करोड़ की लगात
से बना महामना
पंडित मदन मोहन
मालवीय कैंसर सेंटर 140 करोड़
लागत वाली होमी
भाभा कैंसर अस्पताल
न केवल पूर्वी
यूपी बल्कि बिहार,
मध्य प्रदेश, झारखंड,
पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ एवं
नेपाल के लोगों
को नया जीवनदान
दे रहा है।
अब इन पांच
राज्यों के लोगों
को अब कैंसर
के उपचार के
लिए नई दिल्ली,
मुंबई और बंगलूरू
नहीं जाना पड़ता।
मरीजों पर खर्च
होने वाली भारी
भरकम राशि की
बचत के साथ-साथ समय
भी बच रहा
है।
कहा जा
सकता है काशी
अपनी सांस्कृतिक पहचान
वापस पाकर विकास
की नई गाथा
लिख रही है।
नई सड़कें, नए
अस्पताल, नई ट्रेनों
व बढ़ती उड़ान
सेवाओं से पूरे
देश से जुड़
कर पौराणिक नगरी
काशी विश्व पटल
पर अपनी नई
पहचान गढ़ रही
है। सीएम योगी
ने कहा कि
भीष्म प्रतिज्ञा’ और ’एकलव्य
साधना’ के समेकित-आधुनिक प्रतिमान, प्रधानमंत्री
जी के प्रगतिशील
नेतृत्व में मानव
सभ्यता की प्राचीनतम
नगरी काशी, अपने
पौराणिक वैभव की
पुनः प्राप्ति हेतु
विकास के सुपथ
पर अग्रसर है।
यह ’आदि’ को ’आधुनिकता’ का प्रणाम है। आज
एक बार मोदी
ने बीएचयू में
नवनिर्मित 430 शैय्या वाले सुपर
स्पेशिलिटी अस्पताल का लोकापर्ण
किया। इसके निर्माण
पर कुल 183.73 करोड़
खर्च हुए हैं।
रेडियोलॉजी, न्यूरोशल्य चिकित्सा, गैस्ट्रो,
किडनी, प्लास्टिक सर्जरी व
हृदय रोग में
सुपर स्पेशिलिटी सेवाएं
आदि क्षेत्र में
जटिल रोगों को
इलाज प्रदान करेगा।
बीएचयू में नवनिर्मित
74 शैय्यायुक्त मनोरोग अस्पताल के
निर्माण पर कुल
1800 लाख रुपये खर्च हुआ
है। उच्च स्तर
की मनोचिकित्सा सुविधा
कम लागत में
उपलब्ध होगी। इलाज के
साथ शोध की
भी सुविधा मिलेगी।
इससे बीएचयू को
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान
संस्थान के समकक्ष
बनाने में सहयोग
मिलेगा। महामना पं. मदनमोहन
मालवीय कैंसर सेंटर, बीएचयू
के अंतर्गत आवासीय
भवनों का निर्माण
(लागत -5814 लाख) हुआ
है। कैंसर अस्पताल
में कार्यरत सैकड़ों
डॉक्टर व कर्मचारियों
को होगा लाभ।
बीएचयू में वैदिक
विज्ञान केंद्र का निर्माण
(लागत-1129.21लाख) हुआ
है। इस केंद्र
का उद्देश्य इस
परम्परा का संरक्षण,
व्यवस्थित शिक्षण, अनुसंधान तथा
प्रकाशन द्वारा संवर्धन, प्रचार
एवं प्रसार करना
है। सिंचाई हेतु
लक्षित नलकूप के 35 फीडरों
का निर्माण 11706 लाख
रुपये में हुआ
है। पं. दीनदयाल
उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
अंतर्गत लाइट एवं
पंखे के संयोजनों
को पुराने फीडर
से अलग कर
कृषि कार्य के
लिए नए 35 फीडरों
का निर्माण किया
गया है। इस
कार्य से 447 ग्रामों
के लगभग 3894 किसान
लाभान्वित होंगे। 220 केवी उपकेंद्र
राजातालाब का निर्माण
(लागत-12050 लाख)।
ग्रामीण क्षेत्रों को अनवरत
गुणवत्तायुक्त विद्युत आपूर्ति के
लिए हुई है।
औराई (भदोही) तहसील
से संबंधित क्षेत्र
को भी विद्युत
आपूर्ति होगी। जिला महिला
चिकित्सालय, कबीरचौरा में 100 शैय्यायुक्त
मैटरनिटी विंग का
निर्माण (लागत-1999.79 लाख) हुआ
है। पीपीपी माडल
पर आधुनिक सुविधा
मिलेगी। श्री शिवप्रसाद
गुप्त मंडलीय चिकित्सालय
का उच्चीकरण कार्य
( लागत -855.48 लाख )।
इससे स्थानीय निवासियों
को स्वास्थ्य संबंधि
सुविधा बेहतर होगी। स्मार्ट
सिटी मिशन अंतर्गत
मंदाकिनी कुंड का
जीर्णोद्धार (लागत 680 लाख)।
विरासत और प्राकृतिक
विशेषता को महत्व
प्राप्त होगा। स्वस्थ जीवन
शैली व मनोरंजन
को मिलेगा बढ़ावा।
डेवलपमेंट एंड कंस्ट्रक्शन
ऑफ कान्हा उपवन
(गौशाला) कुल 1245 लाख खर्च
तय है। बेसहारा
मवेशियों को आश्रय
मिलेगा। चारा, कर्मचारी, आवास
की सुविधा होगी।
श्री काशी विश्वनाथ
मंदिर में अन्नक्षेत्र
का निर्माण (लागत-1310.07
लाख) हुआ है।
भीड़ का नियंत्रण
कर प्रसाद वितरण
और भोजन की
सुविधा मिलेगी। पुलिस लाइन
वाराणसी में 200 व्यक्तियों की
क्षमता का बहुमंजिला
बैरक का निर्माण
हुआ है। इस
पर कुल 702. 56 लाख
खर्च हुआ है।
सुरक्षा कर्मियों को हर
प्रकार की सुविधा।
राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान
कपसेठी, राजातालाब का निर्माण।
खर्च 689. 95 लाख रुपये।
वाराणसी और भदोही
के छात्रों को
मिलेगा अवसर। चौकाघाट लहरतारा
मार्ग पर फोर
लेन उपरगामी सेतु
का निर्माण। खर्च
हुआ 17149.88 लाख रुपये।
प्रतिदिन इस रूट
पर आने वाले
करीब दो लाख
लोगों को जाम
से प्रतिदिन राहत
मिलेगी। लालपुर चट्टी से
भिखमपुर होते हुए
तक्खु की बौली
तक मार्ग पर
कुल 864 लाख खर्च।
करीब दो दर्जन
गांवों के लोगों
का रास्ता होगा
निष्कंटक। जक्खिनी त्रिमहानी शहंशाहपुर
बेलवां का निर्माण
लागत कुल 484.80 लाख रुपये।
छित्तुपुर टिकरी आइआइटी मार्ग
से डाफी बाईपास
से टिकरी होते
हुये नुआंव बाईपास
तक (लागत -796 . 79 लाख)। क्षेत्र
को सरकारी आइटीआइ
की सुविधा। क्षेत्रीय
जनविश्लेषक प्रयोगशाला , शिवपुर, वाराणसी के
सुदृढ़ीकरण का कार्य
(लागत 492.68 लाख)।
खाद्य पदार्थ तथा
ड्रग के नमूने
बाजार से एकत्रित
कर जांच की
सुविधा।
खासकर, डीरेका में
डीजल से विद्युत
में परिवर्तित देश
के पहले ट्विन
रेल इंजन का
मोदी द्वारा राष्ट्र
को समर्पित करना
गर्व की बात
है। 10 हजार अश्वशक्ति
की क्षमता वाले
इस कनवर्जन रेल
इंजन (डब्ल्यूएजीसी3) देश
का ही नहीं
बल्कि दुनिया पहला
डीजल से विद्युत
में परिवर्तित इंजन
है। इस इंजन
का देश में
निर्माण होना भी
मेक इन इंडिया
योजना और डिजिटल
इंडिया को नए
आयाम पर ले
जाता है। बीएचयू
में सुपर कम्प्यूटर
परम शिवाय और
सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर का
शुभारंभ आधुनिक विज्ञान के
क्षेत्र में बड़ा
कदम है। विश्वनाथ
मंदिर कॉरिडोर, संत
रविदास की जन्मस्थली
का विस्तारीकरण, सारनाथ
से लेकर मगहर
तक पवित्र स्थानों
को संरक्षित करने
के प्रयास सराहनीय
है। शोध के
क्षेत्र में आईआईटी
बीएचयू में निर्मित
833 टेराफ्लॉप क्षमता का पहला
सुपर कंप्यूटर एक
नया कीर्तिमान स्थापित
किया है। डिजिटल
इंडिया और मेक
इन इंडिया को
बढ़ावा देने के
उद्देश्य से राष्ट्रीय
सुपर कंप्यूटिंग मशीन(एनएसएम) के तहत
यह सुविधा को
आईआईटी बीएचयू में शुरू
की गई है।
शायद यही वजह
भी रहा कि
मोदी ने बताने
में जरा भी
संकोच नहीं किया
कि साढ़े चार
साल में वह
काशी को नए
भारत की नई
ऊर्जा का केंद्र
बनाने के प्रयास
में काफी हद
तक सफल हुए
हैं।
महादेव की यह
पवित्र नगरी अब
तकनीक के क्षेत्र
में देश और
दुनिया का मार्गदर्शन
करेगी। साथ ही
किसानों, नौजवानों, गरीबों और
महिलाओें के सम्मान
की योजनाओं की
चर्चा कर मोदी
ने सभी वर्ग
के लोगों से
भावनात्मक संबंधों को मजबूती
प्रदान करने का
प्रयास किया। साफ लहजों
में मोदी ने
कहा कहा कि
केंद्र सरकार देश के
विकास को दो
पटरियों पर आगे
लेकर बढ़ा रही
है। एक पटरी
ढांचागत विकास और आधुनिक
सुविधाओं का विस्तार
करने की है।
दूसरी पटरी गांव,
गरीब, किसानों और
माता-बहनों का
सम्मान को संरक्षित
करने की है।
बीएचयू में एम्स
जैसी सुविधाएं और
आयुष्मान भारत योजना
में अब तक
उत्तर प्रदेश में
38 हजार मरीजों के इलाज
का आंकड़ा भी
मोदी ने दिया।
देखा जाय तो
मोदी का अपने
संसदीय क्षेत्र में 2014 से
2020 में अब तक
बतौर सांसद विकास
कार्यों के बूते
बनारस को बदलने
का संकल्प पूरा
किया ही है
वहीं प्रधानमंत्री के
तौर पर काशी
से उन्होंने कई
ऐसे अभियान और
योजनाओं को आगे
बढ़ाया, जो देश-दुनिया में मिसाल
बन गए। काशी
की आध्यात्मिकता, रचनात्मकता
और सांस्कृतिक विरासत
को नजदीक से
महसूस कर उसे
और समृद्ध करने
के लिए प्रधानमंत्री
ने वह सब
किया, जिसकी काशीवासी
कल्पना भी नहीं
करते थे।
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