दबाव के बावजूद नहीं हटेगा नागरिकता कानून : पीएम मोदी
आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता
सुरेश गांधी
वाराणसी।
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी
दौरे पर पहुंचे
पीएम नरेंद्र मोदी
ने नागरिकता संशोधन
कानून पर बड़ा
बयान दिया है।
पीएम मोदी ने
कहा कि सरकार
का फैसला अडिग
है। यह कानून
खत्म नहीं होगा।
देश के विभिन्न
हिस्सों में सीएए
के खिलाफ जारी
अनिश्चितकालीन प्रदर्शनों के मद्देनजर
प्रधानमंत्री का यह
बयान बहुत महत्वपूर्ण
है। प्रधानमंत्री चंदौली
में एक जनसभा
को संबोधित कर
रहे थे। यहां
पर उन्होंने दीनदयाल
उपाध्याय की 63 फीट ऊंची
प्रतिमा का अनावरण
किया।
पीएम ने
कहा कि अब
वो दौर नहीं
है जो पहले
वोटबैंक खातिर फैसले पीछे
छोड़ दिए जाते
थे। महादेव के
आशीर्वाद से देश
आज वो फैसले
ले रहा है
जो देशहित में
है। उन्होंने कहा
कि भारत वर्षों
से धारा 370 को
रद्द करने और
सीएए को लागू
करने जैसे फैसलों
का इंतजार कर
रहा था। पीएम
मोदी ने कहा
कि अनुच्छेद 370 का
फैसला हो या
फिर सीएए दोनों
देशहित में जरूरी
थे। हम अपने
फैसले के साथ
खड़े हैं और
रहेंगे। पीएम ने
कहा कि वे
देश के लोगों
को ये विश्वास
दिलाते हैं कि
देश के लिए
काम निरंतर जारी
रहेगा। नरेंद्र मोदी ने
कहा कि आजादी
के बाद लंबे
कालखंड तक समाज
के आखिरी पायदान
पर खड़े व्यक्ति
की समस्याओं को
बरकरार रखा गया
क्योंकि उस समय
की सरकारों को
इन समस्याओं को
सुलझाने में रूचि
नहीं थी। इनको
उलझाने में उनके
राजनीतिक हित सिद्ध
होते थे। लेकिन
अब स्थितियां बदल
रही है, देश
बदल रहा है।
जो अबतक आखिरी
पायदान पर रहा
है, उसे अब
सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा
रही है। पीएम
ने कहा कि
आयुष्मान योजना के तहत
90 लाख गरीब मरीजों
को मुफ्त इलाज
का लाभ मिला
है।
मोदी ने
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के
विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय
के अन्त्योदय के
सिद्धांत को अपनी
सरकार के इरादों
से जोड़ते हुए
कहा कि दीनदयाल
जिस तरह अन्त्योदय
की बात करते
थे, वैसे ही
देश के छोटे
शहरों का उदय
देश के विकास
को नयी ऊंचाइयों
पर ले जाएगा।
उन्होंने कहा कि
देश की विकास
परियोजनाओं का विशेष
लाभ इन छोटे
शहरों और उनमें
रहने वाले लोगों
को ही हुआ
है. अभी हाल
में जो बजट
आया है, उसमें
सरकार ने घोषणा
की है कि
मूलभूत ढांचे के निर्माण
पर 100 लाख करोड़
रुपये से ज्यादा
धनराशि खर्च की
जाएगी. इसका बहुत
बड़ा हिस्सा देश
के छोटे-छोटे
शहरों के खाते
में ही जाने
वाला है। सरकार
की ‘मेक इन
इंडिया’ और ‘मुद्रा’ समेत विभिन्न योजनाओं का
जिक्र करते हुए
उन्होंने कहा कि
दीनदयाल कहते थे
कि आत्मनिर्भरता और
स्वयं सहायता सभी
योजनाओं के केन्द्र
में होने चाहिये.
उनके इन विचारों
को सरकार की
योजनाओं और कार्यप्रणाली
में निरन्तर लाने
का प्रयास किया
जा रहा है.
मुझे विश्वास है
कि पंडित दीनदयाल
की आत्मा जहां
भी होगी, हमें
निरन्तर आशीर्वाद और प्रेरणा
देती रहेगी।
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