स्वर्ण
कलश
शिखर
के
साथ
यूपी
ही
नहीं
देश-दुनिया
के
सामने
अनूठा
होगा
काशी
विश्वनाथ
धाम।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
ड्रीम
प्रोजेक्ट
काशी
विश्वनाथ
कॉरिडोर
का
लोकापर्ण
13 दिसम्बर
होगा।
मतलब
साफ
है
यह
लोकापर्ण
यूपी
विधानसभा
चुनाव
2022 के
लिए
अहम्
तो
है
ही,
प्रधानमंत्री
मोदी
इसे
भारत
ही
नहीं
पूरी
दुनिया
में
विकास
मॉडल
के
रुप
में
प्रस्तुत
करना
चाहते
है।
खास
यह
है
कि
श्रीराम
जन्मभूमि
की
तर्ज
पर
भाजपा
काशी
विश्वनाथ
धाम
को
चुनावी
हथियार
के
रूप
में
इस्तेमाल
करने
से
भी
गुरेज
नहीं
करेगी।
यही
वजह
भी
है
कि
भव्य
शुभारम्भ
को
खास
बनाने
के
लिए
13 दिसंबर
से
14 जनवरी
तक
देशभर
में
कई
तरह
का
कार्यक्रमों
का
आयोजन
करने
की
तैयारी
है
सुरेश गांधी
फिरहाल, 2022 से पहले काशी
विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य उद्घाटन
समारोह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चुनावी हथियार
बनेगा। काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लोकार्पण का
दो दिवसीय कार्यक्रम 13 और 14 दिसंबर को प्रस्तावित है।
इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों
की बैठक, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का
सम्मेलन, संगठन मंत्रियों की बैठक, मेयर
सम्मेलन, जिला पंचायत अध्यक्ष सम्मेलन, धर्माचार्यों का सम्मेलन सहित
कई अन्य कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। प्रस्तावित कार्यक्रमों में 13 दिसंबर को (सुबह 11ः30 से दोपहर 12.30 बजे
तक) श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण, 14 दिसंबर
को भाजपा के देश के
सभी पदाधिकारियों का सम्मेलन, 15 दिसंबर
को देश के सभी भाजपा
व सहयोगी दलों के शासित प्रदेशों
के मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन, 16 दिसम्बर
को देश के सभी महापौर
का सम्मेलन, 17 दिसम्बर को देश के
सभी जिला पंचायत अध्यक्षों का सम्मेलन, 18 दिसंबर
को देश के सभी धर्माचार्यों
का सम्मेलन, 19 दिसंबर को काशी विश्वनाथ
मंदिर के गौरवशाली इतिहास
पर विद्वानों का सम्मेलन, 20 दिसंबर
को उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक, 21 दिसंबर
को प्रधानमंत्री की उपस्थिति में
प्रदेश के आर्थिक पुनरुद्धार
के लिए जीरो बजट खेती पर राष्ट्रीय सेमिनार
सहित कई कार्यक्रम शामिल
है।
बता दें, कुंभ से पहले काशी
विश्वनाथ धाम लोकार्पण समारोह में देश भर के संत,
महात्मा और सर्वसमाज की
जुटान इसकी भव्यता में चार चांद लगाएंगा। कहा जा सकता है
नवसृजित काशी विश्वनाथ धाम एक बार फिर
से नए कलेवर में
देश-दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम
का संदेश देगा। उत्सवधर्मी काशी बाबा के नए धाम
के नवउत्सव में डूबी नजर आएगी। धर्म, अध्यात्म, कला और संस्कृति के
रंगों का उल्लास पग-पग पर बिखरेगा।
श्री काशी विश्वनाथ धाम पूरब, पश्चिम और उत्तर, दक्षिण
के मिलन का साक्षी बनेगा।
देश के चारों शंकराचार्य,
पीठाधीश्वर, अखाड़े, महामंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत और साधु संयासियों
के साथ ही आम जनता
भी भव्यतम आयोजन में शामिल होगी। सौ सालों के
बाद नए कलेवर में
ढले बाबा दरबार की गुलाबी आभा
को दुनिया भर के सनातनधर्मी
भी देखेंगे। बाबा के धाम में
आने वाले श्रद्धालुओं पर फूलों की
बरसात होगी और वह रेड
कार्पेट से होते हुए
बाबा दरबार तक जाएंगे। आजाद
भारत के इतिहास में
पहला ऐसा मौका है जब श्री
काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को विस्तार दिया
जा रहा है। इससे पहले 1780 इंदौर की महारानी अहिल्याबाई
होल्कर ने काशी विश्वनाथ
मंदिर का जीर्णोद्धार कराया
था और महाराजा रणजीत
सिंह ने 1836 में सोने का छत्र बनवाया
था। अब नए भारत
के निर्माण में पीएम मोदी पहले ऐसे शासक है जिन्होंने करीब
250 साल बाद श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को विस्तार देकर
इसका सौंदर्यीकरण करा रहे है। जिससे सनातन धर्म को मानने वालो
को विश्वनाथ मंदिर में आने पर कोई परेशानी
न हो।
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को दिया अंतिम रूप
पीएम के उद्घाटन से
पहले गंगा घाट और वाराणसी के
काशी विश्वनाथ मंदिर को जोड़ने वाले
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को अंतिम रूप
दिया जा रहा है।
तकरीबन 800 करोड़ की लागत से
50,200 वर्ग मीटर में तैयार श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में 63 ऐसे ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं और
पर्यटकों के लिए आकर्षण
का केंद्र होंगे। जानकारी के मुताबिक परियोजना
में 400 करोड़ रुपये से जहां निर्माण
किया गया है वहीं इतने
के ही जमीन की
भी खरीद की गई है
जबकि 14 करोड़ रुपये अन्य मद में खर्च
किए गए हैं। इन
मंदिरों के इतिहास और
महत्व को भक्तों तक
पहुंचाने के लिए मंदिर
प्रशासन एक खास तरह
का एप्लीकेशन तैयार की है, जिसके
जरिए कॉरिडोर में प्रवेश करते ही भक्त इन
मंदिरों का इतिहास जान
सकेंगे। लोकार्पण के बाद देश
के शीर्ष धार्मिक स्थलों में शुमार हो जाएगा, जो
काफी दिव्य और भव्य भी
हैं। इस मेगा परियोजना
का लोकार्पण होते ही संकरी गलियों
के शहर बनारस में बाबा दरबार सबसे भव्य और पर्याप्त स्पेस
के साथ आस्थावानों के लिए सुगम
दर्शन भी मिलने लगेगा।
बाबा विश्वनाथ के आंगन में
इतना स्थान है कि हजारों
श्रद्धालु सीधे आंगन में कतारबद्ध होकर बाबा के गर्भगृह में
प्रवेश के लिए अपनी
बारी का इंतजार कर
सकते हैं। ऐसे में बाबा दरबार की भव्यता को
परिसर के ऊंचे स्थल
से निहारेंगे तो हर ओर
पर्याप्त स्पेस बाबा दरबार के आधुनिक कलेवर
की व्याख्या करता नजर आएगा।
साल 2018 में शुरू हुई थी परियोजना
पीएम ने साल 2018 में
अपने संसदीय क्षेत्र में 400 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू
की थी। इसके तहत मौजूदा विरासत को संरक्षित करना,
काशी मॉडल के तहत मंदिर
परिसर में नई सुविधाएं देना,
मंदिर के आसपास के
लोगों के आवागमन और
आवाजाही को आसान बनाना
साथ ही विश्वनाथ मंदिर
को सीधे घाटों
से जोड़ने की यह योजना
है। कॉरिडोर के काम के
दौरान सैकड़ों छोटे मंदिर मिले थे, जिन्हें संरक्षित कर एक गलियारे
का हिस्सा बना गया है।
श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र होगा धाम
श्रद्धालु मंदिर चौक के व्यूइंग गैलेरी
से बाबा और माँ गंगा
का अद्भुत नज़ारा दे सकेंगे। श्री
काशी विश्वनाथ मंदिर में वास्तुशिल्प का अद्धभुत नज़ारा
भी देखने को मिलेगा। मंदिर
परिसर के पूर्वी द्वार
से बाहर निकलते ही आप मंदिर
चौक के विशाल एरिया
में पहुंच जाएंगे। यही रास्ता आगे माँ गंगा के दर्शन भी
कराएगा। इंग्लिश के यू आकार
का भूतल प्लस दो मंजिला का
यह प्रांगण करीब 35000 स्क्वायर फ़िट का है। मंदिर
चौक गेटवे भी यही है।
मंदिर चौक की पहली मंजिल
पर एम्पोरियम होगा। यहाँ पर हैंडीक्राफ्ट व
सोविनियर की दुकानें होंगी।
जिसमे देश के करीब सभी
हिस्सों में बनाए जाने वाले हैंडीक्राफ्ट के उत्पादों की
दुकानें होंगी। ये दुकानें अनेकता
में एकता को पिरोती हुई
देश के कई राज्यों
का प्रतिनिधित्व करेंगी। इमारत की दूसरी मंजिल
में मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों और
उनके बोर्ड रूम के कार्यालय हैं।
ये डबल मंजिला स्थान इमारत के दोनों ओर
हैं। इस ईमारत का
सबसे खूबसूरत स्थान व्यूइंग पॉइंट है। जहा खड़े होकर आप पूरे श्री
काशी विश्वनाथ धाम के भव्य स्वरुप
निहार सकते है। पूर्व की तरफ़ श्री
काशी विश्वनाथ धाम की अन्य इमारते
औरमाँ गंगा के दर्शन कर
सकते है। वही पश्चिम की तरफ बाबा
दरबार का अद्भुत नज़ारा
दिखेगा और बाबा दरबार
का स्वर्ण शिखर के दर्शन भी
कर सकेंगे। मंदिर चौक की ईमारत को
हेरिटेज लुक देने के लिए राजस्थान
के बालेश्वर के ग़ुलाबी पत्थरों
को दीवारों पर लगाया गया
है। इसके लगाने के विशेष तरीके
से अंदर का तापमान संतुलित
रहेगा। मंदिर चौक पर बने आकर्षक
बिल्डिंग पर जाने के
लिए सीढिया है। इसमें बुजुर्गों और दिव्यांगों
की सुविधा के लिए भी
लिफ्ट का प्रावधान है।
व्यूइंग गैलरी तक जाने के
लिए भी दो लिफ्ट
है। इस इमारत में
कुल छह लिफ्ट है।
भूतल पर प्रतीक्षालय
बनाया गया है। यहीं पर पब्लिक यूटिलिटी
की सुविधा बनाई गई है, जो
अधिक से अधिक लोगों
को सुविधा प्रदान करेगा।
अनवरत होगा रुद्राभिषेक और पाठ
महीनेभर तक चलने वाले
आयोजनों में देश के नामचीन कलाकारों
के अलावा स्थानीय कलाकार भी बाबा के
चरणों में स्वरांजलि अर्पित करेंगे। श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रांगण में
बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक अनवरत
चलेगा। आयोजनों के दौरान बाबा
का नियमित रुद्राभिषेक और पाठ काशी
के बटुक व वेदपाठियों द्वारा
कराया जाएगा। इसके साथ ही बाबा के
दरबार से मां गंगा
की आरती की शुरुआत होगी।
रवियोग में होगा धाम का लोकार्पण
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कारिडोर के लोकार्पण 13 दिसंबर
को होगा। इस दिन दशमी
तिथि का शुभ संयोग
है। यह पूर्ण तिथि
है और इसमें नया
वाहन खरीदना, शिलान्यास और उद्घाटन शुभ
माना गया है। इसे दोषों के समूह को
नष्ट करने वाले रवियोग का संयोग प्राप्त
हो रहा है। ऐसे मास में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण देशहित
में रहेगा। इस पवित्र महीने
में ही भगवान शिव-पार्वती और श्रीराम-सीता
का विवाह हुआ था। शिवपुराण के 35वें अध्याय में रुद्रसंहिता के पार्वतीखंड में
बताया गया है कि महर्षि
वशिष्ठ ने राजा हिमालय
को शिव-पार्वती विवाह के लिए समझाते
हुए विवाह का मुहूर्त मार्गशीर्ष
महीने में होना तय किया था।
इसके बारे में इस संहिता के
58 से 61 वें श्लोक में बताया गया है। त्रेतायुग में मार्गशीर्ष महीने के शुक्लपक्ष की
पंचमी तिथि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
में श्रीराम-सीता का विवाह हुआ
था। इस शुभ पर्व
पर तीर्थ, स्नान-दान और व्रत-उपवास
के साथ भगवान राम-सीता की विशेष पूजा
की जाती है। इसलिए इस दिन को
विवाह पंचमी भी कहा जाता
है। वेदों में मार्गशीर्ष महीने को सह मास
कहा गया है। यानी यह महीना समानता
का है। इस महीने किए
गए सभी व्रत और पूजा का
पूरा फल जल्द मिलता
है। इस माह किए
गए हर तरह के
शुभ काम भगवान को अर्पित होते
हैं। वैदिक काल से ही मार्गशीर्ष
माह को बहुत विशेष
माना गया है। इसके नाम से ही पता
चलता है कि ये
सभी महीनों में शीर्ष पर होने के
कारण अग्रणी और सबसे ज्यादा
खास है।
कोने-कोने से काशी आएंगी धर्म यात्रा
देश के कोने-कोने
से काशी के लिए धर्मयात्रा
ट्रेनें चलेंगी। काशी में भक्तों की जुटान होगी।
इन भक्तों का स्वागत, श्रीकाशी
विश्वनाथ धाम के दर्शन व
सुरक्षा के मुकम्मल प्रबंध
की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। अधिकारियों
का कहना है कि लोकार्पण
की तिथि से एक माह
तक रेलवे की ओर से
ट्रेनें संचालित होंगी। मकर संक्रांति को यात्रा संपन्न
होंगी। जम्मू से लगायत कन्याकुमारी
के विभिन्न प्रमुख जंक्शन से ट्रेनें काशी
आएंगी। प्रतिदिन एक ट्रेन यहां
आने की बात है।
इसका मुख्य उद्देश्य देश के सभी क्षेत्र
से भक्तों को यहां बुलाना
व नए स्वरूप में
तैयार बाबा दरबार का दिव्य दर्शन
कराना है। यह भी कहा
जा रहा है कि भक्तों
के लिए यात्रा निशुल्क होगी। घाट से लेकर बाबा
दरबार तक उत्सवधर्मी बनारस
में कला, संस्कृति और संगीत के
विविध रंग बिखरेंगे। आयोजन में देश भर के उद्योगपति,
किसान, राजनीतिक हस्तियां, जन प्रतिनिधि समेत
समाज के हर वर्ग
के लोगों की उपस्थिति होगी।
देश भर से हवाई,
रेल और सड़क मार्ग
के जरिए श्रद्धालु बाबा के धाम की
झलक देखने के लिए बनारस
पहुंचेंगे। रेलवे की ओर से
जहां विशेष ट्रेन चलाई जाएगी, वहीं विशेष विमान और स्पेशल बसों
का संचालन भी होगा।
700 करोड़ रुपये की इस परियोजना
के पहले चरण का 87 प्रतिशत निर्माण कार्य पहले ही पूरा हो
चुका है और शेष
काम नवंबर के अंत तक
पूरा हो जाएगा।
काशी के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के
बाद नए स्वरूप में
तैयार बाबा दरबार के दिव्य दर्शन
के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने
वाली होगी। अधिकारियों का कहना है
कि वैसे काशी को पहचान की
जरूरत नहीं है लेकिन विकास
की उड़ान भर रही नई
काशी को देखने के
लिए देश के कोने-कोने
से लोगों की जुटान होगी
तो काशी के पर्यटन को
बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय कारोबारियों का कारोबार बढ़ेगा।
24 घंटे आपूर्ति के लिए इंतजाम
विश्वनाथ धाम में 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए तीन
बड़े बिजली घरों से लाइन जुड़ेगी।
33 केवी की तीन लाइन
के साथ ही 11 केवी की दो अंडर
ग्राउंड लाइन बिछाई गई है। छत्ता
द्वार यानी वीआइपी गेट के पास 1000-1000 केवीए
के दो ट्रांसफार्मर लगाए
गए हैं। साथ ही 1000-1000 केवीए के तीन जेनरेटर
की भी व्यवस्था होगी।
33 केवी विद्युत उपकेंद्र में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नाम से
11 केवी का नया फीडर
बनाया जा रहा है।
यहां से लगभग 1800 मेगावाट
की विद्युत आपूर्ति की जाएगी। इसके
साथ ही पहले से
जुड़ी गोदौलिया लाइन को भी विकल्प
के रूप में बहाल रखा जाएगा।
बनाए जा रहे हैं शहर में हैलीपैड
श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य आयोजन
के लिए शहर में वीआईपी की आवाजाही के
लिए छह स्थानों पर
हैलीपैड बनाए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि
काशी विश्वनाथ मंदिर के उद्घाटन से
पहले सुरक्षा उपकरण और गैजेट्स की
खरीद और उनके इंस्टालेशन
की प्रक्रिया को भी अंतिम
रूप दिया जाएगा।
तीन दिनों तक बंद रहेगा बाबा दरबार
श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के मंदिर में
कार्य के लिए तीन
दिनों तक बाबा का
दरबार आम श्रद्धालुओं के
लिए बंद रहेगा। मंदिर प्रशासन की ओर से
तीन दिनों तक कार्ययोजना बनाकर
मंदिर को बंद रखा
जाएगा। संभावना है कि नवंबर
के अंतिम सप्ताह में बाबा विश्वनाथ का मंदिर बंद
किया जाएगा।
उत्सव की कार्ययोजना
- प्रत्येक
राज्य से बनारस के
लिए एक-एक स्पेशल
ट्रेन
- प्रत्येक
जनपद से दो-दो
स्पेशल बसें
- काशी
के विकासखंड से एक बस
का काशी विश्वनाथ धाम के लिए रोजाना
आगमन
- काशी
के गौरवशाली इतिहास पर पुस्तक का
प्रकाशन
- काशी
विश्वनाथ धाम पर फिल्म का
निर्माण
- गंगा
घाट पर आतिशबाजी और
लेजर शो का आयोजन
हर घर तक पहुंचेगा विश्वनाथ धाम लोकार्पण का प्रसाद
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण की
भव्य तैयारी हो रही है।
13 दिसंबर की तारीख पक्की
हो गई है। प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी के बनारस आगमन
की पूरी संभावना जताई जा रही है।
विश्वनाथ धाम के भव्य लोकार्पण
आयोजन व अनुष्ठान का
प्रसाद पूरी काशी ग्रहण करेगी।
गौरवशाली इतिहास व वर्तमान पर फिल्म
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के गौरवशाली इतिहास व वर्तमान भव्य स्वरूप पर आधारित पुस्तक का प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए तथ्य जुटाने की जिम्मेदारी श्रीकाशी विद्वत परिषद और प्रकाशन का जिम्मा सूचना विभाग को दिया गया है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के गौरवशाली इतिहास और वर्तमान भव्य स्वरूप पर आधारित फिल्म निर्माण भी किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी भी सूचना विभाग को ही दी गई है
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