Wednesday, 3 November 2021

वीरांगना की जन्मभूमि काशी में गूंजा खूब लड़ी मर्दानी...

वीरांगना की जन्मभूमि काशी में गूंजा खूब लड़ी मर्दानी...

धूमधाम से मनाया गया काशी की बेटी महारानी लक्ष्मीबाई का 186वां जन्मोत्सव

दस विद्यालयों के छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच प्रस्तुत की जीवंत झांकी और निकाला जुलूस

वीरागंना की गाथा सुन नम हो गयी हर आंखे

सुरेश गांधी

वाराणसी। चमक उठी सन सत्तावन में वो तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी... जी हां, तिथि के मुताबिक कृष्ण चतुर्दशी दिन बुधवार को पूरी दुनिया में नारी अस्मिता की प्रतीक प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती उनकी जन्मस्थली काशी के भदैनी में धूमधाम मनाया गया। 

इस मौके पर आजादी के 75वां अमृत महोत्सव के तहत महारानी लक्ष्मीबाई सेवा न्यास के तत्वावधान में श्री गोयनका संस्कृत महाविद्यालय, अस्सी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में सिर्फ विविध आयोजन किया गया, बल्कि रानी लक्ष्मीबाई को नमन करते हुए दस विद्यालयों के छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इस दौरान छात्राओं द्वारा महारानी लक्ष्मी बाई की वेशभूषा में जब जीवंत नाटक का मंचन किया तो उनकी करुणामयी गाथा को देख हर आंखे नम हो गयी। कार्यक्रम के अंत में छात्राओं एवं आयोजकों ने घोड़े पर महारानी स्वरुपा की झांकी के साथ जुलूस निकालकर उनकी जन्मस्थली पर बने प्रतिमा के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित किया। जुलूस में रास्तेभर महारानी के जयकारे गूंजते रहे।

कार्यक्रम की शुरुवात मुख्य अतिथि एवं राष्ट्र सेविका समिति की यूपी क्षेत्र प्रचारिका सुश्री शशि बघेल, विशिष्ट अतिथि डा नम्रता मिश्रा, संत अतुलानंद राय, विद्यालय की महारानी स्वरुपा आस्था राय ने लक्ष्मीबाई के तैल चित्र के समझ माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान छात्राओं द्वारा मान वंदना प्रस्तुत की गई। इसके बाद एक-दो नहीं बल्कि कई रंगारंग सांस्कृतिक गीत संगीत के बीच महारानी की जीवनी पर आधारित कई जीवंत झांकिया प्रस्तृत की गयी।

इस मौके पर प्रस्तावना के अंतर्गत न्यास के महामंत्री एडवोकेट राजेन्द्र प्रताप पांडेय ने याद दिलाया कि प्रथम स्वत्रंतता संग्राम की वीरागंना तथा उस क्रान्तिकारी परिषद की महामंत्री जिसने 10 मई 1857 से 18 मई 1857 तक भारत भूमि के सभी 350 जिलो को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कर दिया था उन्हीं प्रातः स्मरणीय काशी की बेटी महारानी लक्ष्मी बाई का 186वां जन्मोत्सव हिन्दी तिथि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को पूर्व की भांति हर्षोल्लास के साथ मना रहे है जिसमे सभी देश भक्त नर नारियो का सहयोग समर्थन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक इको फ्रेंडली झोले, तुलसी पौधा स्मृति चिन्ह उपहार स्वरुप भेट किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा न्यास की उपाध्यक्षा श्रीमती आरती अग्रवाल संचालन ममता बरनवाल धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती डा रंजना श्रीवास्तव ने दी। इस मौके पर न्यासी अंजू सिंह, मंजू द्विवेदी, लीनाजी, नेहा दुबे, कविता मालवीय, निर्मला सिंह पटेल, नमिता सिंह, कुमकुम त्रिपाठी, बैदेहीजी, डा कल्पना, डॉ. पद्मजा मेहता, प्रियांशु, संस्कृता, नीतू चतुर्वेदी, अरविन्द, रीता जायसवाल, प्रीति जायसवाल आदि मौजूद रहे।

 

No comments:

Post a Comment