क्या पंजाब में लगेगा राष्ट्रपति शासन?
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर जांच एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। मामले की पूरी गहनता के साथ जांच की जा रही है। गृह मंत्रालय की टीम ने फिरोजपुर जाकर फ्लाईओवर पर पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक की घटना का रिक्रिएशन किया। इसके बाद फिरोजपुर पुलिस ने कुलगढ़ी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या क्या पंजाब में लगेगा राष्ट्रपति शासन? जिस तरह इमरान के दोस्त सिद्धू चीख रहे है उससे दुसरा बड़ा सवाल तो यह है कि क्या रिमोट कंट्रोल से रोका गया पीएम का काफिला? क्या मोदी को रोकने का ऑर्डर इटली से आया? इतना सबकुछ होने के 48 घंटे बाद गांधी परिवार के घड़ियाली आंसू मामले को और संगीन बना रहे है। आखिर क्या वजह है कि दो दिन बाद भी सुरक्षा में चूक के सूत्रधार को नहीं खोज पाई जांच एजेंसिया? और तीसरा बडा सवाल सुरक्षा में चूक की जांच पर जंग क्यों? क्या पीएम को जाम में फसाना साजिश का हिस्सा था?सुरेश गांधी
संदिग्ध नाव मिलने से साजिश और पुख्ता
बनेगा चुनावी मुद्दा!
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में
हुई चूक और फिर पीएम
का एयरपोर्ट से सीएम चरणजीत
सिंह चन्नी को दिए गए
धन्यवाद संदेश के बाद सियासत
गरमा गई है। पंजाब
में कांग्रेस की सरकार है
और अगले महीने ही विधानसभा चुनाव
होने हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले
पीएम की सुरक्षा में
चूक लेकर बीजेपी और काग्रेस के
बीच आरोप-प्रत्यारोप को लेकर शह-मात खेल जारी है। इसका राजनीतिक दलों पर क्या सियासी
असर पड़ेगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक
पर छिड़ी जुबानी जंग बीजेपी के लिए सियासी
बूस्टर डोज बनती दिख रही है। जेपी नड्डा, अमित शाह से लेकर भाजपा
का शायद ही कोई ऐसा
बड़ा चेहरा हो, जिसने कांग्रेस को कटघरे में
खड़ा करने की कोशिश न
की हो। बीजेपी इस सुरक्षा चूक
को पंजाब सरकार और कांग्रेस का
साझा साजिश बता कर यह नैरेटिव
बनाने की कोशिश कर
रही है कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की जान को
खतरे में डाला गया। वहीं, कांग्रेस भी दलित कार्ड
खेल रही है और सीएम
चन्नी इसे कोई चूक नहीं मानते हैं। बीजेपी नेताओं के सारे बयानों
को देखें तो साफ जाहिर
होता है कि पीएम
की सुरक्षा चूक को लेकर जिस
तरह से कांग्रेस को
घेरा है। इसके जरिए बीजेपी यह संदेश देने
की कोशिश में है कि कांग्रेस
सरकार ने पीएम मोदी
की सुरक्षा के साथ खिलवाड़
करने का काम किया।
पीएम की सुरक्षा में
चूक भले ही पंजाब में
हुई लेकिन इसकी गूंज और सियासी असर
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भी सुनने और
प्रभाव डालती दिखेंगी। पंजाब के साथ ही
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में
चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग इसी महीने एक साथ पांच
राज्यों के चुनाव का
औपचारिक ऐलान कर सकता है।
जश्न क्यों मना रहे थे कांग्रेस नेता?
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस
मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत
चन्नी से विस्तृत जानकारी
ली है। इसको लेकर अब केंद्रीय मंत्री
स्मृतिने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान
की 24 घंटे के बाद आत्मा
जागी है। सोनिया गांधी ने स्वीकार कर
लिया है कि उनकी
अपनी सरकार दोषी है। बीजेपी नेत्री ईरानी ने कहा कि
कहीं न कहीं कांग्रेस
आलाकमान को इस बात
का जवाब देना होगा कि उनके पदाधिकारी
कल (पंजाब की घटना) से
किस बात का जश्न मना
रहे थे? बता दें कि युवा कांग्रेस
के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने पीएम मोदी
के पंजाब दौरे को लेलेकर ट्वीट
किया, जिसमें लिखा, ’’मोदी जी, हाउ द जोश?’’ इस
पर बीजेपी आगबबूला हो गई.
पंजाब के 13 अफसर तलब
पंजाब पुलिस ने आईपीसी की
धारा 283 के तहत अज्ञात
लोगों के खिलाफ मामला
दर्ज किया है। जिन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी का काफिला रोका
था उन्होंने अपना वीडियो बनाकर इस बात की
पुष्टि की थी, जिसे
जी मीडिया नेटवर्क ने अपनी इन्वेस्टीगेशन
में दिखाया था। प्रधानमंत्री मोदी का रास्ता रोकने
के लिए भारतीय किसान यूनियन ने किस तरह
लोगों को बुलाकर भीड़
इकट्ठी की थी और
उन्होंने ही लोगों को
बुलाकर पूरी प्लानिंग के साथ रास्ता
जाम करवाया था। इतनी बड़ी सुरक्षा में लापरवाही के चलते जहां
एक तरफ पंजाब सरकार की ओर से
गठित 2 सदस्यीय टीम जांच कर रही है,
वहीं दूसरी तरफ गृह मंत्रालय की ओर से
गठित जांच टीम भी फिरोजपुर पहुंची।
इतना सब होने के
बाद भी क्या कारण
है कि रास्ता रोकने
वालों के खिलाफ पुलिस
ने कोई कार्रवाई न करते हुए
सिर्फ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला
दर्ज किया है। हालांकि इस मामले में
गृह मंत्रालय की ओर से
पंजाब के 13 अफसरों को तलब किया
गया है जिनमें आईएएस
और आईपीएस रैंक के अधिकारी भी
शामिल हैं। मंत्रालय ने इन्हें इस
मामले में जवाब देने के लिए शनिवार
तक का वक्त दिया
है।
क्या कांग्रेस ने मोदी के लिए बिछाया था मृत्यु जाल?
पीएम की सुरक्षा में
चूक की वजह से
उनकी जान भी जा सकती
थी.। इसीलिए उन्होंने
वापस आते हुए हवाई अड्डे के कर्मचारियों को
कहा अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देना,
मैं यहां से जिंदा लौट
पाया। ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा अगर
चूक हुई तो क्या एसपीजी
और आईबी के लोग भी
हैं जिम्मेदार? क्योंकि पीएम के काफिले की
स्थिति ऐसी थी कि उन
पर कोई जानलेवा हमला हो सकता था।
गाड़ी पर पथराव हो
सकता था और यहां
तक कि कोई आत्मघाती
हमला भी हो सकता
था। हालांकि पंजाब में पीएम मोदी के कार्यक्रम में
सुरक्षा चूक को लेकर पहली
बड़ी कार्रवाई हुई है. फिरोजपुर के एसएसपी हरमन
हंस को निलंबित कर
दिया गया है। जबकि सीएम चन्नी ने कहा कि
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में
चूक की कोई बात
नहीं है। ऐसे में दुसरा सवाल है कि जब
चूक नहीं थी तो एसएसपी
को निलम्बित क्यों की। यह अलग बात
है कि गृह मंत्री
अमित शाह ने कहा है
कि इस मामले में
जवाबदेही तय होगी। फिरहाल,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में
चूक के मामले में
अब सियासत तेज हो गई है।
सुरक्षा में बड़ी चूक के बाद कई
सवाल खड़े होने लगे हैं। लोगों के मन में
सवाल हैं कि जब पीएम
ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों
का क्या होगा? दरअसल, भाजपा ने पंजाब सरकार
पर आरोप लगाए हैं तो वहीं कांग्रेस
ने कहा कि पीएम की
रैली में लोग नहीं थे इसलिए वो
लौट गए। जबकि सच तो यह
है कि पंजाब के
विकास के लिए योजनाओं
का उद्घाटन करने जा रहे मोदी
के काफिले को प्रदर्शनकारियों द्वारा रोका
गया, जो सुरक्षा की
लिहाज से बड़ी चूक
है। पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा
इस मुद्दे पर गौर न
करना पूरी घटना को और गंभीर
बनाता है। मतलब साफ है कांग्रेस विकास
में कम रुचि रखती
है और सिर्फ राजनीति
करना चाहती है। उनकी सुरक्षा से जो खिलवाड़
किया गया वह देश में
पहले कभी नहीं हुआ था। या यूं कहे
यह पीएम की जिंदगी से
खिलवाड़ नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से
खिलवाड़ है। ये कांग्रेस, कांग्रेस
की सरकार और गांधी परिवार
नफरत से इतना भरा
है कि प्रधानमंत्री जी
की सुरक्षा से खेल जाए!
यह आपराधिक षड्यंत्र है। जब पंजाब में
विकास के नए युग
की शुरुआत होनी थी, तो उसे न
सिर्फ बाधित किया गया, बल्कि प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा
में लापरवाही कर देश के
साथ धोखा करने की नाकाम कोशिश
की गई। ओछी हरकतों के कारण देश
कांग्रेस मुक्त होना चाहता है, तो क्या बौखलाहट
में कांग्रेस नेता पद का दुरुपयोग
कर ऐसी ही आपराधिक लापरवाही
को अंजाम देंगे? सियासत में हार का बदला ऐसे
लेने की कोशिश करेंगे?
कभी लोकतंत्र का गला घोटने
वाली कांग्रेस अब विभूतियों की
सुरक्षा से भी खिलवाड़
करेगी? फिरहाल, पंजाब में जो कुछ भी
हुआ, ये एक खतरनाक
परंपरा की शुरुआत है,
से इनकार नहीं किया जा सकता। यह
एक ऐसी घटना हुई, जो भारत के
इतिहास में इससे पहले शायद कभी नहीं हुई।
कुर्सियां खाली है का बहाना
कांगेस यह कह कर
नहीं बच सकती है
कि रैली रद्द होने का कारण खाली
कुर्सियां रहीं। कांग्रेस के इस बेहुदा
बयान को शर्मनाक नही
ंतो और क्या कहेंगे?
खासकर तब जब सब
कुछ जरिए वीडियों सामने आ चुका है
कि किस तरह रैली में जा रहे लोगां
को पंजाब पुलिस व कुछ अवांछनीय
तत्व धमकी व तोड़ुड के
बूते उन्हें रोक रहे है। इस वाकये की
तो बाकायदा उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। बता दें, पीएम सुबह बठिंडा पहुंचे थे। फिर वहां से उनको हेलिकॉप्टर
से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। लेकिन बारिश और कम दृश्यता
की वजह से पहले पीएम
को 20 मिनट इंतजार करना पड़ा। फिर आसमान साफ ना होता देख
उन्होंने सड़क मार्ग से वहां जाने
का फैसला किया। इसमें करीब 2 घंटे लगने थे। इसके बारे में पंजाब पुलिस के डीजीपी को
बताकर आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की रजामंदी ली
गई। इसके बावजूद सुरक्षा में लापरवाही बरती गयी। इस बाबत केंद्रीय
मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को
जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पीएम
मोदी से नफरत करती
है, लेकिन पंजाब में कांग्रेस के खूनी इरादे
नाकाम रहे। इस घटना से
साबित हो चुका है
कि पंजाब में पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था
का बुरा हाल है। आतंकवाद के गंभीर दौर
में, आतंकवाद से गंभीर रूप
से प्रभावित क्षेत्रों में भी कभी इस
प्रकार की सुरक्षा की
चूक नहीं हुई या यूं कहें
सुरक्षा के साथ ऐसा
मजाक नहीं हुआ, जैसा आज प्रधानमंत्री के
साथ हुआ। हम सभी जानते
हैं कि चाहे राष्ट्र
का विकास हो, राष्ट्र का हित हो
या राष्ट्रीय सुरक्षा... सभी को अपनी निजी
राजनीति की तराजू पर
तौलते-तौलते आज वह इस
सीमा तक आ गए
कि मोदी के प्रति ईर्ष्या,
वैमनस्य और घृणा... सरकार
के रूप में अपना संवैधानिक दायित्व, राजनीतिक दल की मर्यादा
और मानव जीवन का मूल्य... तीनों
को तार-तार कर दिया।
पीएम की जान क्यों जोखिम में डाली गई?
बड़ा सवाल तो यह है
कि इस घटना के
बाद राज्य की पंजाब कांग्रेस
ने कोई संवाद क्यों नहीं किया? आखिर पीएम की जान क्यों
जोखिम में डाली गई? मामला तब और गंभीर
हो गयी जब बठिंडा हवाई
अड्डे के अधिकारियों से
पीएम मोदी ने कहा, ’अपने
सीएम को धन्यवाद कहना
कि मैं बठिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट
पाया।’ मतलब साफ है पंजाब सरकार
द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली
यह घिनौनी रणनीति, लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास रखने वाले किसी भी व्यक्ति को
कष्ट पहुंचाएगी और उन्हें व्यथित
करेगी। यह दुख की
बात है कि पंजाब
के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं
को शुरू करने के लिए जा
रहे पीएम मोदी का दौरा बाधित
किया गया। राज्य पुलिस को लोगों को
रैली में शामिल होने से रोकने के
निर्देश दिए गए। आखिर क्या वजह रही कि मुख्यमंत्री चन्नी
ने फोन पर बात करने
या इसे हल करने से
इनकार कर दिया। गृह
मंत्रालय के अनुसार पंजाब
के हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर
दूर जब प्रधानमंत्री का
काफिला फ्लाईओवर पर पहुंचा तो
पाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों
ने सड़क को अवरुद्ध कर
दिया था। करीब 15-20 मिनट तक प्रधानमंत्री फ्लाईओवर
पर फंसे रहे। बीजेपी नेता ईरानी ने कहा, ‘‘कांग्रेस
के खूनी इरादे नाकाम रहे. जो लोग कांग्रेस
पार्टी में मोदी से घृणा करते
हैं, वह आज देश
के प्रधानमंत्री को उनकी सुरक्षा
को किस तरह से भंग किया
जाए, उसके लिए प्रयासरत थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने बार-बार कहा नफरत मोदी से कांग्रेस को
है, हिसाब हिंदुस्तान से और हिंदुस्तान
के प्रधानमंत्री से ना कीजिए.’’
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस
ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते
को आश्वासन दिया था कि प्रधानमंत्री
जिस मार्ग से जा रहे
थे उसमें कोई भी गतिरोध नहीं
है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा में चूक हुई. उन्होंने पूछा, ‘‘क्या जानबूझकर प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते
को झूठ बोला गया?’’
कांग्रेस को जवाब देना ही होगा
यह अलग बात
है कि केंद्रीय गृह
मंत्रालय ने इस पूरी
घटना को पीएम मोदी
की सुरक्षा में बड़ी चूक माना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा
के दौरान गंभीर सुरक्षा खामी के बाद उनके
काफिले ने लौटने का
फैसला किया। शायद यही वजह भी है रही
कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार
से इस चूक के
लिए जवाबदेही तय करने और
कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा
है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश
की कांग्रेस सरकार की शरारतपूर्ण साजिश
बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी
भी देश की संवैधानिक संस्थाओं
की अवमानना करती रही है। उसे देश के प्रधानमंत्री की
सुरक्षा में हुई इस चूक पर
देश की जनता से
माफी मांगनी चाहिए। यह पंजाब सरकार
की और कांग्रेस की
शरारतपूर्ण दुरभिसंधि को प्रदर्शित करता
है। यह देश इस
प्रकार की किसी भी
साजिश को सफल नहीं
होने देगा। कांग्रेस को और पंजाब
सरकार को देश की
जनता से माफी मांगनी
चाहिए। देश के संवैधानिक प्रमुख
के रूप में प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा
के साथ किए गए खिलवाड़ पर
देश से माफी मांगनी
चाहिए। यह सीधे-सीधे
देश की संवैधानिक संस्थाओं
की अवमानना है। देश कभी भी इस प्रकार
की कांग्रेस की शरारतपूर्ण साजिशों
को सफल नहीं होने देगा। प्रधानमंत्री के मूवमेंट की
जानकारी साधारणतया आम आमदी को
नहीं नहीं होती है. इस घटनाक्रम के
दौरान कांग्रेस के एक नेता
ने जोश के उत्सव का
इजहार किया. उन्होंने कहा, ‘‘किस बात का उत्सव है
उनका... किस बात का जोश है...
देश के प्रधानमंत्री को
मौत की कगार पर
ले गए थे.’’ ईरानी
ने इस बात पर
भी गंभीर आपत्ति दर्ज की कि जब
प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने पंजाब
सरकार से उस समय
संपर्क साधने की कोशिश की
तो मुख्यमंत्री के दफ्तर से
किसी ने संवाद नहीं
किया. उन्होंने सवाल किया, ‘‘किस बात का इंतजार कर
रही थी कांग्रेस की
सरकार पंजाब में? शायद इसीलिए लौटते वक्त प्रधानमंत्री ने चन्नी जी
(मुख्यमंत्री) के लिए संदेश
दिया कि ‘जिंदा लौट रहा हूं’.’’ उन्होंने कहा, ‘‘...उन्हें ध्वस्त करना है तो चुनाव
में करते. साजिश रचने की क्या जरूरत
थी? जो लोग इस
षड्यंत्र का हिस्सा हैं,
उनसे कह दूं... मेरा
विश्वास है कि न्याय
निश्चित रूप से होगा. बैर
मोदी से है, लेकिन
देश के प्रधानमंत्री का
बाल बांका करने की इस साजिश
को देश समर्थन नहीं देगा.’’
देश ने ऐसे ही खोए दो प्रधानमंत्री
खास बात ये है कि
ये जगह पाकिस्तान से सिर्फ 10 किमी
दूर है और जब
प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनट
तक एक फ्लाईओवर पर
फंसा रहा तो आसपास मौजूद
सैकड़ों लोगों ने अपने मोबाइल
फोन से उनका वीडियो
शूट किया। बड़ी बात ये है कि
इतनी पास से कोई उन्हें
असलियत में भी शूट कर
सकता था। भारत ने अपने दो
प्रधानमंत्रियों को ऐसे ही
खोया है और ये
दोनों ही प्रधानमंत्री कांग्रेस
के थे। इंदिरा गांधी की हत्या पंजाब
की खालिस्तानी ताकतों ने की थी
और राजीव गांधी की हत्या एक
और आतंकवादी संगठन लिट्टे ने की थी.
इसके बावजूद कांग्रेस इस इतिहास को
भूल गई और आज
कांग्रेस के ही कुछ
नेता इस पूरे घटनाक्रम
पर तालियां बजा रहे हैं.
कटघरे में पंजाब सरकार
इस घटना ने
पंजाब की सरकार और
उसकी मंशा पर बहुत खतरनाक
सवाल खड़े किए हैं। हाल ही में भीमा
कोरेगांव हिंसा की जांच के
दौरान सुरक्षा एजेंसियों को नक्सलियों की
एक ऐसी चिट्ठी मिली थी, जिसमें लिखा था कि प्रधानमंत्री
मोदी की हत्या ऐसे
ही सड़क पर घेर कर
की जाएगी और किसान आंदोलन
में लाल किले की वाकये से
कहा जा सकता है
कि इसमें नक्सलियों के हाथ हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का ये पंजाब
दौरा ऐसे समय में था, जब पिछले महीने
ही किसान आंदोलन समाप्त हुआ है. इस आन्दोलन के
दौरान उन्हें जान से मारने की
धमकी भी दी गई
थी.
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