Saturday, 8 January 2022

आचार संहिता लागू होते ही हरकत में आया प्रशासन

आचार संहिता लागू होते ही हरकत में आया प्रशासन

बैनर-पोस्टर हटाने की कार्रवाई शुरु

पूर्वांचल में छठे सातवें चरण में 3 7 मार्च को होगा मतदान

वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी 

सुरेश गांधी

वाराणसी। विधानसभा निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के तहत पूर्वांचल में छठे सातवें चरण में मतदान होगा। छठा चरण में कुल 57 सीट के लिए 3 फ़रवरी को नोटिफिकेशन, 11 फरवरी लास्ट डेट नॉमिनेशन 3 मार्च को मतदान होगा। इसमें कुल 10 जिले बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, आंबेडकर नगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया शामिल है। जबकि सातवें चरण में कुल 54 सीटे है, जहां 10 फरवरी को नॉमिनेशन, 17 फरवरी को लास्ट डेट नॉमिनेशन, 7 मार्च को मतदान होगा। इसमें कुल 9 जिले आजमगढ़, मऊगाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नगर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र शामिल है।

चुनाव आचार संहिता लगने के बाद सरकारी अमला सक्रिय हो गया है। सार्वजनिक स्थानों से राजनैतिक दलों के होडिंग्सबैनर और पोस्टरों को हटाए जाना शुरू हो गया है। राजनीतिक दल से लेकर आम मतदाता तक को भी इसका पालन करना होगा। आदर्श आचार संहिता के तहत कई नियम हैं, जिनका पालन जरूरी होता है। साथ ही नियम तोड़ने वालों को लिए सजा का भी प्रावधान है। आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है, जो कई तरह की हो सकती हैं। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलराज शर्मा ने सभी राजनैतिक दलों और शासकीय सेवकों से आदर्श आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करने को कहा है। कलेक्टर ने सभी सरकारी भवनों से प्रचार-प्रसार संबंधी बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स तत्काल प्रभाव से उतरवाने को कहा है। सार्वजनिक स्थलों, विद्युत और टेलीफोन के खम्भो पर भी किसी भी तरह की प्रचार सामग्री नहीं होने चाहिए। कलेक्टर द्वारा संपत्ति विरूपण को रोकने के लिए जिले के नगरीय और ग्रामीण स्तर पर टीमों का गठन भी किया गया है। आज शाम 600 बजे से प्रशासन एवं पुलिस तथा नगर निगम के द्वारा संयुक्त रूप से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के पश्चात शहर एवं ग्रामीण थाना क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों आदि पर लगाए गए बैनर एवं पोस्टर हटाए जाने की कार्यवाही की जा रही है।

प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी

कलेक्टर ने जिले में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष निर्वाचन संपन्न कराने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश भी जारी किए हैं, जिसके तहत जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू तत्काल प्रभाव से लागू कर दी है। चुनाव संपन्न होते तक यह धारा जिले में प्रभावशील रहेगी। शस्त्रधारियों को अपना अस्त्र-शस्त्र संबंधित थाने में जमा कराने को कहा गया है। उन्होंने कोलाहल अधिनियम भी लागू करते हुए इसके उपयोग के लिए लिखित अनुमति जरूरी कर दिया है।

लेनी होगी अनुमति

कलेक्टर ने संपत्ति विरूपण अधिनियम का भी कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि सरकारी सम्पतियों पर बैनर, पोस्टर, नारे लेखन, होर्डिग्स के द्वारा विरूपण नहीं किया जा सकता। गठित निगरानी दल इस पर नजर रखेगी। दण्ड प्रक्रिया संहिता की 144 लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का घातक अस्त्र-शस्त्र लेकर नहीं चलेगा। बगैर अनुमति के कोई भी राजनीतिक दल सभा अथवा जुलूस नहीं निकालेगा और हीं कोई धरना देगा।

क्या है आचार संहिता

दरअसल, देश अथवा राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है. इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं. आदर्श आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक पार्टियों में होने वाले मतभेदों को रोकना, सार्वजनिक धन के प्रयोग को रोकना, निष्प्क्ष चुनाव कराना और शांति व्यवस्था को बनाए रखना होता है. चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो सके इसके लिए कड़े नियम और कानून मौजूद हैं. आचार संहिता के नियमों के तहत ही चुनाव को निष्पक्ष कराया जाता है और इसकी जिम्मेवारी पूरी तरह से चुनाव आयोग पर ही होती है.

आदर्श आचार संहिता में पाबंदियां

1. सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद.

2. नए कामों की स्वीकृति बंद.

3. सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं लगेंगे.

4. संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होंगे शासकीय दौरे.

5. सरकारी वाहनों में नहीं लगेंगे सायरन.

6. सरकार की उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे.

7. सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे.

8. सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे.

9. किसी तरह के रिश्वत या प्रलोभन से बचें. ना दें, ना लें.

10. सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर खास खयाल रखें. आपकी एक पोस्ट आपको जेल भेजने के लिए काफी है. इसलिए किसी तरह मैसेज को शेयर करने या लिखने से पहले आचार संहिता के नियमों को ध्यान से पढ़ लें.

आम आदमी पर भी लागू

कोई आम आदमी भी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर भी आचार संहिता के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसका आशय यह है कि अगर आप अपने किसी नेता के प्रचार में लगे हैं तब भी आपको इन नियमों को लेकर जागरूक रहना होगा. अगर कोई राजनेता आपको इन नियमों के इतर काम करने के लिए कहता है तो आप उसे आचार संहिता के बारे में बताकर ऐसा करने से मना कर सकते हैं. क्योंकि ऐसा करते पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई होगी. ज्यादातर मामलो में आपको हिरासत में लिया जा सकता है.

मतदाताओं को लुभाने पर कार्रवाई

चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं. चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए वो नियम हैं, जिनका पालन हर पार्टी और हर उम्मीदवार के लिए जरूरी है. इनका उल्लंघन करने पर सख्त सजा हो सकती है. चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है. एफआईआर हो सकती है और उम्मीदवार को जेल भी जाना पड़ सकता है.

ये काम हैं वर्जित

चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता. सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता. केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, तो कोई घोषणा कर सकती है, शिलान्यास, लोकार्पण कर सकते हैं. सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन भी नहीं किया जाता है, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो. इस पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है.

थाने में देनी होती है जानकारी

उम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होती है. इसकी जानकारी निकटतम थाने में भी देनी होती है. सभा के स्थान समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है.

हो सकती है कार्रवाई

कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े और घृणा फैले. मत पाने के लिए रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना भारी पड़ सकता है. व्यक्तिगत टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है.

शराब या पैसे देने की मनाही

किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार या भूमि का उपयोग नहीं किया जा सकता. मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक लग जाती है. पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई सरकारी भर्ती नहीं की जाएगी. चुनाव के दौरान यह माना जाता है कि कई बार कैंडिडेट्स शराब वितरित करते हैं, इसलिए कैंडिडेट्स द्वारा वोटर्स को शराब का वितरण आचरण संहिता में एकदम मना है.

छठा चरण- 57 सीट

3 फ़रवरी को नोटिफिकेशन

11 फरवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

3 मार्च को मतदान

10 जिले- बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, आंबेडकर नगर, गोरखपुर, देवरिया, बलिया

7वां चरण- 54 सीट

10 फरवरी को नॉमिनेशन

17 फरवरी- लास्ट डेट नॉमिनेशन

7 मार्च को मतदान

9 जिले- आजमगढ़, मऊगाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नगर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली, सोनभद्र

जनपद - मतदाता - सीट संख्या

वाराणसी - 2712887 - 8

सोनभद्र - 1389867 - 4

बलिया - 2468804 -7

गाजीपुर - 2807562 - 7

मऊ - 1694940 - 4

आजमगढ़ - 3680774 - 10

जौनपुर - 3480774 - 9

मीरजापुर - 1891042 - 5

भदोही - 1192443 - 3

चंदौली - 1433138 - 4

 

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