Thursday, 3 February 2022

उत्तर भारतीयों से मतदान की अपील : मनोज जायसवाल

उत्तर भारतीयों से मतदान की अपील : मनोज जायसवाल

सामाजिक एकजुटता के लिए समरसता का होना अत्यंत आवश्यक 

सामाजिक एकजुटता से ही आएगी खुशहाली

सुरेश गांधी

मुंबई। जायसवाल समाज सेवा संस्था, डोंबिवली-मुबई के तत्वावधान में आयोजित सम्मान समरोह में जायसवाल क्लब के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने सभी उत्तर भारतीयों का आह्वान किया है कि वे यूपी पहुंच कर अपने मताधिकार का उपयोग करें। यूपी में 10 फरवरी से 7 मार्च तक चुनाव है। ऐसे में जिन उत्तर भारतीयों का वोट यूपी में है, वे अपने जिले की मतदान तिथि पर पहुंचकर वोट करें।

बता दें, मनोज जायसवाल इन दिनों क्लब के विस्तार सामाजिक एकजुटता के लिए मुंबई दौरे पर है और जब मामला यूपी विधानसभा चुनाव का है तो देशहित और राष्ट्रहित में मतदान की अपील भला कैसे भूल सकते है। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल को स्वजातिय बंधु विजय प्रकाश जायसवाल, श्रीमती लक्ष्मी, दिनेश गुप्ता, गिरजाशंकर, शीला जायसवाल, उदय, त्रिलोकी, प्रदीप एवं संजय जायसवाल आदि ने बुके अंगवस्त्रम भेट कर फूलमालाओं से गर्मजोशी से स्वागत किया।

डोंबिवली में बड़ी संख्या में पहुंचे स्वजातिय बंधुओं से मनोज जायसवाल ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। इसलिए लोगों को अपने हक अधिकार के साथ-साथ लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग जरुर करना चाहिए। एक अच्छे प्रत्याशी को वोट करें जिससे लोकतंत्र में एक मजबूत सरकार बने, जो जनता के हितों के लिए कार्य करें।

इस दौरान स्वजातिय बंधुओं की एकजुटता पर बल देते हुए मनोज जायसवाल ने कहा कि सामाजिक एकजुटता के लिए समरसता का होना बेहद जरूरी है। अंग्रेजों ने इतने वर्ष भारत पर राज किया, उनकी सफलता के पीछे उस समय हमारे समाज में विद्यमान रही छुआछूत जैसी कुरीतियां रही हैं। इन कुरीतियों के कारण ही समाज में कई विभाजनकारी शक्तियां पैदा हो गयी थी, जिसने सामाजिक एकता को तहस-नहस कर दिया। उसी के परिणामस्वरूप अंग्रेजों ने भारत पर अपनी सत्ता को लंबे समय तक कायम रखा। आजादी प्राप्ति के लिए जब सारे समाज ने एकजुट प्रयास किया तो देश ने अपनी खोयी हुई स्वाधीनता को पुनः प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि समाज में एकजुटता से समाज हर चुनौती से लड़ सकता है। उन्होंने समाज की मजबूती के लिए समाज के गौरव गौरव आदर्श परम पूज्य सहस्त्राबाहु जी महराज के पदचिन्हों पर चलने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की।

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