देशभक्ति की बही बयार, रंग दे बसंती चोला से गूंजा काशी
आजादी के अमृत महोत्सव पर कहीं निकाली तिरंगा यात्रा, तो कहीं बांटा तिरंगा तो कहीं शहीदों को याद किया गया
आजादी के रंग में दौड़े पुलिस और पीएसी के जवान
पुलिस लाइन कमिश्नरेट और रामनगर पीएसी में हाफ मैराथन का आयोजन
सुरेश गांधी
वाराणसी। आजादी के 75 साल पूरा होने पर अमृत महोत्सव के तहत मनाए जा रहे हर घर तिरंगा कार्यक्रम में लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अलग-अलग जगहों से तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है. तिरंगा यात्रा के दौरान लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। लोग अपने-अपने घरों व प्रतिष्ठानों की छतों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहरा रहे है। आज भी बच्चों से लेकर बड़ों तक ने अलग-अलग अंदाज में तिरंगा को हाथ में लेकर रैली निकाली. ’तिरंगा यात्रा’ देशभक्ति, राष्ट्रीय गौरव और अपनेपन की भावना पैदा करने के लिए है. ऐसे में क्या स्कूल-कालेज, क्या पार्टियां क्या स्वयंसेवी संगठन क्या प्रशसन हर कोई अपने-अपने तरीके से तिरंगा यात्रा निकाल रहा है। सड़कों पर सिर्फ और सिर्फ झंडा दिखाई दे रहा है. सभी जगह तिरंगा यात्रा ही नजर आ रहा है। सभी ने इस दौरान अपने शरीर पर तिरंगा बनाया हुआ था और हाथों में कई मीटर लंबा झंडा पकड़, भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे. देशभक्ति के गानों की धुन में पुलिस कर्मियों ने कदमताल किया. गर्व, गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक तिरंगा हाथों में लेकर पुलिस अफसर सड़कों पर निकले. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में भी तिरंगा शान से फहराया जा रहा है। देश भक्ति के अत्यंत लोक प्रिय गीत रंग दे बसंती चोला से पूरी काशी गूंज रही है।
बता दें कि अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्र की एकता को मजबूती प्रदान करने के लिए हर घर तिरंगा मानाने की अपील की गई है. इस कार्यक्रम के तहत 13 से 15 अगस्त तक जनभागीदारी से घरों के ऊपर तिरंगा फहराया जाएगा और सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठान भी इसमें शामिल होंगे. इस क्रम में केन्द्रीय विद्यालय, बीएचयू में प्रधानाचार्य दिवाकर सिंह के नेतृत्व में हर घर तिरंगा अभियान के तहत बच्चों ने ध्वजारोहण किया. इसके बाद देशभक्ति गानों की धुन पर तिरंगा यात्रा निकाली।
इस दौरान उन्होंने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किए और देश के वीर जवानों को याद किया गया. प्रधानाचार्य दिवकार सिंह का कहना है कि तिरंगे के साथ यात्रा निकालकर हमे बहुत गर्व महसूस हो रहा है। हमें गर्व है कि हम भारतीय है और हम आजादी के अपने इस पर्व को बड़े ही गर्व से मना रहे हैं। काशी इन्दु सेवा समिति द्वारा घर-घर जाकर झंडे का वितरण किया गया।
संस्था के अध्यक्ष कंचन
तिवारी ने लोगों से
आग्रह किया कि सभी लोग
अपने घर में तिरंगे
झंडे लगाएं। झंडा वितरण के दौरान जिला
मंहामंत्री जगदीश त्रिपाठी, पार्षद मदन मोहन दुबे, आलोक देव मिश्रा, अमित, काशी गौड आदि मौजूद थे। हज कमेटी उत्तर
प्रदेश के सदस्य सरवर
सिद्दीकी के नेतृत्व में
ग्राम भभौरा तहसील औराई-भदोही में तिरंगा यात्रा निकाली गयी। तिरंगा यात्रा में हज कमेटी उत्तर
प्रदेश सदस्य सरवर सिद्दीकी ने तिरंगा यात्रा
की समाप्ति पर भारत माता
की जय नारे लगाकर
लोगों ने देश की
एकता और अखंडता का
भी संदेश दिया। इस दौरान ग्राम
प्रधान मो याकूब, मुमताज
अंसारी सहित अन्य गणमान्य सम्मानित नागरिक भी उपस्थिति रहे।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रिजर्व पुलिस लाइन कमिश्नरेट में 5 किमी मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। धावकों को एसीपी कैंट लखन सिंह यादव और एसीपी पुलिस लाइंस अवधेश पांडेय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हाफ मैराथन के दौरान धावक आजादी के रंग में रहे। पुलिस लाइन से यह दौड़ शुरू होकर कचहरी का चक्कर लगाते हुए पुनः पुलिस लाइन में आकर समाप्त हुई। इस दौरान अव्वल आने वाले धावकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। एसीपी पुलिस लाइंस अवधेश पांडेय ने अमृत महोत्सव को लेकर विचार व्यक्त किया।
उधर, 36वीं वाहिनी पीएसी रामनगर में हाफ मैराथन दौड़ को सेनानायक डॉ अनिल कुमार पांडेय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हाफ मैराथन में अमर बहादुर सहायक सेनानायक, अविचल पांडेय शिविरपाल, कैलाश नाथ सिंह सूबेदार मेजर आदि रहे। मैराथन दौड़ से पूर्व वाहिनी स्थित समस्त बैरक, आरटीसी बैरक, सीपीसी कैंटीन, आरओ प्लांट, वाहिनी चिकित्सालय, वाहिनी प्रवेश द्वार, निकास द्वार, जलपान गृह, प्रशासनिक भवन सहित समस्त भवनों पर मान- सम्मान के साथ तिरंगा झंडा लगाया गया। धावकों को एसीपी कैंट लखन सिंह यादव और एसीपी पुलिस लाइंस अवधेश पांडेय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
शहीदों को नमन करने का अवसर है ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ : काका
वाराणसी।
यह हम सभी का
सौभाग्य है कि हम
आजाद भारत के इस ऐतिहासिक
कालखंड के साक्षी बन
रहे हैं। हमारे यहां मान्यता है कि जब
कभी ऐसा अवसर आता है तब सारे
तीर्थों का एक साथ
संगम हो जाता है।
आज एक राष्ट्र के
रूप में भारत के लिए भी
ऐसा ही पवित्र अवसर
है। ऐसा लग रहा है
जैसे आज़ादी के असंख्य संघर्ष,
असंख्य बलिदानों का और असंख्य
तपस्याओं की ऊर्जा पूरे
भारत में एक साथ पुनर्जागृत
हो रही है। उन सभी वीर
जवानों को भी नमन
करने का अवसर है,
जिन्होंने आज़ादी के बाद भी
राष्ट्ररक्षा की परंपरा को
जीवित रखा, देश की रक्षा के
लिए सर्वोच्च बलिदान दिए, शहीद हो गए। यह
बाते काका ओवरसीज लिमिटेड ग्रूप के कर्ताधर्ता योगेन्द्र
राय उर्फ काका ने कहीं। वे
शुक्रवार को अपने प्रतिष्ठान
में बड़ी संख्या में बुनकरों व कामगारों संग
तिरंगा फहरा रहे थे। काका राय ने कहा कि
जिन पुण्य आत्माओं ने आज़ाद भारत
के पुनर्निर्माण में प्रगति की एक एक
ईंट रखी, 75 वर्ष में देश को यहां तक
लाए, उन सभी के
चरणों में भी नमन करने
का अवसर है अमृत महोत्सव।
जब हम ग़ुलामी के
उस दौर की कल्पना करते
हैं, जहां करोड़ों-करोड़ लोगों ने सदियों तक
आज़ादी की एक सुबह
का इंतज़ार किया, तब ये अहसास
और बढ़ता है कि आज़ादी
के 75 साल का अवसर कितना
ऐतिहासिक है, कितना गौरवशाली है। इस पर्व में
शाश्वत भारत की परंपरा भी
है, स्वाधीनता संग्राम की परछाई भी
है, और आज़ाद भारत
की गौरवान्वित करने वाली प्रगति भी है। इतिहास
साक्षी है कि किसी
राष्ट्र का गौरव तभी
जाग्रत रहता है जब वो
अपने स्वाभिमान और बलिदान की
परम्पराओं को अगली पीढ़ी
को भी सिखाता है,
संस्कारित करता है, उन्हें इसके लिए निरंतर प्रेरित करता है। किसी राष्ट्र का भविष्य तभी
उज्ज्वल होता है जब वो
अपने अतीत के अनुभवों और
विरासत के गर्व से
पल-पल जुड़ा रहता
है। फिर भारत के पास तो
गर्व करने के लिए अथाह
भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है। इसलिए आज़ादी के 75 साल का ये अवसर
एक अमृत की तरह वर्तमान
पीढ़ी को प्राप्त होने
का अवसर है। एक ऐसा अमृत
जो हमें प्रतिपल देश के लिए जीने,
देश के लिए कुछ
करने के
लिए प्रेरित करेगा।
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