Wednesday, 1 February 2023

गांव, गरीब, किसान...सबका उत्थान! मध्यवर्ग की बल्ले-बल्ले

गांव, गरीब, किसान...सबका उत्थान! मध्यवर्ग की बल्ले-बल्ले

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट 2024 का ब्लूप्रिंट है। इससे सिर्फ संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर होते भारत को भी बल मिलेगा। मतलब साफ है अमृतकाल का पहला बजट क्रांतिकारी है। यह बजट समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर आठ सालों से बजट से बाहर रहने वाले मध्यम वर्ग को आयकर में सात लाख तक कोई टैक्स नहीं का राहत देकर सरकार ने उन्हें बड़ी सौगात दी है। देखा जाएं तो युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है। शायद यही वजह है कि वित्तमंत्री ने इस बजट को सप्तर्षि (समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति वित्तीय क्षेत्र) बताते हुए हर किसी को खुश करने का दावा किया है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या मोदी सरकार ने इस बजट बजट में मध्यमवर्ग तबके की बल्ले बल्ले कर उनका दिल जितने का प्रयास किया है? क्या 2023 के बजट से 2024 का टारगेट सेट किया है? क्या 8 साल बाद मध्यमवर्ग को मिली है बड़ी सौगात? क्या इस बजट से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे? क्या गरीब के सपनों को पूरा करेगा यह बजट? क्या इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बजट में जो बाते कहीं गयी है, उसे धरातल पर उतारने की सबसे बड़ी चुनौती होगी? क्या आम आदमी की बढेगी आमदनी और 2024 में कटेगी वोटों की फसल?

सुरेश गांधी 

फिरहाल सच तो यही है कि सरकारी पूंजी व्यय पर शत-प्रतिशत वृद्धि से रोजगार का सृजन होगा। इस बजट से सरकार को देश में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है, जो हमें कुछ वर्षों के भीतर 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर ले जाएगा। किसानों, महिलाओं, सीमांत वर्गों और मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करने की प्राथमिकता के साथ, विकास और कल्याण पर केंद्रित है यह बजट. आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर 7 लाख रुपये करने और कर संबंधी कई अन्य सुधारों से नौकरी पेशा और सेवानिवृत्त लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. सड़क, रेल, बिजली, स्वास्थ, शिक्षा और खेती से जुड़े महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया गया निवेश मील का पत्थर साबित होगा. साथ ही व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किया गया है. किसानों के लिए नई योजनाओं जैसे 2,200 करोड़ रुपये का आत्मनिर्भर स्वच्छ योजना कार्यक्रम, वैकल्पिक उर्वरकों और उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना का प्राप्रावधान किया गया है

स्वास्थ्य बजट में फार्मास्यूटिकल्स अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सरकार नया कार्यक्रम शुरू करेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं को खासा राहत मिलगी। बजट महिलाओं, युवाओं, किसानों, मध्यम वर्ग और बुजुर्गो के के उत्थान को बढ़ावा देते हुए एक बड़े वोटबैंक को साधने की कोशिश की गयी है। कृषि क्षेत्र, स्वच्छ ऊर्जा और आय कर श्रेणियों को तर्कसंगत बनाए जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। मतलब साफ है बजट में समावेशी विकास को प्राथमिकता दी गई है। इससे भारत विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभर सकती है। या यूं कहे यह बजट भारत को विश्व का विकास वाहक बनाने की दिशा में आगे ले जाएगा। दरअसल, किसान, ग्रामीण, नौजवान, गरीब, महिलाएं, बुजुर्ग, दलित, पिछड़े, अति-पिछड़े, आदिवासी, सरकारी कर्मचारी, छोटे-बड़े व्यापारी, बड़े-छोटे उद्योगपति. ऐसे कई वर्ग हैं जिन्हें वोटबैंक की तरह देखा जाता है. स्वाभाविक रूप से चुनाव से पहले मोदी सरकार ने इन सभी वर्ग को आम बजट के लिए जरिए खुश करने की कवायद की है ताकि सत्ता की हैट्रिक लगा सके. इतना ही नहीं 2023 में होने वाले 9 राज्यों की चुनावी जंग को पार्टी फतह कर सके? लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक साल का वक्त बाकी है जबकि 9 राज्यों खासकर मध्य प्रराजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और कर्नाटक में इसी साल चुनाव है. ये विधानसभा चुनाव साल 2024 के लिए सेमीफाइनल से कम नहीं है. ऐसे में यह बजट चुनावी बजट माना जा रहा है, जो बीजेपी के वोट बैंकों के लिए तोहफे से भरा हुआ है. मोदी सरकार ने गरीबों को पांच किलो फ्री राशन को एक साल तक के लिए बढ़ाकर बड़ा दांव चला है, जो लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा. इतना ही नहीं किसानों के लिए सौगात दी है तो मिडिल क्लास को नए टैक्स स्लैब में छूट दी गई है

बता दें, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश का आम बजट पेश है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मौजूदा नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट रहा। इसीलिए बजट में हर वर्ग को साधने का प्रयास किया गया है। इस बजट में महिला का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से ज़िला स्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है। यह अलग बात है कि पूरा का पूरा विपक्ष इस बजट को आम आदमी विरोधी बताने के लिए युद्धस्तर पर जुट गया है। विपक्ष के मुताबिक ये चुनावी बजट है, किसानों के लिए कुछ नहीं है। किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है। रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है। आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है। ये बहुत ही निराशाजनक बजट है। कस्टम ड्यूटी, सेस, सरचार्ज दर में बदलाव किया गया है. खिलौनों पर लगने वाले सीमा शुल्क घटाकर 13 फीसदी किया गया यानी अब खिलौने सस्ते हो जाएंगे. इसके अलावा साइकिल को भी सस्ता किया गया है. लिथियम आयन बैटरी पर कस्टम ड्यूटी में राहत दी गई है. यानी खिलौने, साइकिल, ऑटोमोबाइल सस्ते होंगे, इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे, विदेश से आने वाली चांदी की चीजें महंगी होंगी. देसी किचन चिमनी महंगी होगी, कुछ मोबाइल, कैमरे के लेंस सस्ते होंगे. अगले वित्तीय वर्ष में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा अगले एक साल तक मुफ्त अनाज योजना के लिए 2 लाख करोड़ रुपये सरकार खर्च करेगी. पूंजी निवेश परिव्यय 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया है. ये सकल घरेलू उउत्पाद का 3.3 फीसदी होगा. सरकार की ओर से टेलीविजन पैनल में आयात शुल्क 2.5 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा टेलीविजन सस्ता कर दिया गया है और बायोगैस से जुड़ी चीजों के दाम में भी कटौती का फैसला लिया गया है. इलेक्ट्रिक चिमनी पर आयात शुल्क में कटौती की गई है. इस फैसले के बाद इनके दाम घट जाएंगे. वहीं कुछ चीजें महंगी की गई हैं. उनमें सिगरेट और इंपोर्टेड ज्वैलरी शामिल हैं. सिगरेट पर आपदा संबंधी ड्यूटी को.बढ़ाने का फैसला किया गया है. वित्त मंत्री के मुताबिक, सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क को 16 फीसदी बढ़ाया गया. इसके बाद सिगरेट महंगी हो गई है. इसके अलावा सोना, चांदी और प्लेटिनम से बनी इंपोर्टेड ज्वैलरी महंगी हो गई है

गरीबों पर मेहरबान

मोदी सरकार ने गरीब वर्ग के लिए अपने खजाने की तिजोरी खोल दी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई टैक्स रिजीम में टैक्स छूटकी 5 लाख की सालान आय की सीमा बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है. अब साल में 7 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा. मान लीजिए आपकी आय नौ लाख रुपये है। ऐसे में आपको कुल 45 हजार रुपये टैक्स देना पड़ेगा. इसके अलावा जेल में बंद गरीब कैदी जो पैसों की तंगी के चलते अपनी बेल नहीं ले पाते हैं, उनका खर्च सरकार उठाएगी. ऐसे करीब दो लाख कैदी हैं, जिनकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन रिहाई के लिए तय की गई रकम होने से वह जेल में ही बंद रहते हैं. अब ऐसे गरीबों की मदद के लिए सरकार ने हाथ आगे बढ़ाया है. इस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार ने गरीब मतदाताओं को साधने का बड़ा दांव चला है। 

सस्ता घर 

केंद्रीय बजट में मोदी सरकार ने पीएम आवास योजना के लिए खजाना खोल दिया है. गरीबों के पास भी अपना घर हो, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने पीएम आवास योजना को लेकर बजट में बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री आवास योजना का बजट 66 फीसदी बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है. इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी इलाके में आवास बनाने के लिए सरकार ढाई लाख रुपये की मदद देती है. पीएम आवास योजना बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड साबित हुआ है, जिसके कई चुनाव में लाभ मिला है. पीआईबी की एक अधिसूचना के अनुसार, तीन जनवरी, 2022 तक कुल 1.14 करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 53.42 लाख घरों का निर्माण और वितरण किया जा चुका है. अधिसूचना में कहा गया है कि नई तकनीकों का उपयोग करके 16 लाख घरों का निर्माण किया गया है।

मुफ्त राशन

सरकार ने सभी अंत्योदय और प्राथमिकता परिवारों को अगले साल 2024 तक मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का एलान किया है. वित्त मंत्री ने ऐलान कियया कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना एक साल के लिए आगे बढ़ाई जा रही है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग दो लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया हैं, जिसके जरिए 80 करोड़ गरीब लोगों को पांच किलो फ्री राशन दिया जाएगा. देश में किसी को भी भूखा सोना पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी के दौरान मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी. बीजेपी को इसका लाभ बिहार से लेकर यूपी तक के चुनाव में मिल चुका है. ऐसे में अब 2024 के चुनाव के मद्देनजर एक साल तक के लिए बढ़ा दिया है.

आधी आबादी पर नजर

मोदी सरकार के आने के बाद बीजेपी ने महिलाओं को अपना नया वोटबैंक बनाया है, जिसके दम पर लगातार जीत दर्ज कर रही है. ऐसे में महिलाओं को साधे रखने के लिए मोदी सरकार ने आम बजट में कई सौगात दी है. अमृत काल में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दो साल के लिए इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है. मार्च 2025 तक महिलाएं 2 लाख रुपये तक महिला सम्मान बचत पत्र खरीद सकती हैं. इस पर 7.5 प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज दिया जाएगा. जरूरत पड़ने पर इस पैसे की आंशिक निकासी भी की जा सकेगी.

गांव और किसान से आस

मोदी सरकार ने गांव और किसानों के लिए कई बड़े एलान किए हैं. सरकार ने इस साल किसानों को 20 लाख करोड़ तक ऋण बांटने का लक्ष्य रखा है तो मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि प्राथमिकता के तहत कृषि के लिए डिजिटल लोक अधोसंरचना का निर्माण होगा. किसानों को खेती की योजना बनाने, बीमा, कर्ज, मार्केट इंटेलिजेंस और कृषि आधारित उद्योगों तक पहुंचने में मदद मिलेगीउत्पादन क्षमता और लाभ कमाने की क्षमता भी बढ़ेगी. किसान, सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ेगा. इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके. सरकार ने बजट में मत्स्य संपदा की नई उपयोजना में 6000 करोड़ के निवेश का फैसला लिया है. उद्देश्य ग्रामीणसंसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेज़ी से बढ़ावा देना है.

नजर नए वोटों पर

वित्त मंत्री ने बार बजट के मुख्य सात लक्ष्य हैं जिन्हें सप्तर्षि कहा गया है- इसमें समावेशी विकास और युवा शक्ति को रखा गया है. निर हमारा लक्ष्य सबका साथ सबका विश्वास जीतने का है. मोदी सरकार ने बजट के लिए नए वोटर्स को साधने की कवायद की है, जिसके लिए स्टार्टअप खोलने से लेकर वित्त मकौशल विकास योजना 4.0 की शुरूआत की जाएगी. युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे. इसके.अलावा छात्रों के लिए तमाम घोषणाएं की है. 

इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा ऐलान

इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूंजी निवेश 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा. सरकार ने रेल वे क्षेत्र के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये का पूंजी परिव्यय प्रदान किया है. यह 2013-14 के बजट से नौ गुना अधिक है. इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि सड़कों एवं राजमार्गों, रेलवे, आवासन और शहरी कार्य पर विशेष जोर देने के लिए पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी हुई है. ये सीधे तौर पर देश के आर्थिक विकास को प्रभावित करते हैं.

पूंजीगत व्यय पर जोर

बीते दिन आर्थिक सर्वे में सरकार ने बताया था कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राजस्व व्यय की आवश्यकता काफी अधिक रहने के बावजूद केंदसरकार की ओर से पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर निरंतर विशेष जोर दिया जाता रहा है. केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय जीडीपी के 1.7 प्रतिशत के दीर्घकालिक वार्षिक वार्षिक औसत (वित्त वर्ष 2009 से वित्त वर्ष 2020 तक) से निरंतर बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में जीडीपी का 2.5 प्रतिशत हो गया है.

क्या-क्या हुआ महंगा

चिमनी

विदेशी इलेक्ट्रिक चिमनी

कुछ मोबाइल फोन

कैमरे के लेंस

विदेश से आने वाली चांदी से बनी चीजें

सिगरेट

सोना, चांदी, प्लैटिनम 

क्या हुआ सस्ता

खिलौने

साइकिल

ऑटोमोबाइल

देसी मोबाइल

इलेक्ट्रिक वाहन

एलसीडी टीवी

बायोगैस से जुड़ी चीजें

व्यक्तिगत आयकर की नई टैक्स दर

व्यक्तिगत आयकर की नई टैक्स दर 0 से 3 लाख रुपये तक शून्य, 3 से 6 लाख रुपये तक 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख रुपये 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख रुपये 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपये तक  20 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत रहेगी।

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की जाएगी। युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगे।

ऊर्जा सुरक्षा में 35 हजार करोड़ का निवेश

ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्र

वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत की जाएगी। गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।

बजट की बड़ी बातें

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।

2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।

अब सात लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. अभी यह सीमा पांच लाख रुपये थी.

देश में 50 नए एयरपोर्ट बनाए जाएंगे

एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा.

कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा.

बच्चों और युवाओं के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी.

2014 सेबने मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ कोलोकेशन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे.

अगले 3 सालों में, सरकार आदिवासी छात्रों को समर्थन देने वाले 740 एकलव्य मॉडल स्कूलों के लिए 38,800 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों को नियुक्त करेगी.

गोबर्धन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी. अगले 3 सालों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए मदद की जाएगी. 10,000 बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर खोले जाएंगे.

50 पर्यटन स्थलों की पहचान की जाएगी. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को संपूर्ण पैकेज के रूप में इन्हें विकसित किया जाएगा. इसके तहत वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट और हैंडीक्राफ्ट आइटम को बढ़ावा मिलेगा.

अमृतकाल का अमृत बजट

फिरहाल, आज़ादी के अमृत महोत्सव के इस कालखंड का यह अमृत बजट है। बजट में डिजिटल इंडिया से लेकर नौकरियों और इंफ्रा पर फोकस है। आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप समावेशी बजट है। इसमें सबका साथ, सबका विकास की झलक दिखती है। सेवा, कृषि और चिकित्सा के क्षेत्र हमारी प्राचीन अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इन्हें नए सिरे से इस बजट में परिभाषित किया गया है। आने वाली नई चुनौतियों के लिए इस बजट में समाधान दिया गया है। इसे समृद्ध, शक्तिशाली और विकसित भारत के निर्माण का बजट कहा जा सकता है। इस बजट से ग्रीन जॉब का भी क्षेत्र और खुलेगा। हर गरीब के पास पक्का घर हो, नल से जल आता हो, उसके पास शौचालय हो, गैस की सुविधा हो, इन सभी पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके साथ ही आधुनिक इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी उतना ही जोर है। जट में भारत के कोटि-कोटि जनों की आस्था, मां गंगा की सफाई के साथ-साथ किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा ने कहा कि बजट में आयकर के स्लैब में परिवर्तन करने से मध्यम वग्र को बड़ा फायदा होगा। सीईपीसी के पूर्व प्रशासनिक सदस्य उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना ने कहा किसबके प्रयास के लिए सरकार के आह्वान में हम उसके साथ खड़े हैं। निजी क्षेत्र राष्ट्र निर्माण, रोजगार सृजन के लिए प्रतिबद्ध है और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकार और भारत की जनता के साथ मिलकर काम करेगी।बजट मेंमुख्य रूप से जोर राजकोषीय मजबूती और कारोबार सुगमता पर रहा है। पूंजीगत व्यय में 35 फीसदी की वृद्धि से बुनियादी ढांचा और रोजगार बढ़ेगा।आज का बजट पूंजीगत व्यय, डिजिटल और कल्याण पर आधारित था। मैं भविष्य की स्पष्ट कल्पना कर सकता हूं।

ग्रोथ को बढ़ावा देने वाला बजट

यह बजट ग्रोथ को बढ़ावा देने वाला है। सरकार का नजरिया फॉरवर्ड लुकिंग यानी दूरदर्शी है। सरकार खुद निवेश को बढ़ावा देने की कमान संभालेगी और इसके लिए निजी सेक्टर का उपयोग करेगी। यह काम सरकार और निजी सेक्टर के जॉइंट वेंचर्स के जरिए किया जाएगा। टैक्स कलेक्शन से होने वाली आय से खास तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश होगा, जिसमें मेन फोकस रेलवे पर रहेगा। स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जाएगा, डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दिया जाएगा।

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