Saturday, 4 March 2023

बाबा ने बुल्डोजर एक्शन से तोड़ा साजिशकर्ताओं का चक्रव्यूह...?

बाबा ने बुल्डोजर एक्शन से तोड़ा साजिशकर्ताओं का चक्रव्यूह...?

जहां एक तरफ प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या से सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है, तो वहीं योगी आदित्यनाथ का माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे, का ये चम्तकारिक शब्द अपना रंग दिखा रहा है। दरअसल, साजिश के तहत वालीवूड स्टाइल में गोलियों की तडतडाहट के बीच प्रयागराज में तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या की गयी है। जानकारों की मानें तो इस हत्याकांड के बहाने यूपी में दहशत फैलाकर यूपी में योगी सरकार को घेरनी की थी। जंगलराज बताकर योगी की छबि खराब करना मकसद था। को तैयार है। 32.92 लाख करोड़ से भी अधिक निवेश करने वाले इन्वेसटरों को बताना था, तुम्हारे लिए यूपी सुरक्षित नही है. लेकिन शुक्र है बाबा योगी आदित्यनाथ समय रहते साजिशकर्ताओं के चक्रव्यूह को समझ गए।उनके द्यारा सदन में कही गयी, अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे.. के बाद से ही प्रयागराज से मऊ तक बुल्डोजर एक्शन मानों आंधी सी चल गईकृबाबा का बुलडोजर ऐसा कहर ढहा रहा है कि साजिशकर्ताओं की बाबा को घेरने की योजना धरी की धरी रह गयी. लेकिन बड़ा सवाल तो यही है क्या माफियाओ के सहारे सत्ता वापसी की ख्वाब देख रहे है साजिशकर्ता?

सुरेश गांधी

फिरहाल, हो जो भी सच तो यही है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड से पूरा का पूरा प्रदेश दहल गया था. सूबे की की कानून व्यवस्था पर तमाम सवाल उठने लगे थे. स्थिति यह हो गयी कि खराब होते छबि से बौखलाएं सीएम योगी आदित्यनाथ को सदन में बिल्कुल तीखे अंदाज में कहना पड़ा, ये अपराधी सपा के पालेपोशे पेशेवर अपराधी है, इन अपराधियों को मिट्टी में मिला देंगे. जिसके बाद से ही प्रयागराज से मऊ तक बुल्डोजर एक्शन में है। जेल में बंद प्रयागराज हिंसा के मास्टर माइंड अतीक के शूटरो करीबियो से लेकर मुख्तार अंसारी के करीबियों के घर को बुलडोजर ने मिट्टी में मिलाना शुरु कर दिया है। खास यह है कि बुलडोजर एक्शन सिर्फ कार्रवाई भर नहीं है, राजनीति में छिपे अर्थ खंगालें तो यह एक साथ ही छवि निर्माण और भविष्य के लिए बड़े संदेश देने का संकेत है. बता दें, योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के पहले प्रदेश में अपराधियों, माफियाओं और संगठित अपराध करने वालों का बोलबाला था. हर तरफ दंगे से लेकर बलातकार, लूट, डकैती, हत्या की गूंज थी, माफिया जबरन लोगों के जमीन हड़प रहे थे। पीड़ितों की आवाज उठाने वाले पत्रकारों की खुलेआम हत्या घर-गृहस्थी लूटे जा रहे थे। लेकिन, 2017 के बाद यूपी में संगठित अपराध लगभग समाप्त हो गए. अपरहण और फिरौती का धंधा बंद हो गया. इतना ही नहीं अपराधियों और माफियाओं ने एनकाउंटर के डर से खुद ही सरेंडर करना शुरू कर दिया था. इससे यूपी की छबि सुधरने लगी। हाल यह रहा कि यूपी में योगी सारे समीकरणों को ध्वस्त करते हएु दुबारा मुख्यमंत्री बन गए। मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2022 में विकास के साथ बाबा का बुलडोजर और भी तेज गरजने लगा।

देश में यूपी की सुधरती छबि का परिणाम रहा कि एक झटके में विभिन्न इंवेस्टर्स कंपनियों के साथ राज्य सरकार ने 18 हजार 643 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए,जिनके तहत तकरीबन 32.92 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री का दावा है कि इससे प्रदेश के युवाओं को 92.50 लाख से अधिक नौकरी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रदेश में बेहतर आधारभूत सुविधाओं बदली कानून-व्यवस्था का परिणाम है कि आर्थिक रूप से पिछड़े पूर्वी क्षेत्र को नौ लाख 55 हजार करोड़ रुपये तथा बुंदेलखंड को चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह औद्योगिक निवेश इन क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाओं को आकार देने वाला होगा। लेकिन 2024 में मोदी को केन्द्र से बेदखल करने का ख्वाब देख रहे का साजिशकर्ताओं को यह सब राशि नहीं रहा। जानकारों का कहना है कि एक साजिश के तहत प्रयागराज में हत्याकांड को अंजाम इसलिए दिया गया कि योगी की छबि खराब हो। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जैसे ही हत्यांकांड घटित हुई सबके सब योगी को घेरने के लिए सड़क से लेकर सदन तक हंगामा शुरु कर दिए। हत्यारों की धरपकड़ मांग की जगह सूबे को जंगलराज बताने लगे। लेकिन शुक्र है बाबा समय रहते सबकुछ समझ गए। परिणाम यह है कि ताबड़तोड़ की कार्रवाई से किसी को गाड़ी पलटने का डर सता रहा है तो कोई जमींददोज हो रहा है। एक एक कर अतीक मुख्तार के गुर्गो का बेनाम संपत्ति घर मिट्टी में मिल रहा है। बाबा ने रहम की गुंजाइश नहीं बिलकुल नहीं छोड़ी है. बुलडोजर माफियाओं की कमर तोड़ने में जुटा है।

यहां जिक्र करना जरुरी है कि यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ ने खुद की छवि बुलडोजर बाबा के तौर पर स्थापित कर दी थी। इसका असर अब प्रदेश भर में देखने को मिल रहा है. पिछले कुछ दिनों में लखनऊ, बाराबंकी, कानपुर, नोएडा, जालौन, बुलंदशहर, प्रयागराज  मऊ जैसे तमाम जिलों में रोज बुलडोजर से अवैध निर्माण गिराने की खबर सामने रही है. प्रदेश में माफियाओं की लिस्ट बनाई गई है जिन पर बुलडोजर एक्शन लिया जाना है. दरअसल इन सब कार्रवाई के जरिए योगी ने बुलडोजर बाबा की जो छवि खुद की बनाई थी, वह दिन--दिन मजबूत होती जा रही है. मतलब साफ है अपराधियों पर सख्त, बेहतरीन प्रशासन बुलडोजर एक्शन के जरिए अपराधियों को दंड देने की प्रक्रिया भर नहीं है. इसके पीछे पूरे प्रदेश और उसके बाहर अब देश भर में मजबूत संदेश जा रहा है. योगी की छवि बतौर मुख्यमंत्री एक स्टैट्समैन के तौर पर स्थापित हो चुकी है. अगर ज्यादा पीछे नहीं लौटें तो गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की देशव्यापी छवि भी उनके विकास कार्यों के साथ दक्ष प्रशासक के तौर पर बनी थी. जानकारों का कहना है कि देश भर में मोदी की अपार लोकप्रियता के पीछे एक बड़ी वजह गुजरात में अपराधियों और दंगाइयों पर नकेल भी थी. उसी लीक पर बढ़ते हुए योगी भी अपनी देशव्यापी छवि निर्माण करने में बहुत हद तक सफल भी हुए हैं.

अतीक अहमद के खास करीबी कहे जाने वाले माशूक उद्दीन उर्फ मासूम की दो मंजिला उस शानदार आशियाने को पीडीए ने मिट्टी में मिला दिया जिसकी लागत 3 करोड़ से अधिक की है। पीडीए का कहना है कि इस का नक्शा बगैर पास किए ही इस बंगले को बनाया गया था। उसी कड़ी में माफिया अतीक अहमद के गैंग के सदस्य और उसके करीबी असरौली इलाके में अपराध से अर्जित कर तीन करोड़ से ज्यादा अधिक की लागत की आलीशान इमारत को भी पीडीए के बुलडोजर ने जमीडोज कर दिया। देखा जाएं तो प्रयागराज में उमेश पाल सहित पुलिस के दो गनर की हुए हत्या के बाद इस केस में नामजद आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके गुर्गों पर आफत सी गई है। ढाई साल में अतीक अहमद उसके करीबियों के 70 से अधिक मकानों को मलबे में तब्दील कर दिया गया है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अतीक और उसके करीबियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही की है। पीडीए ने सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक इस गैंग के 58 अवैध निर्माणों को धराशाई किया और इस माफिया और इससे जुड़े लोगों की 1200 करोड़ से अधिक की आर्थिक चोट पहुंचाई जा चुकी है। उमेश पाल हत्याकांड के महज 72 घंटे के अंदर ही उमेश पाल हत्याकांड में शूटर्स की गाड़ी चलाने वाले अरबाज को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया पुलिस ने सदाकत को भी अगले ही दिन धर दबोचा था। अब बारी थी इस वारदात में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपराधियों को पनाह देने वालों की खबर लेने की पहले इस केस में नामजद अतीक अहमद की पत्नी और बेटों को पनाह देने वाले जफर अहमद के दो करोड़ के अवैध बंगले को बुलडोजर ने मिट्टी में मिला दिया था। अगले दिन अतीक को कारतूस सप्लाई करने की आरोपी के तीन करोड़ की लागत की बहुमंजिला इमारत को जमीडोज कर दिया।

मजबूत होती योगी की छबि

प्रदेश में बुलडोजर की बड़ी अहम भूमिका रही है, चुनाव में भी इसका काफी जिक्र हुआ था, वहीं अब फिर योगी 2.0 में बुलडोजर सुर्खियों में है। नो एफआईआर, नो टॉक। फैसला ऑन स्पॉट, विद बाबा का बुलडोजर। योगी 2.0 का अपराधियों से निपटने का यही स्टाइल है। अब यूपी में अपराधियों को पुलिस की गोली से ज्यादा योगी के बुलडोजर से डर लगता है...क्योंकि जब बाबा का बुलडोजर चलता है तो क्या पेट्रोल पंप, क्या बिल्डिंग, क्या मकान और क्या दुकान। अपराधी का हो या अवैध निर्माण, सब एक झटके में मलबे बदल जाते हैं। यूपी में योगी 2.0 के एक्शन में आते ही बुलडोजर ने जैसे टॉप गियर पकड़ लिया है। अब तो शायद ही कोई दिन गुजरता है जब बुलडोजर एक्शन पर नहीं हो। अब सवाल ये है कि अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर फॉर्मूला हिट क्यों हैं? बाबा का बुलडोजर स्टाइल क्यों फॉलो कर रहे दूसरे राज्य? बुलडोजर से अपराधियों के इलाज के पीछे की वजह क्या है? दरअसल यूपी विधानसभा के चुनावी रण में कानून व्यवस्था एक अहम मुद्दा रहा...योगी सरकार ने लगातार कानून व्यवस्था के मोर्चे पर पिछली सरकारों को कठघरे में खड़ा किया...माफिया के खिलाफ बुलडोजर चलाकर योगी ने यूपी में गुंडों-माफियाओं को सख्त मैसेज दिया, क्योंकि कानून-व्यवस्था एक ऐसा मुद्दा है जो जनता को सीधे कनेक्ट करता है। यही वजह है कि अब देश के दूसरे राज्यों की बीजेपी सरकारें भी योगी के बुलडोजर फॉर्मूले को अपने यहां लागू कर रही हैं।

बुलडोजर बनी बाबा की पहचान 

महंत से सीएम बने योगी आदित्यनाथ.. अब लोगों के लिए बुलडोजर बाबा भी हैं। ताबड़तोड़ बुलडोजर कार्रवाई को उन्होंने चुनावी मुद्दे की तरह लोगों के सामने रखा। माफिया की अवैध बिल्डिंगों पर बुलडोजर चलवाकर उन्होंने लोगों को सरकार की मजबूती का संदेश दिया। समर्थकों ने भाजपा के बैनरों पर कमल से ज्यादा बुलडोजर हाईलाइट करने शुरू किए। उनकी हर सभा में ये खड़े किए जाने लगे। समर्थक कहते हैं कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उन्हें बुलडोजर बाबा कहकर तंज कसा था। योगी ने इसी को अपनी पहचान बना लिया। दरअसल अखिलेश ने 25 फरवरी को एक सभा की थी। इसमें उन्होंने योगी को बुलडोजर बाबा कहा था। हालांकि, योगी अक्सर कहते हैं कि बुलडोजर यूपी के लोगों के लिए विकास का प्रतीक है। उनका बुलडोजर अब एक ब्रांड है। यह सड़कों और इमारतों के निर्माण के लिए इस्तेमाल होता है। साथ ही अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। पड़ताल के मुताबिक योगी अपने हर इंटरव्यू में, हर सभा में, डोर-टू-डोर कैंपेन में इसकी चर्चा जरूर करते हैं। योगी के करीबियों की मानें तो उन्हें बाबा से ज्यादा बुलडोजर बाबा कहलाना पसंद रहा है।

2017 से पहले यूपी में था जंगलराज

एक समय था जब प्रदेश में माफियों का भयंकर बोलबाला था। गुंडे और माफिया के गिरोह ने प्रदेश कि व्यवस्था को सर के बल पर खड़ा कर दिया था। वहीं जनता के बीच त्राहिमाम-त्राहिमाम मचा था और देस दुनिया में प्रदेश की ये अनुशासनहीन ध्वनियां सुर्खियां बटौर रही थी। प्रशासन और सरकार माफियाओं के आगे बेबस होकर या तो तमाशा देखते थे या फिर तमाशे का हिस्सा बनते थे। उस समय प्रदेश में दो नाम अपराध की त्रेणी में माफिया मुख्तार अंसारी और दूसरा अतीक अहमद। जिनकी गुंडागर्दी से प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी थी। फिर बदलाव का नया वसन्त दिखाई दिया जब यूपी की गद्दी पर बाबा यानी योगी आदित्यनाथ विराजमान हुए, तब से इन माफियों के ऊपर काल मंडराना शुरू हो गया। योगी आदित्यनाथ की ललकारमिट्टी में मिला दूंगाकी तर्ज पर बाबा के बुलडोजर गरज रहे हैं। प्रयागराज में लगातार योगी बाबा के बुलडोजर अपराधियों के मकानों को मिट्टी में मिला रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने उमेश पाल सहित दो सिपाहियों के हत्याकांड के अपराधियों को मिट्टी में मिला देने का फरमान प्रयागराज में धरातल पर दिख रहा है। जहां अब तक 50 हजार इनामिया एक आरोपी का एनकाउंटर, हत्याकांड के एक मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी और करोड़ों लागत के 3 मकानों को जमीदोंज कर दिया गया है।

बुलडोजर एक्शन, सपा टेंशन में क्यों?

योगी सरकार माफियाओं पर बुलडोजर चला रही है। लेकिन बौखलाहट सपा में है। सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क बुलडोजर कार्रवाई को मुसलमानों के खिलाफ बता रहे हैं। अब उन्हें कौन बताएं कि माफियाओं का कोई धर्म जाति नहीं होता है, जिसे वे मजहबी रंग देने में तुले हुए हैं। हाल यह है कि सपाई इस कार्रवाई से इतने बौखला गए है कि अब वो सीधे सीएम आदित्यनाथ को बुलडोजर एक्शन की धमकी दे रही है। साथ ही योगी सरकार को खुली धमकी दे रहे हैं कि जब तुम सत्ता से बाहर होगे बुलडोजर कार्रवाई की जद में तुम भी होगे। सवाल यह है कि आखिर सपा को माफियाओं और अपराधियों का धर्म क्यों नजर रहा है। क्या योगी सरकार सिर्फ मुसलमानों को टारगेट कर रही है लेकिन सच्चाई ये भी है कि तमाम हिंदू माफियाओं और अपराधियों का एनकाउंटर भी योगी राज में हुआ है। जो धमकी शफीकुर्रमान दे रहे हैं ऐसी ही धमकी दिसंबर 2021 में असदुद्दीन ओवैसी ने पुलिस को दी थी और कहा था जब योगी और मोदी सत्ता से चले जाएंगे तब तुम्हें कौन बचाएगा। एक तरफ शफीकुर्रहान बर्क जैसे लोग बुलडोजर एक्शन पर सियासत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मुरादाबाद में हिंदुओं को होली खेलने पर फसाद की धमकी दी जा रही है। सवाल है क्या सेक्युलरिज्म की बात करने वालों के लिए ये ही गंगा जमनी तहजीब है? क्या ऐसी धमकी देकर सांप्रदायिक सौहार्द्ध को बिगाड़ने की कोशिश हो रही है।

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