Friday, 28 June 2024

यूपी : 2027 में गेम चेंजर साबित होगी ’लाडली बहना’ योजना?

यूपी : 2027 में गेम चेंजर साबित होगीलाडली बहनायोजना

मध्यप्रदेश चुनाव में सीएम शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना योजना गेम चेंजर बनी। उसी तर्ज पर अब महाराष्ट्र मेंमुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजनालागू की गयी है। ऐेसे में बड़ा सवाल तो यही है देश के सबसे बड़े सूबा यूपी में यह योजना क्यों नहीं? खासकर तब जब इंडि गठबंधन केगारंटी कार्डके झांसे में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा वोटिंग किए जाने सेअबकी बार 400 पारके नारे को यूपी से ही इतना बड़ा झटका लगा कि खुद के बहुमत से दूर 240 पर ही अटक गयी। बता दें, भाजपा को यूपी से 80 सीटें जीतने की उम्मींद थी, लेकिन उसके हार के प्रमुख कारणों में से एकगारंटी कार्डयोजना के चलते उसकी सिर्फलखपति दीदी योजनाधराशायी हो गयी बल्कि 32 सीटों पर ही सिमट गयी और पीएम मोदी राजनाथ सिंह जैसे दिग्गज नेताओं की जीत की मार्जिन भी घट गयी। देखा जाएं तो यूपी में कुल मतदाताओं की संख्या 15.29 करोड़ है, इसमें से 7.15 करोड़ महिला वोटर हैं, जो किसी भी दल की जीत में चार चांद लगा सकते है। राजनीतिक विश्लेषक अविनाश मिश्रा की मानें तो 2025 कामहाकुभके साथलाडली बहना योजनायूपी में गेम चेंजर साबित हो सकती है  

सुरेश गांधी 

फिरहाल, मध्य प्रदेश कीलाडली बहना योजनाके तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार ने भीमुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजनालागू कर दी है। कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में साल के अंत में होने वाले चुनाव में इस योजना वोट गिरेंगे. मध्यप्रदेश में ऐसा हो चुका है, जहां सिर्फ शिवराज सिंह चौहान सरकार बल्कि लोकसभा में भी भाजपा ने तकरीबन एक करोड़ लाडली बहनों के वोट से क्लीन स्वीप किया है। इस योजना के तहत 23 साल से लेकर 60 साल तक की उम्र की महिलाओं के बैंक खाते में हर महीने ₹1000 की राशि भेजी जाती है। कुछ ऐसा ही उम्मींद लोगों को यूपी में भी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यूपी में कुल मतदाताओं की संख्या 15.29 करोड़ है, इसमें से 7.15 करोड़ महिला वोटर हैं. इनमें से करीब 3.99 करोड़ महिलाओं (46.16 प्रतिशत) ने मतदान किया है। लेकिन इस वोट का एक बड़ा हिस्सा इंडि गठबंधन के खाते में चला गया। इसकी बड़ी वजह गारंटी कार्ड, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था सरकार बनने पर हर महिलाओं के खाते में साल का एक लाख यानी हर महीने 8500 रुपये बैंक एकाउंट में खटाखट खटाखट आयेगा। इस खटाखट खटाखट के झांसे में महिलाएं गयी। कुछ जगहों पर कार्यकर्ताओं ने कह दिया कि आप इस कार्ड में डिटेल भरकर पांच जून तक जमा कर दीजिए आपके एकाउंट रुपये आने लगेंगे। परिणाम यह हुआ कि बीजेपी 80 में 32 पर ही सीमट गयी। जबकि उसे राम मंदिर, लखपति दीदी, नारी शक्ति वंदन, राष्ट्रवाद, 370 विकास के दावों के बीच 80 की 80 सीटें मिलने की उम्मींद थी। 

बता दें, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने 28 जून शुक्रवार को राज्य के बजट सत्र के दौरान विधानसभा में ऐलान किया कि महिलाओं को जुलाई से हर महीनेमुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजनाके तहत 1500 रुपये की मदद दी जाएगी. इस योजना का फायदा 21 से 60 साल की महिलाओं को मिलेगा. देखा जाएं तो महाराष्ट्र में अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले ही 2024-25 के लिए राज्य सरकार ने अपना बजट पेश करके जनता के लिए खजाना खोल दिया है. इसमेंमुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजनाके अलावा पात्र परिवारों को 3 मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने और महिलाओं को 1500 रुपये की आर्थिक मदद हर महीने देने की घोषणा की है. ये सहायतामुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजनाके जरिए दी जाएगी, जिसके लिए 46,000 करोड़ रुपये का सालाना बजट आवंटित किया जाएगा. हालांकि महाराष्ट्र की शिंदे सरकार द्वारा राज्य में महिलाओं की आर्थिक मदद करने का यह पहला प्रयास नहीं है. इससे पहले इसी साल मार्च 2024 में सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने और महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने सहित आठ उद्देश्यों पर एक केंद्रित नीति का अनावरण किया था. अजीत पवार द्वारा घोषितमुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजनामध्य प्रदेश में चल रहीलाडली बहनायोजना से प्रेरित लगती है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लागू की गई इस योजना को पूरे मध्य प्रदेश में महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया था. इस योजना को जब एमपी में शुरू किया गया था तब पात्र लाभार्थियों को 1,000 रुपये का मासिक स्टाइपेंड मिलता था, जिसे बाद में बढ़ाकर 1,250 रुपये कर दिया गया. ’लाडली बहनयोजना के लगभग 94 प्रतिशत लाभार्थी 25 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के हैं. इसके पीछे तर्क है किनारी परिवार का सहारा होती है। हम अनेक महिलाओं को अकेले ही परिवार संभालते हुए भी देख रहे हैं। इन महिलाओं को तुरंत आर्थिक मदद उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। इसीलिए मैं हमारी बेटी-बहनों के लिए मुख्यमंत्री लाडकी बहीण योजना की घोषणा कर रहा हूं।सरकार का दावा है कि यह एक व्यापक एवं महत्वाकांक्षी योजना है।

मध्य प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहना योजना लागू किया था। इस योजना के माध्यम से मध्य प्रदेश की गरीब महिलाओं को सरकार द्वारा आर्थिक रूप से सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत राज्य सरकार लाभार्थी महिलाओं के खाते में हर महीने 1250 रुपये डाल रही है। इस योजना ने चौहान को केवल मध्य प्रदेश में बल्कि पूरे देश में अलग पहचान दिलाई। राजनीतिक विशेषज्ञ कहते है कि इसी योजना के दम पर बीजेपी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आसानी से जीती। क्योंकि महिला मतदाताओं ने बीजेपी के पक्ष में जमकर मतदान किया। विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 29 में से 29 सीटों पर जीत हासिल की। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में राज्य में शिवसेना (एकनाथ शिंदे), बीजेपी और एनसीपी (अजित पवार) की महायुति का प्रदर्शन उम्मीद से खराब रहा है। इसलिए महायुति के घटक दलों को उम्मीद है कि महाराष्ट्र में अक्टूबर तक होने वाले विधानसभा चुनाव में लाडली बहना योजना गेम चेंजर साबित होगी।  इस योजना में ऐसी महिलाएं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसी महिलाएं जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है। वे महिलाएं जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख से कम है। महिला की उम्र 23 से 60 वर्ष के बीच होनी है को लाभ मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में महिलाओं के हित में विष्णुदेव साय सरकार ने एक और सराहनीय कदम उठाया है। अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को अमलीजामा पहनाते हुए सरकार ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत हर माह एक-एक हजार रुपए देने की शुरूआत कर दी है जिससे प्रदेश की महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार रहा है। अब साय सरकार ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार दिलाने के साथ ही काम काज के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में महतारी सदन बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाया है। इसके तहत पहले चरण में छत्तीसगढ़ के 146 ब्लाकों में दस महतारी सदन बनाये जाएंगे। इसके लिए बजट में 50 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं। इन महतारी सदनों ंमें दो कमरे व्यवसायिक उपयोग के लिए बनाए जाएंगे तथा एक बड़ा हॉल बनाया जाएगा जो महिलाओं का कार्यस्थल होगा। इसके साथ ही स्टोर तथा किचन और सामुदायिक शौचालय भी बनाया जाएगा। 

प्रत्येक 3 हजार की आबादी वाले ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश में 1460 महतारी सदन बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिस पर तेजी से काम हो रहा है। महिला सशक्तीकरण के लिए साय सरकार की यह पहल सराहनीय है। साथ ही अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय भी है। ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने से उनके व्यवसाय को नई उंचाईयों तक पहुंचाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में ऐसे हजारों महिला स्वसहायता समूह है जो स्वरोजगार कर अपनी और परिवार की आमदनी बढ़ा रहे हैं, किन्तु उन्हें अपने व्यवसाय के लिए उपयुक्त स्थान मिल पाने के कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अब महतारी सदन बन जाने से उनकी यह दिक्कतें दूर हो जाएंगी और उनका व्यवसाय सुचारू रूप से चल पाएगा। साय सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों के तरह ही शहरी क्षेत्रों में भी महिला स्वसहायता समूहों के लिए इस तरह के सदन बनाने पर विचार करना चाहिए।

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