झुनझुनवाला के घर पर दुसरे दिन भी ईडी का छापा जारी
देर रात तक खंगाले गए रिकॉर्ड, एक हजार करोड़ से जुड़ा है मामला
जेवीएल एग्रो
का
काम
देखने
वाले
चार्टर्ड
अकाउंटेंट,
प्रबंधक
और
बैंक
संबंधी
काम
काज
देखने
वालों
से
भी
टीम
करेगी
पूछताछ
झुनझुनवाला के
कई
करीबी
भी
लपेटे
में
आयेंगे
5 साल से फैक्ट्रियां बंद,
कागजी
कारोबार
में
करोड़ों
का
लेन-देन,
सीबाआई
भी
मार
चुकी
छापा
इंडोनेशिया, चेकोस्लोवाकिया
और
मलेशिया
तक
फैला
है
कारोबार
सुरेश गांधी
वाराणसी। शहर के उद्योगपति
दीनानाथ झुनझुनवाला के तीन ठिकानों
पर शुक्रवार से ही आज
दुसरे दिन शनिवार को
दर रात तक प्रवर्तन
निदेशालय की टीम का
छापा जारी है। चेतगंज
थाना क्षेत्र के नाटी इमली
में मकान, सारनाथ के आशापुर और
सिंधोरा रोड पर फॉर्म
हाउस पर एक साथ
दस्तावेजों को खंगाला जा
रहा है। इस दौरान
मकान और कार्यालय के
अंदर-बाहर किसी को
नहीं जाने दिया गया।
बैंक लोन घोटाले के
मामले से जुड़ी इस
कार्रवाई में परिजनों और
कर्मचारियों के मोबाइल भी
ईडी की टीम ने
बंद करा दिए। कार्यालय
से कई फर्म के
दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर के हार्ड डिस्क,
रसीद, बैंक पासबुक, चेकबुक
और बैंक खातों से
लेनदेन की डिटेल खंगाली।णसी
की आशापुर और हिरामन की
ऑयल मिल में दस्तावेज
खंगाले जा रहे हैं।
दीनानाथ झुनझुनवाला पर एक हजार
करोड़ से अधिक के
बैंक धोखाधड़ी का आरोप है।
पंजाब नेशनल बैंक और बैंक
ऑफ बड़ौदा के 900 करोड़ हैं। झुनझुनवाला
और उनके परिवार ने
11 बैंकों से करोड़ों का
लोन लिया था। जिसे
अब तक लौटाया नहीं
है। उनकी कंपनी जेवीएल
एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सबसे बड़ी कर्जदार
है। माना जा रहा
है कि इसी मामले
में ईडी की कार्रवाई
चल रही है। ईडी
ने इन्हीं मामलो को लेकर शुक्रवार
को उनके फार्म हाउस
व अन्य राज्यों दिल्ली,
कोलकाता, बिहार, रोहतास समेत 12 से अधिक ठिकानों
पर भी छापेमारी की.
बताया जा रहा है
कि टीम ने इस
दौरान कई दस्तावेज व
लैपटॉप अपने कब्जे में
लिए हैं. सूत्रों की
मानें तो छापेमारी के
दौरान लगभग 500 करोड़ रुपए सिंगापुर
के बैंक एकाउंट में
भी ट्रांसफर किए जाने के
साक्ष्य मिले हैं. इसके
अलावा कई फाइलों में
गड़बड़ी मिली है. इसके
आधार पर टीम आगे
की छानबीन कर रही है.
बताया जाता है कि
सीबीआई ने झुनझुनवाला के
खिलाफ 2019 में ही केस
दर्ज कर जांच की
शुरुआत की थी. जिसके
बाद 2020 में मनी लॉन्ड्री
केस पर ईडी ने
कार्रवाई की शुरुआत की
है. इसी के तहत
शुक्रवार सुबह 7 बजे उनके आवास,
आशापुर, हीरामनपुर में उनकी तेल
मिलों, सारनाथ में कार्यालय समेत
अन्य राज्यों में छापेमारी की
गई.
बता दें, दीनानाथ झुनझुनवाला मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. लगभग पांच दशक पहले वाराणसी आकर नाटी इमली में उन्होंने अपना आवास बनवाया. कुछ महीनों तक वे बिस्कुट का कारोबार करते रहे और उसके बाद फेरी लगाकर कपड़े का कारोबार किया, साबुन भी बेचा. इसके बाद उन्होंने झूला ब्रांड डालडा नाम से वनस्पति तेल बनाने की शुरुआत की, जो कि यूपी और बिहार में काफी मशहूर है. उनका कारोबार भारत के बाहर इंडोनेशिया, चेकोस्लोवाकिया, मलेशिया और श्रीलंका तक पहुंचा. दीनानाथ झुनझुनवाला (90), पत्नी किशोरी देवी (87) है। तीन बेटे में एक की मौत हो चुकी है। दो बेटे उनका कारोबार में हाथ बंटाते हैं। बीएचयू से स्नातक के बाद वह फेरी लगाने लगे। फिर, बिस्किट की फैक्ट्री खोली। 17 नवंबर 1989 को झुनझुनवाला ने वनस्पति लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई, जिसे जौनपुर के नाऊपुर में स्थापित किया।
1990 से कंपनी ने वनस्पति तेल बनाना शुरू कर दिया। कुछ दिनों में कारोबार चल पड़ा। 25 टन प्रतिदिन के उत्पादन से शुरुआत करने वाली कंपनी बाद में एक हजार टन प्रतिदिन उत्पादन करने लगी। 2008 में कंपनी ने अपना नाम जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड किया। जेवीएल एग्रो ने वनस्पति, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों का तेल बनाया। दीनानाथ ने मुजफ्फरपुर स्थित अपने ससुराल पक्ष के लोगों से भी कारोबारी लाभ उठाया. ससुराली फर्म हनुमान प्रसाद बिहारी लाल से नजदीकी नाता रखते हुए उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया. कहा जाता है कि बैंकों से करोड़ों का लोन लेने के बाद बड़े बेटे सत्यनारायण ने मुजफ्फरपुर में भी करोड़ों का निवेश किया. करोड़ों के लोन की हेराफेरी और बैंकों को गलत स्टेटमेंट के कारण सरकारी महकमे मच्ं उच्च पद पर आसीन एक रिश्तेदार ने दीनानाथ से दूरी बना ली थी. दीनानाथ के अन्य भाइयों का परिवार और उनका कारोबार भागलपुर में फैला हुआ है.
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