स्मार्ट होगी क्लास तो स्मार्ट होंगे छात्र : डीएम एस रालिंगम
कहा, सरकारी स्कूल के बच्चों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए डिजिटल स्मार्ट क्लास सराहनीय पहल हैजिलाधिकारी ने
विद्या
शक्ति
प्रोजेक्ट
का
किया
उद्घाटन
बेहतर कार्य
करने
वाले
खंड
शिक्षा
अधिकारियों
और
कोऑर्डिनेटरों
को
मिला
प्रशस्ति
पत्र
और
प्रतीक
चिन्ह
5वीं से 6ठवीं कक्षा
में
प्रवेश
करने
वाले
बच्चों
को
मिला
पढ़ने
लिखने
की
स्टेशनरी
सुरेश गांधी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश को निपुण प्रदेश
बनाने तथा कक्षा शिक्षण
को अधिक प्रभावी बनाने
के लिए योगी सरकार
डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा दे
रही है। इसके माध्यम
से छात्रों को कंप्यूटर और
डिजिटल शिक्षा से अवगत कराया
जा सकेगा। कुल मिलाकर योगी
सरकार की योजना स्मार्ट
क्लास के साथ ही
शिक्षकों और छात्रों को
भी स्मार्ट बनाने की है। इसी
कड़ी में जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने शुक्रवार को
शिवपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विद्या शक्ति
प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया।
इस प्रोजेक्ट के
द्वारा बच्चों को डिजिटल स्मार्ट
क्लास के माध्यम से
ऑनलाइन शिक्षा दी जाएगी। जिलाधिकारी
और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बच्चों के
साथ बैठकर चल रहे ऑनलाइन
क्लास को देखा और
उनसे पठन-पाठन के
बारे में जानकारी ली।
इस मौके पर जिलाधिकारी
ने विद्या शक्ति के तहत बेहतर
कार्य करने वाले खंड
शिक्षा अधिकारियों और कोऑर्डिनेटरों को
प्रशस्ति पत्र और प्रतीक
चिन्ह देकर सम्मानित किया।
साथ ही पाँचवी कक्षा
से छठी कक्षा में
प्रवेश करने वाले बच्चों
को पढ़ने लिखने की
स्टेशनरी प्रदान किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि
सरकारी स्कूल के बच्चों को
प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए डिजिटल
स्मार्ट क्लास सराहनीय पहल है। जब
सरकारी और प्राइवेट स्कूल
की तुलना होती है तो
ऐसी सुविधाओं गैप पाया जाता
है। इन विंदुओं की
ध्यान में रखते हुए
स्मार्ट क्लास पर विशेष ध्यान
दिया जा रहा है।
हमारा प्रयास है कि सभी
सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास
की व्यवस्था हो, जिससे शिक्षा
की गुणवत्ता बढ़े और सरकारी
स्कूल के बच्चे भी
बेहतर गणित व विज्ञान
की शिक्षा प्राप्त कर अधिक प्रतिस्पर्धी
बन सके। उन्होंने कहा
कि यह टेक्नोलॉजी आईआईटी
मद्रास द्वारा बनाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे
विद्यालयों को सरकार द्वारा
निपुण विद्यालय घोषित किया जाता हैं।
इस मौक़े पर सीडीओ
हिमांशु नागपाल, खंड शिक्षा अधिकारी,
विद्यालय के शिक्षक और
बच्चे सहित अन्य लोग
मौजूद थे।
इसलिए जरूरी है स्मार्ट क्लास
विद्यालयों में बच्चों को
डिजिटल प्रणाली के माध्यम से
कक्षा शिक्षण कराए जाने के
लिए स्मार्ट क्लास स्थापित किए जा रहे
हैं। इन स्मार्ट क्लासेज
में 75 इंच का आधुनिक
टच स्क्रीन पैनल, हाई डेफिनेशन वेब
कैमरा, डिजिटल कोर्स कंटेंट, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, इण्टरनेट कनेक्टिविटी, पावर बैकअप उपलब्ध
होंगे। इसके साथ ही
कक्षाओं में स्मार्ट क्लास
के निर्बाध रूप से संचालन
के लिए सेवाप्रदाता द्वारा
ऑनसाइट ऑपरेशन और मेंटीनेंस सपोर्ट
की सुविधा भी प्रदान की
जाएगी।
स्मार्ट क्लास से स्मार्ट होंगे शिक्षक और छात्र
स्मार्ट क्लास के माध्यम से
कक्षा शिक्षण कराए जाने पर
बच्चों में पठन-पाठन
की अभिरुचि उत्पन्न होगी तथा उनके
अधिगम स्तर में भी
वृद्धि होगी।
स्मार्ट क्लास के माध्यम से
प्रभावी कक्षा शिक्षण के लिए एनसीईआरटी
एवं एससीईआरटी द्वारा तैयार पाठ्यक्रम पर आधारित डिजिटल
कंटेंट का प्रयोग किया
जा सकेगा।
स्मार्ट क्लास के माध्यम से
शिक्षक तथा बच्चे अत्याधुनिक
तथा विश्व स्तरीय शिक्षा प्रणाली का अनुभव प्राप्त
कर सकेंगे।
विद्यालयों में स्मार्ट क्लास,
इंटरनेट की उपलब्धता होने
से विभिन्न प्रकार की मल्टीमीडिया शैक्षणिक
सामग्री का सुगमता से
प्रयोग किया जाना संभव
हो सकेगा।
बच्चों की प्रगति की
सुगमतापूर्वक मॉनिटरिंग की जा सकेगी
तथा बच्चों की ऑनलाइन परीक्षाएं
भी संपादित कराई जा सकेंगी।
इण्टरनेट कनेक्टिविटी से ऑनलाइन शिक्षक
प्रशिक्षण, डीबीटी, बच्चों का आकलन, डेटा
कलेक्शन आदि कार्यों की
मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी।
डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता से
बच्चों के लिए डिजिटल
लर्निंग तथा शिक्षकों की
क्षमता संवर्द्धन के साथ ही
शिक्षकों द्वारा पाठ्यकम आधारित ऑनलाइन कक्षाएं भी संचालित की
जा सकेंगी।
विकासखंडों में डिजिटल संसाधनों
की उपलब्धता से विभिन्न पोर्टल
(मिड डे मील, प्रेरणा
पोर्टल, मानव सम्पदा पोर्टल
आदि) के माध्यम से
सूचनाओं का संकलन एवं
अनुश्रवण किया जा सकेगा।
डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता से
बच्चों द्वारा कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन एवं इण्टरनेट का
प्रभावी उपयोग करते हुए डिजिटल
शिक्षा के प्रयोग को
बढ़ावा मिलेगा।
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