आक्सीजन क्लब की पंचक्रोशी यात्रा में उमड़े आस्थावान
संस्कृति और
पर्यावरण
संरक्षण
का
लिया
संकल्प
डीजे पर
झूमते
रहे
युवा,
पूरे
रास्तेभर
गूंजता
रहा
हर
हर
महादेव
का
जयघोष
जगह-जगह
लोगों
ने
पुष्प
वर्षा
के
साथ
ही
आयोजक
विक्रांत
दुबे
सहित
क्लब
के
सदस्यों
का
फूलमालाओं
से
स्वागत
किया
जगह-जगह
यात्रा
को
देखने
व
स्वागत
के
लिए
सड़कों
के
दोनों
तरफ
भारी
जन
समूह
भी
उमड़
पड़ा
सुरेश गांधी
वाराणसी। सामाजिक संस्था ‘ऑक्सीजन क्लब’ के तत्वावधान में रविवार को पंचक्रोशी यात्रा निकाली गयी। यात्रा में शामिल बाइक सवार डीजे पर भोले के भजनों पर झूमते चल रहे थे। पूरे रास्ते हर हर महादेव का जयघोष गूंजता रहा। आस्थावानों की टोली का रास्तेभर जगह-जगह लोगों ने पुष्प वर्षा के साथ ही आयोजक विक्रांत दुबे सहित सदस्यों का फूलमालाओं से स्वागत किया। खास बात यह है कि इस दौरान आक्सीजन क्लब के सदस्यों ने पूरे पंचक्रोशी मार्ग को हरा-भरा करने के संकल्प के बीच सभी पांचों पड़ावों पर न सिर्फ ट्री बैंक की स्थापना की, बल्कि यात्रा मार्ग में आम, पीपल, पाकड, नीम, बरगद, जैसे दर्जनों पौधे भी लगाये गए.
पंचक्रोशी यात्रा को प्राचीनतम धार्मिक
यात्रा की मान्यता है.
आक्सीजन क्लब हर वर्ष
सावन महीने में इस पौराणिक
यात्रा का आयोजन करता
है. यात्रा का मूल उद्देश्य
लोगों को अपने धार्मिक
विरासत से जोड़ने के
साथ ही अपने कर्म
और कर्तव्य के प्रति भी
लोगों को जागरूक करने
का है। रविवार को
प्रातःकाल यात्रा के प्रथम पड़ाव
मणिकर्णिका घाट पर हजारों
की संख्या लोग पहुंचे और
चक्रपुष्करणी कुंड पर संकल्प
के साथ यात्रा की
शुरुवात की। इस दौरान
परंपरागत तरीके से तीर्थ पुरोहितों
ने बीच सभी यात्रियों
को तिलक लगाया गया
और बनारसी गमछा देकर सम्मानित
किया. यात्रियों ने भगवान शंकर
और भगवान विष्णु से यात्रा सकुशल
संपन्न कर लेने का
आशीर्वाद मांगा.
लगभग 85 किलोमीटर की इस पौराणिक
यात्रा को लेकर मोटरसायकिल
पर सवार लोगों का
उत्साह देखने लायक था. मकसद
यात्रा में शामिल होकर
धर्म, संस्कृति और समाज के
प्रति अपनी सकारात्मक प्रतिबद्धता
को प्रदर्शित करना रहा। पंचक्रोशी
यात्रियों ने ‘ऑक्सीजन क्लब
का है अभियान एक
पौघा एक मंदिर समान’
अभियान के तहत जगह-जगह पौधे रोपकर
समाज को पर्यावरण संरक्षण
भी संदेश भी दिया. इस
दौरान सुबह बारिश भी
हुई लेकिन यात्रा में शामिल आस्थावानों
के जोश पर कोई
फर्क नही पड़ा।
रास्ते भर उत्साह से
लबरेज यात्री हर हर महादेव
और भारत माता की
जय का उद्घोष करते
चल रहे थे. जिधर
भी नजर गयी लाल
गमछाधारी शिवभक्तों का रेला नजर
आया. पंचक्रोशा यात्रा में परंपरागत पांच
पड़ाव हैं पर लोगों
में यात्रियों का स्वागत कर
पुण्य कमाने की ललक के
चलते यात्रा को कई अल्प
पड़ाव के लिए विवश
होना पड़ा. लोगों ने
ढोल नगाड़े के साथ यात्रियों
का स्वागत किया. यात्रियों के लिए जगह
जगह जलपान की व्यवस्था की
गयी थी. पंचक्रोशी मार्ग
पर स्थित 56 देवालयों में 108 शिवलिंग, 11 विनायक के दर्शन पूजन
करने के साथ वापस
मणिकर्णिका घाट पर आकर
संपन्न हुई.
धर्म और पर्यावरण के प्रति जरा भी संवेदनशीलता रखने वाले जिस किसी ने ऑक्सीजन क्लब के इस पंचक्रोशी यात्रा और पौधरोपण अभियान के बारे में सुना, चलने को तैयार हो गया. ऑक्सीजन क्लब अपने ट्री बैंक के जरिये पौधरोपण का एक अभियान चला रहा है. इसी अभियान के तहत पंचकपर विभिन्न स्थानों पर पौधे रोपे गये. मार्ग में पांच जगहों पर ट्री बैंक की शाखाएं स्थापित हैं. जहां से कोई भी व्यक्ति पौधों का लेन देन कर सकता है..
क्लब के मेंबर्स का मानना है कि पौधरोपण सिर्फ एक दिन का काम नहीं यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है. क्योंकि पौधे लगाककर ही हम अपनी पर्यावरण अपनी धरती को रहने लायक बना सकते हैं. यात्रा में बड़ी संख्या में धार्मिक और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए. पंचक्रोशी यात्रा को विश्व की सबसे प्राचीन धार्मिक यात्रा की मान्यता है. क्लब की ओर से हर वर्ष सावन के पवित्र माह में आयोजित की जाने वाली इस यात्रा का उद्देश्य लोगों को अपने धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के साथ ही कर्म और कर्तव्य के प्रति जागरूक करने का भी है.
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