48 घंटे बाद भी पुसि के हाथ खाली, लोग पूछ रहे है हत्यारे को जमीन खा गई या आसमान निगल गया!
वाराणसी हत्याकांड : पांच कत्ल के बाद शख्स फरार...राजेन्द्र की मां के खुलासे से उलझी कहानी!
ताबड़तोड़ चली
गोलियों
से
पांच
कत्ल,
फिर
भी
पुलिस
घटना
के
तह
तक
जाने
के
बजाय
पूरा
वक्त
सुसाइड
बताने
में
ही
गवा
दी,
अपराधी
भागने
में
रहे
सफल
अब पुलिसिया
किरकिरी
से
बचने
के
लिए
पुलिस
गली-गली
दे
रही
दबिश
राजेंद्र की
मां
के
खुलासे
से
झूठ
साबित
हुई
पुलिस
की
सुसाइड
वाली
थ्यूरी
सुरेश गांधी
वाराणसी। अब इसे पुलिसिया
लापरवाही नहीं तो और
क्या कहेंगे? एक तरफ पूरा
परिवार खत्म हो गया,
तो दुसरी तरफ बगैर छानबीन
के जल्दबाजी में पुलिस ने
पूरे घटनाक्रम को सुसाइड बताकर
ठंडे बस्ते में डालने की
भरपूर प्रयास किया। पुलिस जरा सी भी
दिमाग पर जोर नहीं
लगाया कि अगर मामला
सुसाइड का था पुलिस
कथन के मुताबिक हत्यारा
अपनी पत्नी व तीन बच्चों
की हत्या करने के बाद
10 किमी दूर अपने ही
निर्माणाधीन अपार्टमेंट खुद ही गोली
क्यों मारता? दुसरा बड़ा सवाल जो
व्यक्ति पांच लोगों वो
भी अपनों को ही मार
डालेगा, उसका सेंस उस
काबिल बचेगा कि वह 10 किमी
दूर जाकर अपनी जान
देगा? फिरहाल, ये तो उस
मां की साहस को
सलाम करना पड़ेगा, जिसने
बिना किसी दबाव के
पुलिसिया थ्यूरी को झूठा बताते
हुए घटना की हकीकत
सामने ला दी। फिरहाल,
जब पुलिस हत्यारे की शिनाख्त कर
ली है तो फिर
उसे पकड़ने में इतना देर
क्यों लग रहा है,
इसीलिए लोग सवाल पूछ
रहे है हत्यारे को
जमीन खा गयी या
आसमान निगल गया!
दरअसल, ये पूरा मामला
वाराणसी के भदैनी में
हुई पांच लोगों की
हत्या का है। ं
एक ही परिवार के
पांच सदस्यों की गोली मार
कर हत्या कर दी गई।
भदैनी इलाके में एक बहुमंजिला
मकान के अलग-अलग
तल से मंगलवार को
एक महिला, उसके दो बेटों
और एक बेटी का
शव मिला। पांचों की कनपटी और
सीने में गोली मारी
गई है। घटनास्थल से
लगभग 14 किलोमीटर दूर मीरापुर रामपुर
स्थित निर्माणाधीन मकान में महिला
के पति का अर्धनग्न
शव बेड पर मिला
है। उसे भी गोली
मारी गई थी। घटना
के बाद भदैनी निवासी
राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू
और तीन बच्चों नमनेंद्र,
सुबेंद्र व गौरांगी की
हत्या के बाद परिवार
का बड़ा भतीजा विशाल
उर्फ विक्की लापता है। उसके सभी
मोबाइल फोन बंद हैं।
वह किसी के संपर्क
में भी नहीं है।
ऐसे में पुलिस ने
राजेन्द्र की मां से
पूछताछ की तो पता
चला भतीजा विक्की पहले भी हत्या
की धमकी दी थी।
मां के बयान
के बाद पुलिस हरकत
में आयी और घटना
में नया मोड़ आने
की बात कहीकर विक्की
तलाश सरगर्मी से करने मे
जुटी है। पुलिस को
उम्मीद है कि विक्की
के पकड़े जाते ही
एक ही परिवार के
पांच सदस्यों की हत्या की
गुत्थी सुलझ जाएगी। मृत
राजेंद्र की मां बुजुर्ग
शारदा देवी ने पुलिस
को बुधवार को बताया कि
उसके मृत छोटे बेटे
कृष्णा का बड़ा बेटा
विक्की अक्सर राजेंद्र से विवाद करता
था। वह कहता था
कि उसे उसका हिस्सा
सही ढंग से नहीं
मिला तो वह पूरे
परिवार को मार डालेगा।
विक्की दीपावली के दिन ही
राजेंद्र की हत्या करने
की बात कह रहा
था। उधर, विक्की की
तलाश में पुलिस की
पांच टीमें दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, बंगलूरू और तमिलनाडु रवाना
की गई हैं। एहतियातन
राजेंद्र के भदैनी और
मीरापुर रामपुर स्थित मकान पर पुलिस
तैनात की गई है।
भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता पर उसके छोटे
भाई कृष्णा व उसकी पत्नी
मंजू के साथ ही
अपने पिता लक्ष्मी नारायण
और चौकीदार की हत्या का
आरोप था। मृत कृष्णा
के दो बेटे विक्की
और प्रशांत उर्फ जुगनू और
बेटी डॉली है। जुगनू
दिल्ली में रह कर
काम करता है। विक्की
खुद के बारे में
कभी बताता था कि वह
बंगलूरू में रह कर
काम करता है। कभी
कहता था कि तमिलनाडु
में रहता है तो
कभी अहमदाबाद या फिर मुंबई
में रहकर काम करने
की बात कहता था।
राजेंद्र सहित उसके परिवार
के पांच सदस्यों की
हत्या के बाद जुगनू
सहित परिवार और रिश्तेदारी के
अन्य सदस्य आ गए, लेकिन
विक्की का कहीं कोई
पता नहीं लगा। कॉल
करने के बाद भी
उसने अपने सारे मोबाइल
फोन बंद कर लिए।
इससे पुलिस का शक गहरा
गया है। पुलिस वारदात
का मास्टरमाइंड विक्की को ही बता
रही है। कह रही
है कि विक्की ने
ही शूटरों की मदद से
राजेंद्र के परिवार को
ठिकाने लगाया है। उसकी राजेंद्र
से व्यक्तिगत दुश्मनी भी थी।
राजेंद्र की मां शारदा
देवी ने बुधवार को
पुलिस को वीडियो कैमरे
के सामने बताया कि दीपावली से
पहले विक्की उनसे मिलने आया
था। विक्की कहता था कि
उसे और उसके भाई
जुगनू को बड़े पापा
ने जायदाद से बेदखल कर
भिखारी की औलाद कहा
था। दीपावली पर बड़े पापा
और उसके परिवार को
खत्म कर देंगे। शारदा
देवी ने कहा कि
उन्होंने विक्की को समझाया था
कि अब उनका एक
ही बेटा बचा है,
उसे छोड़ दो और
अच्छे से रहो। मगर,
वह उनकी बात मानने
को तैयार नहीं था। हालांकि,
उसने बीते तीन नवंबर
को वापस काम पर
जाने की बात भी
कही थी। राजेंद्र का
भतीजा जुगनू पुलिस की हिरासत में
है।
जुगनू ने पूछताछ में
बताया कि 1996-97 में उसके मां-बाप, बाबा और
उनके चौकीदार की हत्या बड़े
पापा राजेंद्र ने कराई थी।
मां-बाप की हत्या
जब हुई थी, तब
वह ढाई साल का
था और उसका बड़ा
भाई विक्की सात साल का।
मां-बाप की हत्या
के दौरान उसे भी पेट
में गोली लगी थी,
लेकिन वह बच गया
था। उसके बड़े पापा
और विक्की के बीच अच्छे
संबंध नहीं थे। दोनों
के बीच अक्सर विवाद
भी होता रहता था।
हालांकि उसने राजेंद्र सहित
उसके परिवार के सदस्यों की
हत्या की घटना से
अनभिज्ञता जताई। राजेंद्र सहित परिवार के
पांच लोगों की हत्या की
जानकारी पाकर बुधवार को
कई रिश्तेदार भदैनी स्थित उसके घर पहुंचे।
ममेरे भाई राकेश कुमार
गुप्ता ने कहा कि
अगर राजेंद्र अपने छोटे भाई
के बच्चों से नफरत करता
तो क्या उन्हें अच्छे
से पढ़ाते-लिखाता...? क्या भतीजी की
शादी धूमधाम से करता...?
फिरहाल, दोनों ही घटनास्थल से
मिले खोखा के आधार
पर पुलिस दावा कर रही
है कि पांचों लोगों
की हत्या में 32 बोर की पिस्टल
का इस्तेमाल किया गया है।
पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को
ध्यान में रखकर जांच
कर रही है। मृत
राजेंद्र पर अपने पिता,
छोटे भाई और उसकी
पत्नी के साथ ही
एक चौकीदार की हत्या का
आरोप था। घटनास्थल के
आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों
की फुटेज खंगाली जा रही है।
भदैनी पावर हाउस के
सामने की गली में
राजेंद्र गुप्ता (56) का पांच मंजिला
(भूतल और चार मंजिला)
मकान है। मकान के
अगले हिस्से में प्रथम, द्वितीय
और तृतीय तल पर राजेंद्र
का एक-एक फ्लैट
है। जबकि, अन्य फ्लैट और
उससे सटे टिनशेड में
40 किरायेदार रहते हैं। राजेंद्र
के साथ घर में
मां शारदा देवी के अलावा
उसकी दूसरी पत्नी नीतू (45), बेटे नमनेंद्र (24) व
सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी
(17) रहते थे। सफाई करने
वाली आई तो हुआ.
हत्याकांड का खुलासा मंगलवार
की सुबह 11 बजे घर की
सफाई करने के लिए
रीता देवी प्रथम तल
स्थित फ्लैट पर पहुंची। दरवाजा
खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई
आवाज नहीं आई। इस
बीच रीता ने धक्का
दिया तो दरवाजा खुल
गया। अंदर जाने पर
रीता ने देखा कि
नीतू फर्श पर खून
से लथपथ निढाल पड़ी
थी। वह भाग कर
दूसरे तल पर स्थित
फ्लैट में गई तो
वहां एक कमरे में
नवेंद्र फर्श पर खून
से लथपथ पड़ा था
और गौरांगी एक कोने में
मृत पड़ी थी। वहीं,
सुबेंद्र का शव बाथरूम
में मिला। सूचना पाकर पुलिस पहुंची
तो राजेंद्र घर पर नहीं
था। राजेंद्र के मोबाइल नंबर
को पुलिस ने सर्विलांस की
मदद से ट्रैक करना
शुरू किया तो उसकी
लोकेशन मीरापुर रामपुर गांव में मिली।
पुलिस वहां पहुंची तो
निर्माणाधीन मकान के एक
कमरे में मच्छरदानी लगे
बिस्तर पर राजेंद्र निढाल
पड़ा था।
सौतन वाली थ्योरी पर भी है पुलिस की निगाह
पुलिस के अनुसार, राजेंद्र
पर उसके पिता व
एक चौकीदार के साथ ही
छोटे भाई व छोटे
भाई की पत्नी की
हत्या का आरोप था।
ये घटनाएं वर्ष 1997 की हैं। इसी
आरोप में राजेंद्र जेल
भी गया था। पुलिस
के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी
की थी। हाल के
दिनों में एक अन्य
महिला से भी उसकी
करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र
की पहली पत्नी अपने
बेटे के साथ कई
साल से पश्चिम बंगाल
के आसनसोल रहती है। इन्हीं
सभी बिंदुओं को वारदात की
वजह मान कर सीसी
कैमरों की फुटेज, सर्विलांस
और मुखबिरों की मदद से
पुलिस की 10 टीमें जांच कर रही
हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, अर्धनग्न
मिले राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को 3 गोली मारी
गई थी। दो गोली
उनकी दाईं कनपटी पर
मारी गई थी। जबकि,
एक गोली सीने पर
मारी गई थी। उनके
बड़े बेटे नमनेंद्र को
चार गोली मारी गई
थी। दो गोली सिर
पर और दो गोली
सीने पर मारी गई
थी। राजेंद्र की पत्नी नीतू
को चार, उनकी बेटी
गौरांगी को दो और
छोटे बेटे सुबेंद्र को
दो गोली मारी गई
थी। पुलिस की जांच में
यह सामने आया है कि
पहले राजेंद्र की गोली मार
कर हत्या की गई। फिर,
उसकी पत्नी और तीन बच्चों
की हत्या की गई। हत्यारे
नहीं चाहते थे कि राजेंद्र
के परिवार का कोई शख्स
बदला लेने के लिए
बचे। खास यह है
कि पांच सदस्यों का
हरिश्चंद्र घाट पर अंतिम
संस्कार हुआ। परिजन मूकदर्शक
बने रहे। पुलिस कंधा
देकर शव घाट पर
ले गई। पति, दो
बेटों, दो बहुओं और
तीन पोतों की हत्या के
बाद हरिश्चंद्र घाट पर नौकर-नौकरानी के साथ शारदा
देवी भी पहुंचीं थीं।
मौके पर पुलिस भी
मौजूद रही। यहां हर
शख्स सामूहिक हत्याकांड को लेकर चर्चा
कर रहा था।
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