जाह्नवी के तट पर गंगा महोत्सव का आगाज
गंगा महोत्सव : सांस्कृतिक कार्यक्रम में कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों ने बांधा समां
गंगा की
लहरें
खुद
ब
खुद
में
एक
संगीत
है
: रविंद्र
जायसवाल
कहा, गंगा
महोत्सव
देश-दुनिया
के
लोगों
का
कार्यक्रम
बन
चुका
है
गंगा महोत्सव
के
पहले
दिन
हुआ
भव्य
सांस्कृतिक
कार्यक्रम
की
प्रस्तुति
सुरेश गांधी
वाराणसी। जाह्नवी के तट मंगलवार को अस्सी घाट पर गंगा पूजन के साथ गंगा महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर कलाकारों ने भक्ति की भावना से ओतप्रोत गीतों पर शानदार प्रस्तुतियां दी। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सूबे के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने दीप प्रज्वलित की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में बनारस घराना
के पद्म भूषण पंडित
साजन मिश्र का शास्त्रीय गायन,
सुश्री आराधना सिंह का भजन
एवं लोकगायन, डॉ सुप्रिया का
सितार वादन, पारसनाथ यादव का बिरहा
गायन, विपुल चौबे का लोक
गायक, शंकर विश्वकर्मा का
भजन गायन के अलावा
डॉ यास्मीन सिंह दिल्ली का
कथक नृत्य, तेलंगाना हैदराबाद की सुश्री हिमांशी
कतराड्डा का कुच्चीपूड़ी, काशी
रस बैंड का शास्त्रीय
वादन तथा कोलकाता विदुषी
डॉ नवनीता चौधरी का शास्त्रीय गायन
व नृत्य की शानदार प्रस्तुतियों
ने दर्शकों को झूमने पर
मजबूर कर दिया।
उन्होंने मां गंगा का
गुणगान करते हुए कहा
कि यह कोई साधारण
नदी नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की
जीवन रेखा है। अपने
उद्गम स्थल से 2323 किमी
की यात्रा तय कर गंगा
नदी जहां-जहां से
गुजरी, उनके किनारे ही
लोग बसे और मानव
सभ्यता का विकास हुआ।
लोगों को रोजी-रोजगार
भी मिला। काशी के गंगा
घाटों की छटा पूरी
दुनिया में विख्यात है।
इससे पूर्व मंत्री
रविंद्र जायसवाल, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल सहित अन्य लोगों
ने विधिवत गंगा गंगा पूजन
कर मां गंगा की
आरती उतारी। इस अवसर पर
अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक कुमार
वर्मा के अलावा भारी
संख्या में काशी के
गणमान्य एवं संगीत प्रेमी
लोग उपस्थित रहे।
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