Monday, 2 December 2024

स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में शामिल होंगे देश के विहंगम योग के संत समाज

स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में शामिल होंगे देश के विहंगम योग के संत समाज 


दो दिवसीय शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि होंगे सीएम योगी आदित्यनाथ

स्वर्वेद महामंदिर को देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी माना जा रहा है

सुरेश गांधी

वाराणसी। धर्म, आध्यात्म सांस्कृति के साथ-साथ आस्था की नगरी काशी के उमरहां में निर्मित स्वर्वेद महामंदिर अपने आप में अनोखा है। यह मंदिर शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अदभुत सामंजस्य का प्रतीक है। स्वर्वेद मंदिर का नाम स्वः और वेद से जुड़कर बना है. स्वः का एक अर्थ है आत्मा या परमात्मा, वेद का अर्थ है ज्ञान. आत्मा का ज्ञान जिसके जरिए हो वही स्वर्वेद कहा जाता है. इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां पर भगवान की नहीं, योग- साधना की पूजा होगी. इस वर्ष मंदिर में विहंगम योग संत समाज का दो दिपसीय शताब्दी समारोह 6 एवं 7 दिसंबर को होगा। इस दौरान 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होगा। 

विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सात दिसंबर को आएंगे। मुख्यमंत्री इसी दिन संत प्रवर विज्ञान देव महाराज के निर्देशन में संचालित सद्गुरु सदाफल देव आप्त वैदिक गुरुकुलम के नवविस्तार का उद्घाटन भी करेंगे। इसमें 300 विद्यार्थियों के लिए निशुल्क आवासीय व्यवस्था है। यहां वैदिक और आध्यात्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक तकनीक, खेलकूद, और मलखंभ जैसे विषयों का भी प्रशिक्षण दिया जाता है।

इसके मद्देनजर रविवार को जिलाधिकारी एस राजलिंगम के साथ अपर पुलिस आयुक्त डॉ. एस. चन्नप्पा, उपायुक्त वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा, एसीपी सारनाथ अतुल अंजान त्रिपाठी ने स्वर्वेद मंदिर स्थित कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। बताया गया कि भक्तों को ठहरने के लिये 4 लाख स्क्वायर फीट में वाटर प्रूफ पंडाल की व्यवस्था की गई है। भंडारे के लिए सात बड़े भोजनालय तथा छह कैंटीन की व्यवस्था की गई है। संपूर्ण महामंदिर परिसर पर आकर्षक रूप से सजाया गया है। स्वर्वेद महामंदिर का परिसर 200 एकड़ में फैला है. मंदिर को पूरी तरह कमल के फूल की तरह डिजाइन किया गया है. इस मंदिर का निर्माण विहंगम योग संत समाज ने किया है.

अद्भूत, अकल्पनीय अविश्वसनीय

है सात मंजिला स्वर्वेद महामंदिर

खास यह है कि विश्वनाथ धाम के साथ ही इस महामंदिर भी श्रद्धालुओं का जमघट हो रहा हैं। धीरे धीरे ही सही इस मंदिर की महत्ता भव्यता लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है। इसकी सुंदरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, जो पर्यटक काशी आता है, वह स्वर्वेद मंदिर मत्था टेकने जरुर जाता है। 64 हजार वर्ग फीट में बने सात मंजिला महामंदिर के दीवारों पर 4000 स्वर्वेद के दोहे अंकित हैं। मंदिर का मुख्य गुंबद 125 पंखुड़ियों के विशालकाय कमल पुष्प की तरह है। स्वर्वेद महामंदिर को देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी माना जा रहा है। जहां एक साथ 20 हजार लोग बैठकर योग और ध्यान कर सकते हैं. महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद्गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित है। विहंगम योग के जरिये नशा मुक्ति की राह प्रशस्त करने वाले आध्यात्मिक अभियान में हर वर्ष लाखों लोग जुड़ रहे हैं। महामंदिर को खूबसूरत बनाने के साथ ही वास्तुशिल्प का भी पूरा ध्यान रखा गया है। पूर्व दिशा में प्रवाहित नहर जल राशि के रूप में स्थापित है।

सामूहिक विवाह कार्यक्रम

इसी दिन 7 दिसंबर को नेशनल इंटर कॉलेज पिंडरा के मैदान में सामूहिक विवाह का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री के शामिल होने की संभावना है। रविवार को पिंडरा विधायक डॉ. अवधेश सिंह ने विवाह स्थल और बाजार में तैयार किए जा रहे स्वागत मंचों का निरीक्षण किया। उन्होंने पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए।

 

 

 

 

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