महाकुंभ पर गिद्धों की नजर, सनातन विरोधी दुष्प्रचार का कड़ा जवाब मिलेगा : सीएम योगी
कहा, हिंदू
और
बौद्ध
एक
ही
वटवृक्ष
की
शाखाएं
भगवान बुद्ध
ने
दुनिया
को
करुणा
और
मैत्री
का
संदेश
दिया,
आज
यदि
भारत
रहेगा
तो
भगवान
बुद्ध
का
संदेश
भी
रहेगा
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ
ने
बौद्ध
संतों
और
संन्यासियों
पर
पुष्प
वर्षा
कर
पूरी
दुनिया
को
दिया
एकता
का
संदेश’
महाकुंभ के
23वें
मंगलवार
को
संगम
में
70 लाख
से
ज्यादा
लोग
आस्था
की
डुबकी
लगाई।
जबकि
महाकुंभ
के
पहले
दिन
से
अब
तक
38.39 करोड़
श्रद्धालु
डुबकी
लगा
चुके
हैं
दिनेश फलाहारी
बाबा
ने
स्वामी
अविमुक्तेश्वरानंद
को
महाकुंभ
क्षेत्र
से
हटाने
की
मांग
की
है
सुरेश गांधी
महाकुंभनगर. महाकुंभ में हुए हादसे को लेकर अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी बहस छिड़ गई है. अखिलेश ने योगी सरकार पर मृतकों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया, जिसका योगी ने करारा जवाब दिया. सीएम योगी ने कहा कि यह सनातन धर्म के खिलाफ षड्यंत्र है. योगी ने दावा किया कि कुंभ में कोई परंपरा बाधित नहीं हुई और सभी व्यवस्थाएं पुख्ता थीं. उन्होंने अखिलेश और कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि इनका षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा. बता दें, महाकुंभ के 23वें मंगलवार को संगम में 70 लाख से ज्यादा लोग आस्था की डुबकी लगाई। जबकि महाकुंभ के पहले दिन से अब तक 38.39 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. दिनेश फलाहारी बाबा ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को महाकुंभ क्षेत्र से हटाने की मांग की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि
सभी उपासना विधियों का एक मंच
पर आना अभिनंदनीय है।
हिंदू और बौद्ध एक
ही वटवृक्ष की शाखाएं हैं।
यदि ये एक ही
मंच पर आ जाएं
तो यह दुनिया में
सबसे शक्तिशाली वटवृक्ष बनेगा जो उन्हें छांव
भी देगा और उनकी
सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री
ने बौद्ध संतों और विद्वानों पर
पुष्प वर्षा भी की। मुख्यमंत्री
ने कहा, भगवान बुद्ध
ने दुनिया को करुणा और
मैत्री का संदेश दिया।
आज यदि भारत रहेगा
तो भगवान बुद्ध का संदेश भी
रहेगा। कुछ लोग आज
भारत को बांटने का
षड्यंत्र कर रहे हैं,
लेकिन इस तरह के
आयोजनों से भारत विरोधी
तत्वों की नींद हराम
हो चुकी है। वह
अलग-अलग माध्यमों से
दुष्प्रचार कर रहे हैं,
लेकिन सांच को आंच
कहां। सत्य तो सत्य
होगा। भगवान बुद्ध ने कहा था
कि सत्य की अनुभूति
की जाती है, सत्य
को शब्दों में बयां करना
मुश्किल होता है। इसी
सत्य की अनुभूति आज
यहां कोटि-कोटि संतों
और श्रद्धालुओं को हो रही
है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि
जहां एक तरफ यह
महाकुम्भ एकता का संदेश
दे रहा है तो
वही बहुत सारे लोगों
को यह कार्यक्रम अच्छे
नहीं लग रहे। 38 करोड़
श्रद्धालु कैसे प्रयागराज महाकुम्भ
में आकर आस्था की
डुबकी लगा लिए हैं।
भारत का डंका दुनिया
में बजा दिया है।
इसने भारत विरोधी तत्वों
की नींद हराम कर
दी हैं।महाकुम्भ का आयोजन एकता
का संदेश देने का सबसे
बड़ा माध्यम है। यह आत्म
साक्षात्कार का भी माध्यम
है। इस महाकुम्भ से
यह संदेश पूरी दुनिया को
जाना चाहिए। प्रसन्नता है कि आप
लोग यहां पर आए,
महाकुम्भ के साक्षी बने
और त्रिवेणी संगम में डुबकी
लगाकर एकता के संदेश
को गांव गांव और
घर घर तक पहुंचाने
का कार्य करेंगे। इस अवसर पर
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर
अवधेशानंद गिरी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के
इंद्रेश जी समेत बौद्ध
धर्म से जुड़े संत
उपस्थि रहे।
महाकुम्भ का वैभव देख अभिभूत हुए भूटान नरेश
योगी संग
राजा
जिग्मे
खेसर
नामग्याल
वांग्चुक
ने
डिजिटल
नाव
चलाई
महाकुम्भ नगर।
भूटान के राजा जिग्मे
खेसर नामग्याल वांग्चुक प्रयागराज ने भी सीएम
योगी के साथ महाकुंभ
में स्नान किया. उन्होंने संगम नोज पर
आस्था की डुबकी लगाने
के बाद लेटे हनुमान
मंदिर का दर्शन किया.
दोनों नेताओं ने डिजिटल महाकुंभ
अनुभूति केंद्र का भी दौरा
किया। भूटान नरेश का यह
दौरा भारत-भूटान मित्रता
एवं सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक
सुदृढ़ करने की दिशा
में एक महत्वपूर्ण कदम
साबित होगा। इस दौरान सीएम
योगी और भूटान नरेश
जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक
ने संगम में डुबकी
लगाई। डिजिटल महाकुंभ अनुभूति सेंटर में योगी और
भूटान नरेश ने नाव
चलाई। इसके पहले योगी
और भूटान नरेश मंगलवार सुबह
लखनऊ से विमान से
बमरौली एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से सड़क
मार्ग से महाकुंभ आए।
अरैल घाट से बोट
में सवार होकर संगम
गए और स्नान किया।
इस दौरान भूटान नरेश ने योगी
के साथ पक्षियों को
दाना खिलाया और फोटो भी
खिंचवाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
जगद्गुरु रामभद्राचार्य से भेंट कर
उनका आशीर्वाद किया। साथ ही उनकी
कथा का श्रवण किया।
आज संगम में डुबकी लगाएंगे पीएम मोदी
माघ मास
की
गुप्त
नवरात्रि
की
अष्टमी
तिथि
है,
जिसे
धार्मिक
दृष्टि
से
अत्यंत
शुभ
माना
जाता
है
इस दिन
तप,
ध्यान
और
साधना
को
बेहद
फलदायी
माना
गया
है
सुरेश गांधी
सीएम योगी करेंगे आगवानी
पीएम
मोदी के आगमन की
तैयारियों की समीक्षा के
लिए आज यानी चार
फरवरी को सीएम योगी
प्रयागराज पहुंचेंगे. वह यहां सभी
तैयारियों का अच्छे से
जायजा लेंगे. इसके बाद पांच
फरवरी को भी पीएम
मोदी के स्वागत के
लिए भी सीएम योगी
प्रयागराज पहुंचेंगे.
2019 कुम्भ में शामिल हुए थे पीएम मोदी
पीएमओ ने कहा कि
भारत की आध्यात्मिक और
सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने
और संरक्षित करने की अपनी
प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री
ने तीर्थ स्थलों पर बुनियादी ढांचे
और सुविधाओं को बढ़ाने के
लिए लगातार सक्रिय कदम उठाए हैं।
बयान में कहा गया
है कि इससे पहले,
13 दिसंबर, 2024 को प्रयागराज की
अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री
ने आम जनता के
लिए संपर्क, सुविधाओं और सेवाओं में
सुधार के लिए 5,500 करोड़
रुपये की 167 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया
था। इससे पहले 2019 कुम्भ
में 24 फरवरी को उन्होंने गंगा
स्नान कर सफाईकर्मियों के
पांव पखारे थे।
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