Tuesday, 4 February 2025

महाकुंभ पर गिद्धों की नजर, सनातन विरोधी दुष्प्रचार का कड़ा जवाब मिलेगा : सीएम योगी

महाकुंभ पर गिद्धों की नजर, सनातन विरोधी दुष्प्रचार का कड़ा जवाब मिलेगा : सीएम योगी 

कहा, हिंदू और बौद्ध एक ही वटवृक्ष की शाखाएं

भगवान बुद्ध ने दुनिया को करुणा और मैत्री का संदेश दिया, आज यदि भारत रहेगा तो भगवान बुद्ध का संदेश भी रहेगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बौद्ध संतों और संन्यासियों पर पुष्प वर्षा कर पूरी दुनिया को दिया एकता का संदेश

महाकुंभ के 23वें मंगलवार को संगम में 70 लाख से ज्यादा लोग आस्था की डुबकी लगाई। जबकि महाकुंभ के पहले दिन से अब तक 38.39 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं

 दिनेश फलाहारी बाबा ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को महाकुंभ क्षेत्र से हटाने की मांग की है

सुरेश गांधी

महाकुंभनगर.  महाकुंभ में हुए हादसे को लेकर अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी बहस छिड़ गई है. अखिलेश ने योगी सरकार पर मृतकों के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया, जिसका योगी ने करारा जवाब दिया. सीएम योगी ने कहा कि यह सनातन धर्म के खिलाफ षड्यंत्र है. योगी ने दावा किया कि कुंभ में कोई परंपरा बाधित नहीं हुई और सभी व्यवस्थाएं पुख्ता थीं. उन्होंने अखिलेश और कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि इनका षड्यंत्र कामयाब नहीं होगा. बता दें, महाकुंभ के 23वें मंगलवार को संगम में 70 लाख से ज्यादा लोग आस्था की डुबकी लगाई। जबकि महाकुंभ के पहले दिन से अब तक 38.39 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं. दिनेश फलाहारी बाबा ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को महाकुंभ क्षेत्र से हटाने की मांग की है

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपासना विधियों का एक मंच पर आना अभिनंदनीय है। हिंदू और बौद्ध एक ही वटवृक्ष की शाखाएं हैं। यदि ये एक ही मंच पर जाएं तो यह दुनिया में सबसे शक्तिशाली वटवृक्ष बनेगा जो उन्हें छांव भी देगा और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने बौद्ध संतों और विद्वानों पर पुष्प वर्षा भी की। मुख्यमंत्री ने कहा, भगवान बुद्ध ने दुनिया को करुणा और मैत्री का संदेश दिया। आज यदि भारत रहेगा तो भगवान बुद्ध का संदेश भी रहेगा। कुछ लोग आज भारत को बांटने का षड्यंत्र कर रहे हैं, लेकिन इस तरह के आयोजनों से भारत विरोधी तत्वों की नींद हराम हो चुकी है। वह अलग-अलग माध्यमों से दुष्प्रचार कर रहे हैं, लेकिन सांच को आंच कहां। सत्य तो सत्य होगा। भगवान बुद्ध ने कहा था कि सत्य की अनुभूति की जाती है, सत्य को शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। इसी सत्य की अनुभूति आज यहां कोटि-कोटि संतों और श्रद्धालुओं को हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक तरफ यह महाकुम्भ एकता का संदेश दे रहा है तो वही बहुत सारे लोगों को यह कार्यक्रम अच्छे नहीं लग रहे। 38 करोड़ श्रद्धालु कैसे प्रयागराज महाकुम्भ में आकर आस्था की डुबकी लगा लिए हैं। भारत का डंका दुनिया में बजा दिया है। इसने भारत विरोधी तत्वों की नींद हराम कर दी हैं।महाकुम्भ का आयोजन एकता का संदेश देने का सबसे बड़ा माध्यम है। यह आत्म साक्षात्कार का भी माध्यम है। इस महाकुम्भ से यह संदेश पूरी दुनिया को जाना चाहिए। प्रसन्नता है कि आप लोग यहां पर आए, महाकुम्भ के साक्षी बने और त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर एकता के संदेश को गांव गांव और घर घर तक पहुंचाने का कार्य करेंगे। इस अवसर पर जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के इंद्रेश जी समेत बौद्ध धर्म से जुड़े संत उपस्थि रहे।

मैंने बार-बार कहा कि महाकुंभ-2025, प्रयागराज के आयोजन में 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु भागीदार बनेंगे। विगत 22 दिनों में महाकुंभ में 38 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 29 जनवरी को हुए हादसे की तह तक हम लोग जाएंगे, षड्यंत्रकारियों को बेनकाब करेंगे। सीएम योगी ने कहा, ’जहां एक ओर आमजन सनातन धर्म के इस सबसे बड़े आयोजन का साक्षी बनकर गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सनातन धर्म के खिलाफ सुपारी लेकर षड्यंत्र कर रहे तत्वों के द्वारा लगातार शरारत पर शरारत करते हुए झूठ के नए प्रतिमान गढ़े जा रहे हैं। त्रिवेणी घाट पर शाम के समय भी श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है। घाट पर भी बहुत ज्यादा संख्या में भीड़ नहीं है। श्रद्धालु बड़े ही आराम से संगम में डुबकी लगाकर लौट रहे हैं।

महाकुम्भ का वैभव देख अभिभूत हुए भूटान नरेश

योगी संग राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक ने डिजिटल नाव चलाई

महाकुम्भ नगर। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांग्चुक प्रयागराज ने भी सीएम योगी के साथ महाकुंभ में स्नान किया. उन्होंने संगम नोज पर आस्था की डुबकी लगाने के बाद लेटे हनुमान मंदिर का दर्शन किया. दोनों नेताओं ने डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र का भी दौरा किया। भूटान नरेश का यह दौरा भारत-भूटान मित्रता एवं सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस दौरान सीएम योगी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने संगम में डुबकी लगाई। डिजिटल महाकुंभ अनुभूति सेंटर में योगी और भूटान नरेश ने नाव चलाई। इसके पहले योगी और भूटान नरेश मंगलवार सुबह लखनऊ से विमान से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचे। वहां से सड़क मार्ग से महाकुंभ आए। अरैल घाट से बोट में सवार होकर संगम गए और स्नान किया। इस दौरान भूटान नरेश ने योगी के साथ पक्षियों को दाना खिलाया और फोटो भी खिंचवाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य से भेंट कर उनका आशीर्वाद किया। साथ ही उनकी कथा का श्रवण किया।

आज संगम में डुबकी लगाएंगे पीएम मोदी

माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है

 इस दिन तप, ध्यान और साधना को बेहद फलदायी माना गया है

सुरेश गांधी

महाकुंभनगर.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को प्रयागराज में महाकुंभ मेला का दौरा करेंगे। सुबह करीब 11 बजे वह संगम में पवित्र स्नान करेंगे और मां गंगा की पूजा-अर्चना करेंगे। वह प्रयागराज की धरती पर तकरीबन दो घंटे रहेंगे। अरैल क्षेत्र में उनकी सुरक्षा के लिए खास अलर्ट जारी किया गया है। पीएम के आगमन को लेकर पांच सेक्टर मजिस्ट्रटों की तैनाती की गई है। पीएम मोदी 13 दिसंबर 2024 को प्रयागराज आए थे और उन्होंने 5500 करोड़ रुपये की 167 परियोजनाओं की सौगात दी थी। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम वाले क्षेत्रों को एनएसजी ने कब्जे में ले लिया है। मजिस्ट्रेट एवं भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों की तैनाती की गई है। गंगा के घाटों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शहर से लेकर कुंभ नगरी तक संदिग्धों की जांच की जा रही है। पीएम के साथ मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और प्रदेश सरकार के कई मंत्री भी आएंगे। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि पीएम के कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पांच मजिस्ट्रेट एवं भारी संख्या में पुलिस बल लगाया गया है। प्रधानमंत्री संगम में स्नान करने के बाद मां गंगा की पूजा करेंगे। बता दें, पीएम मोदी ने मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी जैसे प्रमुख अमृत स्नान के दिनों की बजाय 5 फरवरी का दिन ही क्यों चुना है? इसकी बढ़ी वजह 5 फरवरी माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन तप, ध्यान और साधना को बेहद फलदायी माना गया है. मान्यता है कि इस दिन जो लोग तप, ध्यान और स्नान करते हैं उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. इसके अलावा, यह दिन को भीष्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाभारत के दौरान भीष्म पितामह को बाणों की शय्या पर लेटे हुए सूर्य के उत्तरायण होने और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी. माघ मास की अष्टमी तिथि पर उन्होंने श्रीकृष्ण की उपस्थिति में अपने प्राण त्यागे, जिसके बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई. प्रोटोकाल के मुताबिक, पीएम मोदी महाकुंभ में एक ही घंटा रहेंगे. पहले से तय कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. बता दें, पीएम मोदी 5 फरवरी को सुबह करीब 10 बजकर 5 मिनट पर प्रयागराज एयरपोर्ट पहुंचेंगे. इसके बाद, 10 बजकर 10 मिनट पर प्रयागराज एयरपोर्ट से डीपीएस हेलीपैड पहुंचेंगे. इससे 10.45 पर पीएम मोदी अरेल घाट आएंगे. इतना ही नहीं, 10 बजकर 50 मिनट पर प्रधानमंत्री अरल घाट से नाव के जरिए महाकुंभ पहुंचेंगे. उनके साथ भूटान के नरेश भी मौजूद रहेंगे. वहीं 11 बजे से 11.30 तक पीएम मोदी महाकुंभ में रहेंगे. पीएम मोदी
गंगा स्नान करने के लिए निषादराज फ्रूट से संगम पहुंचेंगे. संगम पूजन, आरती और स्नान के बाद सेक्टर 6 में लगाए गए स्टेट पवेलियन का अवलोकन करेंगे. पीएम मोदी नेत्र कुंभ भी जा सकते हैं. अंत में 12 बजकर 30 मिनट पर प्रयागराज से वायुसेना के विमान से वापस दिल्ली लौट जाएंगे.

सीएम योगी करेंगे आगवानी

पीएम मोदी के आगमन की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज यानी चार फरवरी को सीएम योगी प्रयागराज पहुंचेंगे. वह यहां सभी तैयारियों का अच्छे से जायजा लेंगे. इसके बाद पांच फरवरी को भी पीएम मोदी के स्वागत के लिए भी सीएम योगी प्रयागराज पहुंचेंगे.

2019 कुम्भ में शामिल हुए थे पीएम मोदी 

पीएमओ ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने तीर्थ स्थलों पर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार सक्रिय कदम उठाए हैं। बयान में कहा गया है कि इससे पहले, 13 दिसंबर, 2024 को प्रयागराज की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने आम जनता के लिए संपर्क, सुविधाओं और सेवाओं में सुधार के लिए 5,500 करोड़ रुपये की 167 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। इससे पहले 2019 कुम्भ में 24 फरवरी को उन्होंने गंगा स्नान कर सफाईकर्मियों के पांव पखारे थे।

 

 

 

 

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