चार दिवसीय इंटरनेशनल इंडिया कारपेट एक्स्पों की तैयारी में जुटे निर्यातक
14-17 अप्रैल तक
भारत
मंडपम
(प्रगति
मैदान)
में
होगा
आयोजन
अमेरिका यूरोप
सहित
48 देशों
के
लगभग
300 से
अधिक
विदेशी
खरीदारों
की
होगी
भागीदारी
कारपेट फेयर
ग्रांउंड
में
150 निर्यातक
से
अधिक
भारतीय
निर्यातक
लगायेंगे
रंग-बिरंगी
कालीनों
की
प्रदर्शनी
कालीन निर्यातकों
के
लिए
वरदान
होगा
‘इंडिया
कारपेट
एक्स्पों’
: चेयरमैन
कुलदीप
राज
वट्टल
सुरेश गांधी
वाराणसी। कारपेट इक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (सीईपीसी) के तत्वावधान में
14-17 अप्रैल तक भारत मंडपम
(प्रगति मैदान), नई दिल्ली के
हाल नं. 01 में इंडिया कार्पेट
एक्सपो के 48वें संस्करण
का आयोजन होगा। इसके लिए 1700 वर्ग
मीटर स्पेस की बुकिंग हो
गयी है। केवल 2200 वर्ग
मीटर का ही स्पेस
शेष बचा है। मकसद
: एक ही छत के
नीचे हैंडमेड कारपेट सहित अन्य हस्तनिर्मित
कालीनों की प्रदर्शनी के
जरिए सात समुंदर विदेशी
ग्राहको को लुभाना।
कालीन निर्यात संबर्धन परिषद् अध्यक्ष कुलदीप राज वट्टल की
अध्यक्षता में प्रशासनिक समिति
के सदस्यों की हुई ऑनलाइन
बैठक मे परिषद् के
कार्यकारी निदेशक डा. स्मिता नागरकोटी
ने कमिटी को अवगत कराया
कि कालीन निर्यात संवर्धन परिषद फेयर का उद्घाटन
केंद्रीय कपड़ा मंत्री और
भाजपा के फायर ब्रांड
नेता गिरिराज सिंह करेंगे। इसके
अलावा केंद्र व राज्य सरकार
के विभिन्न सचिव, अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण के अलावा मंत्री
व सीईपीसी पदाधिकारी भी भाग लेंगे।
दावा है कि
इस फेयर में अमेरिका
यूरोप सहित 65 देशों के लगभग 300 विदेशी
खरीदार एवं उनके प्रतिनिधि
भाग लेंगे। जबकि देश के
कश्मीर, जयपुर, पानीपत, बीकानेर, आगरा, भदोही, मिर्जापुर और वाराणसी सहित
अन्य कालीन परिक्षेत्रों के 150 से अधिक कालीन
निर्यातक अपने स्टालों पर
रंग-बिरंगी हस्तनिर्मित कालीनों को प्रदर्शनी लगायेंगे।
परिषद के चेयरमैन कुलदीप
राज वट्टल ने बताया कि
देशभर के कालीन निर्यातकों
के लिए यह कारपेट
फेयर वरदान साबित होगा। उनका कहना है
कि इस फेयर में
भारतीय निर्यातकों को एक ही
छत के नीचे कालीन
से जुड़े हर तरह
के हस्तशिल्प उत्पादों को बेचने का
मौका मिलेगा। इसके अलावा मेले
में उभरते हुए उद्यमियों एवं
स्टार्टअप उद्यमियों को खास अवसर
दिया गया है। ताकि
उनके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मंच
मिल सके।
उनका कहना है
कि हस्तनिर्मित कालीनों व अन्य फर्श
कवरिंग को बढ़ावा देने
के लिए यह आयोजन
हर साल किया जाता
है। यह कार्पेट एक्सपो
एशिया उपमहाद्वीप में सबसे बड़े
हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक
है जहां विदेशी खरीदारों
को एक छत के
नीचे देश में बने
हस्तनिर्मित कालीनों का संग्रह मिलता
है। इस आयोजन के
लिए परिषद ने पहले ही
विदेशी खरीदारों को आमंत्रित करना
शुरू कर दिया है,
जिससे लगभग 100 से अधिक विदेशी
खरीदारों ने अपना पंजीकरण
करा लिया है। इस
अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेले में 48 देशों
से लगभग 300 विदेशी खरीदार एवं उनके प्रतिनिधियों
के आने की उम्मीद
है। 48 वे इंडिया कारपेट
एक्सपो में केवल 2200 वर्गमीटर
की जगह बची हुयी
है। अध्यक्ष ने निर्यातकों से
अपील की है कि
वे यथाशीघ्र इस एक्सपो में
अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे, ताकि उनका
बुकिंग कन्फर्म हो जाए। क्योंकि
इस एक्सपो में लिमिटेड स्थान
है, जो एक बार
फुल होने बाद किसी
भी बुकिंग स्वीकार नहीं की जाएगी।
उनका कहना है कि
इंडिया कार्पेट एक्सपो ने दुनिया भर
के खरीदारों से अपने बढ़ते
संरक्षण के साथ खुद
को एशिया के सबसे बड़े
हस्तनिर्मित कालीन शो के रूप
में स्थापित किया है। यह
एक्स्पों निर्यातकों के लिए जबरदस्त
व्यावसायिक अवसर प्रदान करता
है, क्योंकि दुनिया भर से विभिन्न
प्रमुख विदेशी हस्तनिर्मित कालीन खरीदार इस एक्सपो में
भाग लेते हैं ।
परिषद् के अध्यक्ष ने
बताया कि कालीन निर्यात
सवर्धन परिषद द्वारा कुछ चुनिन्दा देशों
के विदेशी खरीदारों को 700.00 यूएस डालर और
अन्य दूसरे देशों के खरीदारों के
लिए 500.00 यूएस डालर की
हवाई यात्रा प्रतिपूर्ति तथा दिल्ली में
स्थित फाइव स्टार होटल
में 2 रातों तक होटल में
ठहरने की सुविधा एवं
होटल से मेला स्थल
तक और मेला स्थल
से होटल तक शटल
सेवा की सुविधा उपलब्ध
कराया जायेगा। परिषद् के अध्यक्ष एवं
प्रशासनिक समिति के सदस्यों को
उम्मीद की है कि
आगामी 48वां इंडिया कारपेट
एक्सपो निर्यातक सदस्यों के लिए एक
सफल आयोजन होगा। इंडिया कारपेट एक्सपो अप्रैल 2025 की पूरी जानकारी
के लिए परिषद् के
मुख्य कार्यालय, नई दिल्ली, क्षेत्रीय
कार्यालय भदोही एवं क्षेत्रीय कार्यालय
श्रीनगर में संपर्क कर
सकते है।
इन देशों की होगी भागीदारी
मेले में कुल
65 देशों के खरीदार पहुंच
रहे हैं। उनमे अमेरीका,
फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, तुर्किये, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जापान,
ब्राजील, बेल्जियम, इरान, डेनमार्क, कोलंबिया, अफगानिस्तान, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बांग्लादेश, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, घाना, हंगरी, जापान, जॉर्डन, मैक्सिको, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, ताइवान, ट्यूनीशिया आदि देशों के
आयातक शामिल हैं। इन आयातकों
में से कुछ चुने
हुए खरीदारों को सीईपीसी अपनी
ओर से होटल में
रहने की व्यवस्था दे
रही हैं। सभी के
लिए वाराणसी के तीन होटलों
में कमरे बुक किए
गए हैं। प्रतिदिन उन्हें
वाराणसी से भदोही लाने
और यहां से शाम
को वापस ले जाने
के लिए लग्जरी व्यवस्था
की गई है। बैठक
में प्रशासनिक समिति के सदस्य वासिफ
अंसारी, रवि पटोदिया, अनिल
कुमार सिंह, असलम महबूब, हुसैनी
जाफ़र हुसैन, संजय गुप्ता, रोहित
गुप्ता, इम्तियाज अहमद, पीयूष कुमार बरनवाल आदि मौजूद रहे।
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