Monday, 26 May 2025

ऊर्जा मंत्री के दौरे के दौरान घायल बिजलीकर्मी को देखने अस्पताल नहीं पहुंचे अफसर, नाराज हुए बिजलीकर्मी

ऊर्जा मंत्री के दौरे के दौरान घायल बिजलीकर्मी को देखने अस्पताल नहीं पहुंचे अफसर, नाराज हुए बिजलीकर्मी 

निजीकरण के खिलाफ संघर्ष समिति का हल्ला बोल, सर्लोक कंपनी पर कार्रवाई की मांग

सुरेश गांधी

वाराणसी. नगर निगम विद्युत उपकेंद्र पर करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हुए बिजलीकर्मी वीरेंद्र सिंह का हाल जानने ऊर्जा मंत्री पहुंचे और ही कोई बड़ा अधिकारी। मंत्री के बनारस दौरे के दौरान यह उदासीनता देख बिजलीकर्मी भड़क उठे। इस मुद्दे को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले भिखारीपुर स्थित प्रबंध निदेशक कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन हुआ।

सभा को संबोधित करते हुए आर.के. वाही ने कहा कि जब मीडिया के माध्यम से घायल कर्मी की हालत सबको ज्ञात है, तो मंत्री या अधिकारियों द्वारा उसका हाल पूछना दुर्भाग्यपूर्ण है और यह विभागीय संवेदनहीनता को दर्शाता है। इंजीनियर मायाशंकर तिवारी ने निजीकरण के प्रयासों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि जब प्रदेश में सक्षम आईएएस अधिकारी होते हुए सुधार नहीं हो पा रहा, तो निजी कंपनियां क्या सुधार करेंगी इंजीनियर नरेंद्र वर्मा ने कहा कि एक लाख करोड़ रुपये घाटे में चल रहे बिजली विभाग को अगर कोई निजी कंपनी खरीदने को तैयार है, तो यह समझा जा सकता है कि उसके पीछे मुनाफे का बड़ा खेल है।

प्रदर्शन के दौरान इंजीनियर प्रमोद कुमार ने आरोप लगाया कि बिना किसी विधिवत हड़ताल की घोषणा के बावजूद बिजलीकर्मियों पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की जा रही है। यह माहौल को खराब करने की साजिश है। संघर्ष समिति के रंजीत पटेल और संतोष वर्मा ने कहा कि आंदोलन के दौरान अस्पताल, पेयजल और रेलवे जैसी आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आए तूफान के बाद कर्मियों को आपूर्ति बहाल करने में लगाया गया है। सभा की अध्यक्षता इंजीनियर मदन श्रीवास्तव और संचालन अंकुर पांडेय ने किया। सभा को इंजीनियर एस.के. सिंह, रवि चौरसिया, नवदीप सिंह, वेदप्रकाश राय, मोनिका केशरी, धर्मेंद्र यादव, नवीन कुमार, रविंद्र यादव, राहुल श्रीवास्तव, उमेश यादव, अभिषेक सिंह, रामजी भारद्वाज और अनिल यादव आदि ने भी संबोधित किया।

 


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