Friday, 27 June 2025

काशी : भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा में उमड़ा आस्थावानों का हुजूम

बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था की बयार, रथयात्रा बना आस्था का महासंगम

काशी : भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा में उमड़ा आस्थावानों का हुजूम 

ढोल-नगाड़े, पुष्पवर्षा और जयकारों से गूंज उठी काशी

सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम

सुरेश गांधी

वाराणसी। काशी में लक्खा मेलों में शुमार भगवान जगन्नाथ की तीन दिवसीय भव्य रथयात्रा मेला शुक्रवार से श्रद्धा और उल्लास के साथ प्रारंभ हो गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र की विधिवत पूजा-अर्चना के बाद डोली से नगर भ्रमण की शुरुआत हुई। ढोल-नगाड़े, शंखध्वनि और पुष्पवर्षा के बीच भगवान का रथयात्रा मार्ग पर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए आस्थावानों का रेला उमड़ पड़ा था. सायंकाल बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए रथयात्रा मार्ग पर डटे रहे। रथ खींचने के लिए भक्तों में होड़ देखी गई। जगह-जगहजय जगन्नाथके जयकारों से वातावरण गूंजता रहा। सारा दिन श्रद्धालुओं का रेला, जयजयकार और भजनकीर्तन से वातावरण भक्तिमय बना रहेगा। रथयात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि काशी में यह एकता, प्रेम और सद्भाव का भी प्रतीक माना जाता है।

अष्टकोणीय दिव्य रथ पर नगर भ्रमण

भगवान जगन्नाथ अपने दिव्य अष्टकोणीय रथ पर सपरिवार नगर भ्रमण को निकले। रथयात्रा चौराहे पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भक्त अपलक भगवान की मनोहारी छवि को निहारते रहे। भगवान का रथ पीले फूलों और वस्त्रों से भव्य रूप से सजाया गया। प्रथम दिन भगवान को पीत वस्त्र पहनाए गए और पीले भोज्य पदार्थों का विशेष भोग अर्पित किया गया, जिसमें पके कोहड़े की सब्जी, पूड़ी और हलवे का प्रसाद वितरित किया गया।

सुरक्षा रही अभेद्य

पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए 85 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। रथयात्रा चौराहे पर अस्थायी कंट्रोल रूम स्थापित कर पूरे आयोजन की लाइव मॉनीटरिंग की जा रही है। पुलिस बल प्रशासन के अधिकारी लगातार भ्रमण कर सुरक्षा का जायजा ले रहे हैं।

रथयात्रा बना आस्था का महासंगम

भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के लिए सजाए गए भव्य लकड़ी के रथों को खींचने के लिए महिला, पुरुष, युवा और बुजुर्ग श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। भगवान जगन्नाथ 16 पहियों वाले नंदीघोष रथ पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। भक्तों का मानना है कि रथ खींचने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति आती है।

आज एवं कल के कार्यक्रम

शनिवार (दूसरा दिन) 28 जून

सुबह 511 बजे मंगला आरती पट खोलना।

भगवान को लाल वस्त्र और लाल फूलों से श्रृंगारित किया जाएगा।

सुबह 900 बजे कुंवर अनंत नारायण विशेष पूजा-अर्चना करेंगे।

रविवार (तीसरा और अंतिम दिन) 29 जून

सुबह 511 बजे पुनः मंगला आरती होगी।

सुबह 600 बजे इस्कॉन मंदिर की मंडली द्वारा चैतन्य महाप्रभु के भजनों की प्रस्तुति दी जाएगी।

सुबह 900 बजे विशेष भोगः छौंके हुए मूंगचना, पेड़ा, गुड़खांडसारीनीबू का तुलसीशर्बत अर्पित किया जाएगा।

दिनभर सजावट, भक्तों द्वारा रथ खींचना और आरती होनी जारी रहेगी।

अंतिम आरती के बाद रात्रि में, भक्तिमय समापन के पश्चात रथ को श्री जगन्नाथ मंदिर में लाया जाएगा।

मुख्य आकर्षण

हर दिन 511 बजे सुबह की आरती पूरे मेले की शुरुआत होती है।

श्रद्धा और संगीत का संगमदृजय जगन्नाथके उद्घोष, भजनों की गूंज।

सुरक्षा व्यवस्था कड़ीः 85 सीसीटीवी, अस्थायी कंट्रोल रूम, पुलिसप्रशासन गश्त।

मेले का बडी सबसे ख़ास मोड़, 16 पहियों वाले नंदीघोष रथ को भक्त खींचते हुए देखना है।

 

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