बनारस के बिजलीकर्मी 267वें दिन भी आंदोलन पर अड़े
निजीकरण से 76,500 कर्मियों का भविष्य अंधेरे में, करेंगे निर्णायक संघर्ष
इसमें पूर्वांचल
निगम
के
17,500, दक्षिणांचल के 10,500 और
दोनों
निगमों
के
लगभग
50 हजार
संविदा
कर्मी
शामिल
हैं
सेवा करेंगे
और
हक
भी
लेंगे”
नारे
से
गूंजे
कार्यालय
दिल्ली और
चंडीगढ़
का
उदाहरण
देकर
जताई
चिंता
तीन विकल्पों
को
बताया
अन्यायपूर्ण
व
अस्वीकार्य
सुरेश गांधी
वाराणसी. पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत
वितरण निगम के निजीकरण
के खिलाफ बिजलीकर्मियों का विरोध थमने
का नाम नहीं ले
रहा है। गुरुवार को
आंदोलन के 267वें दिन भी
बनारस के तमाम विद्युत
कार्यालयों पर कर्मचारियों ने
जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों
ने ऐलान किया कि
निजीकरण का फैसला वापस
होने तक यह आंदोलन
प्रदेशभर में जारी रहेगा।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले
हुए इस आंदोलन में
वक्ताओं ने कहा कि
निजीकरण की नीति लागू
हुई तो करीब 76,500 बिजलीकर्मियों
की नौकरी खतरे में आ
जाएगी। इसमें पूर्वांचल निगम के 17,500, दक्षिणांचल
के 10,500 और दोनों निगमों
के लगभग 50 हजार संविदा कर्मी
शामिल हैं।
समिति के पदाधिकारियों ने
कहा कि पावर कॉरपोरेशन
द्वारा दिए गए तीन
विकल्पकृनिजी कंपनी की नौकरी स्वीकार
करना, अन्य निगमों में
स्थानांतरण या फिर स्वैच्छिक
सेवानिवृत्तिकृन्यायसंगत
नहीं हैं। जिन कर्मचारियों
ने निजी कंपनियों को
छोड़कर सरकारी नौकरी चुनी थी, उन्हें
फिर से निजी कंपनियों
के हवाले करना सरासर अन्याय
है।
कर्मचारियों ने दिल्ली और
चंडीगढ़ का हवाला देते
हुए कहा कि वहां
निजीकरण के बाद बड़े
पैमाने पर कर्मचारी समय
से पहले सेवा निवृत्त
होने को मजबूर हुए।
दिल्ली में 2002 में निजीकरण के
एक साल के भीतर
45 फीसदी कर्मचारी घर लौट गए
थे। इसी साल फरवरी
में चंडीगढ़ में निजीकरण होते
ही 40 फीसदी कर्मी सेवा निवृत्ति ले
चुके हैं। ऐसे में
पूर्वांचल और दक्षिणांचल निगम
के कर्मचारियों का भविष्य और
भी असुरक्षित हो जाएगा, क्योंकि
अब पेंशन की सुविधा भी
उपलब्ध नहीं है।
सभा में कहा
गया कि आंदोलन के
साथ-साथ उपभोक्ताओं की
समस्याओं का समाधान भी
सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जा
रहा है। समिति का
नारा गूंजादृ “सेवा करेंगे और
हक भी लेंगे।” सभा
को अंकुर पांडेय, रोहित कुमार, पंकज यादव, यमुना
सिंह, नन्हे कुमार, सरोज भूषण, रमेश
कुमार, पी.एन. चक्रधारी,
विशाल कुमार, अरुण कुमार, मनोज
यादव, बृजेश यादव, सन्नी कुमार, दयाशंकर सिंह, अभिषेक सिंह, अरुण सिंह, धनपाल
सिंह व विकास पटेल
आदि ने संबोधित किया।
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