ऑपरेशन सिंदूर से आत्मनिर्भर भारत तक: काशी से गूंजा संकल्प– अब दुश्मन पाताल में भी नहीं बचेगा
दुनिया की
तीसरी
बड़ी
अर्थव्यवस्था
बनने
जा
रहा
भारत
: नरेन्द्र
मोदी
किसानों को मिली किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त, देश के 10 करोड़ किसानों के खातों में पहुंचा 21,000 करोड़
सुरेश गांधी
वाराणसी. काशी की धरती
से प्रधानमंत्री मोदी ने केवल
योजनाओं का उद्घाटन नहीं
किया, बल्कि भारत के राष्ट्रधर्म,
आत्मसम्मान, सुरक्षा और स्वदेशी के
मंत्र को फिर से
जन-जन तक पहुंचाया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गूंज सिर्फ
सीमाओं तक नहीं, देश
के हर नागरिक के
मन में आत्मविश्वास भर
रही है। अब भारत सिर्फ रणनीति
नहीं, संकल्प से चलता है।
और यह संकल्प है— “भारत को
किसी से डर नहीं,
अब भारत से डर
लगना चाहिए।” जी हां, प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी का यह
वाराणसी दौरा केवल विकास
योजनाओं की घोषणाओं या
उद्घाटनों तक सीमित नहीं
था, बल्कि यह एक विराट
राष्ट्रसंकल्प का उद्घोष भी
था।
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ब्रह्मोस से बनी जवाबदेही: यूपी अब डिफेंस हब
किसानों को गर्व और पैसा दोनों मिला : सम्मान निधि की 20वीं किस्त
‘बैंक पंचायत तक’: डिजिटल भारत की सशक्त तस्वीर
प्रधानमंत्री ने बताया कि
अब एक लाख से
अधिक बैंकिंग टीमें पंचायत स्तर तक पहुँच
चुकी हैं। गांवों में जिन लोगों
ने कभी बैंक नहीं
देखा था, उनके पास
भी अब बैंक खाता
है और वे डिजिटली
सशक्त हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि
अब उत्तर प्रदेश दंगों, माफियाओं और अपराध से
मुक्त हो गया है।
उन्होंने कहा— "जो राज्य कभी
अपराधों के लिए बदनाम
था, वह आज निवेश
और विकास का केंद्र बन
चुका है। अपराधियों में
योगी सरकार का डर है।"
काशी को मिली 2183 करोड़ की सौगात : विकास योजनाओं की झड़ी
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने काशी
को 2183.45 करोड़ रुपये की लागत से
52 परियोजनाओं की सौगात दी।
इनमें 14 परियोजनाओं
का लोकार्पण (565.35 करोड़) और 38 का शिलान्यास (1618.10 करोड़) हुआ।
प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं
: फोरलेन सड़क (भदोही मार्ग), रेल ओवरब्रिज, घाट
पुनर्विकास, 53 स्कूलों का नवीनीकरण, कैंसर
अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी
यूनिट, मुंशी प्रेमचंद संग्रहालय, स्मार्ट अंडरग्राउंड केबलिंग, फूड प्लाजा, पार्किंग,
पुस्तकालय और जल शोधन
योजनाएं।
दिव्यांगों के चेहरों पर मुस्कान: सहायक उपकरणों का वितरण
कार्यक्रम में दिव्यांगजनों को
अत्याधुनिक उपकरण दिए गए। प्रधानमंत्री
ने दृष्टिबाधित छात्रा बबली कुमारी को
जब अपने हाथों से
लो विजन चश्मा पहनाया,
तो उसकी आँखों में
विश्वास और आत्मसम्मान झलक
रहा था। इसके साथ ही अन्य
दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर
और हियरिंग डिवाइस जैसी जीवन-परिवर्तक
सौगातें दी गईं।
'वोकल फॉर लोकल': आत्मनिर्भर भारत का आर्थिक मंत्र
प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति
ट्रंप के उस बयान
का भी जवाब दिया
जिसमें भारत को ‘डेड
इकोनॉमी’ कहा गया था।
मोदी ने कहा— "हमारी हर खरीद, हर
बिक्री भारतीय पसीने की गवाही देनी
चाहिए। हम वही खरीदेंगे,
जो भारतीय हाथों ने गढ़ा हो।
यही सच्चा राष्ट्रधर्म है।" उन्होंने सभी दुकानदारों और
व्यापारियों से आह्वान किया—
"अब दुकानों पर केवल स्वदेशी
सामान बिके, यही सच्ची देशसेवा
होगी।" प्रधानमंत्री
ने साफ कहा- अब
भारत भी हर चीज
को परखने के लिए सिर्फ
एक ही तराजू इस्तेमाल
करेगा- वो है, भारतीय
पसीने से बनी चीजें.
भारतीय कौशल से बनी
हों, भारतीय हाथों से बनी हों.
यही हमारे लिए असली स्वदेशी
है. वैश्विक
अस्थिरता के दौर में
भारत को तीसरी सबसे
बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में
यह सिर्फ सरकार की नहीं, हर
भारतवासी की जिम्मेदारी है.
काशी से निकला राष्ट्रधर्म का उद्घोष
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने
कहा— "काशी भारत की
आत्मा है और अब
इसकी पहचान वैश्विक हो चुकी है।
प्रधानमंत्री ने 51वीं बार
काशी आकर यह साबित
कर दिया कि यह
सिर्फ क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व नहीं, बल्कि सांस्कृतिक नेतृत्व है।"
हर नागरिक बने स्वदेशी का प्रचारक
प्रधानमंत्री मोदी ने इस
संकल्प को सिर्फ सरकार
या राजनीतिक दलों तक सीमित
ना रखकर हर नागरिक
की जिम्मेदारी बताया. उन्होंने कहा, सरकार इस
दिशा में हर प्रयास
कर रही है. लेकिन
देश के नागरिक के
रूप में हमारे कुछ
दायित्व हैं. ये बात
सिर्फ मोदी नहीं, हिंदुस्तान
के हर व्यक्ति को
हर पल बोलते रहना
चाहिए- दूसरे को कहते रहना
चाहिए. जो देश का
भला चाहते हैं, जो देश
को तीसरे नंबर की इकोनॉमी
बनाना चाहते हैं, उसे अपने
संकोच को छोड़कर देशहित
में हर पल देशवासियों
के अंदर एक भाव
जगाना होगा- वह संकल्प है,
हम स्वदेशी को अपनाएं. मोदी
ने साफ किया कि
’वोकल फॉर लोकल’ और
’मेक इन इंडिया’ को
अब केवल नारा नहीं,
व्यवहारिक जीवन का हिस्सा
बनाना होगा.
व्यापारी सिर्फ स्वदेशी माल बेचें, यही सच्ची देशसेवा
प्रधानमंत्री ने देश के
व्यापारियों और उद्योगजगत से
विशेष आग्रह किया और कहा,
अब समय आ गया
है कि सिर्फ और
सिर्फ स्वदेशी उत्पादों को ही बेचा
जाए. उन्होंने कहा, मैं व्यापार
जगत से जुड़े भाइयों
को आगाह करता हूं-
अब हमारी दुकानों पर सिर्फ स्वदेशी
सामान बिकना चाहिए. यही देश की
सच्ची सेवा होगी. जब
हर घर में नया
सामान आए तो वो
स्वदेशी ही हो, यही
हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए पीएम
मोदी का यह बयान
ऐसे समय में आया
है, जब वैश्विक व्यापारिक
दबाव, रूस-यूक्रेन युद्ध,
चीन से आयात पर
बहस और अमेरिका की
टैरिफ पॉलिसी जैसे मुद्दे अंतरराष्ट्रीय
मंचों पर चर्चा के
केंद्र में हैं.
लोकार्पित योजनाएं : फोरलेन सेतु, घाटों का विकास,
कैंसर अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनें
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जिन
14 परियोजनाओं का लोकार्पण किया
गया, उनमें प्रमुख रूप से वाराणसी-भदोही-गोपीगंज मार्ग (एसएच-87) के 8.6 किमी हिस्से का
चार लेन चौड़ीकरण, हरदत्तपुर
रेलवे स्टेशन के पास रेल
ओवरब्रिज, बाबा कालिका धाम
मंदिर, अम्बेडकर क्रीड़ा संकुल में हाकी मैदान,
घाटों का पुनर्विकास, च्।ब्
परिसर में बहुउद्देश्यीय हॉल,
53 विद्यालयों का पुनरुद्धार और
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय
कैंसर अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी
यूनिट व रेडिएशन मशीनें
शामिल हैं।
शिलान्यास : मुंशी प्रेमचंद संग्रहालय से
लेकर स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम तक
38 परियोजनाओं के शिलान्यास में
मुंशी प्रेमचंद के लमही स्थित
आवास का संग्रहालय के
रूप में विकास, स्मार्ट
अंडरग्राउंड केबलिंग सिस्टम, दालमंडी व अन्य सड़कों
का चौड़ीकरण, कर्दमेश्वर व कपिलधारा मंदिर
का पर्यटन विकास, फसाड लाइटिंग, बालिका
विद्यालयों का नवीनीकरण, आधुनिक
जिला पुस्तकालय, सिटी फैसिलिटी सेंटर,
पार्किंग, स्ट्रीट फूड प्लाजा, गंगा
घाटों का जीर्णोद्धार, जल
शोधन, और हरित कवरेज
में सुधार जैसी योजनाएं शामिल
हैं।
किसानों के चेहरों पर मुस्कान, 3.90 लाख
करोड़ पार हुई योजना की कुल राशि
प्रधानमंत्री ने बताया कि
इस 20वीं किस्त के
साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत
देशभर में अब तक
3.90 लाख करोड़ रुपये से
अधिक की राशि ट्रांसफर
हो चुकी है। काशी
के 2.21 लाख से अधिक
किसान इस योजना का
लाभ ले रहे हैं।
पीएम ने कहा कि
यह पैसा अन्नदाता को
सीधा सशक्त बना रहा है
और बिना किसी बिचौलिए
के उनके जीवन में
नई रोशनी ला रहा है।
दिव्यांगों को उपकरणों की सौगात, ‘बबली’ के चेहरे पर मुस्कान
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने
मंच से पांच दिव्यांगजनों
को अत्याधुनिक उपकरण भी वितरित किए।
दृष्टिबाधित छात्रा सुश्री बबली कुमारी को
जब प्रधानमंत्री ने अपने हाथों
से लो विजन चश्मा
पहनाया, तो उसका चेहरा
खुशी से खिल उठा।
इसके अलावा संतोष कुमार पांडे, विकास कुमार पटेल, किशन जी व
सीता कुमारी पाल को उपकरण
दिए गए। ह्वील चेयर,
ट्राइसाइकिल और हियरिंग डिवाइस
जैसे महंगे उपकरण अब सामान्य वर्ग
की पहुंच में आ रहे
हैं, जो पहले असंभव
था। इस मौके पर
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
व ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य
प्रताप शाही, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, अनिल राजभर, डॉ.
दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, भूपेंद्र चौधरी, मेयर अशोक तिवारी,
विधायकगण, एमएलसी, और भाजपा के
तमाम वरिष्ठ नेता, जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी एवं हजारों नागरिक
मौजूद रहे।