टैरिफ संकट से जूझ रहे कारपेट इंडस्ट्री के
लिए पीएम से राहत पैकेज की मांग
सरवर सिद्दीकी
ने
कहा,
15 लाख
बुनकरों
की
रोज़ी
पर
गहराया
संकट,
सरकार
से
ऋण
वसूली
स्थगित
करने,
जीएसटी
रोकने
और
क्षतिपूर्ति
देने
की
अपील
सुरेश गांधी
भदोही। भारतीय कालीन कुटीर उद्योग पर मंडराते संकट
ने बुनकरों और निर्यातकों की
नींद उड़ा दी है।
अमेरिका ने भारतीय कालीनों
पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है,
जिससे भारतीय कालीनों का सबसे बड़ा
निर्यात बाजार लगभग ठप हो
गया है। करीब 60 प्रतिशत
कालीन निर्यात अमेरिका को होता है।
इस स्थिति ने भदोही, मिर्ज़ापुर,
आगरा, पानीपत और कश्मीर जैसे
कालीन पट्टियों के करीब 15 लाख
बुनकरों और कारीगरों की
रोज़ी-रोटी पर गहरा
असर डाला है।
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और उत्तर प्रदेश
सरकार के पूर्व दर्जा
प्राप्त राज्यमंत्री सरवर सिद्दीकी ने
इस संकट को गहरी
आपदा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी से विशेष राहत
पैकेज देने की अपील
की है। उन्होंने कहा
कि यदि समय रहते
कदम न उठाए गए
तो कालीन उद्योग, जो भारत की
शिल्प और परंपरा का
प्रतीक है, दम तोड़
देगा। सिद्दीकी ने कहा कि
मौजूदा हालात में सरकार, बैंक
और संगठनों को मिलकर बुनकरों
और निर्यातकों की मदद करनी
होगी।
सिद्दीकी ने रखीं ये प्रमुख मांगें
उन्होंने केंद्र सरकार से राहत पैकेज
में निम्नलिखित कदम उठाने की
मांग की....
बैंकों द्वारा निर्यात ऋण की वसूली
फिलहाल स्थगित की जाए।
निर्यातकों की जमीन, घर
और संपत्ति जब्ती की कार्यवाही पर
रोक लगे।
बैंक ब्याज दरों
को घटाकर बोझ कम किया
जाए।
गोदामों में पड़े कालीनों
को स्थानीय बाजार में बेचने पर
जीएसटी स्थगित किया जाए।
लागत से कम
दामों पर कालीन बेचने
की स्थिति में सरकार 10 से
25 प्रतिशत तक क्षतिपूर्ति दे।
वैकल्पिक बाजार की तलाश जरूरी : सरवर सिद्दीकी
सिद्दीकी ने निर्यातकों को
भी आगाह किया कि
केवल सरकार पर निर्भर रहने
से समाधान नहीं मिलेगा। उन्होंने
सुझाव दिया कि निर्यातक
अमेरिका के अलावा यूरोप,
खाड़ी देशों और एशियाई बाजारों
में नए अवसर तलाशें
और उच्च गुणवत्ता वाले
कालीनों को प्रतिस्पर्धी दामों
पर प्रस्तुत करें।
बुनकरों पर संकट
भदोही और मिर्ज़ापुर की
कालीन पट्टी में पहले से
ही छंटनी का दौर चल
रहा है। हजारों परिवारों
को काम मिलना बंद
हो गया है। ग्रामीण
इलाकों में काम की
कमी से बुनकर भुखमरी
जैसी स्थिति का सामना कर
रहे हैं।
भारत का कालीन सस्ता और सर्वोत्तम
सिद्दीकी ने विश्वास जताया
कि अमेरिका सहित पूरी दुनिया
को भारतीय कालीनों की आवश्यकता हमेशा
रहेगी। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का
सबसे सस्ता और अच्छा कालीन
बनाता है। ऐसे में
यदि सरकार व संगठन मिलकर
आगे बढ़ें तो इस
संकट से बाहर निकला
जा सकता है।”
No comments:
Post a Comment