घाटमपुर यूनिट - 2 से बढ़ी 660 मेगावाट की शक्ति, यूपी की क्षमता हुई और मजबूत
ऊर्जा मंत्री
एके
शर्मा
बोले,
प्रदेश
की
बिजली
व्यवस्था
ने
रचा
नया
इतिहास,
दी
प्रदेशवासियों
को
बधाई
यूपी की
बिजली
व्यवस्था
ने
मारी
लंबी
छलांग,
घाटमपुर
परियोजना
की
दूसरी
यूनिट
चालू
होने
से
क्षमता
पहुंची
1320 मेगावाट
यह उपलब्धि
प्रदेश
को
ऊर्जा
आत्मनिर्भरता
के
नए
युग
में
ले
जाएगी
सुरेश गांधी
वाराणसी. उत्तर प्रदेश की ऊर्जा यात्रा
में मंगलवार का दिन मील
का पत्थर साबित हुआ। घाटमपुर तापीय
विद्युत परियोजना की यूनिट - 2 से
660 मेगावाट का उत्पादन शुरू
होते ही प्रदेश की
विद्युत क्षमता में जिस तेजी
से इजाफा हुआ है, उसने
यह साबित कर दिया कि
उत्तर प्रदेश अब ऊर्जा आत्मनिर्भरता
की ओर निर्णायक कदम
बढ़ा चुका है। राज्य
सरकार और केंद्र के
समन्वित प्रयासों का यह परिणाम
न केवल तकनीकी उपलब्धि
है, बल्कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और दूरदर्शी नेतृत्व
की भी मिसाल है। ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा
द्वारा प्रदेशवासियों को दी गई
बधाई सिर्फ एक औपचारिक घोषणा
नहीं, बल्कि उस बदलते ऊर्जा
परिदृश्य की झलक है
जिसमें राज्य ने हाल के
वर्षों में 5,280 मेगावाट की ऐतिहासिक वृद्धि
दर्ज की है। यह
वह समय है जब
उद्योग, स्टार्टअप, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और स्मार्ट ऊर्जा
संरचना को स्थिर बिजली
की सर्वाधिक आवश्यकता है। ऐसे में
घाटमपुर की यह प्रगति
केवल एक परियोजना की
सफलता नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के
विकास की धुरी को
मजबूत करने वाला कदम
है।
यह तथ्य अपने आप में उल्लेखनीय है कि यूपी स्टेट पावर जनरेशन कॉर्पोरेशन और केंद्र की कंपनी एनएलसी इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम के रूप में विकसित इस परियोजना की क्षमता अब 1,320 मेगावाट हो गई है। इस स्तर की उपलब्धता उत्तर प्रदेश को न केवल उत्पादन क्षमता के मानक पर मज़बूत बनाती है, बल्कि उसे उन राज्यों की श्रेणी में भी खड़ा करती है जो अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को स्वयं पूरा करने की स्थिति में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रहे ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विस्तार ने इन वर्षों में कई बाधाओं को पीछे छोड़ा है। कोयला आपूर्ति, ट्रांसमिशन क्षमता, तकनीकी उन्नयन और परियोजनाओं की तेज गति से मॉनिटरिंग, इन सभी ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में न तो मांग के मुकाबले आपूर्ति बाधित हो और न ही उपभोक्ताओं को अस्थिरता का सामना करना पड़े। घाटमपुर की यूनिट - 2 के व्यावसायिक संचालन का आरम्भ इस बात का प्रमाण है कि यूपी अब बिजली को लेकर ‘सरप्लस राज्य’ बनने की दिशा में अधिक आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है। आने वाले वर्षों में औद्योगिक निवेश, स्मार्ट शहर परियोजनाएं और ग्रामीण विद्युतीकरण के नए आयाम इसी स्थिर ऊर्जा व्यवस्था पर निर्भर करेंगे।
ऊर्जा मंत्री का यह कहना
कि यह उपलब्धि प्रदेश
की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को नई दिशा
देगी, किसी राजनीतिक घोषणा
से कहीं अधिक है,
यह उस निरंतर विकसित
होते ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर की सच्चाई है
जिसने यूपी के विकास
मॉडल को नई ताकत
दी है। घाटमपुर से
शक्ति की यह नई
किरण जब प्रदेश के
घरों, खेतों और उद्योगों तक
पहुंचेगी, तब इसके वास्तविक
प्रभाव का आकार और
व्यापकता प्रदर्शित होगी। यूपी की बिजली
व्यवस्था के लिए यह
क्षण सचमुच ऐतिहासिक है, और इस
इतिहास को आगे बढ़ाने
की जिम्मेदारी अब मजबूती से
स्थापित उस संरचना की
है जिसे सरकार ने पिछले
कुछ वर्षों में प्राथमिकता और
संकल्प के साथ खड़ा
किया है।

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