Thursday, 11 December 2025

कैप्टन मुकेश गोम्बर बने चेयरपर्सन, असलम महबूब को मिली उपाध्यक्ष की कमान

भारतीय कालीन उद्योग को नई दिशा, सीईपीसी में बदला नेतृत्व

कैप्टन मुकेश गोम्बर बने चेयरपर्सन, असलम महबूब को मिली उपाध्यक्ष की कमान

पारदर्शी -वोटिंग में चुनकर आई टीम से उद्योग को नई उम्मीदें

सुरेश गांधी

वाराणसी. भारतीय हस्तनिर्मित कालीन उद्योग के लिए गुरुवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीईपीसी) के वर्ष 2025 के चुनाव परिणाम दिल्ली के ओखला स्थित होटल क्राउन प्लाज़ा में घोषित किए गए, जहां देशभर से आए सदस्य-निर्यातकों की उपस्थिति ने इस आयोजन को महत्वपूर्ण बना दिया। काउंसिल ने घोषणा की है कि कप्तान मुकेश कुमार गोम्बर को नया चेयरपर्सन तथा असलम महबूब को वाइस चेयरपर्सन चुना गया है। यह चुनाव इसलिए भी उल्लेखनीय रहा क्योंकि पूरी प्रक्रिया -वोटिंग के माध्यम से पारदर्शी, तकनीकी रूप से सुरक्षित और सुचारु तरीके से संपन्न हुई, जो काउंसिल के कार्यों में गवर्नेंस सुधार और सदस्य-उन्मुख व्यवस्था की ओर महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

चुनाव संचालन की जिम्मेदारी रिटर्निंग ऑफिसर डॉ. स्मिता नागरकोटी ने निभाई, जबकि डॉ. सुखबीर सिंह बधाल को वस्त्र मंत्रालय की ओर से ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके अतिरिक्त चुनाव समिति के सदस्य उमेश कुमार गुप्ता और ओंकार नाथ मिश्रा भी उपस्थित रहे और पूरी प्रक्रिया के सुचारु संचालन में सहयोग करते रहे। उमेश कुमार गुप्ता ने बताया, “यह चुनाव सीईपीसी की पारदर्शिता और निष्पक्षता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। -वोटिंग प्रणाली ने दिखाया कि परंपरागत चुनावी जटिलताओं से आगे बढ़कर काउंसिल ने नई आधुनिक कार्यशैली अपनाई है।

सदस्यों की व्यापक भागीदारी, चुनाव प्रक्रिया में दिखा भरोसा

चुनाव परिणामों की घोषणा उस समय की गई जब कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (सीओए) के कई प्रमुख सदस्य निर्यातक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। समारोह में उपस्थित सदस्यों में, असलम महबूब, कुलदीप राज वत्तल, बोध राज मल्होत्रा, दीपक खन्ना, हुसैन जाफर हुसैनी, इम्तियाज़ अहमद, महावीर प्रताप शर्मा, मेहराज यासीन जान, मोहम्मद वासिफ़ अंसारी, पीयूष कुमार बरनवाल, रोहित गुप्ता, शौकत खान, शेख आशिक़ अहमद और संजय कुमार गुप्ता शामिल रहे। इन सदस्यों की मौजूदगी चुनाव प्रक्रिया और परिणामों के प्रति उद्योग जगत के भरोसे को भी दर्शाती है। सीईपीसी में यह चुनाव केवल पदाधिकारी चुनने का औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारतीय कालीन उद्योग की भविष्य दिशा तय करने वाला मंच माना जाता है।

सरकार संस्थाओं के सहयोग से -वोटिंग प्रक्रिया बनी सुगम

काउंसिल ने डेवलपमेंट कमिश्नर (हैंडिक्राफ्ट्स), वस्त्र मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, और एनएसडीएल के योगदान की सराहना की। एनएसडीएल की तकनीकी सहायता से -वोटिंग प्लेटफॉर्म को सुरक्षित, सटीक और विश्वसनीय बनाया गया। सीईपीसी के अनुसार, इस बार की प्रक्रिया ने भविष्य में भी सभी आंतरिक चुनावों को डिजिटल माध्यम द्वारा संचालित करने की संभावनाओं को मजबूत किया है।

नई टीम से उद्योग जगत की अपेक्षाएं बढ़ीं

सीईपीसी ने नवनिर्वाचित चेयरपर्सन कैप्टन मुकेश कुमार गोम्बर और उपाध्यक्ष असलम महबूब को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह दोनों अनुभवी नेतृत्वकर्ता हैं और उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखते हैं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक बाजार में तीखी प्रतिस्पर्धा के बीच भारतीय कालीन उद्योग को, नए निर्यात बाजार तलाशने, डिज़ाइन इनोवेशन को बढ़ावा देने, ग्रामीण कारीगरों को मजबूत करने, लॉजिस्टिक्स -कॉमर्स नेटवर्क विस्तार जैसे मुद्दों पर फोकस करने की जरूरत है। नई नेतृत्व टीम इन चुनौतियों पर विशेष रणनीतियों के साथ काम कर सकती है।

भारतीय कालीन उद्योग : विशाल संभावनाओं वाला क्षेत्र

भारत विश्व का प्रमुख हस्तनिर्मित कालीन उत्पादक निर्यातक देश है। कारीगरों की सूक्ष्म कला, प्राकृतिक रंगों का उपयोग, और विविध डिजाइनों के कारण भारतीय कालीनों की वैश्विक मांग लगातार बनी रहती है। भदोही, मिर्ज़ापुर, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, इन क्षेत्रों में लाखों कारीगर इस उद्योग पर निर्भर हैं। सीईपीसी का नेतृत्व अक्सर उन नीतियों को आकार देता है जिनका सीधा प्रभाव, कारीगर या बुनकर कल्याण, एक्सपोर्ट प्रमोशन, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों, विदेशी खरीदारों की आमद, और भारत की ब्रांड छवि, पर पड़ता है। इसी वजह से यह चुनाव उद्योग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया।

सीईपीसी ने जताया आभार

काउंसिल ने अपने संदेश में कहा, हम सभी सदस्यों के आभारी हैं जिन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से अपने नए नेतृत्व का चुनाव किया। काउंसिल को विश्वास है कि नई टीम उद्योग के विकास में नवीन ऊर्जा का संचार करेगी और भारत को वैश्विक कालीन बाजार में और अधिक मजबूत उपस्थिति दिलाएगी।

भविष्य की दिशा

नवनिर्वाचित नेतृत्व से सीईपीसी को उम्मीद है कि आगामी वर्षों में, निर्यात लक्ष्य बढ़ेंगे, नई अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां बनेंगी, प्रदर्शनी नेटवर्क मजबूत होगा, और ग्रामीण कारीगरों के कौशल आय दोनों में वृद्धि होगी। भारतीय कालीन उद्योग, जिसकी पहचान हाथों की बुनावट और परंपरागत कलात्मकता से है, नई तकनीक, नए बाजारों और नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़ने की तैयारी में है।


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