Sunday, 21 December 2025

खादी से आत्मनिर्भरता तकः चौकाघाट में सजी ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था

खादी से आत्मनिर्भरता तकः चौकाघाट में सजी ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था 

खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में स्वदेशी की चमक, पहले ही दिन 18 लाख की बिक्री

सुरेश गांधी

वाराणसी. शहर के अर्बन हाट, चौकाघाट में सजी खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की जीवंत अर्थव्यवस्था का सशक्त प्रदर्शन है। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी 20 से 29 दिसंबर तक चलेगी, लेकिन इसके शुभारंभ ने ही यह संकेत दे दिया है कि खादी और ग्रामोद्योग अब सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की मजबूत धुरी बन चुके हैं।

प्रदर्शनी का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती पूनम मौर्या और महापौर अशोक कुमार तिवारी के कर-कमलों से हुआ। मंच से दिया गया संदेश स्पष्ट था, स्वदेशी अपनाइए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल दीजिए। खादी की सादगी और ग्रामोद्योग की विविधता आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में थी। फर्क सिर्फ इतना है कि आज यह आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम बन चुकी है।

पहले ही दिन 18 लाख रुपये की बिक्री यह साबित करती है कि आमजन का भरोसा खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों पर लगातार बढ़ रहा है। प्रदर्शनी में खादी वस्त्रों के साथ बनारसी साड़ियां, कश्मीर के शाल, पंजाब की फुलकारी, उत्तराखंड की सदरी, कालीन, हस्तशिल्प, आचार-मुरब्बे और ग्रामीण खाद्य उत्पाद लोगों को अपनी ओर खींच रहे हैं। जिला/परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी वाराणसी यू पी सिंह ने बताया कि कुल 113 स्टालों में 25 स्टाल खादी के एवं शेष 88 स्टाल ग्रामोद्योग के लगे है, जहां ग्रामीण मेहनत, कारीगरी और परंपरा की खुशबू साफ महसूस की जा सकती है।

यह प्रदर्शनी सिर्फ खरीदारी का मंच नहीं, बल्कि ग्रामीण उद्यमियों को बाजार से जोड़ने की गंभीर पहल है। जब गांव का उत्पाद शहर के बाजार में सम्मान पाता है, तभी आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होती है। ऐसे आयोजन न केवल रोजगार बढ़ाते हैं, बल्कि पलायन रोकने और ग्रामीण जीवन को सशक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी यह याद दिलाती है कि विकास की दौड़ में अगर गांव मजबूत हैं, तो देश मजबूत है। स्वदेशी की यह अलख, अगर जन-जन तक पहुंचे, तो खादी केवल कपड़ा नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकती है।

इस अवसर पर एपी जायसवाल सेवानिवृत निदेशक खादी ग्रामोद्योग आयोग, वीके सिंह सेवानिवृत सहायक निदेशक खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, डीएस पाण्डेय ज्येष्ठ लेखा परीक्षक, राकेश मोहन गुप्ता ज्येष्ठ लेखा परीक्षक, विनोद कुमार सिंह जिला ग्रामोद्योग अधिकारी जौनपुर, श्रीमती अमिता श्रीवास्तव जिला ग्रामोद्योग अधिकारी गाजीपुर, गिरजा प्रसाद जिला ग्रामोद्योग अधिकारी चंदौली, अमितेश कुमार सिंह जिला ग्रामोद्योग अधिकारी मिर्जापुर और दूर दराज से आए हुए उद्यमी एवं वाराणसी की जनता उपस्थित रहे। प्रदर्शनी में आज मां मुंडेश्वरी म्यूजिक वाराणसी द्वारा स्वागत संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यूपी सिंह ने सभी आगन्तुकों का आभार प्रकट करते हुए कहा, प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमियों को बाजार उपलब्ध कराने के साथ विपणन में सहायता व बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जाना है।

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