घर-घर गणना से लेकर ऑनलाइन सत्यापन तक
वाराणसी में मतदाता सूची पुनरीक्षण अंतिम चरण में
डुप्लीकेट, मृतक
और
स्थानांतरित
मतदाताओं
के
नाम
होंगे
साफ
एक परिवार
- एक
मकान
- एक
बूथ
का
सिद्धांत
लागू
ऑनलाइन और
बीएलओ
फॉर्म,
दोनों
सुरक्षित,
अंतिम
सत्यापन
से
तय
होगी
वैधता
सुरेश गांधी
वाराणसी. वाराणसी में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान अपने निर्णायक चरण में पहुंच गया है। जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने स्पष्ट किया है कि एन्यूमरेशन फेज में शत-प्रतिशत घर-घर जाकर गणना पूरी कर ली गई है और 70 फीसदी से अधिक मतदाताओं के एन्यूमरेशन फॉर्म ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए हैं। तैयार प्रारंभिक सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जा चुकी है, ताकि आपत्तियों और सुझावों के आधार पर सूची को पूरी तरह शुद्ध किया जा सके। जिलाधिकारी ने काशीवासियों से अपील की है कि मतदाता सूची अभी प्रारंभिक चरण में है। जिन नागरिकों का नाम छूटा हो, विवरण गलत हो, फोटो लंबित हो या बूथ/पते में त्रुटि हो, वे निर्धारित तिथि से पहले सुधार करा लें। लक्ष्य है, त्रुटिरहित, पारदर्शी और समावेशी मतदाता सूची, ताकि कोई भी पात्र नागरिक मतदान के अधिकार से वंचित न रहे।
एक परिवार के नाम अलग-अलग बूथों में? अब होगा सुधार
अभियान के दौरान यह
तथ्य सामने आया कि कुछ
मामलों में एक ही
परिवार के सदस्यों के
नाम अलग-अलग बूथों
में दर्ज हैं, कहीं
पति-पत्नी एक बूथ पर,
तो बच्चे दूसरे बूथ पर। प्रशासन
ने साफ किया है
कि एक परिवार के
सभी पात्र मतदाताओं को एक ही
मकान संख्या और एक ही
बूथ से जोड़ा जाएगा।
पुराने पते या पूर्व
दर्ज त्रुटियों को संशोधन प्रक्रिया
के तहत दुरुस्त किया
जाएगा।
ऑनलाइन फॉर्म बनाम बीएलओ फॉर्म, कन्फ्यूजन खत्म
कई मतदाताओं ने
पहले स्वयं ऑनलाइन फॉर्म भरा, और बाद
में बीएलओ द्वारा भी फॉर्म भर
दिया गया। इससे यह
भ्रम पैदा हुआ कि
कौन-सा फॉर्म वैध
माना जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया
है कि सिस्टम डुप्लीकेट
एंट्री स्वतः पहचान लेता है और
अंतिम सत्यापन (वेरीफिकेशन) के बाद ही
किसी प्रविष्टि को वैध माना
जाता है। दो बार
फॉर्म भरने से किसी
मतदाता का नाम निरस्त
नहीं होगा।
फार्म -203, डिक्लेरेशन और डिलीशन, पूरी प्रक्रिया पारदर्शी
बीएलओ द्वारा भरे जा रहे
फार्म -203 में नाम, माता/पिता का नाम,
पता जैसी मूल जानकारी
दर्ज की जाती है।
इसके साथ ही डिक्लेरेशन
फॉर्म और डिलीशन फॉर्म
भी उपलब्ध हैं, जिनके जरिए
मृतक, डुप्लीकेट या स्थानांतरित मतदाताओं
के नाम नियमानुसार हटाए
जा रहे हैं।
प्रगति रिपोर्टः 8.5 फीसदी नामों पर कार्रवाई
प्रारंभिक सूची के विश्लेषण
में लगभग 8.5 फीसदी नाम ऐसे पाए
गए हैं जो या
तो मृतक, डुप्लीकेट हैं या स्थानांतरित
हो चुके हैं। इन्हें
नियमानुसार चिन्हित कर सुधार की
प्रक्रिया जारी है। जनपद
स्तर पर तथा विधानसभा-स्तरीय बैठकों के माध्यम से
सभी राजनीतिक दलों से फीडबैक
लिया जा रहा है।
26 तारीख को प्रशासनिक बैठक
में आपत्तियों का अंतिम परीक्षण
किया जाएगा।
फोटो जमा नहीं किया? अब मौका
कई मतदाताओं ने
फॉर्म भरते समय फोटो
अपलोड नहीं किया था।
ऐसे मतदाताओं से अपील है
कि वे नए मॉडल
एन्यूमरेशन फॉर्म के माध्यम से
अपना नवीनतम फोटो अनिवार्य रूप
से जमा कर दें,
ताकि सूची अंतिम रूप
ले सके।
दो-तिहाई से अधिक मैपिंग पूरी, राजनीतिक दलों से
मांगा सहयोग — त्रुटिरहित मतदाता सूची पर ज़ोर
जिला
निर्वाचन अधिकारी ने गणना प्रपत्रों
की वापसी, डाटा फीडिंग, 2003 की
मतदाता सूची से मैपिंग
और ASD श्रेणी में चिह्नित मतदाताओं
की विधानसभावार स्थिति की विस्तृत जानकारी
साझा की। उन्होंने बताया
कि अर्हता तिथि 01 जनवरी 2026 के आधार पर
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों
का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण जनपद में तेज़ी
से आगे बढ़ रहा
है। मतदाता सूची का आलेख्य
प्रकाशन 31 दिसंबर 2025 को होगा। दावे
और आपत्तियाँ 31 दिसंबर 2025 से 30 जनवरी 2026 तक आमंत्रित की
जाएंगी। नोटिस, सुनवाई एवं निस्तारण की
प्रक्रिया 21 दिसंबर 2025 से 21 फरवरी 2026 तक चलेगी, जबकि
अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन
28 फरवरी 2026 को किया जाएगा।
सभी राजनीतिक दलों से अपील
है कि यदि कोई
पात्र मतदाता गलती से ASD श्रेणी
में चिन्हित हो गया हो,
तो उसकी सूची साक्ष्यों
सहित संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएं,
ताकि समय रहते संशोधन
किया जा सके।
हर बूथ पर दोबारा घर-घर सत्यापन
जिला निर्वाचन अधिकारी
ने बताया कि सभी बीएलओ
को निर्देश दिए गए हैं
कि वे प्रत्येक बूथ
क्षेत्र में पुनः घर-घर जाकर विस्तृत
सत्यापन करें। अब तक लगभग
दो-तिहाई मतदाताओं की मैपिंग पूरी
हो चुकी है। ASD से
संबंधित सूचियाँ सभी बूथों पर
दस-दस प्रतियों में
उपलब्ध करा दी गई
हैं। राजनीतिक दलों से आग्रह
किया गया है कि
वे इन सूचियों का
परीक्षण कराएं और यदि किसी
पात्र मतदाता का नाम त्रुटिवश
ASD श्रेणी में दर्ज हो
गया हो, तो ईआरओ/एईआरओ को सूचित कर
रोल-बैक कराया जाए।
इस अवसर पर अपर
जिलाधिकारी विपिन मौजूद रहे।


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