विशेषज्ञों निर्यातकों को समझाएं जीएसटी के तौर तरीके
निर्यातकों ने सरकार
को आश्वत किया
कि यदि उन्हें
सुविधाएं मिली तो
वे निर्यात दर
को दुगुना करने
में हरसंभव कोशिश
करेंगे
सुरेश गांधी
वाराणसी।
वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार
के विकास आयुक्त
(हस्तशिल्प) के निर्देश
पर कालीन निर्यात
संबर्धन परिषद ने श्रीनगर
के फोर प्वांट
शेरेटन होटल में
कालीन निर्यातकों की
एक सेमिनार का
आयोजन किया गया।
सेमिनार में विशेषज्ञों
ने निर्यातकों को
जीएसटी के तौर
तरीकों व उसके
सरलीकरण प्रक्रिया को विस्तार
से समझाने की
कोशिश की। साथ
में जीआई के
प्रति भी लोगों
को जागरुक किया
गया। कश्मीर चैंबर
ऑफ कॉमर्स एंड
इंडस्ट्री एवं कालीन
निर्यात संबर्धन के बैनरतले
आयोजित इस सेमिनार
में निर्यातकों ने
सरकार को आश्वत
किया कि यदि
उन्हें सुविधाएं मिली तो
वे निर्यात दर
को दुगुना करने
में हरसंभव कोशिश
करेंगे।
सेमिनार में सीईपीसी
के चेयरमैन श्री
सिद्धनाथ सिंह ने
बताया कि कालीन
निर्यात संवर्धन परिषद ने
आईआईसीटी, श्रीनगर के परिसर
में अपना क्षेत्रीय
कार्यालय खोला है
जो अब पूरी
तरह से कार्यात्मक
है। जम्मू और
कश्मीर से हस्तनिर्मित
कालीन उद्योग के
विकास और विकास
के लिए परिषद
पूरी तरह से
प्रतिबद्ध है। श्री
सिंह ने कारीगरों
को आरपीएल योजना
और इसके लाभ
के बारे में
विस्तार से बताया।
इस दौरान उन्होंने
प्रतिभागियों को सूचित
किया कि सीईपीसी
पहले ही प्रस्ताव
ले चुकी है
और कपड़ा मंत्रालय
को कामन सुविधा
सेंटर (सीएफसी), डाइंग यूनिट,
एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लान (ईटीपी)
और श्रीनगर में
कालीन क्षेत्र के
लिए उन्नत डिजाइन
बैंक की स्थापना
के लिए मंजूरी
देने की संभावना
है। उद्योग की
मांग पर अध्यक्ष
ने आश्वासन दिया
कि वह श्रीनगर
में हस्तनिर्मित कालीनों
की प्रदर्शनी आयोजित
करने की पूरी
कोशिश करेंगे।
सीईपीसी के द्वितीय
उपाध्यक्ष उमर हमीद
ने आश्वासन दिया
कि परिषद इस
तरह के जागरूकता
सेमिनार व कार्यशालाओं
को समय समय
करती रहेगी। सीईपीसी
के कार्यकारी निदेशक
संजय कुमार ने
प्रतिभागियों को भारतीय
हस्तनिर्मित कालीन उद्योग और
जीआई के महत्व
के बारे में
बताया। उन्होंने आश्वासन दिया
कि सीईपीसी कालीन
क्षेत्र के विकास
और विकास के
लिए किसी भी
तरह के समर्थन
के लिए उद्योग
की मदद करेगा।
सीनियर डायरेक्टर श्री सोहन
कुमार झा ने
प्रतिभागियों को सूचित
किया कि डीसी
(हस्तशिल्प) कार्यालय कारीगरों के
कल्याण के लिए
पूरी तरह से
समर्पित है। सात
कार्यालयों और विकास
आयुक्त (हस्तशिल्प) के 400 से
अधिक अधिकारी पहले
से ही राज्य
में काम कर
रहे हैं। प्रतिभागियों
से सरकार की
विभिन्न योजनाओं का लाभ
लेने के लिए
आगे आने की
जरुरत है। भारत
के कारीगरों के
कल्याण के लिए
सरकार संकल्पित है।
केसीसीआई और सदस्य
सीओए, सीईपीसी शेख
आशिक अहमद ने
उद्योग के बारे
में एक अंतर्दृष्टि
दी और आश्वासन
दिया कि हस्तनिर्मित
कालीनों और अन्य
फर्श कवरिंग के
निर्यात को मजबूत
करने के लिए
क्षेत्र के लिए
सीईपीसी वरदान होगा। उन्होंने
क्षेत्र में कालीन
उद्योग के लाभ
के लिए सीईपीसी
को केसीसीआई के
पूर्ण समर्थन और
सहयोग का आश्वासन
दिया। सेमिनार में
124 से अधिक प्रतिभागियों
ने भाग लिया।
इस मौके पर
श्री सिद्ध नाथ
सिंह, अध्यक्ष, सीईपीसी,
श्री उमेर हमीद,
द्वितीय उपाध्यक्ष, सीईपीसी श्री
शेख आशिक अहमद,
अध्यक्ष, केसीसीआई, श्री सोहन
कुमार झा, वरिष्ठ निदेशक, डी
सी एच, नई
दिल्ली, श्री ए.के. प्रधान,
छेतरीय निदेशक, विकास आयुक्त
(हस्तशिल्प), श्रीनगर, श्री उमेश
कुमार गुप्ता, श्री
अब्दुल रब, श्री
राजेंद्र प्रसाद मिश्रा, श्री
फिरोज वजीरी, श्री
हुसैन जाफर हुसैनी,
श्री श्री राम
मौर्य, श्री गुलाम
नबी भट, श्री
के कार्यालय सतीश
वट्टल, श्री बोध
राज मल्होत्रा, प्रशासन
समिति के सदस्य,
सीईपीसी, श्री संजय
कुमार, कार्यकारी निदेशक, सीईपीसी,
श्री बिपिन वर्मा,
जीएसटी के विशेषज्ञ
संगोष्ठी में उपस्थित
थे।
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