‘मानव बम’ साबित होंगे छिपे ‘जमाती’
भारत
ही
नहीं
पूरी
दुनिया
में
हर
सेकंड,
हर
मिनट
कोरोना
का
खौफ
बढ़ता
ही
जा
रहा
है।
भारत
में
कोरोना
फैलने
की
बड़ी
वजह
तबलीगी
जमात
है।
कुल
कोरोना
संक्रमित
मरीजों
में
35 फीसदी
तबलीगी
जमात
के
हैं।
देश
में
कोरोना
संक्रमित
के
कुल
4067 केसों
में
1445 तबलीगी
जमात
के
हैं।
मतलब
साफ
है
जमात
के
चलते
कोरोना
का
कहर
17 राज्यों
में
फैल
चुका
है।
जमात
के
संपर्क
में
आएं
25500 लोगों
को
क्वॉरेंटाइन
के
लिए
रखा
गया
है।
पिछले
24 घंटे
में
कुल
781 नए
केस
हुए
हैं,
जिसमें3
5 लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है।
सभी
मृतक
जमात
के
ही
हैं।
इनमें
68 लोगों
की
हालत
बेहद
गंभीर
है।
भारत
में
अब
तक
109 लोगों
की
मौत
हो
चुकी
है
सुरेश गांधी
हो जो
भी हकीकत तो
यही है कि
कोरोना वायरस ने सुपर
पावर अमेरिका में
तबाही मचा दी
है। वहां पिछले
24 घंटे में 1200 कोरोना पीड़ितों
ने दम तोड़
दिया है। तबलीगी
जमात के लोगों
के आचरण की
वजह से भारत
में संक्रमण का
स्तर खतरनाक मोड
में पहुंच गया
है। पूरे देश
में पिछले 11 दिनों
से लॉक डाउन
है, और तबलीगी
जमात ने 135 करोड़
लोगों की 11 दिनों
की मेहनत को
बर्बाद कर दिया
है। 23 मार्च तक भारत
में इस वायरस
के 500 मामलों की पुष्टि
हो चुकी थी।
उस समय तक
भारत में हर
तीन दिन में
केस दोगुने हो
रहे थे। 25 मार्च
को लॉक डाउन
लागू होने के
बाद अगले 4 दिनों
में इसका असर
दिखाई दिया। 29 मार्च
के बाद हर
5 दिनों में संक्रमण
के आंकड़े दोगुने
हो रहे थे।
लेकिन अब नियमों
के उल्लंघन की
वजह से हर
3 दिनों में कोरोना
वायरस के मामलों
के डबल हो
जाने की आशंका
है। भारत में
1 मार्च को इस
वायरस के 3 मामले
थे, और इसे
1000 तक पहुंचने में 28 दिनों
का वक्त लगा।
लेकिन एक हजार
से 4 हजार तक
पहुंचने में सिर्फ
4 दिन लगे। महाराष्ट्र
में सबसे ज्यादा
748 लोगों में कोरोना
संक्रमण है, जबकि
45 मरीजों की मौत
हो चुकी है।
अकेले मुंबई शहर
में कोरोना का
सबसे ज्याजा खौफ
देखा जा रहा
है, जहां मरीजों
की संख्या 458 हो
चुकी है, जबकि
30 मरीज की जान
जा चुकी है।
दिल्ली में कोरोना
से 503 लोग संक्रमित
हैं, जिनमें 320 मरीजों
का निजामुद्दीन के
तबलीगी जमात के
मरकज से संबंध
हैं, जिसका मुखिया
मौलाना साद फरार
चल रहा है।
यही वजह है
कि सरकार जमात
के 1750 विदेशी जमाती वर्कर्स
को ब्लैकलिस्ट कर
दिया गया है।
इसके अलावा चोरी
छिपे घूम घूम
कर कोरोना बांट
रहे है, उनकी
तलाश की जा
रही है। सुरक्षा
एजेंसियों की मानें
तो ये सब
अंतर्राष्ट्रीय साजिस के तहत
हो रहा है।
क्योंकि जब पूरी
दुनिया का ध्यान
कोरोना वायरस से निपटने
में है आइएसआई
भारत के कश्मीर
में बड़े आतंकी
हमले की साजिश
रच रही है।
उसके इस साजिश
में जमात की
भूमिका भी संदिग्ध
है। मरकज के
रजिस्टर में 1 से 18 मार्च
के बीच जिन
21 विदेशी जमातीयों का विवरण
दर्ज हुआ, उनमें
अधिकांश कोरोना पॉजिटिव हो
सकते हैं। जितनी
देर उनके सामने
आने में लगेगी
उतना ही संक्रमण
फैलने का खतरा
बढ़ता जाएगा। क्योंकि
उनके संपर्क में
आएं न जाने
कितने लोगों में
संक्रमण फैल चुका
होगा। जांच अधिकारियों
को अनुमान था
कि करीब 900 विदेशी
जमाती राजधानी की
मस्जिदों में छुपे
हुए है। कुछ
चिन्हित मस्जिदों में अभी
तक 800 विदेशी जमाती मिल
भी चुके हैं।
अभी भी करीब
दो दर्जन भारतीय
व 87 विदेशी जमाती
पहुंच से बाहर
है। अगर ये
जल्द ही हाथ
नहीं लगे तो
बड़े खतरे से
इंकार नहीं किया
जा सकता। ये
फरार जमाती जहां
भी जाएंगे बड़े
पैमान पर संक्रमण
फैलाते जायेंगे।
खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के संसदीय
क्षेत्र वाराणसी समेत पूरे
पूर्वाचंल में बीते
24 घंटे में कोरोना
का बम गिर
पड़ा है। विस्फोट
इतना तगड़ा है
कि इसकी तबाही
से उबरने में
सालो लग जायेंगे।
प्रशासन की मानें
तो वाराणसी समेत
पूर्वाचल के विभिन्न
जिलों में पकड़े
गए जमात से
जुड़े 15 तब्लीगी की कोरोना
रिपोर्ट पाजिटिव आई है।
यह संख्या अभी
और बढ़ेगी क्योंकि
कई की रिपोर्ट
अभी आनी बाकी
है। एक ही
दिन में इतनी
बड़ी संख्या में
पॉजिटिव सामने आने हड़कंप
मच गया है।
लोगों में दहशत
के चलते वाराणसी
के चार बड़े
इलाकों में कर्फ्यू
लगा दिया गया
है। इसमें मुस्लिम
इलाका मदनपुरा, लोहता,
गंगापुर, बजरडीहा शामिल है।
बनारस के गंगापुर
में कोरोना से
पहली मौत कन्फर्म
होने के बाद
चिंता इस बात
की भी है
कि संक्रमण कहीं
और न फैला
हो। एक दिन
पूर्व मौत होने
के बाद रिपोर्ट
कन्फर्म होने के
बाद अब आधिकारिक
रूप से इसे
पहली मौत माना
जा रहा है।
मृतक किनसे सम्पर्क
में था और
कहां इससे पूर्व
इलाज कराया इसकी
पड़ताल कर उन्हें
क्वारंटाइन में शीध्र
ही नहीं रखा
गया तो हालात
बिगड़ते देर नहीं
लगंगे। अगर पीड़ित
ने किसी अन्य
चिकित्सक से इलाज
कराया होगा तो
उसके द्वारा कई
अन्य लोगों में
भी संक्रमण की
संभावना बन सकती
है।
यानी ’मानव बम’ से भी अधिक
खतरनाक हो चुके
दिल्ली निजामुद्दीन में मरकज
से लौटे अन्य
राज्यों, जिलों के तबलीगी
किसी बड़े मिशन
पर है। ऐसे
में कोरोना वायरस
से संक्रमित तब्लीगी
बनारस से लेकर
अन्य शहर की
किन गलियों में
मौत बनकर घूम
रहे है। यानी
यह समय लापरवाही
का नहीं, गलतियों
से सबक लेने
का है। उन्हें
तुरंत सुधारने का
है। गीता, रामायण,
कुरान और बाइबिल
की तरह हमें
यह कंठस्थ कर
लेना चाहिए कि
कोरोना से बचाव
या उसका इलाज
केवल घर में
रहने का एकांतवास
में ही है।
शुरू में इसके
शिकार जाने अनजाने
में बने, लेकिन
अब जिनको कोरोना
हो रहा है
वो सिर्फ लापरवाहियों
के चलते ही
हो रहा है।
इन नए मरीजों
की वजह से
पिछले 15 दिनों में देश
प्रदेशों की सरकारों
के इसे रोकने
के सारे प्रयास
मिट्टी में मिलते
नजर आ रहे
हैं।
फिर चाहे
वह अन्य राज्यों
से वापस अपने
घर लौटने की
बीमारी के लक्षणों
से जूझने वाले
हो या दिल्ली
के निजामुद्दीन में
हुई तबलीगी जमात
में शामिल हुए
लोग। सभी देश
के लिए मुसीबत
बन चुके है।
दिल्ली से राजस्थान,
कश्मीर से कन्याकुमारी
तक पिछले 1 सप्ताह
में पीड़ितों की
संख्या कई गुना
बढ़ गई है।
मतलब साफ है
अभी घर में
नहीं बैठे तो
भारत में इटली,
अमरिका, ब्रिटेन बनने में
देर नहीं लगेगी।
खास यह है
कि संक्रमित मरीजों
में 20 साल के
7 फीसदी, 41 से 60 साल के
33 फीसदी, 60 से 65 साल के
17 फीसदी है। इस
तरह यूपी में
कोरोना संक्रमितों की संख्या
276 हो गई है।
इसमें गौतमबुद्धनगर 58, आगरा 44, मेरठ
33, गाजियाबाद में 23, लखनऊ 17, सहारनपुर
के 6 मरीज हैं.
34 जिले हॉटस्पॉट बताए गए
हैं. अब तक
21 कोरोना मरीज ठीक
हुए हैं।
यानी एक
वायरस के आगे
पूरा देश लाचार
है। इस अदृश्य
दुश्मन से चारों
तरफ हाहाकार मचा
है। इटली से
स्पेन तक यूरोप
से अमेरिका तक
कोरोना के कहर
से जिंदगी सिसक
रही है। शहरों
में मौत का
सन्नाटा पसरा है।
बड़ा सवाल तो
यही है क्या
मजहब के नाम
पर देश का
माहौल बिगाड़ने की
साजिश चल रही
है? क्या तबलीगी
जमात का मौलाना
साद देशभर में
कोरोना रूपी मानव
बम का जाल
बिछा चूका है?
क्या महामारी का
मौलाना मस्जिद में छिपकर
कोरोना बांट रहा
है? क्या जमात
के लोग भारत
में लॉक डाउन
के खिलाफ नापाक
साजिश रच रहे
है? और अगर
यह सब सही
है तो उसे
अब तक गिरफ्तार
क्यों नहीं किया
जा सका? क्या
पाकिस्तान से लेकर
ईरान तक के
आतंकी संगठन जमात
के सहारे भारत
में कोरोना फैलाने
की अंतराष्ट्रीय साजिश
रच रहे है?
खास कर यह
शक और गहरा
तब हो जाता
है जब भारतीय
मुसलमानो को भड़काने
के लिए उत्तेजक
व कन्फूजन वाले
डबिंग वीडियो देश
के सोशल मिडिया
में पोस्ट किए
जा रहे है।
वैसे भी ड्रैगन
का फ्यूचर प्लान
वायरस फैलाओं और
दुनिया पर राज
करने का है।
यानी जिस पर
इस महामारी के
खिलाफ जंग का
नेतृत्व करने की
जिम्मेदारी है वह
दुनियाका सबसे बड़ा
व्यापारी बनना चाहता
है।
पिछले 95 दिनों में
विश्व के 180 से
ज्यादा देशों में, 11 लाख
से ज्यादा लोग
इस वायरस से
संक्रमित हो चुके
हैं। पूरी दुनिया
की एक तिहाई
जनसंख्या यानी लगभग
250 करोड़ लोग लॉक
डाउन की वजह
से अपने घरों
में बंद हैं।
कोरोना से संक्रमित
मरीजों की संख्या
ढाई लाख होने
में 80 दिन लगे
थे। इसके बाद
6 दिन में ढाई
लाख मरीज और
बढ़ गए। अगले
ढाई लाख मामले
सिर्फ 4 दिन में
बढ़े। इसके बाद
सिर्फ 3 दिन में
ढाई लाख मरीज
और बढ़ गए।
यानी 93 दिन में
आंकड़ा 10 लाख के
पार हो गया।
करीब 70 हज़ार लोगों
की मौत भी
हो चुकी है।
कहा जा सकता
है इस वायरस
के संक्रमण की
रफ्तार बहुत तेज़
है। आंकड़ों के
मुताबिक अमेरिका में पिछले
24 घंटे में 1200 लोगों की
कोरोना से मौत
हो गई है।
ये एक दिन
में मौतों का
सबसे बड़ा आंकड़ा
है। न्यूयॉर्क सबसे
ज्यादा प्रभावित है। वहां
एक दिन में
4105 मामले सामने आए हैं
जबकि 218 लोगों की मौत
हो गई। इस
शहर में अबतक
कुल 64,955 मरीजों में कोरोना
की पुष्टि हुई
है जबकि 2,472 लोगों
की मौत हो
चुकी है।
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