यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन
उनके अंतिम संस्कार में सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई बड़े नेता शामिल हुएबेटे राजवीर
ने
दी
मुखाग्नि
सुरेश गांधी
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
और राजस्थान-हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल
कल्याण सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय
सम्मान के साथ बुलंदशहर
जिले के नरौरा स्थित
बंशी घाट पर उनका अंतिम
संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को बेटे राजवीर
सिंह ने मुखाग्नि दी
गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब
उमड़ा। उनके अंतिम संस्कार में सीएम योगी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर
सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत कई बड़े नेता
शामिल हुए। पूरी व्यवस्था सीएम योगी खुद देख रहे थे।
21 अगस्त को लखनऊ के
अस्पताल में बीमारी के बाद 89 साल
की उम्र में कल्याण सिंह का निधन हो
गया था। निधन के बाद रविवार
को कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर
अंतिम दर्शन के प्रदेश बीजेपी
के लखनऊ स्थित कार्यालय में रखा गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी लखनऊ
जाकर कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी।
साथ ही पीएम मोदी
ने देश के वंचितों और
पिछड़ों के कल्याण के
लिए किए गए कामों के
लिए कल्याण सिंह को याद किया।
इसके अलावा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी लखनऊ
में कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन
किए थे। कल्याण सिंह बीजेपी के नेताओं के
लिए बाबूजी के तौर पर
सम्मानित थे, लेकिन राजनीति का उनका कद
ऐसा था कि धुर
विरोधी मुलायम सिंह यादव हों या मायावती, यूपी
की राजनीति में उनकी राजनीतिक हैसियत को समझा।
जिस रास्ते से निकली यात्रा, लोगों की आंखें नम हो गईं
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ’बाबू जी’ की अंतिम यात्रा
में भारी सैलाब उमड़ा। जिस भी रास्ते से
बाबू जी का पार्थिव
शरीर गुजरा, लोगों की आंखें नम
हो गईं। महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चों ने उन पर
पुष्प वर्षा की। कई घंटों तक
लोग अलीगढ़ के स्टेडियम से
बुलंदशहर के नरौरा घाट
तक सड़कों के दोनों तरफ
खड़े रहे। सुबह 9 बजे से शुरू हुई
ये यात्रा शाम तीन बजे नरौरा घाट पहुंची। घाट पर पूर्व सीएम
को श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब
उमड़ पड़ा।
कल्याण सिंह के नाम पर सड़कों के नाम
कल्याण सिंह दो बार यूपी
के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
इसके अलावा वह राजस्थान के
राज्यपाल भी रहे हैं।
उनके निधन के बाद यूपी
सरकार ने सूबे के
छह जिलों की सड़कों को
कल्याण सिंह के नाम पर
समर्पित करने का फैसला किया
है। सरकार की ओर से
बताया गया कि अयोध्या, लखनऊ,
प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर और एटा की
एक-एक सड़कों का
नामकरण कल्याण सिंह के नाम पर
किया जाएगा।
राम मंदिर आंदोलन के अग्रज नेता
कल्याण सिंह बीजेपी को देशभर में
पहचान दिलाने वाले राम मंदिर आंदोलन के सबसे कद्दावर
नेताओं में शामिल थे। अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा
गिराए जाने के वक्त कल्याण
सिंह की यूपी के
मुख्यमंत्री थे और इस
घटना के बाद उन्होंने
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
दे दिया था। इसके बाद कल्याण सिंह ने कहा कि
था सरकार का मकसद पूरा
हो गया और अब राम
मंदिर के लिए मुख्यमंत्री
पद का बलिदान देता
हूं।
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