रवीन्द्र जायसवाल ने किया आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को स्मार्टफोन व इन्फैंटोमीटर का वितरण
स्मार्ट हो रहीं आंगनबाड़ी, होगा बच्चों का सर्वांगीण विकास : रवीन्द्र जायसवाल
महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान व स्वालंबन के लिए संचालित पोषण अभियान की शुरुवात
सुरेश गांधी
वाराणसी। सूबे के स्टांप शुल्क रजिस्टर पंजीयन राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने मंगलवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन और आंगनबाड़ी केंद्रों को इंफेंटोमीटर प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तकनीक से जुड़कर आंगनबाड़ी बहनें स्मार्ट होंगी। हर बच्चे के स्वास्थ्य की स्वास्थ्य की सीधी जानकारी मिलेगी। दैनिक कामकाज आसान होगा और काम में पारदर्शिता आएगी।
बता दें, श्री जायसवाल महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान व स्वालंबन के लिए संचालित पोषण हेतु सूचना और संचार प्रौद्योगिकी समर्थित वास्तविक समय आधारित निगरानी (आईसीटी, आरटीएम) प्रणाली के अंतर्गत तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा हेतु उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित अभियान के तहत 1,23,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को स्मार्टफोन और 1,87,000 आंगनबाड़ी केंद्रों को इंफेंटोमीटर वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर रहे थे। इस मौके पर श्री जायसवाल ने कहा कि साढ़े चार साल पहले तक महज धरना-प्रदर्शन के लिए पहचानी जाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां आज पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ बच्चों के पोषण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ये बहनें तकनीक से जुड़कर स्मार्ट होंगी। हर बच्चे के स्वास्थ्य की स्वास्थ्य की सीधी जानकारी मिलेगी। दैनिक कामकाज आसान होगा और काम में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कोरोना नियंत्रण में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की प्रभावी भूमिका को भी सराहा। कहा, कोरोना महामारी के दौरान इन बहनों ने घर-घर जाकर लोगों को राशन पहुंचाया, दवाइयां दिन, बीमार लोगों के टेस्ट कराये। यह असाधारण काम था। तब, जबकि सम्पन्न लोग घरों में बैठे थे, तब हमारी आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम बहनें फील्ड में थीं। अपनी निष्ठा और काम से कार्यकर्त्रियों ने लोगों की धारणा को बदला है। जबकि एक समय आंगनबाड़ी “पंजीरी” भ्रष्टाचार के लिए बदनाम था। यह शासन की छवि तो खराब करता ही था, आंगनबाड़ियों पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता था। हमने इस संबंध में कोशिश की और आज गर्भवती/धात्री महिलाओं की सेहत के अनुसार उपयोगी पोषण आहार जिले में ही तैयार हो रहा है। उन्होंने स्मार्टफोन वितरण को ई-गवर्नेंस का उदाहरण बताया। कहा, मुख्यमंत्री योगी गुड गवर्नेंस के लिए संकल्पित हैं और गुड गवर्नेंस के लिए ई-गवर्नेंस बड़ा उपयोगी माध्यम है। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों/सहायिकाओं ने मानदेय बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी जताया।
कामकाज होगा आसान-बढ़ेगी पारदर्शिता
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को मिले 03 जीबी रैम और 32 जीबी इंटरनल मेमोरी की क्षमता वाला 6.3 इंच स्क्रीन साइज के एंड्रॉयड आधारित इस स्मार्टफोन में “मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट (एमडीएम)” सॉफ्टवेयर है। स्मार्टफोन पर विभागीय कार्यक्रमों से संबंधित वीडियो संदेश, डाक्यूमेंट्स, प्रचार सामग्री आदि सीधे राज्य स्तर से प्रसारित किया जा सकता है। स्मार्टफोन में अपलोडेड पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री विभागीय दैनिक कार्यों की प्रविष्टियां अंकित करेंगी तथा इसका उपयोग गृह भ्रमण/परामर्श के लिए आईईसी के रूप में भी कर सकेंगी। पोषण ट्रैकर डैश बोर्ड पर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री की फीडिंग दिखाई देगी, जिससे विभाग द्वारा दी जाने वाली सेवाओं कार्यों का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन किया जा सकेगा।
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