Tuesday, 13 December 2022

धूमधाम से मना बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण की पहली वर्षगांठ

धूमधाम से मना बाबा विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण की पहली वर्षगांठ

एक तरफ उत्साह से लबरेज भक्तों शिव बारात रूपी शोभा यात्रा निकाली, तो दुसरी तरफ पार्श्व गायिका भजन सम्राट अनुराधा पौडवाल के भजनों ने काशी के उत्सव में चार चांद लगा दिए

अनुराधा पौडवाल के तूने मुझे बुलाया शेरा वालिएं सहित कई भजनों पर झूमे श्रद्धालु

शिवगणों की वेशभूषा देख लगे हर-हर महादेव के नारे

ऐसा लग रहा था जैसे महादेव खुद भक्तों को दर्शन देने काशी में पधारे हैं

सुरेश गांधी

वाराणसी। देवों के देव महादेव की नगरी काशी दुल्हन की तरह सजी है। गंगा द्वार से विश्वनाथ द्वार तक पूरा परिसर रंगबिरंगी रोशनी में नहा उठा है। ऐसा लग रहा है मानो आसमान से जमीं पर सितारे भी बाबा धाम का उत्सव मनाने धरती पर उतर आए हों। मौका था बाबा विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण के रूप में काशी की भव्यता बढ़ाने वाले श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण की पहली वर्षगांठ का। एक तरफ उत्साह से लबरेज भक्तों शिव बारात रूपी शोभा यात्रा निकाली, तो दुसरी तरफ पार्श्व गायिका भजन सम्राट अनुराधा पौडवाल के भजनों ने काशी के उत्सव में चार चांद लगा दिए। ऐसा लग रहा था जैसे महादेव खुद भक्तों को दर्शन देने काशी में पधारे हैं।

खास बात यह रही कि एक साल में कॉरीडोर ने नया कीर्तिमान रच दिया है. सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है बल्कि चढ़ावा भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस एक साल में श्री काशी विश्वनाथ धाम में लगभग 7.35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. साथ ही देश-दुनिया से श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आये शिवभक्तों ने दिल खोलकर बाबा के दरबार में सौ करोड़ से भी अधिक नकदी, सोना, चांदी और अन्य धातुओं का चढ़ावा चढ़ाया.

बाबा दरबार में सायंकालीन समारोह में पद्मश्री से सम्मानित एवं शहूर पार्श्व गायिका अनुराधा पौडवाल के सुरों की लहरी में श्रोता ऐसा डूबे कि कभी आंखें बंद कर सिर हिलाते तो कभी गुनगुनाते और कभी तालियां बजाते। उन्होंने संगीत संध्या की शुरुआत शिव स्तुति से की। गायत्री मंत्र प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय किया और शिव मेरी पूजा तूने मुझे बुलाया शेरा वालिए भजन गाया तो श्रद्धालु खुद को रोक नहीं पाए। वो जहां पर बैठे थे, वहीं पर खड़े होकर डांस करने लगे। श्रद्धालु भी जय माता दी के नारे लगने लगे. दाबार में मौजूद लोगों ने उनके गीतों का जमकर आनंद लिया। 

इसके बाद पायोजी मैंने राम रतन धन पायो, मीठे रस से भरो री राधारानी लागे, अच्युतं केशवम् कृष्ण दामोदरम, रामनारायणम जानकी वल्लभम् और पालनहारे सुनाकर समां बांधा। उन्होंने सत्यम शिवम् सुन्दरम् भजन से ऐसा जोड़ा कि लोग बैठे-बैठे ही थिरकने लगे। इसके बाद वह आया शिवरात्रि का त्यौहार गौरी संग भोले शंकर आएंगे, सुनाया तो लोग झूम उठे। उनके साथ ढोलक पर जसविंदर सिंह, तबले पर विकास शर्मा, की-बोर्ड पर दीपक, गिटार पर जितेन्द्र, पैड पर विकास ने संगत की।

                दोपहर में मैदागिन से बाबा विश्वनाथ धाम तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में शामिल कलाकार भगवान शिव के अलग-अलग गणों की वेशभूषा में थे। शोभायात्रा में शामिल कलाकार रास्ते भर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। कलाकारों का करतब देख कर लोग मंत्रमुग्ध हुए जा रहे थे। शोभायात्रा का रास्ते भर लोगों ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ स्वागत किया। इसमें मथुरा-गोरखपुर के कलाकारों ने मां काली का रुद्र अवतार दिखाया, जिसे देखकर हर कोई अचंभित हुआ। असम, सोनभद्र, वृंदावन, पूर्वांचल का पारम्परिक नृत्य, बनारस के मशाने की होली, लड़कियों का डांडिया नृत्य, काली के नौ स्वरूपों का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।

इस दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के वनवास वापसी जैसा महसूस हुआ। शोभायात्रा में कलाकार भगवान राम-लक्ष्मण के रूप में घोड़े पर सवार होकर निकले। उनके पीछे हनुमान भी चल रहे थे। बारात में शिव के अघोरी स्वरूप, दैत्य, भूत, पिशाच, सभी देवी देवताओं का स्वरूप भी दिखाया गया। खास यह रहा कि भगवान शिव के अलग-अलग गणों की वेशभूषा में कलाकार लोगों के आकर्षण का केंद्र बने। कलाकार नाचते-गाते जहां से भी गुजरे सभी लोग एकटक होकर उन्हें देख रहे थे। श्रद्धालुओं ने ताली बजाकर सभी का उत्साहवर्धन किया।

नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में ललिता घाट पर विश्वनाथ धाम और मां गंगा की आरती उतारी। साथ ही शोभायात्रा में शामिल मां काली की भी पूजा की। इसके पूर्व प्रातःकाल श्री काशी विश्वनाथ धाम में विधि-विधान से पूजा कर विश्व शांति और कल्याण की कामना की गई। दोपहर में विद्वानों के बीच श्री काशी विश्वनाथ धाम की प्राचीनता एवं नवीनता का अनुशीलन विषय पर गोष्ठी हुई। 

एक साल में आया 100 करोड़ चढ़ावा

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ डॉ. सुनील कुमार वर्मा ने कहा कि श्रीकाशी विश्वधाम निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या 40 लाख से  7.35 करोड़ पहुंच गई है। यही नहीं 100 करोड़ से अधिक चढ़ावा भी आया है। साथ ही पिछले साल की तुलना में यह राशि लगभग पांच सौ प्रतिशत से अधिक है। आसपास समेत काशी के अन्य मंदिरों में भी इससे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई। इसमें लगभग 50 करोड़ नकदी तो शेष सोना-चांदी अन्य धातु थी। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं-सैलानियों का रुझान तो पिछले साल क्रिसमस पर ही नजर आने लगा था, लेकिन नए साल पर दो दिनों में साढ़े पांच लाख श्रद्धालु आने के साथ उस दृष्टि से व्यवस्थापन किया जाने लगा। 

आज धाम विस्तार सुंदरीकरण की परिकल्पना अनुसार श्रद्धालुओं के लिए समस्त सुविधाएं परिसर में उपलब्ध हैं। इसमें नित्य सुधार और व्यापकता आएगी। धाम में हुए खर्च की बात करें तो अप्रैल 2021 में 38 लाख और मई 2021 में 76 लाख रुपये खर्च हुए थे। अप्रैल 2022 में 31 लाख और मई माह में एक करोड़ 25 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें वेतन, सामान्य खर्च, व्यवस्था और आकस्मिक खर्च भी शामिल हैं। सीईओ ने बताया कि 2018-19 के वित्तीय वर्ष में सर्वाधिक 26.65 करोड़ रुपये का चढ़ावा चढ़ा था। उससे पहले चढ़ावे का आंकड़ा सालाना 10 से 12 करोड़ रुपये तक ही होता था।

40 फीसद दान ऑनलाइन

साल भर में विभिन्न मदों में आए लगभग 50 करोड़ दान में 40 फीसद ऑनलाइन था। मंदिर गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने के लिए मुंबई के श्रद्धालु ने 60 किलो सोना दान किया। अन्य मदों में लोग तैयार खड़े दिखे। श्रद्धालु दान विस्तार को देखते हुए माना जा रहा है कि पांच साल में मंदिर विस्तार सुंदरीकरण में खर्च 850 करोड़ से अधिक धनराशि चढ़ावे में जाएगी। डॉ. वर्मा ने गर्व के साथ कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम की साइट दुनिया में सर्वाधिक सर्च की जाती है। वर्ष 2017 में जब यहां आया तब से यूं तो बहुत कुछ बदल गया, लेकिन तब इस व्यापकता का तनिक भान था। प्रोजेक्ट से जुड़ा तो भवनों का अधिग्रहण किया जा रहा था। निर्माण के साथ समय-समय पर बहुत से बदलाव किए गए, कई चीजों को जोड़ा गया, लेकिन आज भी लगता है बहुत कुछ कराना शेष है। इसके लिए बराबर फीडबैक का दायरा बढ़ाया जा रहा है।

पर्यटकों से बढ़ी आमदनी

पर्यटकों की बढ़ी संख्या का सीधा लाभ यहां होटल, वाहन, दुकान, नाविक सहित समस्त कारोबार पर पड़ा है। रात 10 बजे खुलेगा धाम, मुख्य परिसर में सेल्फी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के विस्तार के साथ सबके विकास की सोच के तहत धाम से जुड़ी गलियों को बंद नहीं किया गया। मंदिर चौक में मोबाइल ले जाने की छूट दी जा चुकी है। मुख्य परिसर में भी सेल्फी प्वाइंट विकसित करने की योजना है। पार्किंग की भी उचित व्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। घाट छोर तक लोग दस बजे तक जा सकेंगे। यात्रियों की सहूलियत के लिए नमो घाट तक फेरी सर्विस सुविधा बढ़ाएगी।

महीना    श्रद्धालुओं की संख्या

दिसंबर 2021    4842716

जनवरी 2022    7459471

फरवरी 2022    6856142

मार्च 2022    7171163

अप्रैल 2022    6587264

मई 2022    6290511

जून 2022    6916981

जुलाई 2022    7681561

अगस्त 2022    6711499

सितंबर 2022    4013688

अक्तूबर 2022    3830643

नवंबर 2022    3870403

दिसंबर (1-12-2022 -12-12-2022 )    1350000

कुल    73582042

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