19 जोड़ों की हुई शादी, सभी को उपहार एवं आर्शिवाद दिए गए
समाज की
फिजूलखर्ची
को
रोकने
के
लिए
सामूहिक
विवाह
का
आयोजन
जरुरी
: मनोज
जायसवाल
परिचय सम्मेलन
से
एक
ही
मंच
पर
होता
है
दो
अलग-अलग
परिवारों
का
सामजंस्य
जायसवाल समाज
का
युवक
युवती
परिचय
सम्मेलन
एवं
सामूहिक
विवाह
सुरेश गांधी
वाराणसी। जायसवाल क्लब के तत्वावधान में
सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में
19 जोड़े विवाह बंधन में बंधे। सभी जोड़ों का हिन्दू रीति
रिवाज के अनुसार वैवाहिक
कार्यक्रम कराया गया। साथ ही नव दंपत्तियों
को घरेलू सामान भेंट किये गए। इसके साथ ही प्रत्येक नवविवाहित
दंपत्ति को उपहार एवं
आर्शिवाद भी दिए गए।
समारोह में जायसवाल क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष
मनोज जायसवाल ने कहा कि
समाज के लिए गर्व
की बात है कि समारोह
के संयोजक एवं नागपुर के उद्यमी व
समाजसेवी दीपक जायसवाल के सानिध्य में
19 निर्धन परिवार की कन्याओं के
हाथ पीले हो रहे हैं।
यह आयोजन जरुरतमंद मां-बाप के लिए वरदान
साबित हो रही है।
उनका प्रयास है कि समाज
के असहाय व जरुरतमंद किसी
भी तरह की मदद से
ना रहे। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह
कार्यक्रमों की जरुरत को
महसूस करते हुए विवाह समारोह का आयोजन किया
गया है।
समारोह में समाज के 21 वर्ष का युवक तथा
18 वर्ष की युवती का
सामूहिक विवाह सम्मेलन में परिचय करवाते हुए मनोज जायसवाल ने कहा कि
समाज की फिजूलखर्ची को
रोकने के लिए सामूहिक
विवाह का आयोजन किया
जा रहा है. उन्होंने कहा कई ऐसे पिता
होते हैं जो बिटिया की
शादी करवाने के लिए कर्ज
ले लेते हैं और बाद में
चुकाना मुश्किल हो जाता है
ऐसी रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ने के
लिए सुमित विवाह सम्मेलन ही एकमात्र उपाय
है जहां पर बिना किसी
दहेज के और कर्ज
के बिना करवाया जा सकता है.
इसी के साथ ही
सामाजिक कुप्रथा बाल विवाह रोकने में सामूहिक विवाह सम्मेलन कारगर साबित होता है. मनोज जायसवाल ने कहा कि
परिचय सम्मेलन से एक ही
मंच पर दो अलग-अलग परिवारों का सामजंस्य होता
है। बदलते परिवेश में परिचय सम्मेलन महत्ती आवश्यकता होती है। इस तरह के
आयोजन निरंतर होते रहना चाहिए। ऐसे आयोजन से समाज को
गति मिलती है। इसके आलवा समाज की सबसे बडी
महत्वपूर्ण आवश्यकता शिक्षा है, जो कि अवश्य
होना चाहिए। शिक्षा ही व्यक्ति को
उसके जीवन में आगे बढ़ाती है।
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