धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ भड़के भगवान सहस्त्रबाहुजी के वंशज
जायसवाल क्लब
का
ऐलान
: उनके
कुल
देवता
के
खिलाफ
धीरेंद्र
शास्त्री
द्वारा
की
गयी
गलत
बयानबाजी
के
खिलाफ
देशभर
में
दर्ज
होगा
मुकदमा
क्लब के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
मनोज
जायसवाल
ने
चेताया,
कहा
गलतबयानी
पर
पाखंडी
धीरेन्द्र
शास्त्री
ने
माफी
नहीं
मांगी
तो
देशभर
में
फूंका
जायेगा
पुतला,
गांव-गांव
होगा
आंदोलन
सुरेश गांधी
वाराणसी। बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र
कृष्ण शास्त्री द्वारा हाल ही में परम
पूज्य राज राजेश्वर भगवान सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महराज को
लेकर विवादित बयान दिया है। जिसके बाद उनके उनके वंशजों में आग की ज्वाला
दहक उठी है। जायसवाल क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष
मनोज जायसवाल ने धीरेंद्र कृष्ण
शास्त्री द्वारा उनके कुल देवता भगवान सहस्त्राबाहु जी पर अभद्र
टिप्पणी करते हुए उन्हें बलातकारी एवं व्यभिचारी कहे जाने पर गहरा आक्रोश
व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण
शास्त्री के इस गलत
बयानबाजी से पूरे देश
में उनके वंशज जायसवाल, कलवार, कलाल, ब्याहुत, गुप्ता, शिवहरे, अहलूवालिया, चौधरी, चौकसी, नेवाड़ा, गुलहरे, बाटम, सुहालका, वालिया आदि में जबरदस्त आक्रोश है।
मनोज जायसवाल ने धीरेंद्र कृष्ण
शास्त्री को देश का
सबसे बड़ा पाखंडी बताते हुए कहा कि भाजपा की
सह पर देश के
भाईचारे को न सिर्फ
खत्म करने पर तुला है,
बल्कि हिन्दु समाज को विखंडित करने
के लिए वह जातिय संघर्ष
कराना चाहता है। मनोज जायसवाल ने कहा कि
सहस्त्रार्जुन भगवान विष्णु के चक्रावतार थे।
उनके एक हजार भुजाएं
थी और उन्होंने सच्चाई
के रास्ते पर चलते हुए
रावण जैसे अत्याचारी को न सिर्फ
परास्त किया बल्कि अपनी भुजाओं में कैद रखा। लेकिन धीरेन्द्र शास्त्री जैसे पांखडी द्वारा ऐसे महान योद्धा को बलातकारी एवं
व्यभिचारी कहा जाना उसके दिवालियापन का द्योतक है।
मनोज जायसवाल ने कहा कि
धीरेन्द्र शास्त्री जैसा भ्रष्ट पांखंडी का हिन्दुराष्ट्र की
मांग सिर्फ दिखावा और राजनीति से
प्रेरित है। वह ऐसे उलुल
जुलूल बयानों के जरिए भाजपा
का चहेता बनकर राज्यसभा या नेता बनने
का ख्वाब देख रहा है। मनोज जायसवाल ने ऐलान करते
हुए कहा कि जायसवाल क्लब
अपने कुल देवता के खिलाफ धीरेंद्र
शास्त्री द्वारा दी गयी आपत्तिजनक
टिप्पणी व गलत बयानबाजी
के खिलाफ देशभर में मुकदमा दर्ज कराया जायेगा। साथ ही चेताया है
कि अगर जल्द ही गलतबयानी पर
धीरेन्द्र शास्त्री ने माफी नहीं
मांगी तो देशभर में
उनका पुतला फूंका जायेगा, गांव-गांव शहर शहर में आंदोलन होगा, क्योंकि उन्होंने भगवान सहस्त्राबाहु के वंशज जायसवाल,
कलवार, कलाल, ब्याहुत, गुप्ता, शिवहरे, अहलूवालिया, चौधरी, चौकसी, नेवाड़ा, गुलहरे, बाटम, सुहालका, वालिया सहित 20 करोड़ लोगों को गाली व
अपमानित करने का काम किया
है। ऐसे पाखंडी को अब समाज
बख्शने के मूड में
नहीं है।
मनोज जायसवाल ने कहा कि
वर्तमान में सहस्त्रबाहुजी महराज के विचारों एवं
उनके पराक्रम को आगे बढ़ाने
के लिए जायसवाल क्लब संकल्पित है। वे चक्रवर्ती सम्राट
भगवान सहस्त्रबाहु जी महराज के
वंशज के रुप में
जाना जाने वाले कलार, जायसवाल, कलवार, समेत अन्य संबंधित उपजातियों को एकजुट करने
का संकल्प लिया है। मनोज जायसवाल ने भगवान सहस्त्राबाहु
के व्यक्तित्व व कृतित्व पर
विस्तार से प्रकाश डाला।
कहा, वे हैहय वंश
के राजा थे। उनकी मां रानी पद्मिनी और पिता राजा
कृतवीर्य थे। वे भगवान दत्तात्रेय
के अनन्य भक्त थे। अपने तप के बल
पर कई वरदान प्राप्त
किया था। उनके एक हज़ार अक्षौहिणी
सेना थी। महाभारत, वेद ग्रंथों तथा कई पुराणों में
सहस्रबाहु की कई कथाएं
पाई जाती हैं। सहस्त्रबाहु अर्जुन की जीवनी न्याय
लेने के लिए अन्याय
से लड़ने की सीख देती
है। भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के जीवन चरित्र
पूरे मानव जाति के लिए प्रेरणास्त्रोत
है।
बता दे, इन दिनों धीरेंद्र
शास्त्री पूरे हिंदू समाज को अज्ञानता, अंधविश्वासी
बताते हुए जगह-जगह नफरती बयान दे रहा है।
कभी वह साई बाबा
के खिलाफ बोलता है तो कभी
भगवान सहस्त्रबाहु जी अर्जुन पर
अभद्र टिप्पणी करता है। हाल ही में एक
वीडियो वायरल हो रहा है,
जिसमें उसने भगवान सहस्त्रबाहु और उनके वंशजों
यानी संपूर्ण कलचुरी समाज या यूं कहे
जायसवाल, कलवार, कलाल, ब्याहुत, गुप्ता, शिवहरे, अहलूवालिया, चौधरी, चौकसी, नेवाड़ा, गुलहरे, बाटम, सुहालका, वालिया सहित 20 करोड़ लोगों के खिलाफ अपमानजनक
और आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया
है। इस वीडियो में
वह एक पर्चा पढ़ते
हुए बोल रहा है कि हैहय
वंश का राजा बहुत
दुष्ट, कुकर्मी और महिलाओं पर
बलात्कार करने वाला था। इसीलिए परशुराम ने सहस्त्रबाहु पर
फरसा उठाया था और उनका
वध किया था। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहता है कि उनके
वंशजों के बच्चे जब
बड़े हो गए और
पिता का बदला लेने
के लिए परशुराम पर आक्रमण किया
तो परशुराम ने उनका भी
बध कर दिया। इसके
बाद उनके बच्चे जवान हुए तो उनका भी
बध किया। इस तरह परशुराम
ने आताताई हैहय वंश का 21 बार बध किया। धीरेंद्र
सिंह के इस अभद्र
टिप्पणी को लेकर जायसवाल
क्लब सहित कलचुरी समाज में जबरदस्त आक्रोश है।
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