आज से एक्स्पों मार्ट में जलवा बिखेरेंगी भारतीय बुनकरों का हुनर
चार दिवसीय
‘इंडिया
कारपेट
एक्सपो’ के 45वें
फेयर
का
आयोजन
8 से
11 अक्टूबर
तक
62 देशों के 500 से
अधिक
आयातक
करेंगे
शिरकत
और
272 कालीन
निर्यातक
लगायेंगे
आकर्षक
कालीनों
की
प्रदर्शनी
कालीन मेले
का
कल
उद्घाटन
करेंगे
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
सुरेश गांधी
वाराणसी। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद, भारत सरकार के तत्वावधान में
कारपेट एक्सपो मार्ट, भदोही में
08 से 11 अक्टूबर तक भारतीय कालीन
मेला के 45वें संस्करण का आयोजन कर
रही है। यह एक्सपो भारतीय
हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य फर्श
कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत
और बुनाई कौशल को बढ़ावा देने
के उद्देश्य से विदेशी कालीन
खरीदारों के बीच लगाया
जाता है। 9 अक्टूबर, सोमवार को 11 बजे एक्स्पों का उद्घाटन मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ करेंगे। जबकि प्रदर्शको और खरीददारों के
बीच व्यापारिक बातचीत 8 अक्टूबर, रविवार से ही शुरू
हो जाएगी।
एक्स्पों में 62 देशों के 500 से अधिक आयातक
शिरकत करेंगे। जबकि भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी के अलावा दिल्ली,
पानीपत, जम्मू कश्मीर, जयपुर, मुंबई, आगरा सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों
के 272 से अधिक कालीन
निर्यातक अपने आकर्षक कालीनों की प्रदर्शनी लगायेंगे।
“इंडिया कार्पेट एक्सपो अंतर्राष्ट्रीय कालीन खरीदारों, एजेंटों, आर्किटेक्ट्स और भारतीय कालीन
निर्माताओं तथा निर्यातकों के लिए दीर्घकालिक
व्यापार संबंधों को पूरा करने
तथा स्थापित
करने के लिए एक
आदर्श मंच है। इंडिया कार्पेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है,
जहां विदेशी खरीदारों को एक ही
छत के नीचे सबसे
अच्छे हस्तनिर्मित कालीन, गलीचे और अन्य फर्श
कवरिंग के लिए एक
अनूठा मंच मिलता है। यह हस्तनिर्मित कालीनों
के लिए दुनिया भर में एक
लोकप्रिय गंतव्य बन गया है।
कालीन खरीदारों की आवश्यकताओं के
अनुसार किसी भी प्रकार के
डिजाइन, रंग, गुणवत्ता और आकार को
अपनाने की भारत की
अद्वितीय क्षमता ने इसे अंतर्राष्ट्रीय
बाजार में घरेलू नाम बना दिया है।
सीईपीसी चेयरमैन कैप्टन मुकेश कुमार गोम्बर के हवाले से
महाबीर प्रसाद शर्मा उर्फ राजा शर्मा ने बताया कि
हम प्रदर्शकों के लिए संभावित
पूछताछ के साथ अच्छी
व्यवसाय होने की
आशा करते हैं। इस इंडिया कार्पेट
एक्सपो को सदस्य निर्यातकों
से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। 272 प्रदर्शक अपने कालीन उत्पादों का प्रदर्शन कर
रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में इंडिया कार्पेट एक्सपो ने खुद को
दुनियाभर के कालीन खरीदारों
के लिए एक बेहतरीन सोर्सिंग
प्लेटफॉर्म के रूप में
स्थापित किया है। इस एक्सपो में
500 से
अधिक विदेशी कालीन खरीददारों ने अपना पंजीकरण
कराया है, जिसमे मुख्य रूप से अफगानिस्तान, अल्जीरिया,
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, अजरबैजान, बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, बुल्गारिया, बुर्किना फासो, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, डेनमार्क, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, घाना, ग्रीस, ग्वाटेमाला, हंगरी, ईरान, इज़राइल, इटली, जापान, जॉर्डन, केन्या, कोरिया, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, मॉरीशस, मैक्सिको, नेपाल, नीदरलैंड, नाइजीरिया, नॉर्वे, फिलिस्तीन, कतर, रोमानिया, रूस, सऊदी अरब, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका, ताइवान, तंजानिया, थाईलैंड, टोगो, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूएई, यूके, यूएसए, युगांडा, यूक्रेन, उज़्बेकिस्तान, वियतनाम, ज़िम्बाब्वे सहित 62 देशों के आयातक इस
मेगा एक्सपो में भाग लेने के लिए परिषद
के साथ पंजीकृत है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद न केवल थोक
खरीदारों को आमंत्रित और
प्रोत्साहित कर रही है,
बल्कि इंडिया कारपेट एक्सपो में भाग लेने के लिए के
होटल में दो रात का
मानार्थ ठहरने की सुविधा भी
प्रदान कर रही है।
परिषद की प्रशासनिक समिति
इंडिया कार्पेट एक्सपो की सफलता के
लिए हर संभव प्रयास
कर रही है।
एक्सपो एशिया के सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन शो में से एक है : वासिफ अंसारी
सीइपीसी के सीनियर प्रशासनिक
सदस्य वासिफ अंसारी, रोहित कुमार गुप्ता, इम्तियाज अंसारी, असलम महबूब अंसारी ने बताया कि
इंडिया कार्पेट एक्सपो ने खुद को
एशिया के सबसे बड़े
हस्तनिर्मित कालीन शो में से
एक के रूप में
स्थापित किया है, जिसे दुनिया भर के खरीदारों
से लगातार बढ़ता संरक्षण मिल रहा है। द्विवार्षिक शो में साल
दर साल उच्च गुणवत्ता वाले आगंतुकों और प्रदर्शकों की
संख्या में वृद्धि देखी गई है। इस
शो में भागीदारी हमारे सदस्य निर्यातकों के लिए जबरदस्त
व्यावसायिक अवसर प्रदान करती है और यह
नेटवर्किंग और व्यावसायिक संबंध
बनाने के लिए एक
बेहतरीन मंच है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने भारतीय कालीन
निर्यातकों के लिए विश्व
बाजार के 50 प्रतिशत पर हिस्सेदारी पर
कब्जा बनाने के लिए जो
लक्ष्य दिया है हम लोग
उधर बढ़ रहे हैं।
कहा कि वह लक्ष्य
शीघ्र पा लेंगे। उल्लेखनीय
है कि वर्तमान में
17 हजार करोड़ का कालीन निर्यात
भारत कर रहा है।